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जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश, रिकॉर्ड भी होगा तत्काल अपडेट, कार्यशाला में राजस्व मंत्री वर्मा ने दी जानकारी

रायपुर- राज्य सरकार द्वारा रजिस्ट्री के नये नियमों और सम्पत्तियों के पंजीयन में शुरू किए गए 10 क्रांतिकारी परिवर्तनों पर आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में खुद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने नई सुविधाओं और तकनीकों के बारे में जानकारी दी.

राजस्व मंत्री ने जमीनों की रजिस्ट्री के लिए नये नियमों को ऐतिहासिक व साहसिक निर्णय बताते हुए कहा कि समय की जरूरत के हिसाब से आमजनों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। रजिस्ट्री के नये नियमों से फर्जीवाड़े में रोक लगेगी। बंधक जमीनें नहीं बिक पाएंगी और कोई भी दूसरा आदमी किसी और की जगह पर खड़े होकर जमीनों की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। राजस्व मंत्री टंकराम ने कहा कि पंजीयन विभाग में नयी सुविधाओं के लिए तकनीक का उपयोग कर लोगों को स्वयं रजिस्ट्री ऑफिस जाकर बायोमेट्रिक्स के द्वारा आधार सत्यापन कराना होगा।

उन्होंने बताया कि नई सुविधाओं में जमीन के रिकॉर्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है। सरकार सुगम एप का संचालन कर आमजनों को जमीनों की खरीदी-बिक्री की आसान सुविधा दे रही है। इसके साथ ही बिक्री वाली भूमि में लगे पेड़ों पर पंजीयन शुल्क को शून्य कर दिया गया है।

राजस्व मंत्री ने सभी राजस्व रिकॉर्डों को डिजीटलाईज करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती नियम को परिवर्तित करते हुए त्रुटि सुधार का अधिकार अब एसडीएम से छीनकर तहसीलदारों को दे दिया है। राज्य में जमीनों की जियो रिफ्रेसिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके पूरा हो जाने पर सीमा विवाद खत्म होंगे। मंत्री वर्मा ने यह भी बताया कि राजस्व पखवाड़ों का आयोजन कर राज्य में राजस्व संबंधी प्रकरणों का तेजी से निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अब राज्य या केंद्र सरकार की किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले पर कड़े नियम बनाए जा रहे हैं। परियोजना के प्रस्तावित होने के समय से ही उस क्षेत्र में जमीनों की खरीदी-बिक्री, सीमांकन-बटांकन सभी पर रोक लगा दी जाएगी। इस कार्यशाला में धमतरी विधायक ओंकार साहू, महापौर रामू रोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सार्वा, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, प्रकाश बैस, पूर्व विधायक इंदर चंद चोपड़ा, रंजना साहू सहित कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, एसपी सूरज सिंह परिहार अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार भी उपस्थित रहे।

पंजीयन विभाग ने आम जनता की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए सॉफ्टवेयर में 10 नई सुविधाएं शुरू भी की हैं। इनमें फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन सुविधा से क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। रजिस्ट्री खोज एवं डाउनलोड सुविधा से खसरा नंबर दर्ज कर संपति की पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और रजिस्ट्री दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे क्रेताओं को विवादित या बंधक जमीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी। ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र सुविधा से संपत्ति पर ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण-पत्र के माध्यम से आसानी से ज्ञात की जा सकती है। कई शासकीय कार्यों एवं बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्री शुल्कों को कैशलेस भुगतान से अब स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का एक साथ यूपीआई, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से कैशलेस रूप से भुगतान किया जा सकता है। पहले दोनों का भुगतान अलग-अलग स्थान पर नकदी में किया जाता था। रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग, दस्तावेज की स्थिति, पंजीयन पूर्ण होने की सूचना एवं रजिस्ट्री की प्रति व्हाट्सअप के माध्यम से स्वतः प्राप्त होगी। इसके साथ ही व्हाट्सअप के माध्यम से रजिस्ट्री से संबंधित शिकायतें एवं फीडबैक भी दिया जा सकेगा। डिजीलॉकर सेवाये पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में डिजिटल रूप में संरक्षित रहेंगे, जिन्हें आवश्यकता नुसार कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा।

पक्षकार अपने रजिस्ट्री दस्तावेज अब स्वयं ही बना सकेंगे। इसके लिए उन्हें डिजी डॉक सेवा पर जानकारी भरना होगा। जानकारी भरने के पश्चात रजिस्ट्री दस्तावेज स्वतः जनरेट होगा एवं उप पंजीयक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

इसके साथ ही डिजीडॉक सेवा के माध्यम से किरायानामा, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीकृत दस्तावेज अब घर बैठे डिजिटल स्टाम्प के साथ ऑनलाइन तैयार किये जा सकते हैं। अब पक्षकारों को घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा भी मिलनी शुरू हो गई है। दस्तावेज निर्माण, स्टाम्प भुगतान और रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाईन होकर घर से ही पूर्ण की जा सकती है। अभी यह सेवा 10 प्रकार के दस्तावेजों जैसे रेंट एग्रीमेंट, मोर्गेज डीड आदि में शुरू की गई है। होम विजिट के माध्यम से पंजीयन कराए जाने की सुविधा तथा तत्काल आपाइंटमेंट सहित पारिवारिक दान, हक त्याग आदि में पंजीयन फीस मात्र 500 रुपए लिए जाने का प्रावधान है। रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण भी हो जाएगा। रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होते ही संबंधित क्रेता का नाम राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अलग से नामांतरण आवेदन, शुल्क या लंबी प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे नागरिकों के समय, प्रयास और खर्च तीनों की बचत होगी।

रजिस्ट्री के नए नियमों से ये फायदे होंगे

क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी जिससे फर्जी रजिस्ट्री पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। खसरा नंबर दर्ज कर पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे विवादित या बंधक जमीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी। संपत्ति पर ऋण बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब आनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के माध्यम से ज्ञात की जा सकती है। कई शासकीय कार्यों एवं लोन के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है। स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का एक साथ यूपीआइए डेबिट कार्ड नेट बैंकिंग आदि से कैशलेस रूप से भुगतान किया जा सकता है। पहले दोनों का भुगतान अलग-अलग स्थान पर नकदी में किया जाता था। रजिस्ट्री के लिए स्लाट बुकिंग दस्तावेज की स्थिति पंजीयन पूर्ण होने की सूचना एवं रजिस्ट्री की प्रति वाट्सएप के माध्यम से स्वतः प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मुंगेली प्रेस क्लब के नवनिर्मित भवन का किया लोकार्पण, पत्रकारों को दी बधाई

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जिला मुख्यालय मुंगेली में 8.89 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित प्रेस क्लब भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकारों की भूमिका समाज निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि इस नवनिर्मित प्रेस क्लब भवन से पत्रकारों को एक सर्वसुविधायुक्त भवन मिलेगा, जहां वे रचनात्मक कार्य कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह भवन पत्रकारों की कार्यक्षमता को और सशक्त बनाएगा। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और जिलेभर से आए पत्रकारों की उपस्थिति रही। प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए इसे पत्रकारों के लिए ऐतिहासिक दिन बताया।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, बिलासपुर संभागायुक्त सुनील जैन, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल सहित प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में पत्रकारगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने किया मुंगेली में सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क और उन्नत पुलिस कंट्रोल रूम का लोकार्पण

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुंगेली जिला मुख्यालय में स्मार्ट सुरक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 33.15 लाख रुपये की लागत से तैयार अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क और उन्नत पुलिस कंट्रोल रूम का लोकार्पण किया।

नगर के 17 प्रमुख चौक-चौराहों पर कुल 62 अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं, जिन्हें एक केंद्रीकृत पुलिस कंट्रोल रूम से रियल-टाइम मॉनिटर किया जा सकता है। उन्नत तकनीकों से सुसज्जित यह कंट्रोल रूम पुलिस प्रशासन को त्वरित, प्रभावी और सटीक कार्रवाई करने में सहायक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रणाली केवल निगरानी तक सीमित नहीं, बल्कि यह शहर की कानून-व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया को भी सुदृढ़ बनाएगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग सुशासन की रीढ़ बनेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त सुनील जैन, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुशासन तिहार : एक्शन में CM साय, कलेक्टर को लगाई फटकार, DEO और ईई को निलंबित करने के दिए निर्देश

रायपुर-  सुशासन तिहार के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दो बड़े निर्णय लिए।

मुख्यमंत्री ने मुंगेली जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आर.के. मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनियारी जलाशय और पथरिया जलाशय जैसी महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाएं वर्षों से अधूरी पड़ी हैं, जो लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश कुमार शास्त्री को पद से हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में जिले का अत्यंत खराब प्रदर्शन जिले में शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामी को दर्शाता है और ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय के इस तीखे रुख से स्पष्ट है कि सरकारी कार्यों में शिथिलता और जवाबदेही से बचने का युग समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री ने आज मुंगेली कलेक्टोेरेट के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बिलासपुर और मुंगेली जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान कार्रवाई के निर्देश दिएग्रामीण इलाकों का निरंतर दौरा करें अधिकारी-

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सुशासन का आशय अच्छा शासन होता है। जिस विश्वास के साथ जनता ने हमें शासन में बिठाया है, उस विश्वास को और मजबूत करना है। सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण में अधिकारियों ने अच्छा काम किया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अधिक से अधिक ग्रामीण इलाकों का दौरा करें। इससे मैदानी जानकारी मिलने के साथ-साथ प्रशासनिक कसावट भी आती है।

भीषण गर्मी में किसी को न हो पेयजल की दिक्कत -

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी का मौसम चरम पर है। पेयजल की समस्या किसी को ना हो इसे अधिकारी देखें। लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता कार्य योजना तैयार कर अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी सचेत रहें और कहीं पर भी बीमारी की सूचना मिलती है, तो तुरंत वहां पहुंचकर इलाज की व्यवस्था करें। राज्य में खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। खाद बीज की दिक्कत किसानों को नहीं होनी चाहिए।

अटल डिजिटल सेवा केंद्र का संचालन सुचारू रूप से हो-

श्री साय ने कहा की अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी का एक अनिवार्य हिस्सा है। पूरे प्रदेश में 1460 केंद्र खुल चुके हैं। सभी में पैसे के ट्रांजेक्शन सहित अच्छा काम हो रहा है। ये सभी केंद्र नियमित रूप से काम करें, यह देखने का काम कलेक्टर का है। उन्होंने कहा कि अगले 6 माह में 5000 और अटल सेवा केंद्र खुलेंगे। अगले साल 24 अप्रैल तक हर ग्राम पंचायत में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू हो जाएगा । यह भी ध्यान रखें कि लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा की भूमि की रजिस्ट्री के संबंध में हमारी सरकार ने 10 नए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। भूमि दान सहित अन्य कामकाज को सरल किया है। इनका लाभ ग्रामीणों और किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के अधूरे कामों को बरसात के पहले अभियान चलाकर पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को बरसात में रहने के लिए पक्के मकान मिल सकें। श्री साय ने कहा कि सभी अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन शिविर में हम कर रहे हैं।घर जाकर करें लंबित मजदूरी का भुगतान-

मुख्यमंत्री ने कहा की शासकीय योजनाओं के अंतर्गत मजदूरी भुगतान में विलंब नहीं करना चाहिए। मरवाही वन मंडल में वन विभाग का मजदूरी भुगतान काफी दिनों से लंबित होने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और मजदूर के घर पहुंचकर तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए। बिलासपुर जिले में राजस्व प्रकरण की ज्यादा संख्या में लंबित होने पर इनका अभियान चलाकर निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपने मातहत राजस्व अधिकारियों की सतत मॉनिटरिंग करें। उन्होंने पक्षकारों को पेशी में बार-बार नहीं बुलाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने अचानकमार रिजर्व क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में विलंब होने का कारण पूछा और इसे समन्वय स्थापित करते हुए समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। महिला समूह को सैंटरिंग प्लेट का प्रशिक्षण भी देने को कहा ताकि बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास में उन्हें रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर जिले में 5 लाख से ज्यादा लोगों का आयुष्मान कार्ड अभी तक नहीं बना है, मुख्यमंत्री ने सीएमएचओ को इसके लिए फटकार लगाई। उन्होंने बिलासपुर में शुरू किए गए सिम्स के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा की इसे पीपीपी मोड पर चलने पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए जिला कलेक्टर को एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।बरसात में हर तालाब भरें लबालब-

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम सभी को वाटर रिचार्जिंग पर ध्यान देना होगा। उन्होंने राजनांदगांव में हुए कार्यों की प्रशंसा करते हुए इस तरह के प्रयास बिलासपुर एवं आसपास के जिलों में भी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात आने वाली है तालाबों में पानी के आगमन स्थल कई जगह अतिक्रमित हुए हैं। इससे तालाबों में पानी नहीं भरता, उन्होंने जन भागीदारी से ऐसा प्रयास करने को कहा कि सभी तालाब भर जाएं। उन्होंने शहरी विकास, कृषि, पंचायत विभागों को मिलकर इस संबंध में एक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जाहिर की और इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने किसानों की सहमति से फसल चक्र परिवर्तन को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में अचानकमार टाइगर रिजर्व में आने वाली ग्रामों के विस्थापन पर वन विभाग के प्रस्तुतीकरण का भी अवलोकन किया। विस्थापित होने वाले ग्रामीणों को विश्वास में लेकर समय सीमा में इस कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अचानकमार टाइगर रिजर्व में पर्यटन की दृष्टि से भी काम करने के निर्देश दिए।

बैठक में केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, विधायक धरमलाल कौशिक और पुन्नूलाल मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पांडे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, संभागायुक्त सुनील जैन सहित तीनों जिलों के कलेक्टर, एसपी, डीएफओ और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे ।

औद्योगिक हादसों और बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर कांग्रेस का हल्ला बोल, कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर की कार्रवाई की मांग

रायगढ़- औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और लगातार हो रहे हादसों को लेकर कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गई है। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल शुक्ला के निर्देश पर शहर कांग्रेस प्रभारी महामंत्री शाखा यादव के नेतृत्व में कांग्रेसी बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे और रायगढ़ कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन एसडीएम प्रवीण को सौंपा गया, जिसमें पर्यावरण प्रदूषण और औद्योगिक इकाइयों में हो रही जानलेवा घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।

 

इस दौरान शाखा यादव ने कहा कि रायगढ़ जिला देश और प्रदेश में बड़े उद्योगों के कारण अलग पहचान बना चुका है, वहीं यहां से देश और विदेश में कोयले की निर्बाध आपूर्ति भी हो रही है। परंतु यहां के लोग बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण की मार झेल रहे हैं और यहां के बाशिंदे फेफड़ों और अन्य प्रदूषणजनित व्याधियों से ग्रस्त हैं, जबकि स्थानीय विधायक ओपी चौधरी, जो कि पर्यावरण मंत्री भी हैं, इस ओर जरा भी गंभीर नहीं हैं।

वहीं नित औद्योगिक इकाइयों में जानलेवा घटनाएं सुनाई में आ रही हैं। हाल ही में मां मनी उद्योग में 2 श्रमिकों की कार्य के दौरान मौत हुई। शाखा यादव ने बताया कि उद्योगों में उनके संयंत्र की तकनीकी त्रुटि ही इसकी मुख्य वजह होगी। औद्योगिक प्रबंधन को चाहिए कि वह संयंत्र के हर महत्वपूर्ण हिस्से, जहां श्रम नियोजित होता है, उसका उचित सुरक्षा देखरेख व व्यवस्थापन समयानुसार करे ताकि कर्मचारी दुर्घटना से जान न गवाएं।

कांग्रेस पार्टी ने कलेक्टर से अपने ज्ञापन के माध्यम से अपेक्षा की है कि पत्र में उल्लेखित सभी मुद्दों को जिला प्रशासन गंभीरता से ले व संयंत्र संचालकों को हिदायत दे, ताकि उनकी चूक से जान गंवाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही संयंत्रों की चिमनी में अल्प प्रदूषण वाले धुआं-रोधी प्रदूषण नियंत्रक सिस्टम का इस्तेमाल नियमित हो, जिससे आबादी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सेहत पर इस प्रदूषण का दुष्प्रभाव न पड़े।

आज इस कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपने वाले कार्यक्रम में जिला कांग्रेस प्रभारी महामंत्री शाखा यादव के साथ मुख्य रूप से पूर्व महापौर जानकी अमृत काटजू, नगर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठेठवार, महिला कांग्रेस अध्यक्ष रानी चौहान, संगीता गुप्ता, नरेश जायसवाल, कांग्रेस प्रवक्ता रिंकी पांडेय, रंजना कमल पटेल, संजुक्ता सिंह, परदेशी चौहान, लखेश्वर मिरी, सत्यप्रकाश शर्मा, रमेश कुमार भगत, दयाराम ध्रुवे, प्रमोद देवांगन, गुलशन सोनू चौहान, राजेश कछवाहा, संतीश बोहिदार, वासु प्रधान, सुनीता मिंज, गुलशन दीपक उरांव, सोनू पुरोहित, शारदा सिंह गहलौत, प्रमोद देवांगन, सोनू चौहान, लालचंद्र सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।

331 मेडिकल स्टोर में छापेमारी, 21 दुकानों में निर्धारित मूल्य से ज्यादा दामों पर बेची जा रही थी दवाइयां

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आम लोगों को सस्ती और गुणवत्ता युक्त दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार की सख्ती जारी है। औषधियों की कीमतों पर नियंत्रण और निगरानी के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 331 मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 21 प्रतिष्ठानों में निर्धारित मूल्य का उल्लंघन पाया गया, जिन पर नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) के निर्देश पर राज्य में कार्यरत मूल्य निगरानी एवं संसाधन इकाई (CGPMRU) द्वारा की गई।

सीजीपीएमआरयू के नोडल अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आमजन को आवश्यक औषधियां निर्धारित कीमतों पर उपलब्ध कराई जाएं। इसी उद्देश्य से भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन कार्यरत एनपीपीए द्वारा 24 मार्च 2021 को छत्तीसगढ़ में मूल्य निगरानी एवं संसाधन इकाई (CGPMRU) की स्थापना की गई थी।

यह इकाई ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के प्रावधानों के अंतर्गत कार्य करते हुए प्रदेश में अधिसूचित औषधियों की कीमतों पर सतत निगरानी रखती है। सीजीपीएमआरयू, एनपीपीए की प्रमुख सहयोगी संस्था के रूप में कार्य करते हुए राज्य के विभिन्न औषधि प्रतिष्ठानों से जमीनी स्तर पर जानकारी एकत्र कर नियामक अनुपालन सुनिश्चित कर रही है।

सीजीपीएमआरयू के नोडल अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया, “वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में कुल 331 औषधि प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 21 प्रतिष्ठानों में अधिसूचित मूल्य का उल्लंघन पाया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि “इन सभी मामलों को आवश्यक विधिक कार्रवाई के लिए नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी, नई दिल्ली के आईपीडीएमएस पोर्टल पर दर्ज कर लिया गया है। संबंधित संस्थानों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।”

दवाओं की कीमतों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और आम उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से एनपीपीए देशभर में राज्य स्तरीय निगरानी इकाइयों के माध्यम से सक्रिय भूमिका निभा रहा है। छत्तीसगढ़ में सीजीपीएमआरयू की यह पहल प्रदेशवासियों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण औषधियां उपलब्ध कराने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।

पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, कई थानों के बदले गए प्रभारी, देखें लिस्ट…

बलौदाबाजार- पुलिस प्रशासन में कसावट लाने पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने थाना प्रभारियों का तबादला किया है. अधिकांश थाना प्रभारी अपने पूर्व में पदस्थ थाने में स्थानांतरित होने से काफी प्रसन्न हैं, ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पडे़गी. फिलहाल देखना होगा कि नई पुलिस अधीक्षक के इस स्थानांतरण आदेश से अपराध में क्या कमी आती है. किस तरह कसावट आता है यह तो आने वाला समय बताएगा.

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संविधान बचाओ रैली : जांजगीर में कांग्रेस नेताओं ने भरी हुंकार, भाजपा पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का लगाया आरोप

जांजगीर-चांपा- दुर्ग और बिलासपुर का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जांजगीर से बीजेपी के खिलाफ संविधान बचाओ रैली का आगाज किया. इस रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट समेत प्रदेश के दिग्गज नेता शामिल हुए और भारतीय जनता पार्टी पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. पायलट ने कहा, भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. तीन साल बाद बीजेपी का प्रदेश में सूपड़ा साफ होने वाला है. कांग्रेस छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सरकार बनाएगी.

जांजगीर के मेजर ध्यानचंद हाकी मैदान से हुंकार भरते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलेट ने बीजेपी को संविधान विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी पूर्ण बहुमत का दुरूपयोग करते हुए संविधान को तोड़ मरोड़ कर अपनी मजा मर्जी से कानून बना रही है, जो देश के हित में नहीं है.

पायलट ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और पाकिस्तान को आतंकवादी को पनाह देने वाला बताया. उन्होंने पहलगाम हमला में मृत हुए लोगों की शहादत का बदला लेने के लिए सेना की आपरेशन सिंदूर की तारीफ की और कांग्रेस सेना के साथ होने का दावा किया.

आंतकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

पायलट ने सीजफायर की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा व्यापार के नाम पर किए जाने को गलत ठहराया और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए आंतकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मांग जातिगत जनगणना को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार कर सहमति भरने के लिए कांग्रेस को बधाई दी और इस जनगणना में किसी को आहत किए बिना जाति के आधार पर उनका अधिकार देने की मांग की.

कांग्रेसी नेताओं ने कहा – लोगों को बताएंगे भाजपा की कथनी-करनी

संविधान बचाओ रैली में प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के साथ प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत विधायक, सांसद और पदाधिकारियों ने शिरकत की. कांग्रेसी नेताओं ने संविधान की रक्षा के लिए जन-जन तक पहुंचकर बीजेपी की कथनी और करनी को बताकर चाल और चरित्र को सामने लाने का ऐलान किया.

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को सौंपा ज्ञापन, शीघ्र अनुबंध पदस्थापना की रखी मांग…

रायपुर- राज्य में एमबीबीएस और पीजी डॉक्टरों की अनुबंध पदस्थापन में हो रही देरी को लेकर जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश के लगभग 700 एमबीबीएस पासआउट डॉक्टर और 200 पीजी विशेषज्ञ डॉक्टर पिछले 3-4 महीनों से बॉन्ड के तहत अनुबंध पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इससे न केवल युवा चिकित्सकों के करियर पर असर पड़ रहा है, बल्कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के कारण आम जनता को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.

एसोसिएशन ने मांग की कि बॉन्ड सेवा की पदस्थापन प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से काउंसलिंग के माध्यम से प्रारंभ किया जाए, जिससे योग्य डॉक्टरों को उनकी योग्यता और पसंद के अनुसार कार्यस्थल मिल सके और वे शीघ्र सेवा में योगदान दे सकें.

प्रमुख मांगें:

  • MBBS एवं PG डॉक्टर्स की शीघ्र अनुबंध पदस्थापना
  • स्थान आवंटन हेतु पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया लागू की जाए
  • राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर करने तत्काल निर्णय लिया जाए

डॉ. रेशम सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग इस विषय को गंभीरता से लेकर आवश्यक कार्यवाही करेगा, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक सुदृढ़ हो सकें.

हाईटेक स्टेशन तैयार, लेकिन ट्रेनें नदारद! स्थानीय लोगों का बड़ा सवाल – क्या अब लोग स्टेशन पर वॉकिंग करने आएंगे?

डोंगरगढ़- डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन अब चमचमाता हुआ “हाईटेक” स्टेशन बन चुका है, जहां लिफ्ट, एस्केलेटर, वेटिंग लाउंज, शानदार लैंडस्केपिंग समेत अन्य सुविधाएं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को इस आधुनिक स्टेशन का वर्चुअल उद्घाटन करने वाले हैं, लेकिन इसी चमक-धमक के बीच एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब स्टेशन पर ट्रेनें ही नहीं रुकेंगी, तो फिर इन हाईटेक सुविधाओं का क्या फायदा?

डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत शानदार रूप दिया गया है. स्टेशन अब सिर्फ यात्रियों का पड़ाव नहीं बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक झलक का प्रतीक बनने जा रहा है पर स्थानीय लोग इस विकास को आधा अधूरा मान रहे हैं. आज स्टेशन परिसर में कार्यक्रम की तैयारी को लेकर जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और रेलवे अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में जैसे ही स्टेशन की सजावट और सुविधाओं की चर्चा हुई, लोगों ने सीधा सवाल दाग दिया कि जब ट्रेनें ही बंद हैं तो ये एस्केलेटर कौन इस्तेमाल करेगा?”

सांसद प्रतिनिधि और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल और अन्य लोगों ने बैठक में साफ कहा कि हाईटेक स्टेशन बनने की खुशी जरूर है, लेकिन डोंगरगढ़ से कई लोकल ट्रेनें बंद कर दी गई है. नौकरीपेशा लोग, छात्र और देवी दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अब या तो बसों के भरोसे हैं या फिर परेशान होकर सफर छोड़ चुके हैं. एक स्थानीय नागरिक ने तो चुटकी लेते हुए कहा “अगर ट्रेनें नहीं चलाई गईं तो स्टेशन को मॉर्निंग वॉक के लिए खोल देना चाहिए!” लोगों का साफ कहना है कि स्टेशन को आधुनिक बनाना स्वागत योग्य कदम है, लेकिन जब यात्रियों के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ ट्रेनें ही नहीं मिलेंगी तो विकास अधूरा ही कहलाएगा. स्टेशन की चमक तभी सार्थक होगी, जब वहां से आवाजाही की आवाज़ भी सुनाई देगी.

स्थानीय लोगों का कहना है कि डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर आधुनिकता की रफ्तार तो दिख रही है, लेकिन ट्रेनों की रफ्तार अब भी थमी हुई है. 22 मई को वर्चुअल उद्घाटन जरूर होगा, लेकिन असली खुशी तब होगी जब “ट्रेन आएगी, सीटी बजेगी और स्टेशन वाकई जिंदा नजर आएगा.”