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घर से आ रही थी तेज बदबू, पड़ोसियों की शिकायत पर पहुंची पुलिस, तो रिटायर्ड टीचर और पत्नी की मिली लाश, मचा हड़कंप

रायगढ़-  छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर से एक सनीसनीखेज मामला सामने आया है. चक्रधर नगर इलाके के कसेर पारा में सोमवार को एक घर से तेज गंद आने पर पड़ोसियों को शक हुआ, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने घर का दरवाजा खोला तो उनके होश उड़ गए. दरअसल, घर के भीतर पति और पत्नी की लाश मिली. चक्रधार पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

मिली जानकारी के अनुसार, मोहल्ले के लोगों ने घर से तेज बदबू आने की शिकायत पुलिस से की थी. शिकायत मिलने पर चक्रधर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घर का दरवाजा खोलते ही अंदर दो शव पाए गए. मृतकों की पहचान रिटायर्ड शिक्षक और उनकी पत्नी के रूप में हुई है. फिलहाल दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

स्थानीय निवासी कौशलेंश मिश्रा ने बताया कि रिटायर्ड शिक्षक गोपाल लाल उनके पड़ोसी हैं. आज पड़ोस में रहने वाले लोगों को घर से बदबू आई, इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई. पुलिस ने गोपाल लाल नगायच का शव मिला है, अंदर वाले कमरे में उनकी पत्नी की लाश मिली है. दोनों के तीन बच्चे हैं, बेटा कलकत्ता में जॉब करता है, एक बेटी रायगढ़ और दूसरी बेटी रायपुर में रहती है. उन्हें सूचना दे दी गई है.

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है. घटनास्थल से किसी तरह की जबरन घुसपैठ या संघर्ष के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन पुलिस हर एंगल से जांच में जुट गई है.

शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए प्रमुख आरोपी अनवर ढेबर को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज ईसीआईआर (ECIR) के तहत अनवर ढेबर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। याचिकाकर्ता ढेबर के वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने अदालत में तर्क दिया कि पहले की ईसीआईआर के तहत अनवर ढेबर पहले ही 80 दिनों की हिरासत पूरी कर चुके हैं। वर्तमान ईसीआईआर के तहत उन्हें 8 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था और अब तक 3 पूरक शिकायतें दायर की जा चुकी हैं, जिनमें 40 गवाहों का हवाला दिया गया है, और जांच अब भी जारी है।

ACB और EOW द्वारा दर्ज समानांतर मामले में 450 गवाह हैं, लेकिन अब तक किसी आरोप पर संज्ञान नहीं लिया गया है। लिहाजा, निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की संभावना नगण्य है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला

न्यायालय ने यह भी माना कि इस अपराध की अधिकतम सजा 7 वर्ष है और ‘सेंथिल बालाजी बनाम उप निदेशक’ के फैसले के अनुरूप यह मामला जमानत के योग्य बनता है। अदालत ने आदेश दिया कि अपीलकर्ता एक सप्ताह के भीतर विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत हों, और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलों को सुनने के बाद उन्हें कठोर शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जाए।

ACB ने 17 मई को 13 अलग-अलग स्थानों पर की छापेमारी

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित आबकारी घोटाले की जांच अब और तेज हो गई है। भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने 17 मई को एक अहम कदम उठाते हुए रायपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में 13 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की कथित संलिप्तता के बाद की गई है।

ACB के अनुसार, जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि तत्कालीन मंत्री लखमा ने आबकारी सिंडिकेट सदस्यों के साथ मिलकर खुद और उनके सहयोगियों को अवैध आर्थिक लाभ पहुँचाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लखमा ने काले धन को अपने नजदीकी रिश्तेदारों, दोस्तों और साझेदारों के माध्यम से छिपाया और उसका निवेश भी करवाया।

छापेमारी में 19 लाख रुपये नकद, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैंक खातों से संबंधित जानकारियाँ और भूमि निवेश के कागजात बरामद किए गए हैं। ब्यूरो के अनुसार, जब्त सामग्रियों का विश्लेषण किया जा रहा है और कानूनी प्रक्रिया जारी है।

ED ने 28 दिसंबर को लखमा को किया था गिरफ्तार

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के आवासों पर छापेमारी की थी। इसके बाद 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। ED ने इस मामले में उनके खिलाफ 3773 पन्नों का आरोप पत्र (चालान) दाखिल किया है, जिसमें उन्हें 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में सिंडिकेट का प्रमुख बताया गया है।

जानिए क्या है शराब घोटला

चालान के अनुसार, लखमा को घोटाले की पूरी जानकारी थी और उन्होंने ही शराब नीति में बदलाव लाकर घोटाले को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई। आरोप पत्र में यह भी उल्लेख है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों को दुकान निरीक्षण से पहले वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेनी होती थी, जो इस सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने का एक तरीका था।

ED के चालान में इस घोटाले में अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री), अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट, और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एजेंसियाँ लगातार जांच में जुटी हुई हैं और संभावना है कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

CM विष्णुदेव साय ने लगाई पीएचई के सब इंजीनियर को फटकार, कहा- ‘काम करो या सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो, गेट आउट’

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-  छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन तिहार का तीसरे चरण जारी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हेलीकॉप्टर आज जीपीएम जिले के चुकतीपानी गांव में उतरा. मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और सरकारी योजनाओं का फीडबैक लिया. ग्रामीणों ने गांव में पेयजल व्यवस्था की समस्या से अवगत कराया. जिसपर मुख्यमंत्री ने चौपाल के बीच जल जीवन मिशन के काम में लापरवाही से नाराज होकर पीएचई के सब इंजीनियर को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि काम करो या फिर सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो.

सुशासन तिहार के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का अलग-अलग अंदाज देखने को मिला. सीएम साय ने कड़े लहजे में पीएचई के सब इंजनियर को फटकार लगाते हुए कहा कि या तो ईमानदारी से काम करो या फिर सस्पेंड होने को तैयार रहो. ये सरकार का काम है, कोई मजाक नहीं. गेट आउट…

इस विशेष अभियान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अलग-अलग जिलों में बिना पूर्व सूचना के पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री साय का हेलीकॉप्टर जीपीएम जिले के चुकतीपानी गांव में उतरा है. सीएम साय के आगमन पर ग्रामीणों ने उनका पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया. आदिवासी बाहुल्य गांव, चुकतीपानी में सीएम साय ने आज चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सरकार के विभिन्न योजनाओं का फीडबैक लिया.

सीएम विष्णुदेव साय आए, साथ सौगात लाए… सुशासन तिहार के तीसरे चरण में जीपीएम जिले के चुकतीपानी पहुंचे सीएम ने लोगों को सौगात दी है. उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा करने के बाद सीएम ने बताया कि पेयजल समस्या के निराकरण के लिए निर्देशित किए हैं, इसके अलावा अन्य परेशानियों को देखते हुए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है.

चुकतीपानी में मुख्यमंत्री की घोषणा :-

  1. मिडिल स्कूल का होगा मरम्मत
  2. मिडिल स्कूल ग्राउंड को मिनी स्टेडियम के रूप में किया जाएगा विकसित

बता दें कि 5 मई से ‘सुशासन तिहार’ के तीसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 31 मई तक आकस्मिक दौरे पर निकलेंगे। इस विशेष अभियान के दौरान मुख्यमंत्री किसी भी समय, किसी भी जिले या गांव में अचानक पहुंच सकते हैं. सीएम साय का दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया है. स्थानीय प्रशासन से लेकर आम जनता तक, किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं होगी कि मुख्यमंत्री साय कब और कहां पहुंचेंगे.

सीएम साय किसी भी जिले में पहुंचकर आमजनों से सीधे संवाद करेंगे और ग्रामीणों से मिलकर योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे. वे समाधान शिविरों में भी शामिल होंगे और लोगों की समस्याओं को मौके पर ही सुनकर समाधान की दिशा में कार्य करेंगे.“

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू, जानिए पूरी डिटेल…

रायपुर-  केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह पुरस्कार 5 से 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को दिया जाएगा, जिन्होंने बहादुरी, सामाजिक सेवा, पर्यावरण संरक्षण, खेल, कला-संस्कृति और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में असाधारण प्रदर्शन किया है.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जानकारी दी कि नामांकन https://awards.gov.in पोर्टल के माध्यम से केवल ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे. पात्र बच्चों के लिए नामांकन की आयु सीमा 5 से 18 वर्ष तय की गई है. कोई भी व्यक्ति या संस्था ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों को नामांकित कर सकती है. इच्छुक बच्चे स्वयं भी आवेदन कर सकते हैं. आवेदन 31 जुलाई 2025 तक कर सकते हैं.

नामांकन के लिए पंजीकरण के दौरान आवेदकों को अपना नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल, आधार संख्या सहित अन्य जानकारी देनी होगी. इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 श्रेणी का चयन कर आवेदन भरना होगा. आवेदन पत्र में उपलब्धियों का 500 शब्दों का संक्षिप्त विवरण, आवश्यक दस्तावेज (पीडीएफ, अधिकतम 10 फाइलें) और हालिया फोटो (जेपीजी/पीएनजी) अपलोड करना अनिवार्य है. आवेदन ड्राफ्ट के रूप में सेव कर अंतिम तिथि से पहले संपादित कर जमा किया जा सकता है. इस संबंध में अधिक जानकारी https://awards.gov.in से प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें कि सरकार का उद्देश्य इन पुरस्कारों के माध्यम से देशभर के युवाओं की प्रेरणादायक उपलब्धियों को पहचान देना और बच्चों के समग्र विकास के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करना है.

आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित सामग्री की होगी गुणवत्ता जांच, 15 दिन में मांगी गई रिपोर्ट

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित की जा रही सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया है. महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में विशेष जांच समिति का गठन किया है, जो रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर और सरगुजा जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजी गई सामग्रियों की जांच करेगी.

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर मिल रही शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए विभागीय सचिव शम्मी आबिदी को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं. मंत्री ने कहा, “बच्चों और महिलाओं के पोषण से जुड़ी सामग्री की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”

जांच समिति में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं:

  • संयुक्त संचालक (वित्त), महिला एवं बाल विकास संचालनालय – अध्यक्ष
  • प्रबंध संचालक, सीएसआईडीसी द्वारा नामित प्रतिनिधि – सदस्य
  • जीईसी रायपुर और निजी कंपनियों के तकनीकी विशेषज्ञ – सदस्य
  • संबंधित जिलों के कार्यक्रम अधिकारी एवं सहायक संचालक, आईसीडीएस – संयोजक

समिति को भौतिक जांच और गुणवत्ता परीक्षण के साथ-साथ संदेहास्पद नमूनों को प्रयोगशाला में भेजकर वैज्ञानिक विश्लेषण कराने का भी निर्देश दिया गया है. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही पोषण सामग्री पूरी तरह सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हो.

जांच समिति को 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसके आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग आगे की कार्रवाई करेगा.

सेंट्रल जेल में बंद युवक की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

बिलासपुर- सेंट्रल जेल में बंद 22 वर्षीय युवक कन्हैया सोनी की मौत को लेकर हड़कंप मच गया है। मस्तूरी निवासी कन्हैया दो महीने पहले मारपीट के एक मामले में गिरफ्तार होकर जेल भेजा गया था। अब उसकी मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।

परिजनों का कहना है कि दो दिन पहले ही वे जेल में कन्हैया से मिलने गए थे और उस समय वह पूरी तरह स्वस्थ था। वहीं, जेल प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कन्हैया को सोमवार देर रात सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मृतक के खिलाफ BNS की धारा 115(2)(B) के तहत मारपीट का मामला दर्ज था और वह बीते दो माह से जेल में बंद था। घटना के बाद कन्हैया का शव पोस्टमार्टम के लिए सिम्स अस्पताल भेजा गया है। इस घटना के बाद मृतक के परिवार में शोक का माहौल है, वहीं मृतक की मां का रो-रोकर बुरा हाल है।

फिलहाल सिविल लाइन पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। वहीं, परिजनों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

सरकारी संपत्ति बेचने को लेकर विवाद: महिला नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने अध्यक्ष पर लगाया उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने का आरोप, FIR दर्ज

महासमुंद- नगर पंचायत तुमगांव की उपाध्यक्ष सावित्री उत्तम निर्मलकर ने अध्यक्ष बलरामकांत साहू के खिलाफ गाली-गलौज करने और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में तुमगांव पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 और 351(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस की FIR के मुताबिक, घटना 17 मई 2025 की है, जब नगर पंचायत कार्यालय में तिरंगा यात्रा के आयोजन के दौरान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच विवाद हो गया। उपाध्यक्ष का आरोप है कि शासकीय संपत्ति को बिना नीलामी, सूचना और रसीद के बेचने को लेकर जब उन्होंने आपत्ति जताई, तो अध्यक्ष बलरामकांत साहू ने उनके साथ सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और जान से मारने की धमकी दी।

सावित्री निर्मलकर ने पुलिस को बताया कि अध्यक्ष ने उनके पति को भी धमकाया और डंडा लेकर दौड़ाया, जिससे उन्हें अपनी जान बचाकर थाने की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले भी बलरामकांत साहू ने उनके वाहन को बीच रास्ते में रोककर धमकी दी थी।

सावित्री निर्मलकर के मुताबिक, अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे अवैध कार्यों का विरोध करने पर उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। इस घटना को लेकर उन्होंने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है।

गौरतलब है कि नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू एक निर्दलीय जनप्रतिनिधि हैं, जबकि उपाध्यक्ष सावित्री निर्मलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ी हुई हैं। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और संबंधित पक्षों से पूछताछ की जा रही है।

खेत में लगी प्याज की फसल बचाने गए दंपति पर गिरी आकाशीय बिजली, मौके पर हुई मौत

कवर्धा- छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में रविवार को तेज आंधी, गरज और झमाझम बारिश के बीच एक दर्दनाक हादसा हो गया. आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दोनों पति-पत्नी की मौत हो गई. मृतक की पहचान सिंगारपुर गांव निवासी हेमलाल पटेल (32 वर्ष) और उनकी पत्नी चैती पटेल के रूप में हुई है. घटना के बाद परिजनों में मातम पसर गया है.

जानकारी के अनुसार, लोहारा थाना क्षेत्र के सिंगारपुर गांव में हेमलाल और चैती प्याज की खेती करते थे. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल खेती खराब होने का डर था. इसीलिए दोनों कल प्याज को तिरपाल से ढकने के लिए खेत गए हुए थे. इसी बीच आसमन से बिजली मौत बनाकर गिरी.

बिजली गिरने की तेज आवाज सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे अन्य किसान तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों की जान जा चुकी थी. घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

सूचना पर पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की. पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए गए.

हृदय स्थल जयस्तंभ चौक की LED हुई चकनाचूर, रिफ्लेक्शन से दुर्घटना की आशंका

रायपुर-  राजधानी रायपुर का ह्रदयस्थल कहे जाने वाला जयस्तंभ चौक इन दिनों बदहाल स्थिति में है. चौक पर चारों ओर लगाई गई एलईडी स्क्रीनें टूट चुकी हैं और कांच चकनाचूर होकर बिखरा पड़ा है. इन एलईडी में महात्मा गांधी, सुभाषचन्द्र बोस, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महापुरुष की तस्वीर दिखती थी. स्थिति ये है कि एलईडी टूटने के बाद किसी जनप्रतिनिधि का इसमें ध्यान नहीं जा रहा है.

बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक के सौंदयींकरण में लाखों रुपए खर्च किए गए थे. रायपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चौक के चारों ओर एलईडी लाइटें और डिजिटल स्क्रीन लगाई गई थीं, जिनका उद्देश्य चौक को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाना था.

विधायक चंद्राकर ने विधानसभा में जताई थी आपत्ति

पिछले दिनों विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया था कि ऐतिहासिक जयस्तंभ चौक को प्रचार का माध्यम क्यों बनाया जा रहा है? तब सरकार ने सौंदर्याकरण और महापुरुषों की तस्वीरों का हवाला दिया था.

हादसे की आशंका

वर्तमान में इन एलईडी लाइटें उखड़ चुकी हैं. टूटे कांच और लाइट रिफ्लेक्शन के कारण हादसे की आशंका भी बनी हुई है. इसके बावजूद न तो किसी जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है. जबकि पिछले पखवाड़े भर से यहां विभिन्न आयोजन हो रहे हैं.

PM आवास योजना में फर्जी जियो टैगिंग का खेल, रिपोर्ट में 1366 आवासों को दिखाया पूर्ण, लेकिन 400 से ज्यादा मकानों की स्थिति संदिग्ध, सीईओ बोले-

गरियाबंद-  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पीएम आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकानों की फर्जी जियो टैगिंग कर गलत रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है. देवभोग और मैनपुर जनपद क्षेत्र में मैदानी कर्मियों ने कई अधूरे मकानों का काम पूरा दिखाकर ऑनलाइन जियो टैगिंग कर दी. दरअसल, बीते 15 दिनों में 1366 आवासों को पूर्ण बताया गया, जबकि इनमे से 400 से ज्यादा आवासों की स्थिति पर संदेहास्पद है.

जिसकी छत की ढलाई नहीं हुई उसे भी पूर्ण बताया

झाखरपारा के सुंदरसिंह, दहीगांव के परमेश्वर सिंह जैसे इस तिथि के बाद पूर्ण बताए गए 20 से ज्यादा हितग्राही के आवास की छत की ढलाई तक नहीं हुई पर इनके आवास को 15 मई तक पूर्ण बताया कर ऑनलाइन जियो टैग कर दिया गया. दहीगांव के यादराम का मकान तो डोर लेबल तक भी नहीं पहुंचा पर उसकी तस्वीर दूसरे के मकान में खड़ा कर पूर्ण दर्शाया गया है, जिससे प्रशासन को गुमराह किया जा सके.

एक ही मकान, दो हितग्राही

जांच में सामने आया है कि एक ही मकान को दो हितग्राहियों के नाम पर दिखाया गया. उदाहरण के तौर पर पुरनापानी गांव में चूमन लाल और जय सिंह की जियो टैगिंग एक ही आवास में की गई. ऐसा करीब 30 हितग्राहियों के रिपोर्ट में दर्शाया. इसी तरह, झाखरपारा में भी एक मकान को अलग-अलग एंगल से फोटो लेकर दो अलग हितग्राहियों का बताया गया. पिछले 15 दिनों के प्रगति बताने वाले ज्यादातर रिपोर्ट में इसी तरह से पर्दा डालने का काम किया गया है.

कार्रवाई से बचने आंकड़ों में हेराफेरी

सीएम के सख्त निर्देश के बाद, जिला प्रशासन ने आवास प्रगति पर निगरानी बढ़ा दी थी. शो-कॉज नोटिस के डर से कई मैदानी कर्मचारियों ने प्रगति की बोगस रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की. रिपोर्ट के अनुसार, 1 मई को देवभोग ब्लॉक में 2700 मकान अप्रारंभ थे, जो 15 मई तक घटकर 2157 हो गए. वहीं पूर्ण आवास 1200 से बढ़कर 1658 हो गए. द्वितीय और तृतीय किश्त जारी आंकड़ों में भी इजाफा हुआ. मगर जमीनी हकीकत इससे अलग है.

तेजी से बढ़ा प्रतिशत

प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 17 अप्रैल की स्थिति में जिले में स्वीकृत 34138 आवास में केवल 5339 पूर्ण थे, लेकिन 15 मई की स्थिति में 7214 हो गया। ब्लॉक वार पूर्णता का प्रतिशत देखें तो उपरोक्त अवधि में छुरा की प्रगति 18.67% थी, जो 24.24 हुआ। देवभोग में 17% से बढ़कर 23.09%, फिंगेश्वर में 24.85 % था, जो बढ़ कर 32.43 हो गया।सबसे कम प्रगति देने वाले गरियाबंद ब्लॉक में 13.6% से बढ़कर आंकड़ा 16.46 प्रतिशत हुआ और सबसे कमजोर मैंनपुर ब्लॉक में 8.82 प्रतिशत से बढ़कर प्रगति को 12.62 प्रतिशत बढ़ाया गया.

जिलास्तर पर तेजी से जांच

जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम ने कहा कि एक ही परिवार के दो हितग्राही यदि साथ मकान बना रहे हों, और मकान की लंबाई-चौड़ाई मानक से अधिक हो, तो संभव है कि एक मकान पर दो जियो टैगिंग हुई हो. लेकिन यदि जानबूझकर गलत रिपोर्ट तैयार की गई है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

अब तक कितनों पर हुई कार्रवाई?

प्रत्येक जनपद को सेक्टर में बांटे गए आवास के निर्माण में गति लाने तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव से लेकर आवास मित्र को जवाबदार बनाया गया. 15 दिन पहले सीएम ने कलेक्टरों की बैठक लेकर पीएम आवास में तेजी लाने कमजोर कड़ियों पर कार्रवाई निर्देश दे दिया. प्रशासन का फोकस आवास योजना पर केंद्रीत हुआ. कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ लगातार ब्लॉक में बैठक लेकर प्रगति की समीक्षा करते रहे. जिस सेक्टर में 10 प्रतिशत से कम प्रगति आई, वहां के जवाबदारों को शो काज नोटिस थमाया गया.

शो-कॉज नोटिस अब तक :-

फिंगेश्वर – 18

छुरा – 13

गरियाबंद – 16

मैनपुर – 34

देवभोग – 25

इन जिम्मेदारों के साथ जनपद सीईओ और पीओ को भी जवाबदेह ठहराया गया है. यदि जांच में फर्जीवाड़ा सिद्ध होता है, तो निलंबन की कार्रवाई तय मानी जा रही है.