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बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

रायपुर-  राज्य शासन ने जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए नगरीय निकायों में स्थापित किये जाने वाले बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी परिपत्र में विगत 17 अप्रैल को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के परिपालन में राज्य के सभी नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट-सह-कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि का आबंटन किया जाना है। बायो-सीएनजी संयंत्रों की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग और संबंधित नगरीय निकाय को अधिकृत किया गया है।

राज्य शासन ने नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं शासकीय तेल और गैस विपणन कंपनियों को बायो-सीएनजी संयंत्रों के लिए अधिकतम दस एकड़ शासकीय भूमि का आबंटन रियायती लीज दर एक रुपए प्रति वर्गमीटर के मान से करने के लिए कलेक्टरों को निर्देशित किया है। विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं शासकीय तेल और गैस विपणन कंपनियों को अधिकतम 25 वर्षों की लीज पर भूमि आबंटित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

सरकारी नौकरी का झांसा…GRP आरक्षक ने दिव्यांग से की लाखों रूपये की ठगी, अब पहुंचा सलाखों के पीछे

रायपुर- छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। खमतराई थाना क्षेत्र में पुलिस ने आरोपी जय कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है, जो वर्तमान में रेलवे पुलिस (GRP) रायपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है। आरोपी पर एक विकलांग व्यक्ति सहित कई लोगों से लाखों रुपये ठगने का आरोप है।

6 साल तक देता रहा झांसा, फिर भी नहीं दिला पाया नौकरी

मामले की शुरुआत 2017 में हुई, जब पुलिस विभाग में आरक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। इसी दौरान जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम परसदा निवासी महेन्द्र सिंह मानसर ने अपने भाई भूपेन्द्र सिंह मानसर के लिए आवेदन किया। इस प्रक्रिया के दौरान आरोपी जय वर्मा की मुलाकात महेन्द्र से बिलासपुर रेलवे स्टेशन में हुई, जहां जय ने खुद को मंत्रियों और अफसरों का करीबी बताते हुए नौकरी लगवाने का झांसा दिया।

महेंद्र सिंह ने अपने भाई के उज्जवल भविष्य की उम्मीद में अपनी कृषि भूमि गिरवी रखकर 10 लाख रुपये आरोपी को दिए। इनमें से 9 लाख नगद खमतराई निवासी मनोज मिंज के घर में दिए गए, जहां गवाह के तौर पर मनोज की मां और अन्य लोग भी मौजूद थे। इसके अलावा 1 लाख रुपये महेन्द्र ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास एक एटीएम से निकासी कर आरोपी को सौंपा।

कई लोगों से लाखों की ठगी

केवल महेन्द्र ही नहीं, बल्कि आरोपी ने अपने गांव और अन्य स्थानों के कई युवाओं को भी नौकरी का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ठग लिए। जब भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई और महेन्द्र के भाई सहित अन्य अभ्यर्थी असफल रहे, तो उन्होंने रकम वापसी की मांग की। आरोपी जय वर्मा ने बार-बार टालमटोल करते हुए रकम नहीं लौटाई। हालांकि, वर्ष 2019 में महेन्द्र के परिवार में शादी समारोह के दौरान आरोपी ने महज़ 2 लाख रुपये की राशि लौटाई, शेष रकम आज तक नहीं दी।

धोखाधड़ी का मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार

महेंद्र सिंह की शिकायत पर खमतराई थाना पुलिस ने आरोपी जय कुमार वर्मा के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध क्रमांक 440/25 दर्ज किया। पुलिस ने उसे आज गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

प्रधान आरक्षक पर नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लोगों से 5-5 लाख लेने का आरोप, पीड़ित सैनिकों ने थाने में की शिकायत

कवर्धा-  एसआईबी में पदस्थ प्रधान आरक्षक बहादुर सिंह मरावी पर तीन गोपनीय सैनिकों ने गंभीर आरोप लगाया है। सैनिकों का दावा है कि मरावी ने आरक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लोगों से 5-5 लाख रुपये की वसूली की है। आरोप यह भी लगाया गया है कि प्रधान आरक्षक ने विभागीय अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर वाले आरक्षक पद पर नियुक्ति के आदेश थमाए, जो पूरी तरह से फर्जी थे।

इस मामले में पीड़ित सैनिकों ने सिटी कोतवाली कवर्धा में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया है और मामले की गहनता से जांच कर रही है। प्रधान आरक्षक पर गंभीर आरोप लगने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। पीड़ित सैनिकों न्याय की उम्मीद करते हुए प्रधान आरक्षक पर उचित कार्रवाई की मांग की है।

मामले की जांच के बाद होगी कार्रवाई : एसपी

इस मामले में कवर्धा एसपी धर्मेंद छवई ने बताया कि प्रधान आरक्षक द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र देने की शिकायत प्राप्त हुई है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. प्रथम दृष्टया नियुक्ति पत्र फर्जी प्रतीत हो रहा है।

बारातियों से भरी बस पलटी, तीन लोगों की मौत, कई घायल, मौके पर मची चीख-पुकार

बलरामपुर- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है. कंठी घाट चांदो में बारातियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है, जिसमें एक बच्ची, युवक और एक महिला शामिल है. वहीं बस में सवार लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से 7 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि बस शंकरगढ़ से झारखंड बारात लेकर जा रही थी, इसी दौरान कंठी घाट के पास बस की स्थिति बिगड़ गई और वह गहरी खाई में पलट गई। हादसे की सूचना मिलते ही चांदो पुलिस और 108 एंबुलेंस की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया।

हादसे में घायल लोगों को तत्काल चांदो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल 7 लोगों को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। अन्य घायलों का इलाज जिला अस्पताल बलरामपुर में जारी है।

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा अस्पताल पहुंचे और घायलों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।

ज्ञात हो कि कंठी घाट रोड निर्माण कार्य एवं घाट कटिंग का कार्य बीते कई वर्षों से चल रहा है, जो कछुए की चाल से भी धीमा है। वहीं जानकारी के अनुसार, जिस बस से बारात लेकर जा रहे थे, उस बस की स्थिति भी काफी खराब थी, फिटनेस भी सही नहीं था। शायद यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना घटित हुई।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दिल्ली एम्स में नक्सल हमले में घायल जवानों से की मुलाकात, बढ़ाया हौसला, सरकार की ओर से हर संभव मदद का दिया आश्वासन

रायपुर- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती घायल सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री ने जवानों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनका हौंसला बढ़ाया। बता दें कि ये जवान हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ (KGH) में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान घायल हुए थे। इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट सागर गणेश बोराडे, हेड कांस्टेबल मुनेश चंद शर्मा, कांस्टेबल कृष्ण कुमार गुर्जर और कांस्टेबल धनु राम भी शामिल थे।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमारे वीर जवानों के चेहरे पर मुस्कान देखकर गर्व होता है। आपकी भुजाओं की ताकत और साहस को पूरा देश देख रहा है। मैं आपके साहस और समर्पण को प्रणाम करता हूं। उन्होंने जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

गलगम पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जवानों का हौसला बढ़ाया: नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर दी बधाई

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिले के उसूर तहसील के अंदरूनी गांव गलगम पहुंचे, जहाँ उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर हालिया नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर चर्चा की। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने करेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 कुख्यात माओवादी आतंकियों को मार गिराया और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए। मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान को नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे के उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। यह न केवल बीजापुर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। गलगम और करेगुट्टा का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है और इस अभियान ने इस इलाके को सुरक्षित बनाने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है। सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात के दौरान साय ने उनके साहस की सराहना की और कहा कि आपके शौर्य और निष्ठा से ही हम नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई को जीत रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमें सरकार में आए डेढ़ साल हुए हैं और इस अवधि में हमने राज्य में सुशासन स्थापित करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आप लगातार अनेक कठिन नक्सल विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। आप 44 डिग्री की गर्मी में भी ऑपरेशन चलाते हैं। ऐसे जवानों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने बताया कि वे सुरक्षा कैम्प को सुविधा कैम्प मानते हैं क्योंकि सुरक्षा कैम्प के माध्यम से अब बस्तर के सुदूर इलाकों में अनेक तरह की सुविधाएं पहुंच रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय के कहा कि जब हमारी सरकार आयी तो इस क्षेत्र में सबसे पहला कैम्प मूलेर में खोला गया। आज मूलेर समेत आसपास के गांव में राशन की सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं मिलने लगी हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान में लगातार सफलता मिल रही है। राज्य में मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य है, निश्चित रूप से फोर्स के जवानों के अदम्य साहस की बदौलत हम इस संकल्प को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा बस्तर में नियद नेल्ला नार योजना ने स्थानीय लोगों से जुड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रामीण हितग्राहियों से भी मुलाकात की और उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड का वितरण करते हुए पीएम आवास योजनांतर्गत स्पेशल प्रोजेक्ट नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार क्षेत्र में विकास कार्यों को और अधिक तेज गति से करेगी साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है, और इसके लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों का सहयोग भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने गलगम कैंप में जवानों के साथ तस्वीर खिंचाई और भारत माता के जयकारे से उनका जोश बढ़ाया। जवानों ने भी नारे लगाते हुए देशभक्ति का जज़्बा दिखाया। मुख्यमंत्री ने जवानों संग बैठकर भोजन भी किया।

गलगम कैम्प में हुए आयोजन में पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने अपने उद्बोधन में फोर्स के जवानों द्वारा किए जा रहे सिविक एक्शन को सराहा। वहीं कलेक्टर बीजापुर संबित मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बताया कि सुशासन तिहार-2025 के अंतर्गत बीते कल ही गलगम में समाधान शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान गलगम कलस्टर में कुल 1590 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से अधिकतर आवेदन वन अधिकार पत्र के थे, जिनका परीक्षण कर सार्थक कार्यवाही की जा रही है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बलों के जवान उपस्थित थे।

10वीं-12वीं फेल या ग्रेड सुधारने वाले छात्रों को एक और मौका, 20 मई से शुरू होंगे आवेदन, जानिए सभी जरूरी जानकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की द्वितीय मुख्य परीक्षा 2025 के लिए आवेदन तिथियों की घोषणा कर दी है। जिन विद्यार्थियों ने मुख्य परीक्षा दी थी और वे श्रेणी सुधार, पूरक या अनुत्तीर्ण (फेल) हैं, वे इस द्वितीय परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत वर्ष में दो बार परीक्षा कराने की व्यवस्था का हिस्सा है।

आवेदन की समय-सीमा इस प्रकार है

सामान्य शुल्क के साथ: 20 मई से 10 जून 2025 तक

विलंब शुल्क के साथ: 11 जून से 20 जून 2025 तक

विशेष विलंब शुल्क के साथ: 21 जून से 30 जून 2025 तक

परीक्षा फॉर्म केवल ऑनलाइन माध्यम से भरे जाएंगे। मंडल ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र श्रेणी सुधार के लिए परीक्षा देता है और उसके अंक नहीं बढ़ते हैं, तो पहली परीक्षा की मार्कशीट ही मान्य होगी। यह दूसरी बार है जब छत्तीसगढ़ बोर्ड वर्ष में दो बार मुख्य परीक्षा का आयोजन कर रहा है, जिससे छात्रों को सुधार का एक और अवसर मिलता है।

इससे पहले 7 मई को घोषित हुआ था परीक्षा परिणाम

बता दें कि CGBSE ने 7 मई को कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे जारी किए थे। इस साल 5.6 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इस साल भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा है।

10वीं परीक्षा: 3,23,094 छात्र शामिल हुए, पास प्रतिशत 76.53%

लड़कियाँ: 80.70%

लड़के: 71.39%

टॉपर: इशिका बाला और नमन कुमार (99.17%)

12वीं परीक्षा: 2,38,626 छात्र शामिल हुए, पास प्रतिशत 81.87%

लड़कियाँ: 84.67%

लड़के: 78.07%

टॉपर: अखिल सेन (98.20%)

भारतमाला प्रोजेक्ट का विरोध : सड़क पर उतरे 5 गांवों के सैकड़ों किसान, कहा – भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए, अफसरों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

दुर्ग-  जिले में भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर विरोध शुरू हो गया है। आज हनोदा सहित 5 गांवों के 200 से अधिक किसानों ने भारतमाला प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को रुकवाकर प्रदर्शन किया और भूमि का उचिव मुआवजा देने की मांग की। साथ ही अधिकारियों पर मुआवजा वितरण में भ्रष्ट्राचार के आरोप भी लगाए. लगभग 3 घंटे के प्रदर्शन के बाद विरोध कर रहे 17 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल भारतमाला परियोजना के अंतर्गत अधिकृत किए गए भूमि के किसानों की मांग है कि उनकी भूमि का उचित मुआवजा उन्हें दिया जाए। उनका कहना है कि बड़ी जमीनों को हेक्टेयर और छोटी जमीनों को एकड़ के अनुसार मुआवजा दिया गया है. छोटी भूमि को वर्गफीट के अनुसार मुआवजा दिया गया है, जिनसे उन्हें कई गुना नुकसान हो रहा है।

किसानों ने कहा – उनकी भूमि का 10 प्रतिशत मुआवजा ही मिला

किसानों का कहना है कि जब उन्होंने भूमि खरीदी तब उसका बाजार मूल्य कुछ और था, लेकिन आज उन्हें उनकी भूमि का 10 प्रतिशत मुआवजा ही मिल पा रहा है। एक भू-स्वामी ने बताया कि उन्होंने 15 साल पहले जो भूमि खरीदी थी उसका आधा पैसा भी मुआवजे में उन्हें नहीं मिल पा रहा है। भारतमाला परियोजना में किसानों को दिए जा रहे मुआवजे को लेकर कई किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर की है. किसानों ने मांग की है कि उन्हें उनका उचित मुआवजा दिया जाए। मुआवजा वितरण को लेकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी किसानों ने लगाए हैं.

एसीबी ने दुर्ग एसडीएम रहे रावटे के घर मारा था छापा

बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट में दुर्ग जिले के दुर्ग और पाटन ब्लाक के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। भारतमाला परियोजना में मुआवजा वितरण का निर्धारण करने का अधिकार एसडीएम को था। उस दौरान मुकेश रावटे दुर्ग एसडीएम थे, जिनके यहां भी एसीबी की टीम ने छापा मारकर छानबीन की थी।

अधिकारियों के सामने फूटा लोगों का गुस्सा, 5 दिन के भीतर शराब दुकान नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी

गरियाबंद- देवभोग नगर पंचायत में आयोजित समाधान शिविर उस समय हंगामे में बदल गया जब वर्षों से लंबित शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर नाराज वार्डवासियों ने मंच पर चढ़कर विरोध जताया। सोनामूंदी वार्ड के नागरिकों ने पांच दिन के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी ओर निलंबित बीईओ ने मंच से आत्महत्या की भी चेतावनी दे डाली। लोगों की इस उदासीनता ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

वार्डवासियों की प्रमुख मांग सोनामूंदी में संचालित संचालित अंग्रेजी देशी शराब दुकान को हटाने की थी। उनका कहना है कि वे पिछले तीन वर्षों से प्रशासन को इस संबंध में आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वार्ड के गंगाराम पाड़े, भवरसिंह, शुभांगिनी मेहर ने कहा कि भट्ठी होने से पीने वालों और खरीदार के चलते बस्ती में इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। फूटे बोतल, बेन लगे पाउच और प्लास्टिक के चलते खेत-खार भर जा रहा है। शिशु मंदिर स्कूल परिसर, महिला समूह का कार्यशाला भी प्रभावित हैं।

उन्होंने बताया कि कारणों को गिना कर सुशासन तिहार में आवेदन दे चुके थे. आज उन्हें समाधान शिविर में मांग पूरी होने की उम्मीद थी। लेकिन मांग पूरी नहीं होते देख बिफरे वार्डवासियों ने मंच पर मौजूद एसडीएम समेत पालिका अध्यक्ष के समक्ष 5 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी पत्र थमा दिया। वार्डवासियों ने कहा अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है।

निलंबित बीईओ ने आत्महत्या की दे डाली चेतावनी

सुशासन तिहार में निलंबित बीईओ प्रदीप शर्मा ने भी आवेदन दिया था। मांग थी कि पिछले कई माह से हाईकोर्ट ने बहाली का आदेश प्रशासन को दिया है, लेकिन प्रशासन इस आदेश का पालन नहीं कर रहा है। वेतन में नियमानुसार कटौती के बजाय अधिक अनुपात में कटौती की जा रही है। प्रशासन पर तरह-तरह के मानसिक दबाव और ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया गया था। आज समाधान शिविर में ठोस जवाब नहीं मिलने पर प्रदीप शर्मा ने पहले तो माइक पकड़कर अपनी भड़ास निकाली, एसडीएम तुलसीदास ने माइक छीन लिया, जिसके बाद भरी सभा में प्रदीप शर्मा ने कहा कि यदि 31 मई के भीतर मांगें नहीं मानी गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

एसडीएम का बयान

एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने कहा है कि शर्मा की मांगों का समाधान शासन स्तर पर होना है, प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर को भेजा गया है। शराब दुकान के लिए भी स्थल चयन किया गया है, जिसे जल्द हटा दिया जाएगा।

औद्योगिक प्रदूषण से क्षेत्रवासी त्रस्त, हवा के साथ घरों में पहुंच रहा उद्योगों की काली राख

धरसीवां- घर-घर औद्योगिक प्रदूषण हर घर औद्योगिक प्रदूषण यह कोई जुमला नहीं बल्कि औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के आसपास के दर्जनों गांवों की हकीकत है. हवा का एक झोंका औद्योगिक इकाइयों की काली राख हवा में उड़ाकर घर-घर पहुंचा देता है, जिससे क्षेत्रवासियों का जीना हराम हो गया है. ऐसा नजारा आज भी देखने को मिला।

गुरुवार दोपहर करीब दो बजे अचानक मौसम बदला ओर तेज हवा चलने लगी. इस हवा के साथ हमेशा की तरह औद्योगिक इकाइयों की काली डस्ट वायुमंडल में घुलकर न सिर्फ राहगीरों के लिए मुसीबत बनी अपितु दर्जनों गांवों तक घर-घर पहुंची. ढाई बजे जब बारिश शुरू हुई तब थोड़ी औद्योगिक राखड़ से मुक्ति मिली.

औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस टू का गुरुवार दोपहर करीब दो बजे का ये नजारा देखकर आप समझ सकते हैं कि सरकारें बदल गई. विधायक बदल गए पर धरसीवां क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर नहीं बदल पाई है.