तहसील की कार्यप्रणाली से अधिवक्ताओं में रोष
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खजनी गोरखपुर।शासन कई बार वादकारियों को त्वरित न्याय तथा जनसमस्याओं का निस्तारण तेजी से करने के निर्देशों का अनुपालन खजनी तहसील में नहीं हो रहा है, राजस्व कर्मियो द्वारा खतौनी की सामान्य गलती को ठीक कराने के लिए लोगों को परेशान किया जा रहा है और आर्थिक क्षति भी हो रही है। लोग सालों तक भागदौड़ कर रहे हैं। इतना ही नहीं अविवादित दाखिल खारिज भी महीनों तक नहीं हो पा रहे हैं, लोगों को अनायास कागजी खानापूर्ति के नाम पर कई बार तहसील का चक्कर लगाते हुए अर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। जिसे लेकर अधिवक्ता संघ खजनी ने पूर्व में पत्रक सौंपा था किन्तु कोई कार्यवाही नहीं होने से तहसील बार की आमसभा की आवश्यक बैठक करके अधिवक्ताओं ने एक सप्ताह तक न्यायिक कार्य बंद रखने का निर्णय लिया था, साथ ही एक सप्ताह में समाधान न होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी।
शासन की जनसमस्याओं एवं वादकारियों को त्वरित न्याय दिलाने के निर्देश के बाद भी स्थानीय स्तर पर की जा रही लापरवाही व उदासीनता बनी हुई है। दानपत्र और पंजीकृत वसीयतनामा के तमाम दाखिल खारिज कई महीनों से लम्बित हैं। साथ ही वर्ग मीटर के बैनामा भी माह जनवरी से मई तक का न तो आनलाईन दाखिल खारिज के लिए भेजा गया है और न ही मैनुअल आवेदन लिया जा रहा है। जिससे जनवरी से अब तक 1260 बैनामों में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और बैनामा लेकर लोग दाखिल खारिज के लिए परेशान हैं। धारा 24 के पत्थर नस्ब की कार्यवाही शासन के कड़े निर्देश के बाद भी बड़ी संख्या में प्रारम्भिक सीमांकन का कार्य लम्बित है। लगभग चार सौ पत्रावलियों में प्रारम्भिक पैमाईश के बाद राजस्व निरीक्षक का फिल्डबुक व रिपोर्ट आकर तहसील मे धूल फाँक रही हैं। पत्रावलियों में अबतक न तो लगाई गई और न ही निस्तारण हुआ।
खतौनी में राजस्वकर्मियो की गलती के कारण हुई त्रुटि को ठीक कराने में भी वादकारियों को कड़ी मशक्कत झेलनी पड़ रही है। तहसील में 30 से अधिक पत्रावलियों में उप जिलाधिकारी के न्यायालय में रिपोर्ट आकर पड़ी हुई है, उनमें आदेश नहीं हो पा रहा है। लगभग 545 पत्रावलियों में अधिनस्थों द्वारा अपनी रिपोर्ट नहीं देने से 6 माह से अधिक दिनों से लम्बित हैं। न्यायालय में दाखिल होने वाले मुकदमों को तत्काल पंजीकृत न करके आदेश के समय पंजीकृत होने के कारण शासन स्तर पर लम्बित मुकदमों की संख्या कम रहती है। जबकि वास्तविकता कुछ और होती है। इन समस्याओं के समाधान हेतु अधिवक्ता संघ खजनी ने एसडीएम से लगायत उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया तथा एक सप्ताह का समय भी दिया था।
किंतु समस्या का निदान करने के बजाय एसडीएम ने अधिवक्ता संघ को कार्यवाही करने सम्बन्धित पत्र देकर अपनी ओर से पल्ला झाड़ लिया। जिससे समस्या यथावत बनी हुई है जिसे लेकर अधिवक्ता संघ की आमसभा की बैठक में अधिवक्ताओं ने रोष जताया तथा एक सप्ताह तक सभी न्यायालयों में न्यायिक कार्य बंद करने तथा एक सप्ताह में समाधान न होने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
आम सभा की बैठक में बार के अध्यक्ष के.के. सिंह, मन्त्री राजनाथ दूबे, उपाध्यक्ष राजदेव प्रियदर्शी, बिजेंद्र यादव, रामप्रीत यादव, कृष्णानन्द शुक्ल, मारकण्डेय त्रिपाठी, राणाप्रताप सिंह, शशिशेखर सिंह, विनोद कुमार पाण्डेय, सन्तोष सिंह, मदनमोहन, रामप्रवेश, शिवकुमार सहित अन्य अधिवक्ताओं ने रोष जताया।
May 14 2025, 19:57