नीलांबर पीतांबर विवि में एमबीए छात्रों के साथ सिस्टम का मजाक, बुनियादी सुविधाओं का अभाव, वीसी ने दिए जांच के आदेश
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झारखंड के नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय (Nilamber Pitamber University - NPU) में एमबीए (MBA) के छात्रों के साथ शिक्षा व्यवस्था का भद्दा मजाक सामने आया है। विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग में एमबीए के छात्रों के लिए न तो नियमित कक्षाएं संचालित हो रही हैं और न ही बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियां उपलब्ध हैं। छात्रों को फर्श पर बैठकर या खड़े होकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
इस गंभीर समस्या की जानकारी तब सामने आई जब कुछ छात्रों ने अपनी व्यथा विश्वविद्यालय के कुलपति (Vice-Chancellor - VC) तक पहुंचाई। छात्रों ने बताया कि एमबीए विभाग में शैक्षणिक सत्र शुरू हुए काफी समय बीत चुका है, लेकिन उनकी नियमित कक्षाएं अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं। जो इक्का-दुक्का कक्षाएं आयोजित भी होती हैं, उनमें छात्रों की संख्या के अनुपात में कुर्सियां उपलब्ध नहीं होती हैं। नतीजतन, कई छात्रों को या तो क्लास के बाहर खड़े रहना पड़ता है या फिर फर्श पर बैठकर ही लेक्चर सुनना पड़ता है।
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों से इस समस्या के बारे में शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस उदासीनता से छात्रों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक पाठ्यक्रम के छात्रों को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, तो विश्वविद्यालय उनसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद कैसे कर सकता है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कुलपति ने तत्काल संज्ञान लिया है और जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल इस मामले की विस्तृत जांच करें और रिपोर्ट सौंपें। कुलपति ने यह भी आश्वासन दिया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जांच के आदेश जारी होने के बाद छात्रों में थोड़ी उम्मीद जगी है। उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कुलपति इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे और उन्हें जल्द ही नियमित कक्षाएं और बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियां उपलब्ध कराई जाएंगी। छात्रों ने यह भी मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरते और छात्रों की मूलभूत आवश्यकताओं का ध्यान रखे।
यह घटना नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। एक ऐसे समय में जब उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ बनाने की बात की जा रही है, विश्वविद्यालय में एमबीए जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम के छात्रों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। यह न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करता है। अब देखना यह है कि कुलपति के जांच के आदेश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है और छात्रों को कब तक उनकी बुनियादी सुविधाएं मिल पाती हैं।
May 19 2025, 14:16