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डिजिटल क्रांति से सशक्त हुईं झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाएं

रांची: झारखंड में डिजिटल परिवर्तन की लहर अब गांवों तक पहुंच रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में 37,810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन वितरित किए हैं, जिससे वे तकनीकी रूप से सशक्त हुई हैं और लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान करने में अधिक आत्मनिर्भर बन गई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल को महिला सशक्तिकरण और समाज कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

स्मार्टफोन मिलने से आंगनबाड़ी सेविकाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। कांके प्रखंड की सेविका सरिता कुमारी बताती हैं कि अब वे स्वयं लाभार्थियों की तस्वीरें खींच सकती हैं, आधार प्रमाणीकरण कर सकती हैं और टीएचआर जैसी सेवाएं समय पर दे सकती हैं। इस तकनीकी सशक्तिकरण का सीधा प्रभाव आईसीडीएस सेवाओं की गुणवत्ता पर दिख रहा है। मार्च 2023 में जहां केवल 48.03% लाभार्थियों का आधार सत्यापन हुआ था, वहीं मार्च 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 97.22% हो गया है। वर्तमान में राज्य के 38,523 आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाएं डिजिटल माध्यम से सेवाएं दे रही हैं।

स्मार्टफोन के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों से योजनाओं की प्रगति की जिला और राज्य स्तर पर निगरानी संभव हो रही है। इससे सेवा वितरण में पारदर्शिता आई है और बुनियादी ढांचे के सुधार तथा संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिल रही है। राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 

सभी केंद्रों को आवश्यक बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं, और पहले चरण में 16,775 केंद्रों को एलईडी टीवी, आरओ वाटर प्यूरीफायर, बिजली कनेक्शन, पंखे, शौचालय और सुरक्षित पेयजल जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है।

सरकार आदिवासी बहुल 1,200 से अधिक गांवों में नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने जा रही है, जहां जनजातीय समुदायों को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा जैसी सेवाएं मिलेंगी। इन केंद्रों में जल्द ही सेविका और सहायिका की नियुक्तियां भी की जाएंगी। झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल सेवा वितरण केंद्र नहीं रह गए हैं, बल्कि सामुदायिक विकास और महिला सशक्तिकरण के केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। 'अबुआ सरकार' की यह पहल समावेशी विकास का प्रतीक है, जो तकनीक और सेवा के संगम से ग्रामीण झारखंड की तस्वीर बदल रही है।

रांची की बेटी साक्षी जैन ने फोर्ब्स अंडर-30 एशिया लिस्ट में लहराया परचम, सोशल मीडिया पर सिखाती हैं पैसे बनाने के गुर

रांची: झारखंड की राजधानी रांची की एक प्रतिभाशाली बेटी, साक्षी जैन ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंटेंट क्रिएटर साक्षी को प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैग्जीन की अंडर-30 एशिया सूची में शामिल किया गया है। यह उपलब्धि उन्हें सोशल मीडिया, मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग कैटेगरी 2025 के लिए मिली है, जिससे न केवल रांची बल्कि पूरे झारखंड में खुशी की लहर दौड़ गई है। अपर बाजार, रांची की निवासी साक्षी ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है।

एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होकर भी साक्षी का मीडिया, मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इंस्टाग्राम पर उनके 1.7 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जबकि यूट्यूब पर उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 6.90 लाख है। प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन पर भी उनके 1.50 लाख फॉलोअर्स हैं। इन आंकड़ों से उनकी लोकप्रियता और उनके कंटेंट की पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है।

साक्षी की प्रारंभिक शिक्षा रांची में ही हुई। उन्होंने नामकुम स्थित बिशप वेस्टकोट गर्ल्स स्कूल से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर डीपीएस रांची से बारहवीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने 2021 में रांची के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की। अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि को मजबूत करने के बाद, साक्षी ने एक अलग राह चुनी, जिसने उन्हें आज इस प्रतिष्ठित मुकाम पर पहुंचाया है।

साक्षी जैन सोशल मीडिया के माध्यम से वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) पर विशेष रूप से काम कर रही हैं। सरल शब्दों में कहें तो वह आम लोगों को पैसे बनाने के तरीके सिखाती हैं। वह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो बनाती हैं और यह जानकारी साझा करती हैं कि लोग बाजार में किस प्रकार निवेश करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। उनका मानना है कि सही जानकारी के अभाव में बहुत से लोग बाजार की संभावनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। यही कारण है कि उन्होंने इस क्षेत्र को चुना और लोगों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने का बीड़ा उठाया है।

फोर्ब्स अंडर-30 एशिया सूची में अपना नाम दर्ज होने से साक्षी बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इस पहचान के बाद युवा पीढ़ी का उन पर विश्वास और भी बढ़ेगा। उन्हें उम्मीद है कि इसका लाभ न केवल उन्हें मिलेगा, बल्कि उन सभी लोगों को भी मिलेगा जो बाजार में अपने पैसे को बढ़ाना चाहते हैं। साक्षी का यह प्रयास निश्चित रूप से युवा पीढ़ी को वित्तीय मामलों में अधिक जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

अपनी पेशेवर यात्रा के बारे में बात करते हुए साक्षी ने बताया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने बेंगलुरु स्थित एक बड़ी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर काम करना शुरू किया था। हालांकि, इस नौकरी में उनका मन अधिक समय तक नहीं रमा और उन्होंने मात्र तीन महीने के भीतर ही कुछ अलग और अपना खुद का करने का निर्णय ले लिया। यह निर्णय उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने उन्हें आज इस सफलता के शिखर पर पहुंचाया है।

साक्षी का यह सफर कई युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो पारंपरिक करियर विकल्पों से हटकर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि यदि आपके पास जुनून और सही दिशा में प्रयास करने का जज्बा हो तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होते हुए भी उन्होंने सोशल मीडिया की ताकत को पहचाना और इसका उपयोग लोगों को वित्तीय रूप से साक्षर बनाने के लिए किया। उनका यह अनूठा दृष्टिकोण उन्हें औरों से अलग बनाता है और उन्हें इस प्रतिष्ठित सूची में जगह दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।

फोर्ब्स की इस सूची में शामिल होना साक्षी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह उनके काम का अंत नहीं है। वह भविष्य में भी वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक लोगों को पैसे बनाने के सही तरीके सिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका लक्ष्य है कि युवा पीढ़ी वित्तीय रूप से मजबूत हो और देश के विकास में अपना योगदान दे सके।

साक्षी जैन की इस सफलता पर उनके परिवार और रांची के लोगों में गर्व की लहर है। उनकी इस उपलब्धि ने झारखंड का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है और यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी विशेष क्षेत्र या पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती। यदि सही दिशा में प्रयास किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। साक्षी की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी यात्रा यह सिखाती है कि लीक से हटकर भी सफलता की नई राहें बनाई जा सकती हैं।

यह गर्व की बात है कि रांची की एक बेटी ने अपनी मेहनत और समर्पण से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। साक्षी जैन की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह झारखंड के युवाओं के लिए भी एक संदेश है कि वे भी अपनी प्रतिभा और क्षमता के बल पर किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। फोर्ब्स अंडर-30 एशिया सूची में साक्षी का नाम दर्ज होना निश्चित रूप से उन्हें और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा और वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में उनके प्रयासों को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

झारखंड के 402 निर्वाचन पदाधिकारी IIIDEM में लेंगे प्रशिक्षण, मुख्य चुनाव आयुक्त करेंगे मार्गदर्शन

रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार ने जानकारी दी है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों के निर्वाचन पदाधिकारियों को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में झारखंड के 402 बीएलओ, वालंटियर और बूथ अवेयरनेस ग्रुप (BAG) सदस्य 19 और 20 मई को IIIDEM में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेंगे।

श्री के. रवि कुमार ने बताया कि कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए आवास, भोजन और यात्रा की व्यवस्था की गई है। प्रतिभागियों के साथ समन्वय के लिए लाइजनिंग ऑफिसर भी तैनात किए गए हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अपना पहचान पत्र साथ रखने का आग्रह किया।

गुरुवार को निर्वाचन सदन में ऑनलाइन माध्यम से सभी संबंधित जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों और प्रतिभागियों के साथ बैठक में श्री के. रवि कुमार ने कार्यशाला के कार्यक्रम की जानकारी दी। 19 मई को योगा, मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के साथ संवाद, निर्वाचन संबंधी रोल प्ले, राष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण और विभिन्न हितधारकों के अनुभव साझा किए जाएंगे। 20 मई को प्रतिभागियों को नई दिल्ली के प्रमुख संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा।

श्री के. रवि कुमार ने बताया कि सभी प्रतिभागियों के लिए IIIDEM में आवास की व्यवस्था की गई है और उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने झारखंड के वालंटियर और बीएलओ के कार्यों की सराहना की थी। उनके निर्देशानुसार, झारखंड के निर्वाचन संबंधी विभिन्न हितधारकों के अनुभवों को IIIDEM में साझा किया जाएगा, जिसका उपयोग अन्य राज्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किया जाएगा।

बैठक में पलामू के उपायुक्त श्री शशि रंजन, धनबाद की उपायुक्त श्रीमती माधवी मिश्रा, संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के ईआरओ, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह उप सचिव श्री देव दास दत्ता और सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित थे।

झारखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: निजी शिक्षण शुल्क, शिक्षकों की नियुक्ति और जेल नियमावली में बदलाव

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इन फैसलों में निजी शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण, सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों के भोजन भत्ते में वृद्धि और नई जेल नियमावली का गठन प्रमुख हैं।

कैबिनेट ने Jharkhand Professional Educational Institutions (Regulation of Fee) Bill, 2025 को स्वीकृति प्रदान की है। इस विधेयक के लागू होने से राज्य के निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में शुल्क निर्धारण को विनियमित किया जा सकेगा, जिससे छात्रों और अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त, मंत्रिपरिषद ने झारखण्ड सरकारी माध्यमिक (Secondary, Class 9-12) आचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति एवं सेवाशर्त्त नियमावली, 2025 को भी मंजूरी दे दी है। इस नियमावली के आने से राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों को लेकर स्पष्ट नियम बन सकेंगे।

युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने झारखण्ड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के कैडेटो के शिविरों के दौरान भोजन भत्ता में वृद्धि करने का भी निर्णय लिया है। इससे एनसीसी कैडेटों को शिविरों में बेहतर भोजन सुविधा मिल सकेगी।

मंत्रिपरिषद ने एक महत्वपूर्ण अनुशासनात्मक मामले में श्री कानु राम नाग, झा०प्र०से० (द्वितीय बैच) के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई में दिए गए दंड "सेवा से हटाया जाना, जो सरकार के अधीन आगामी नियोजन के लिए निरर्हता नहीं होगी," को यथावत रखने की स्वीकृति दी है।

आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में, कैबिनेट ने मधुपुर शहरी जलापूर्ति योजना के लिए कुल ₹ 76,63,95,178/- के पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त प्राक्कलन पर पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही, विश्व बैंक संपोषित झारखण्ड म्युनिसिपल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (JMDP) के अंतर्गत राजस्व वृद्धि के लिए सलाहकार चयन योजना की लागत राशि ₹ 10,70,70,160/- (GST सहित) पर भी पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करते हुए, मंत्रिपरिषद ने माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के विभिन्न वादों में पारित न्यायादेश के अनुपालन में संबंधित छह (06) सेवानिवृत्त लिपिकों की सेवा नियमित करते हुए उन्हें अनुमान्य वित्तीय लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी है। इसी क्रम में, उच्च न्यायालय के अन्य मामलों में पारित आदेशों के अनुपालन में श्री सुनील कुमार (पिता श्री शिव शंकर प्रसाद) एवं श्री सुनील कुमार (पिता श्री हनुमान सिंह) की सेवा भी नियमित करने की स्वीकृति दी गई है।

राज्य के अति विशिष्ट व्यक्तियों (VIP/VVIPs) के सरकारी उड़ान कार्यक्रम को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए, मंत्रिपरिषद ने वित्त नियमावली के नियम-235 को शिथिल करते हुए नियम-245 के तहत मनोनयन के आधार पर M/s Redbird Airways Pvt. Ltd, New Delhi से ली जा रही विमान सेवा को समान दर एवं शर्तों के साथ छह (06) माह तक विस्तारित करने की स्वीकृति दी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, गिरिडीह जिलान्तर्गत "बड़कीटांड-तीनपलली-डोकीडीह-गिरनिया मोड़ पथ (कुल लंबाई-11.065 कि०मी०)" को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए पुनर्निर्माण कार्य के लिए ₹ 55,20,63,400/- की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 70 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना योजना से आच्छादित करने की स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त, हजारीबाग, दुमका और पलामू के चिकित्सा महाविद्यालयों में लिफ्टों के वार्षिक रख-रखाव एवं संचालन (AMC) के लिए Schindler India Pvt. Ltd. के मनोनयन को स्वीकृति दी गई है।

राज्य में व्यापार की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रिपरिषद ने कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन हेतु कारखाना (झारखण्ड) संशोधन विधेयक, 2025 को स्वीकृति दी है।

केन्द्र प्रायोजित मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अंतर्गत लाभार्थियों को Take Home Ration (THR) के निर्बाध वितरण को सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति की अवधि 31 मई 2025 तक विस्तारित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।

धनबाद में एक महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजना के तहत, NH-32 पर स्थित रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) के चौड़ीकरण कार्य की निविदा में निगोशिएटेड राशि को स्वीकृति प्रदान करने के लिए निविदा प्रक्रिया में छूट दी गई है।

शराब के खुदरा बिक्री को विनियमित करने के लिए, मंत्रिपरिषद ने "झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025 " के गठन को स्वीकृति दी है।

एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार के तहत, संप्रति लागू बिहार कारा हस्तक (झारखण्ड सरकार द्वारा अंगीकृत) को निरस्त करते हुए नये झारखण्ड कारा हस्तक-2025 (Jharkhand Jail Manual-2025) के प्रारूप को मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई है। यह नई जेल नियमावली राज्य की जेलों के संचालन और कैदियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।

आज की मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए ये महत्वपूर्ण निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

झारखंड के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हेमंत सरकार का प्रयास,UNICEF प्रतिनिधि से की मुलाकात

झारखंड सरकार राज्य के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने UNICEF के राज्य प्रतिनिधि नचिकेता चक्रवर्ती से मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राज्य के बच्चों के विकास और कल्याण के लिए UNICEF के साथ मिलकर काम करना था।

इस बैठक में, मुख्यमंत्री सोरेन ने राज्य में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने UNICEF के प्रतिनिधियों को राज्य सरकार द्वारा बच्चों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार बच्चों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रही है।

UNICEF के राज्य प्रतिनिधि नचिकेता चक्रवर्ती ने झारखंड सरकार के प्रयासों की सराहना की और बच्चों के विकास के लिए UNICEF के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि UNICEF राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है ताकि बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सके।

बैठक में, दोनों पक्षों ने बच्चों के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बाल संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार बच्चों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि राज्य के सभी बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा का समान अवसर मिले।

UNICEF के प्रतिनिधियों ने भी राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि UNICEF बच्चों के विकास के लिए राज्य सरकार को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

इस बैठक के बाद, झारखंड सरकार और UNICEF ने बच्चों के विकास के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने का निर्णय लिया। इस कार्य योजना में, दोनों पक्ष बच्चों के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करेंगे।

यह बैठक झारखंड के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बैठक से राज्य सरकार और UNICEF के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और बच्चों के विकास के लिए नए अवसर पैदा होंगे। राज्य सरकार और UNICEF के संयुक्त प्रयासों से, झारखंड के बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सकेगा।

विश्व हिंदू परिषद के बजरंग बागड़ा ने हिंदू कुटुंब प्रणाली और जनसंख्या नीति को लेकर चिंता जताई

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के बजरंग बागड़ा ने हिंदू कुटुंब प्रणाली और जनसंख्या नीति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हिंदू परिवार प्रणाली और जनसंख्या नीति खतरे में है।

बागड़ा ने कहा कि हिंदू समाज को अपनी जनसंख्या नीति के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू परिवारों में बच्चों की संख्या कम हो रही है, जिससे हिंदू जनसंख्या घट रही है। उन्होंने कहा कि यह हिंदू समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

बागड़ा ने कहा कि वीएचपी हिंदू परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वीएचपी हिंदू परिवारों को बच्चों के पालन-पोषण में मदद करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है।

बागड़ा ने कहा कि वीएचपी सरकार से हिंदू जनसंख्या को बढ़ाने के लिए नीतियां बनाने का आग्रह कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को हिंदू परिवारों को बच्चों के पालन-पोषण में मदद करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

बागड़ा ने कहा कि हिंदू समाज को अपनी जनसंख्या नीति के बारे में गंभीरता से विचार करने और हिंदू जनसंख्या को बढ़ाने के लिए काम करने की आवश्यकता है।

आतंकी साजिश का खुलासा: झारखंड मॉड्यूल के आतंकियों का बड़े नेता की हत्या का षडयंत्र विफल

रांची: झारखंड में आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। एटीएस की गहन जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि राज्य में सक्रिय एक आतंकी मॉड्यूल, जिसका संबंध झारखंड से बताया जा रहा है, एक बड़े और प्रभावशाली नेता की हत्या की योजना बना रहा था। एटीएस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। इस खुलासे के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

एटीएस सूत्रों के अनुसार, उन्हें विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ संदिग्ध तत्व राज्य के एक प्रमुख नेता को निशाना बनाने की फिराक में हैं। इस सूचना के आधार पर एटीएस ने एक विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की। जांच के दौरान, एटीएस को झारखंड के कुछ इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसके बाद इन इलाकों में छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान, एटीएस ने कई ऐसे सबूत बरामद किए हैं, जिनसे इस आतंकी साजिश की पुष्टि होती है। बरामद सबूतों में हथियार, गोला-बारूद और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल हैं, जो इस साजिश की ओर इशारा करते हैं।

एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। पूछताछ में पता चला है कि यह मॉड्यूल पिछले कुछ महीनों से इस साजिश को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। उन्होंने नेता की रेकी भी की थी और उनके दैनिक गतिविधियों की जानकारी जुटा रहे थे। अधिकारी ने यह भी बताया कि इस मॉड्यूल के तार किसी बड़े आतंकी संगठन से जुड़े होने की आशंका है और एटीएस इस दिशा में भी अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। हालांकि, सुरक्षा कारणों से अधिकारी ने नेता के नाम और मॉड्यूल से जुड़े अन्य विशिष्ट विवरणों का खुलासा करने से इनकार कर दिया।

इस खुलासे के बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। जिस नेता को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी, उनकी सुरक्षा को तत्काल प्रभाव से बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एटीएस को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस आतंकी साजिश के खुलासे ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना दर्शाती है कि आतंकी संगठन अब भी राज्य में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में लगे हुए हैं और बड़े नेताओं को निशाना बनाकर अशांति फैलाने की फिराक में हैं। एटीएस अब इस मॉड्यूल के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने और इसके पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए गहन जांच कर रही है।

 गिरफ्तार किए गए संदिग्धों के मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच की जा रही है, ताकि इस साजिश से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा सके।

इस घटना ने आम जनता के बीच भी चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। लोग राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं और सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना का राज्य की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

फिलहाल, एटीएस की जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस आतंकी साजिश से जुड़े सभी पहलुओं का खुलासा हो सकेगा। इस घटना ने एक बार फिर देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और तेज करने का संदेश दिया है।

धनबाद में अवैध शराब के साथ किंगपिन गिरफ्तार, 100 लीटर से ज्यादा शराब बरामद


धनबाद : हरिहरपुर थाना और उत्पाद विभाग की टीम ने गोमो के पुराना बाजार स्थित आवास मे छापेमारी कर भारी मात्रा में अवैध अंग्रेजी शराब के साथ अवैध शराब बिक्रेता रंजीत सरदार उर्फ किंगपिन को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है , 

आश्चर्य है की पूरे गोमो के शराब दुकान में अंग्रेजी शराब के जितना ब्रांड नही मिलता उतना ज्यादा ब्रांड इस अवैध शराब बिक्रेता के घर से बरामद किया गया है,उत्पाद विभाग के अधिकारी के अनुसार 100 लीटर से ज्यादा अंग्रेजी शराब छापेमारी के दौरान रंजीत सरदार के घर से बरामद किया गया है जिसमे कुछ नकली अंग्रेजी शराब की होने की भी संभावना जताई जा रही है। 

 बता दे कि रंजीत सरदार पिछले कई सालों से अवैध शराब बेचने का धंधा करता था वो अपने घर से ही अंग्रेजी शराब बेचता था , हरिहरपुर पुलिस कई दिनों से उसके पीछे पड़ी थी , 

खास बात है कि रंजीत सरदार का घर गोमो के सबसे पुराने बिशॉप रॉकी हाई स्कूल के बाउंड्री से सटा हुआ भी है ,जिसके कारण स्कूली बच्चे भी नशे का शिकार हो रहे थे।

हरिहरपुर थानेदार राहुल झा ने बताया कि उच्च अधिकारियो के निर्देश पर उत्पाद विभाग और हरिहरपुर पुलिस ने दल बल के साथ रंजीत सरदार के घर और दुकान में छापेमारी की , उसके घर से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब के साथ बियर भी बरामद किया गया है ,साथ ही आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

हेमंत सोरेन सरकार सरकारी कर्मचारियों को मोबाइल खरीदने के लिए 25 हजार रुपये देगी


झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकारी कर्मचारियों को मोबाइल खरीदने के लिए 25 हजार रुपये की राशि देने का ऐलान किया है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर संचार और डिजिटल सेवाओं से जोड़ना है। सरकार का मानना है कि इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता और दक्षता में वृद्धि होगी। इस फैसले से राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

किन आधिकारियों को मिलेंगे मोबाइल के पैसे

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पहले जारी की गई लिस्ट में कुछ सुधार किया है। अब मोबाइल खरीदने के पैसे संशोधित प्रस्ताव के बाद प्रशाखा पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक अभियोजन पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य पदाधिकारियों को मिलेगी। संशोधित प्रस्ताव के बाद हेमंत सोरेन सरकार कर्मचारियों को मोबाइल के साथ-साथ अब रिचार्ज के पैसे भी देगी।

बता दें कि राज्य मंत्रिपरिषद ने बीते साल 24 जुलाई को मंत्री से लेकर राजपत्रित पदाधिकारियों को मोबाइल खरीदने और रिचार्ज की सुविधा दिए जाने का फैसला लिया था। इसके फैसले के बाद वित्त विभाग ने 30 जुलाई 2024 को अधिसूचना जारी कर आदेश जारी किया था। हालांकि वित्त विभाग ने कार्यपालक आदेश के तहत 28 मार्च 2025 को पे मैट्रिक्स लेवेल-9 के राजपत्रित पदाधिकारियों को दी गई इस सुविधा को स्थगित कर दिया था। बाद में इस पर झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने नाराजगी जताई थी। अब दूसरी लिस्ट जारी की गई है, जिसमें ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को भी मोबाइल खरीदने के लिए पैसे दिए जाएंगे।

युवाओं को मिलेगी अमीन की ट्रेनिंग, एक साल का होगा कोर्स


झारखंड के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। श्रम एवं नियोजन विभाग के निर्देश पर झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी युवाओं को अमीन की ट्रेनिंग देगी। यह एक साल का कोर्स होगा, जिसमें युवाओं को भूमि सर्वेक्षण और मापन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है और इच्छुक युवा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण से युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

विद्यार्थियों को देना होगा केवल 10 प्रतिशत शुल्क

इस प्रोजेक्ट के तहत युवाओं को 1 साल की ट्रेनिंग दी जायेगी. 1 साल के बाद कोर्स पूरा होने पर विद्यार्थियों को डिप्लोमा का सर्टिफिकेट दिया जायेगा. अमीन की ट्रेनिंग के लिए 40 हजार रुपए शुल्क निर्धारित किये गये हैं. हालांकि इसका 90 प्रतिशत यानी 36 हजार रुपए संबंधित जिला के उप विकास आयुक्त जमा करेंगे. जबकि ट्रेनिंग लेने वाले विद्यार्थियों को केवल 10 प्रतिशत यानी 4 हजार रुपए देने होंगे. कोर्स करने वाले सभी विद्यार्थियों का प्रैक्टिकल संबंधित जिला के अंचल/प्रखंड में कराया जायेगा. इस संबंघ में सभी अंचलाधिकारी /प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.

प्रथम चरण में 180 विद्यार्थियों का होगा नामांकन

झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी की ओरसे अमीन की ट्रेनिंग के लिए रामगढ़ में नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है. प्रथम चरण में कुल 180 विद्यार्थियों का नामांकन होगा. ट्रेनिंग के लिए 3 बैच चलेंगे. प्रत्येक बैच में 60 विद्यार्थि होंगे. विवि की ओर से मनोज अगारिया को कोर्स को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है. इसके अलावा विद्यार्थियों को पढ़ाने और प्रैक्टिकल कराने के लिए 4 शिक्षक होंगे. प्रत्येक शिक्षक को 25 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय का भुगतान किया जायेगा. भवन किराया और आधारभूत संरचना आदि का किराया प्रोजेक्ट की राशि से खर्च किये जायेंगे.