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राजकीय आईटीआई के कैंपस ड्राइव में 86 युवाओं को मिला रोजगार

लखनऊ। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), अलीगंज, लखनऊ में गुरुवार को मुख्यमंत्री मिशन रोजगार योजना के अंतर्गत टाटा मोटर्स लिमिटेड, लखनऊ और पंतनगर द्वारा कैम्पस ड्राइव का आयोजन किया गया।

प्रधानाचार्य राज कुमार यादव ने प्रशिक्षुओं को प्रेरित करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत से संस्थान का नाम रोशन करें। उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों से अधिक से अधिक चयन करने का आग्रह किया।

प्लेसमेंट ऑफिसर एमए खां ने बताया कि ड्राइव में 160 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जिनमें से 124 योग्य पाए गए। साक्षात्कार के बाद, 86 अभ्यर्थियों को जॉब ऑफर मिला। लखनऊ में प्रशिक्षुओं को 13060 रुपए और अस्थायी कर्मचारियों को 14827 रुपए मासिक वेतन मिलेगा। पंतनगर में प्रशिक्षुओं के लिए 11558 रुपए और अस्थायी कर्मचारियों के लिए 13409 रुपए मासिक वेतन निर्धारित है, साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी।

चयन से वंचित रहे अभ्यर्थी 30 अप्रैल, 2025 को होने वाले रोजगार मेले में भाग ले सकते हैं। इस आयोजन को सफल बनाने में निर्भय कुमार सिंह, जिल्लुर रहमान और क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

लखनऊ को मिला नया नगर आयुक्त ,गौरव कुमार ने संभाली कमान–सफाई और भ्रष्टाचार पर होगी सख्ती

लखनऊ। राजधानी लखनऊ को नया नगर आयुक्त मिल गया है। आईएएस गौरव कुमार ने बृहस्पतिवार को नगर निगम कार्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। पूर्व नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने उन्हें पद की जिम्मेदारी सौंपी।

कार्यभार संभालने के बाद गौरव कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी प्राथमिकता शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर करना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बरसात के दौरान जलभराव की समस्या को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाएगी। गौरव कुमार ने पूर्व नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह की सराहना करते हुए कहा कि वे भी उनकी तरह ही शहर को बेहतर और व्यवस्थित बनाने के लिए काम करेंगे।

-- गौरव कुमार का प्रशासनिक अनुभव

मूल रूप से चंडीगढ़ निवासी गौरव कुमार मैकेनिकल इंजीनियर हैं और 2018 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। लखनऊ में वे पहले भी एलडीए में ओएसडी पद पर 20 दिनों तक सेवाएं दे चुके हैं। अब एक बार फिर उन्हें नगर आयुक्त के रूप में लखनऊ में कार्य करने का अवसर मिला है।

-- अब तक की पोस्टिंग:

प्रयागराज में सीडीओ

आजमगढ़ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट

गोंडा में सीडीओ

ट्रेनिंग श्रावस्ती और कानपुर में

उत्तर प्रदेश के 37 जिले लू की चपेट में, अलर्ट जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के 37 जिलों के लिए लू का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में सुबह होते ही गर्म हवाओं और तेज़ धूप से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

- 40 डिग्री के पार पहुंचा पारा

बुधवार को प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, झांसी और आगरा सहित कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया।

गर्मी की तपिश सिर्फ दिन में ही नहीं, अब रातों में भी उमस और गर्माहट बढ़ गई है, जिससे लोगों को नींद में भी राहत नहीं मिल रही।

-- हीटवेव अलर्ट – अगले 3 दिन सतर्क रहें

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार: गुरुवार से अगले तीन दिन तक हीटवेव की तीव्रता और क्षेत्र दोनों में वृद्धि होने की आशंका है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

-- सावधानियाँ जो रखनी हैं जरूरी:

दोपहर 12 से 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें।

खूब पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।

सिर को ढंककर रखें और हल्के, सूती कपड़े पहनें।

आवश्यक न हो तो धूप में यात्रा न करें।

इग्नू और मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट के बीच एमओयू साइन

लखनऊ। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट (एमकेआईटीएम) के बीच पर्यटन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है। यह समझौता शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में समन्वय स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस एमओयू के अंतर्गत पर्यटन प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ उद्योग की मांगों के अनुरूप मानव संसाधन तैयार किया जा सके। विद्यार्थी अब इग्नू द्वारा संचालित टूरिज्म और हास्पिटैलिटी के कोर्स एमकेआईटीएम में भी कर सकेंगे।

राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, इग्नू की कुलपति प्रो.उमा कांजीलाल की उपस्थिति में एमओयू साइन हुआ। कार्यक्रम में डॉ. आलोक चौबे, डॉ. सोनिया शर्मा (निदेशक, एसओटीएचएसएम), प्रो. हरकीरत बैंस, अनिल कुमार मिश्र (क्षेत्रीय निदेशक), डॉ.कीर्ति विक्रम (सहायक निदेशक) और एमकेआईटीएम के अधिकारियों की भी मौजूदगी रही।

सूचना निदेशालय पहुंचे नवागत निदेशक विशाल सिंह, विभागीय कार्यों का किया गहन निरीक्षण- समर्पण भाव से काम करने के दिए निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नवागत सूचना निदेशक विशाल सिंह ने गुरुवार को सूचना निदेशालय का निरीक्षण किया। सुबह 9:30 बजे निदेशालय पहुंचने के बाद उन्होंने निदेशालय के प्रत्येक तल पर स्थित प्रभागों और अधिकारियों के कक्षों का गहन निरीक्षण किया तथा कर्मचारियों से निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

- प्रभागों की कार्यप्रणाली की ली विस्तृत जानकारी

निदेशक श्री सिंह ने विभिन्न प्रभागों के कार्यों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और प्रभागीय प्रभारी अधिकारियों से कार्य प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान वह कार्मिकों की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नजर आए।

- प्रचार में सोशल मीडिया का हो प्रभावी इस्तेमाल: विशाल सिंह

निदेशक ने कर्मचारियों से कहा कि सूचना विभाग की भूमिका आज के समय में बहुत अहम है। सरकार की योजनाओं, नीतियों और उपलब्धियों को आमजन तक पहुँचाने में नवीन तकनीकों व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का प्रभावी उपयोग किया जाए।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विभाग को आवश्यक संसाधनों से सुसज्जित करना जरूरी है ताकि कार्य में गुणवत्ता और गति बनी रहे।

-- विभिन्न प्रभागों का किया निरीक्षण

नवागत निदेशक ने पंचम, चतुर्थ, तृतीय, द्वितीय एवं प्रथम तल पर स्थित निम्नलिखित प्रमुख प्रभागों का निरीक्षण किया:

विज्ञापन प्रभाग

प्रकाशन एवं निरीक्षा शाखा

गीत एवं नाट्य प्रभाग

सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ

संदर्भ शाखा, टीवी शाखा, लेखा प्रभाग

फोटो शाखा, संपादकीय कक्ष, प्रेस प्रभाग

* वेब/डिजिटल मीडिया एवं निकासी प्रभाग

प्रत्येक प्रभाग में उन्होंने कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों से बातचीत की, कार्य संबंधी जानकारियाँ लीं और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

-- जनपदीय कार्यालयों को और सक्रिय बनाने पर बल

क्षेत्र प्रचार प्रभाग के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि जनपदीय सूचना कार्यालयों की भूमिका और अधिक सक्रिय होनी चाहिए, और स्थानीय खबरों पर विशेष नजर रखी जानी चाहिए। प्रशासन प्रभाग में सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने का सुझाव दिया गया।

-- निरीक्षण में ये अधिकारी रहे मौजूद:

संयुक्त निदेशक: दिनेश कुमार गुप्ता

वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी: संजय कुमार सिंह

सहायक निदेशकगण: जितेन्द्र प्रताप सिंह, सतीश भारती, संजय कुमार

अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी

यूपी : अब एडेड इंटर कॉलेजों में भी प्रवक्ता पद के लिए बीएड अनिवार्य, शासनादेश जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजकीय इंटर कॉलेजों की तर्ज पर अब एडेड इंटर कॉलेजों में भी प्रवक्ता (PGT) पद के लिए बीएड की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। अब केवल परास्नातक की डिग्री प्रवक्ता बनने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

-- क्या था पहले नियम?

अब तक: इंटर में पढ़ाने के लिए सिर्फ परास्नातक (Post Graduation) की डिग्री पर्याप्त थी।

सहायक अध्यापक (हाईस्कूल स्तर) के लिए स्नातक के साथ बीएड या बीएड के समकक्ष डिप्लोमा भी मान्य थे।

--- अब क्या बदला?

PGT (प्रवक्ता) बनने के लिए परास्नातक + बीएड दोनों अनिवार्य होंगे।

सहायक अध्यापक और प्रवक्ता दोनों पदों के लिए अब केवल बीएड की डिग्री को ही मान्यता दी जाएगी।

बीएड समकक्ष डिप्लोमा, जैसे कि महाराष्ट्र का बॉम्बे आर्ट और अन्य राज्यों के शिक्षण डिप्लोमा, अब मान्य नहीं होंगे।

--- राजकीय कॉलेजों में पहले ही लागू है यह नियम

राजकीय इंटर कॉलेजों में पहले से ही यह संशोधन लागू हो चुका है, जहां प्रवक्ता पद के लिए बीएड की अनिवार्यता लागू है। अब यही व्यवस्था एडेड कॉलेजों में भी लागू कर दी गई है।

पुलकित खरे ने उप्र कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक का पदभार संभाला

लखनऊ। पुलकित खरे ने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के नवनियुक्त मिशन निदेशक के पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद गुरुवार को लखनऊ स्थित मिशन मुख्यालय में आयोजित परिचय सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से परिचय प्राप्त कर उनकी जिम्मेदारियों की जानकारी ली। उन्होंने मुख्यालय स्थित विभिन्न प्रकोष्ठों का निरीक्षण भी किया तथा मिशन की कार्यप्रणाली और भविष्य की योजनाओं की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। परिचय सत्र में अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह सहित मिशन से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मिशन निदेशक पुलकित खरे ने अपने सेवाकाल में अलीगढ़ में संयुक्त मजिस्ट्रेट, फिर अलीगढ़, बुलंदशहर, शाहजहाँपुर और वाराणसी में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् उन्होंने वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, हरदोई, पीलीभीत और मथुरा के जिलाधिकारी, उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के सीईओ, ग्रेटर नोएडा के एसीईओ तथा नियोजन विभाग में विशेष सचिव जैसे उत्तरदायित्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

मई के अंत तक लागू होगी नई ट्रांसफर नीति, कर्मचारियों को मिलेगा एक महीने का मौका

लखनऊ। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। लंबे समय से तबादलों का इंतजार कर रहे कर्मचारियों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। राज्य सरकार मई के अंत तक 2025-26 की नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे सकती है।

नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने नई नीति पर काम शुरू कर दिया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस बार तबादलों के लिए कर्मचारियों को एक महीने का समय मिल सकता है।

-- 01 जून से लागू हो सकती है नीति :-

सूत्रों के मुताबिक, सरकार की कोशिश है कि 01 जून से नीति लागू कर दी जाए, जिससे कर्मचारियों को 30 जून तक तबादले का मौका मिल सके। नीति को अंतिम रूप देकर मई के अंत तक कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

-- क्या होंगे नई नीति के प्रमुख प्रावधान ?

समूह 'क' और 'ख' के वे अधिकारी जिनकी सेवा किसी जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल पूरी हो चुकी है, उनका तबादला किया जा सकेगा। समूह 'ग' और 'घ' में सबसे पुराने अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित किया जाएगा।

'क' और 'ख' श्रेणी में अधिकतम 20% और 'ग' व 'घ' श्रेणी में 10-15% तक ट्रांसफर की सीमा हो सकती है। इस सीमा से अधिक तबादलों के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक होगी।

-- मानव संपदा पोर्टल से होगा पूरा प्रोसेस डिजिटल

स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया मानव संपदा पोर्टल से डिजिटल रूप में की जाएगी। कार्यभार ग्रहण और नियुक्ति की प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी, जिससे अधिकारियों की सर्विस बुक और वेतन विवरण भी डिजिटाइज हो सकेंगे।

-- आकांक्षी जिलों और विशेष जरूरतों के लिए भी प्रावधान

आकांक्षी जिलों में रिक्त पदों को भरना पहले की तरह प्राथमिकता में रहेगा। दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों के तबादले ऐसी जगह किए जाएंगे जहां इलाज की सुविधा उपलब्ध हो।

हाथीपुर गांव पहुंचा शुभम का पार्थिव शरीर, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

कानपुर/लखनऊ। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले कारोबारी शुभम द्विवेदी का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात हाथीपुर गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जिसे देखो उसी की आंखें नम नजर आईं। रोते बिलखते परिजन आरोपितों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान भी एंबुलेंस के साथ पहुंचे

इससे पहले शुभम का शव विशेष विमान से लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। जहां पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मृतक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिजनों से मिलकर केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वाशन दिया। इसके बाद 14 गाड़ियों के काफिले के साथ कैबिनेट मंत्री राकेश सचान उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय अमौसी एयरपोर्ट से कानपुर स्थित हाथीपुर गांव में एंबुलेंस के साथ पहुंचे।

एंबुलेंस के पहुंचते ही चारों तरफ चींख पुकार मच गई

सन्नाटे के बीच एंबुलेंस के पहुंचते ही चारों तरफ चींख पुकार मच गई। परिजन एक दूसरे के कंधे पर सिर रखकर रोते हुए नजर आए। तो वहीं मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों ने एंबुलेंस से सबको उतार कर शव डीप फ्रीजर में रखवाया। गुरुवार को महाराजपुर स्थित ड्योढ़ी घाट में राजकीय सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उधर घटना की पल-पल की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ भी ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी शामिल होने के लिए गुरुवार को कानपुर पहुंचेंगे।

30 साल से फरार खालिस्तानी आतंकी मंगत सिंह गिरफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश एटीएस की नोएडा यूनिट और गाज़ियाबाद पुलिस की साहिबाबाद थाना टीम ने संयुक्त अभियान में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। टीम ने खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) से जुड़े मोस्ट वांटेड फरार आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को 30 वर्षों के लंबे फरारी के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मंगत सिंह की गिरफ्तारी को खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ चल रही कार्रवाई में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

25,000 का इनामी, चार गंभीर मामले दर्ज

मंगत सिंह पर गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा 25,000 का इनाम घोषित किया गया था। उसके खिलाफ थाना साहिबाबाद में दर्ज मामलों में टाडा, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और फिरौती जैसे चार गंभीर मुकदमे शामिल हैं। मंगत सिंह को 1993 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन 16 अगस्त 1995 को जमानत पर रिहा होने के बाद वह कानून से बचते हुए फरार हो गया था।

गुप्त सूचना से मिली गिरफ्तारी में सफलता

ATS को खुफिया इनपुट मिला था कि मंगत सिंह इस समय पंजाब के जिला अमृतसर के गांव टिम्मोवाल, थाना खिलचियाँ में छिपा हुआ है। इस सूचना को तकनीकी और सहयोगी एजेंसियों की मदद से पुष्ट किया गया और फिर एक संयुक्त अभियान चलाकर बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।गिरफ्तार आरोपी मंगत सिंह पुत्र गुरुदत्त, मूल रूप से गाज़ियाबाद का निवासी था और KCF का सक्रिय सदस्य रहा है।

परिवारिक पृष्ठभूमि भी आतंक से जुड़ी

गौरतलब है कि मंगत सिंह का सगा भाई संगत सिंह, खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख (चीफ) था, जिसकी वर्ष 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। मंगत सिंह भी उसी संगठन की गतिविधियों में वर्षों तक सक्रिय रूप से शामिल रहा।

अब होगा कानूनन हिसाब

मंगत सिंह को गिरफ्तारी के बाद गाज़ियाबाद लाया गया है और अब उससे संबंधित मामलों में आगे की कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है। एटीएस और स्थानीय पुलिस की इस सफलता को खालिस्तानी आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है।