गोरखपुर में बर्ड फ्लू की दस्तक से हड़कंप, चिडि़याघर में मरी बाघिन शक्ति की रिपोर्ट में पुष्टि, अधिकारियों-कर्मचारियों की हुई जांच
गोरखपुरः यूपी के गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में 7 मई को मरी बाघिन शक्ति की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया है. इसके कुछ दिन पूर्व 4 मई को मरी बहराइच से लाई गई भेडि़या भैरवी और 8 मई को तेंदुआ मोना की मौत के बाद दोनों बिसरा जांच रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है. बाघिन शक्ति की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिडि़याघर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. चिडि़याघर को एहतियात के तौर पर सात दिन के लिए बंद कर दिया गया है. सैनेटाइजेशन के साथ काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की बर्ड फ्लू जांच की गई है।
गोरखपुर में एक के बाद एक जानवरों की मौत के बाद चिडि़याघर प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी भी सकते में आ गए. भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट आने के बाद मंगलवार 14 मई को आरएमआरसी (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) की टीम ने चिड़ियाघर पहुंचकर 105 कर्मियों का सैंपल लिया. इसके साथ ही 20 मई तक गोरखपुर चिड़ियाघर को बंद कर दिया है. संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पूरे चिड़ियाघर को सैनिटाइज किया गया है।
गोरखपुर चिडि़याघर में बाघ केसरी की 30 मार्च को मौत हो गई थी. उसे पीलीभीत से गोरखपुर लाया गया था. बीते साल 10 मई को दुधवा रिजर्व के मैलानी रेलवे लाइन के किनारे घायलावस्था में मिली मादा शावक को गोरखपुर चिडि़याघर लाया गया था. उस वक्त वो 10 माह की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी साल की शुरुआत में चिडि़याघर भ्रमण के दौरान आक्रामकता को देखते हुए उसका नाम ‘शक्ति’ रखा था।
उसके पैर में चोट होने की वजह से वो खड़ी नहीं हो पा रही थी. ठीक होने के बाद उसे रेस्क्यू सेंटर में रखा गया. इसके बाद उसे बाड़े में छोड़ दिया गया. कुछ दिनों बाद अस्वस्थता की वजह से उसे दोबारा रेस्क्यू सेंटर में लाया गया. छह मई को उसने खाना और पीना छोड़ दिया. 7 मई को उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टी आर्गन फेल्योर की बात सामने आई, लेकिन संक्रमण का पता नहीं चला. इस पर विसरा जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजा गया, जहां जांच में मौत की वजह बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. इसके बाद से ही चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है. इस बीच उसके इलाज और देखभाल में लगे सभी कर्मियों को क्वारंटीन कर दिया गया।
इसके बाद 4 मई को भेडि़या भैरवी की भी मौत हो गई. आदमखोर भेडि़या भैरवी को बहराइच से रेस्क्यू करने के बाद गोरखपुर चिडि़याघर लाया गया था. पोस्टमार्टम में मल्टी आर्गन फेल्योर की बात सामने आई है. 8 मई को तेंदुआ मोना की मौत हो गई. वो कैंसर से पीडि़त रही है. मंगलवार 13 मई को आरएमआरसी की टीम ने चिड़ियाघर पहुंच कर 105 कर्मियों के सैंपल लिए हैं. इन नमूनों की जांच रिपोर्ट बुधवार को आने की उम्मीद है. चिड़ियाघर में हाल के दिनों में चार जानवरों की मौत से हड़कंप मचा है. वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना भी 9 मई को चिड़ियाघर पहुंचकर हालात का जायजा ले चुके हैं. वहीं बीमार शेर पटौदी को इंफेक्शन फैलने के खतरे को देखते हुए इलाज के लिए कानपुर जू भेजा जा चुका है।
चिड़ियाघर निदेशक विकास यादव ने बताया कि बाघिन शक्ति की बर्ड फ्लू से मौत की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर के 105 कर्मियों और अधिकारियों के सैंपल आरएमआरसी की टीम ने लिए हैं. सभी को क्वारंटीन किया गया है. सभी बड़े वन्य जीवों की जांच भी जल्द होगी।
May 14 2025, 19:10