/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1696693555832113.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1696693555832113.png StreetBuzz मवेशियों की मौत का मामला : कांग्रेस की जांच टीम पहुंची गांव, ग्रामीणों ने बताया – रात में डंप हो रहा रायपुर और बिरगांव का कचरा Raipur
मवेशियों की मौत का मामला : कांग्रेस की जांच टीम पहुंची गांव, ग्रामीणों ने बताया – रात में डंप हो रहा रायपुर और बिरगांव का कचरा

रायपुर- राजधानी से लगे उरला के कन्हेरा गांव में मवेशियों की मौत का कारण जानने कांग्रेस की जांच समिति आज घटना स्थल पहुंची. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू की अध्यक्षता में जांच समिति के सदस्यों ने घटना स्थल का जायजा लिया. जांच समिति के संयोजक पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने दूषित पशुआहार खाने से गायों की मृत्यु होने की आशंका जताई है. ग्रामीणों ने कांग्रेस की टीम को बताया कि रायपुर और बिरगांव नगर निगम का कचरा रात को लाकर गांव में डंप किया जाता है, जो जलस्रोतों को लगातार दूषित कर रहे हैं. इससे मवेशी और ग्रामीण बीमार पड़ रहे.

दरअसल आधे दर्जन मवेशियों की मौत का कारण गांव के आसपास फैक्ट्री के डंप किए गए वेस्ट को माना जा रहा है. न सिर्फ फैक्ट्री बल्कि बिरगांव और रायपुर नगर निगम का भी वेस्ट इसी गांव के आसपास के इलाकों में रात के अंधेरे में फेंक दिया जाता है. ऐसे ही खराब हो चुके भूसे की कुछ बोरियों को फेंका गया, जिसे मवेशियों ने खाया. इसी दूषित भूसे और दूषित पानी पीने से मवेशियों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है. जांच समिति के पहुंचने से पहले ही मवेशियों को उसी स्थान में दफना दिया गया था. साथ ही जिस भूसे को मवेशियों ने खाया था उसे भी जमीदोज कर दिया गया था.

जांच समिति के संयोजक पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि गांव में खराब भूसा लाकर फेंका गया था, जिसे खाकर मवेशियों की मौत हुई है. उन्होंने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि अधिकारियों और प्रशासन की लापरवाही से घटना घटी है, जिसका कड़ा विरोध कांग्रेस पार्टी कर रही है. कांग्रेस सरकार ने यही देखकर पशु संरक्षण के लिए गौठान खोले थे, जिसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया. उनके दाना चारा, पानी की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने मवेशियों के संरक्षण को सरकार के नियंत्रण से बाहर बताया है और गौठान का संचालन पुनः शुरू करने की मांग की है. वही पूर्व सांसद छाया वर्मा ने फैक्ट्री का संचालक रोकने और उचित जांच कर मामले में कार्रवाई की मांग की है.

कलेक्टर से शिकायत करेंगे स्थनीय जनप्रतिनिधि

कांग्रेस की जांच समिति ने कन्हेरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की. यहां ग्रामीणों ने बताया कि छह महीने पहले ट्रक हादसे में 8-10 गायों की एक साथ मौत हुई थी. इसी प्रकार आए दिन हादसे होते रहते हैं और बजरंग दल के लोग आकर मृत गायों को दफना देते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रायपुर और बिरगांव नगर निगम का कचरा रात को लाकर गांव में डंप किया जाता है. यही नहीं आसपास के होटल वालों का ख़राब खाना भी यही फेंका जाता है. ये सभी जलस्रोतों को लगातार दूषित कर रहे हैं, जिससे मवेशी ही नहीं गांव वालों का जीना भी मुश्किल हो चुका है. इस मामले में जल्द अब स्थानीय जनप्रतिनिधि कलेक्टर को आवेदन देकर समस्याओं का निवारण की मांग करेंगे.

धनेंद्र साहू के साथ जांच समिति के सदस्य पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनीता शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष पंकज शर्मा, जिला (ग्रामीण) कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष उधोराम वर्मा एवं बिरगांव नगर निगम के महापौर नंदलाल देवांगन सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता घटना स्थल पर पहुंचे थे.

करोड़ों की सरकारी भूमि का बंदरबांट : शिक्षक, पटवारी और जमीन दलाल ने मिलकर वेशकीमती जमीन का कौड़ियों के दाम में किया खरीद फरोख्त

महासमुंद-  जिले में शासकीय भूमि का फर्जीवाड़ा सामने आया है। करोड़ों की वेशकीमती जमीन को भू माफिया और जमीन दलालों ने मिलकर कौड़ियों में खरीदी फरोख्त की है। महज 100 रुपये के स्टांप पेपर पर जिस खसरे की नोटरी से लिखा-पढ़ी कराई है वो बड़े झाड़ का जंगल निकला। खरीदने वाला और कोई नहीं तीन शिक्षाकर्मी है, तो वहीं एक पटवारी है। इससे जिला प्रशासन और वन विभाग बेखबर है।

महासमुंद जिला मुख्यालय में इन दिनों भू माफिया और जमीन दलालों की नजरें सरकारी जमीनों पर है और इसमें राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों की संलिप्तता साफ तौर पर देखा जा सकता है। बीटीआई रोड गौरवपथ वन विद्यालय से लगे खसरा नंबर 102/5 1898 वर्ग फुट जमीन बड़े झाड़ का जंगल है। सालों पहले इस जमीन पर उषा देवांगन पति केशव देवांगन ने कब्जा कर घर बनाकर रहते थे, लेकिन उस दौरान जिला प्रशासन और ना ही वन विभाग ने कोई कार्रवाई की।

करोड़ों की शासकीय भूमि कौड़ियों के दाम

उषा देवांगन से कुर्मीपारा निवासी पटवारी अरविंद चंद्राकर ने अपनी पत्नी भूमिका चंद्राकर और भाभी भारती पति मोहित चंद्राकर के नाम पर 16 सितंबर 2024 को खसरा नंबर 102/4 का 598 वर्ग फुट जमीन की 100 और 20 रुपये के स्टांप पेपर पर नोटरी लिखा – पढ़ी करा कर कौड़ियों के भाव 10 लाख रुपए में खरीदा, लेकिन शासकीय कर्मचारियों और जमीन दलाल ने दुकानों का निर्माण खसरा नंबर 102/5 बड़े झाड़ के जंगल में किया है।

जमीन दलाल और शासकीय कर्मचारियों की मिलीभगत

इसी तरह जमीन दलाल महासमुंद कौशिक काॅलोनी निवासी कृष्णा कुमार साहू पिता स्व. जेठूराम साहू और महासमुंद नेमचंद गार्डन के पीछे रहने वाला विकास कुमार साहू पिता टिकाराम साहू के साथ मिलकर 17 सितंबर 2024 को सौदा पत्रक तैयार कराया. इसके बाद 21 सितंबर 2024 को उषा देवांगन से खसरा नंबर 102/4 का भाग में 1300 वर्ग फुट जमीन का 100 रुपये के स्टांप पेपर पर 30 लाख में जमीन खरीदी फरोख्त का नोटरी द्वारा लिखा-पढ़ी हुई है, लेकिन इन दोनों अब खसरा नंबर 102/5 भूमि पर व्यवसायिक दुकान का निर्माण करा रहा है।

ऐसे दिया गया फर्जीवाड़ा को अंजाम

जमीन दलाल कृष्णा कुमार साहू, पटवारी अरविंद चंद्राकर, विकास साहू और महासमुंद हल्का पटवारी ने मिलकर इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया। इन्होंने खसरा नंबर 102/4 को आबादी भूमि बताकर स्टांप पेपर में नोटरी से सौदा पत्रक तैयार कराया। इन्हें पता था कि शासकीय भूमि की नियमानुसार रजिस्ट्री नहीं हो सकती तो सभी ने सुनियोजित तरीके से खसरा नंबर 102/4 के बजाए दुकानों का निर्माण खसरा नंबर 102/5 में करने लगा। इन सभी को पता था कि, खसरा नंबर 102/4 नहीं बल्कि 102/5 है और जो राजस्व मद में बड़े झाड़ का जंगल दर्ज है।

पटवारी का कारनामा

भारती चंद्राकर पति मोहित और भूमिका पति अरविंद चंद्राकर ने वर्तमान हल्का पटवारी 42 खम्मनलाल साहू से नजरी – नक्शा की मांग की। पटवारी ने खरीदी फरोख्त के तीसरे महीने में यानी 11 नवंबर 2024 को खसरा नंबर 102/4 का भाग आबादी भूमि बताकर 598 वर्ग फुट जमीन का नजरी – नक्शा बनाकर दिया। ऐसे ही जमीन दलाल कृष्णा कुमार साहू और शिक्षाकर्मी विकास साहू को 1300 वर्ग फुट जमीन की खरीदी बिक्री के एक महीने बाद 15 अक्टूबर 2024 ठीक उसी जमीन का भाग और आबादी भूमि का कब्जेदार की मांग पर नजरी – नक्शा दिया गया। जब वन विभाग ने उक्त भूमि पर हो रहे निर्माण की जांच के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी से कहा तो पटवारी खम्मनलाल साहू और आरआई मनीष श्रीवास्तव मौका स्थल की नाप-जोख किया तो खसरा नंबर 102/5 बड़े झाड़ का जंगल निकला।

शासकीय जमीन का बंदरबांट करने वाले सरकारी मुलाजिम

अरविंद चंद्राकर हल्का पटवारी लभराकला में पदस्थ हैं। अरविंद चंद्राकर की भाभी भारती चंद्राकर सहायक शिक्षकी वर्ग – 3, प्राथमिक शाला साराड़ीह में पदस्थ हैं। इसी तरह भारती के पति मोहित चंद्राकर शिक्षक वर्ग -2 प्राथमिक शाला खिरसाली और विकास साहू वर्ग -1 एल बी शिक्षक बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम मोंगरापाली के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं।

सत्ता से जुड़े सफेदपोश की संलिप्तता

सत्ताधारी के सफेदपोश के रिस्तेदरा और छुटभैया नेता भी जमीन दलाली का काम कर रहे हैं। सफेदपोश के संरक्षण में ऐसे जमीनों का फर्जीवाड़ा हो रहा है। बाकायदा इसके लिए अफसरों पर दबाव भी बनाया जाता है। सफेद पोश के रिश्तेदार और छुटभैए नेताओं का डेरा अक्सर राजस्व विभाग के दफ्तरों में देखा जा सकता है। राजस्व विभाग में इनका इतना दबदबा है कि इनके इशारें में जमीन का डायवर्सन से लेकर खरीदी बिक्री हो या फिर शासकीय भूमि का कब्जा हो सभी में हिस्सा तय है। इन सबके कारण पूर्व में एक राजस्व अधिकारी ने सफेदपोश नेता के दबाव से तंग आकर अपना ट्रांसफर करा लिया।

राजस्व टीम भेजकर जांच कराएंगे : डीएफओ

इस मामले में महासमुंद डीएफओ पंकज राजपूत ने कहा, संबंधित भूमि राजस्व की है, जो लंबे समय से वन विद्यालय के लिए आरक्षित है। कुछ समय से एक कब्जाधारी निवास कर रहे थे। अभी वहां कंस्ट्रक्शन होता पाया गया है, जो पूरी तरह अवैध है। एसडीएम को इसकी सूचना दे दी गई है। राजस्व टीम भेजकर जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद हमारे और एसडीएम मिलकर कार्रवाई करेंगे। छोटे झाड़ जंगल पाया जाता है तो वन संरक्षण अधिनियम लागू होगा।

नक्सलियों के सामूहिक सरेंडर पर दोगुना इनाम : सीएम साय ने कहा – नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ विकास की मुख्यधारा से जुड़ें

रायपुर- नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को सरकार और अधिक प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तैयार नई नक्सल आत्मसमर्पण नीति के तहत सामूहिक आत्मसमर्पण करने वालों को न केवल घोषित इनाम की दोगुनी राशि मिलेगी, बल्कि नक्सल मुक्त घोषित ग्राम पंचायतों में एक करोड़ के विशेष विकास कार्य भी कराए जाएंगे।

नक्सली संगठन की किसी फॉर्मेशन इकाई के यदि 80 प्रतिशत या उससे अधिक सक्रिय सदस्य सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें उनके विरुद्ध घोषित इनामी राशि की दोगुनी राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जैसे अति नक्सल प्रभावित जिलों में यदि किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में सक्रिय समस्त नक्सली व मिलिशिया सदस्य आत्मसमर्पण करते हैं, और ग्राम पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किया जाता है, तो वहां एक करोड़ रूपए के विकासात्मक कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।

नई नीति के तहत यदि पति-पत्नी दोनों आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें पृथक इकाई मानते हुए अलग-अलग पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। हालांकि यदि किसी योजना में दोनों को एक इकाई माना जाता है, तो वहीं के अनुसार लाभ मिलेगा। इनामी राशि का निर्धारण दोनों के लिए पृथक रूप से किया जाएगा।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को राहत व सहायता राशि गृह विभाग के बजट से उपलब्ध कराई जाएगी। जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि आत्मसमर्पण के 10 दिनों के भीतर पूरी राशि संबंधित व्यक्ति को प्रदान कर दी जाए। यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली पर पहले से आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, तो उसके नक्सलवाद उन्मूलन में योगदान और 6 माह तक के अच्छे आचरण को देखते हुए मंत्रिपरिषद की उप समिति इन मामलों को समाप्त करने पर विचार कर सकती है।

दुर्ग में मासूम से दुष्कर्म और हत्या का मामला: DNA टेस्ट रिपोर्ट में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे, ASP बोले –सिगरेट और एसिड से जलाने की बात भ्रामक

दुर्ग-  6 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. डीएनए रिपोर्ट में रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई है. सोमेश यादव ही भयावह घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी पाया गया है. ASP सुखनंदन राठौर ने बताया कि उसने ही घटना को अंजाम दिया है. हालांकि हिरासत में लिए गए अन्य दो संदिग्धों के सैंपल और बच्ची के शव से लिए गए सैंपल मैच नहीं हुए हैं. इसके अलावा पीएम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सिगरेट और एसिड से जलाने वाली जानकारी को असत्य बताया, साथ ही ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स को भी झूठा करार दिया है.

हालांकि, पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या बच्ची के शव को कार में छिपाने या इस घटना में किसी अन्य व्यक्ति ने किसी प्रकार की सहायता की थी. साथ ही घटना की जानकारी और किसे थी, इसकी भी जांच की जा रही है.

एडिशनल एसपी ने बताया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बच्ची के साथ सेक्सुअल असाल्ट होना पाया गया है, जिसके चलते कार्डियक अरेस्ट के कारण बच्चे की मौत हुई है. सिगरेट से जलाने और एसिड वाली बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने नहीं आई है. कुछ मीडिया संस्थानों ने इन तरह की खबरे चलाई हैं, जो पूरी तरह असत्य है. 

आम लोगों पर भी एक्शन की तैयारी

पुलिस सोशल मीडिया में बच्ची का नाम, पता या चित्रण उजागर करने वाले लोगों के खिलाफ पर पोक्सो एक्ट की धारा के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. वहीं एडिशनल एसपी ने पीड़िता के परिजनों के सीबीआई और नार्को टेस्ट की मांग पर कहा कि हम पूरी प्रमाणिकता के साथ-साथ साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर भी जांच कर रहें हैं. परिजन हमें सहयोग कर रहे हैं और आगे की जांच कर रही है. 

बता दें कि नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याभोज के लिए सुबह करीब 9 बजे 6 साल की मासूम बच्ची घर से निकली थी, लेकिन शाम तक वह वापस नहीं लौटी. परेशान परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. खोजबीन करते हुए शाम को घर के पास पार्क में कार की डिक्की से बच्ची की लाश मिली. इसकी जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए और कार मालिक के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी.

घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण किया. पुलिस ने बच्ची के शव को जिला अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने लोगों को समझाइश देने के बाद संदेही तीन युवकों को हिरासत में लिया. परिजनों ने आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था.

छत्तीसगढ़ में पेट्रोल पंप के लिए लाइसेंस की जरूरत खत्म, पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट्स यानी पेट्रोल पंप के लिए राज्य स्तर पर लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यह बदलाव 14 नवंबर 2024 को खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना के जरिए लागू किया गया है। अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए व्यवसायियों को सिर्फ केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना होगा। पहले की दोहरी अनुमति की प्रक्रिया को हटाकर इसे आसान बना दिया गया है।

क्या बदला और क्यों है यह अहम

पहले पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए व्यवसायियों को कलेक्टर के माध्यम से खाद्य विभाग से क्रय विक्रय का लाइसेंस प्राप्त करना होता था। प्रत्येक वर्ष अथवा तीन वर्ष में एक बार लाइसेंस का रिन्यूवल कराना होता था। राज्य शासन और केंद्र, दोनों जगह से अनुमति लेने की दोहरी प्रक्रिया से समय और पैसा दोनों खर्च होते थे, साथ ही कागजी कार्रवाई भी बढ़ जाती थी। अब केवल केंद्र के नियमों का पालन करना काफी होगा। इससे व्यवसायियों को राहत मिलेगी और पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया तेज और सस्ती हो जाएगी। यह कदम छत्तीसगढ़ में व्यवसाय को बढ़ावा देने और नियमों को सरल बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है।

व्यवसायियों को कैसे होगा फायदा

अब कम कागजी कार्रवाई और एक ही स्तर की अनुमति से पेट्रोल पंप जल्दी शुरू हो सकेंगे। नए व्यवसायी, खासकर छोटे उद्यमी और तेल कंपनियां, बिना ज्यादा परेशानी के अपना काम शुरू कर सकेंगे। यह सुधार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पेट्रोल पंप खोलने को बढ़ावा देगा, जहां अभी ईंधन की पहुंच कम है।

राज्य और जनता को क्या लाभ

इस बदलाव से छत्तीसगढ़ में ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे लोगों को पेट्रोल-डीजल आसानी से मिल सकेगा। खासकर उन इलाकों में, जहां अभी पेट्रोल पंप कम हैं, वहां सुविधा बेहतर होगी। साथ ही, नए पेट्रोल पंप खुलने से राज्य में निवेश बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। यह सरकार के उस लक्ष्य को भी पूरा करता है, जिसमें व्यवसाय करने में आसानी और आर्थिक विकास पर जोर दिया गया है।

छत्तीसगढ़ बन रहा व्यवसाय के लिए आकर्षक

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल बनाने को लेकर गंभीर है। नियमों को सरल करके और अनावश्यक बाधाओं को हटाकर राज्य उद्योग, व्यवसाय को सहूलियत और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है। इससे न सिर्फ व्यवसायियों को फायदा होगा, बल्कि राज्य की जनता को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी। छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय से पेट्रोल पंप खोलना आसान हो गया है। यह कदम न केवल सभी क्षेत्रों में ईंधन की पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।

लोकल फॉर वोकल एवं स्वावलंबी भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश पांडेय के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने श्री पांडेय को नए दायित्व के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर राष्ट्रीय बांस मिशन अंतर्गत 10 महिला हितग्राहियों को बांस टूल किट प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि श्री पांडेय ने लंबे समय से संगठन में कार्य किया है। उनकी कुशल संगठन क्षमता के बारे में हम सभी अवगत हैं। निश्चित ही अब उनके अनुभवों का लाभ छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘स्वावलंबी भारत’ के निर्माण एवं स्थानीय रोजगार सृजन में खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हम सबको प्रेरित करते हैं। वे कहते हैं कि खादी हमारी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वे हर वर्ष एक बार स्वयं दुकान जाकर खादी का वस्त्र खरीदते हैं और पहनते हैं। छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के पास राष्ट्रीय बांस मिशन का भी कार्य है।उन्होंने कहा कि आज बांस से न केवल गुलदस्ते, ट्री गार्ड, बल्कि क्रैश बेरियर तक बनाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी हो रहा है। उन्होंने बेमेतरा जिले के एक गांव का उल्लेख किया, जहाँ बांस के ऊंचे मीनार और क्रैश बेरियर बनाए जा रहे हैं, जिसकी प्रशंसा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर दौरे पर आए थे, तब महिला स्व-सहायता समूह की बहनों ने उन्हें बांस से निर्मित गुलदस्ता भेंट किया, जिसकी उन्होंने सराहना की। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि इन उत्पादों में रंगों का उपयोग किया जाए, तो उनका आकर्षण और मूल्य दोनों ही बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे उत्पादों को अधिक आकर्षक और बाज़ार योग्य बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए और मुझे विश्वास है कि बोर्ड इस दिशा में आगे बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर मोदी की एक और गारंटी को पूर्ण करने की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में "अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र" के लिए कॉमन सर्विस सेंटर सेवा प्रदाता एवं सरपंचों के मध्य एमओयू किया गया है। आगामी 24 अप्रैल पंचायत दिवस से इन केंद्रों में नगद भुगतान की सुविधा प्रारंभ होगी। इन केंद्रों से विभिन्न प्रमाण पत्र भी प्राप्त किए जा सकेंगे और ग्रामवासियों को अनेक वित्तीय सेवाओं का लाभ एक ही स्थान पर मिलेगा। इससे लोगों को विकासखंड एवं जिला मुख्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा। इस सुविधा का विस्तार चरणबद्ध रूप से सभी ग्राम पंचायतों में किया जाएगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हर घर खादी पहुंचे, इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश पांडेय को नए दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, गजेंद्र यादव, अमर अग्रवाल, अनुज शर्मा, धरमलाल कौशिक, प्रेमप्रकाश पांडेय, पूर्व सांसद सरोज पांडेय सहित विभिन्न निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्षगण, गणमान्य नागरिकगण एवं छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के महाअधिवेशन में हुए शामिल

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज रायपुर राज के 79वें महाधिवेशन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम नरदहा में कुर्मी समाज के सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रुपये की घोषणा की।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी और प्रदेश की महान विभूतियों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, तथा छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष खोड़स राम कश्यप सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज एक परिश्रमी और आत्मनिर्भर समाज है, जो परंपरागत रूप से खेती-किसानी से जुड़ा रहा है और विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत किए गए वायदों में से अधिकांश वायदे हमारी सरकार द्वारा अल्पकाल में ही पूर्ण किए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र प्रारंभ किए जा रहे हैं। इसके लिए आज एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा 24 अप्रैल, पंचायत दिवस से प्रारंभ होगी, और इसका विस्तार चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के दूसरे ही दिन गरीबों के लिए 18 लाख पक्के मकानों की स्वीकृति दी गई। कुर्मी समाज के कृषक हितों को ध्यान में रखते हुए, किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान की खरीदी की गई, साथ ही पिछले दो वर्षों का धान बोनस भी किसानों को दिया गया।

महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दो दिन पूर्व केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें फोन कर यह जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के लिए 3.5 लाख नए आवास और स्वीकृत किए जा रहे हैं। इससे हम और अधिक जरूरतमंदों को पक्का आवास उपलब्ध कराकर घर के सपने को साकार कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, जो पूर्व में बंद कर दी गई थी, अब पुनः प्रारंभ की जा चुकी है, ताकि हमारे बुजुर्ग अपने इच्छित तीर्थ स्थलों की यात्रा कर सकें। उन्होंने कहा कि जीवन में एक बार तीर्थ करने की इच्छा हर बुजुर्ग की होती है, लेकिन आर्थिक कारणों से यह सपना अधूरा रह जाता है, जिसे अब हम साकार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को 4000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये किया गया है। वनवासी भाइयों के पैरों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए, चरण पादुका योजना को वर्ष 2025-26 के बजट में पुनः शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में लगातार प्रभावी कार्य कर रही है। इस अवसर पर समाज के गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी श्रद्धांजलि

रायपुर- भारत रत्न, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी रायपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर सांसद श्री अग्रवाल ने सबसे पहले मेकाहारा अस्पताल पहुंचकर मरीजों को फल वितरित किए और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। तत्पश्चात कलेक्ट्रेट चौक स्थित बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा,

"डॉ. बाबा साहब अंबेडकर का जीवन हमें यह सिखाता है कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों की सेवा ही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने आगे कहा, "बाबा साहब का जीवन वंचितों, पीड़ितों और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के उत्थान के लिए समर्पित था। उनका मानना था कि जो समाज कमजोर की सेवा नहीं करता, वह अपने अधिकारों का भी सम्मान नहीं कर सकता।"

उन्होंने यह भी कहा कि, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने डॉ. बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न देकर उन्हें यथोचित सम्मान दिया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश उनके आदर्शों पर चलते हुए सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की ओर तेजी से अग्रसर है।" इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र के लिए आयोजित एमओयू कार्यक्रम को किया संबोधित

रायपुर-  भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में मोदी की एक और गारंटी पूरी होने जा रही है। प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में 24 अप्रैल, पंचायत दिवस से नगद भुगतान सहित अन्य डिजिटल सेवाएं शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड की 10-10 ग्राम पंचायतों में "अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र" के लिए एमओयू किया गया।

इन सुविधा केंद्रों में ग्रामीणों को अब बहुत सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकेंगी। वे अपने खाते से आसानी से पैसे निकाल सकेंगे, अपने खाते से किसी अन्य के खाते में पैसे भेज सकेंगे, बिजली-पानी बिल का भुगतान कर सकेंगे तथा पेंशन-बीमा जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ अपने पंचायतों में ही ले सकेंगे।

अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के सेवा प्रदाताओं और सरपंचों के बीच आज एमओयू हुआ। यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित किया गया। इन सुविधा केंद्रों के आरंभ होने से ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए विकासखंड और जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। गांव में ही उन्हें बहुत-सी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। मोदी की गारंटी की एक और गारंटी पूरी करने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा शुरू करने का वादा किया था, जो अब पूरा होने जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने सवा साल में ही मोदी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा किया है। चाहे किसानों के लिए 3100 रुपये में धान खरीदी हो या पिछले दो वर्षों का धान बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना, बुजुर्गों के लिए रामलला दर्शन, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का पुनः प्रारंभ, या 5 लाख 62 हजार कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये देने का वादा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्राम पंचायतों में शुरू हो रहे इन सुविधा केंद्रों से किसान धान का भुगतान, महतारी वंदन योजना, पेंशन तथा अन्य योजनाओं की राशि का भुगतान ले सकेंगे, साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य सुविधाओं का भी लाभ ले सकेंगे।

आवास सर्वे की सूची में हर जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति का नाम हो शामिल, योजना का मिले लाभ

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर किसी का पक्का मकान हो। पिछली सरकार के कार्यकाल में 18 लाख हितग्राही आवास से वंचित रह गए थे। शपथ लेने के दूसरे दिन हमने कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी। अभी तक हमें केंद्र से 14 लाख आवास मिले हैं। दो दिन पूर्व केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए साढ़े तीन लाख आवास स्वीकृत करने जा रहे हैं। सभी को आवास मिले, इसके लिए हमने "आवास प्लस प्लस" सर्वे में पात्रता के दायरे को बढ़ाया है, जिससे हर किसी के घर का सपना पूरा हो सके।

उन्होंने कार्यक्रम से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस प्लस का सर्वे 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक हो रहा है। इस सर्वे की सूची में सभी जरूरतमंद और पात्र हितग्राहियों का नाम शामिल हो, ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके।

गांव-गांव में वाटर हार्वेस्टिंग की अपील

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गांव-गांव में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग अपनाने की अपील की।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पंचायतों में वित्तीय सुविधा को बढ़ावा देने के लिए अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र एक मील का पत्थर साबित होगा। इनसे निश्चित ही एक ही स्थान पर रेलवे टिकट बुकिंग हो या छात्रवृत्ति, पेंशन राशि का आहरण की सुविधा ग्राम पंचायतों में ही उपलब्ध होगी। इससे हम ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी बनाने के संकल्प को पूरा कर सकते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भू-जल का गिरता स्तर बहुत ही चिंताजनक है। इसके लिए गांव-गांव में भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु विभाग से अलग से एसओपी जारी किया जा रहा है। हम जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करेंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों से भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्य करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री साय प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के सर्वे अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान जिला मुख्यालयों में सांसद, विधायक, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सरपंच सहित नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में जिन पंचायतों में पहले से PMAY-G पंचायत एंबेसडर हैं, उन्हें विशेष रूप से कार्यक्रम में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। जिन पंचायतों में अब तक कोई PMAY-G पंचायत एंबेसडर नियुक्त नहीं हुआ है, वहाँ उपयुक्त व्यक्ति को चयनित कर एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) अंतर्गत चल रहे सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा "मोर दुवार साय सरकार" महाभियान (15 अप्रैल से 30 अप्रैल) की जानकारी हितग्राहियों को दी गई। साथ ही ग्राम पंचायतों के भू-जल स्तर के संबंध में जानकारी दी गई तथा वॉटर हार्वेस्टिंग बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों को संकल्प दिलाया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस., पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, विशेष सचिव तारण प्रकाश सिन्हा, आयुक्त मनरेगा एवं संचालक पीएमएवाई ग्रामीण रजत बंसल, संचालक पंचायत प्रियंका महोबिया उपस्थित थीं।

छत्तीसगढ़ में सिसकोल का सशक्त योगदान: रोजगार और कौशल विकास के जरिए भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को दे रहा आकार

रायपुर- छत्तीसगढ़ में स्टील सेक्टर की प्रमुख कंपनी, स्टील इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (सिसकोल), अब एक सशक्त परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभरी है। इसने राज्य को आधुनिक रोजगार, कौशल विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में नवाचार का नया केंद्र बना दिया है। हाल ही में आयोजित मीडिया राउंडटेबल के दौरान, सिसकोल ने राज्य और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अपने योगदान की प्रेरणादायक कहानी साझा की।

छत्तीसगढ़ का सशक्तिकरण: रोजगार और कौशल विकास के लिए बढ़ते अवसर

बता दें कि सिसकोल ने अपनी परियोजनाओं और संचालन में 3,000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार दिया है, जिनमें फैब्रिकेशन स्टाफ, कॉन्ट्रैक्ट कामगार, परियोजना प्रबंधन पेशेवर, और टेक्नोक्रेट शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2019 से 2024 के बीच, कंपनी ने 28.75% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज की है। भिलाई, जो अब एक महत्वपूर्ण रोजगार केंद्र बन गया है, में 2,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आजीविका के अवसर बढ़े हैं। कंपनी ने 2027 तक 1,270 नई नौकरियों के सृजन का अनुमान जताया है, जो समावेशी और सतत क्षेत्रीय विकास की दिशा में सिसकोल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सिसकोल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, रवि उप्पल ने कहा, “हम जो भी संरचनाएं बनाते हैं, उनमें छत्तीसगढ़ की भावना, इंजीनियरिंग की सटीकता और विकास का वादा निहित होता है। हम केवल स्टील संरचनाओं का निर्माण नहीं कर रहे, बल्कि हम जिंदगियों को संवार रहे हैं, रोजगार को सशक्त बना रहे हैं और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को तेज कर रहे हैं।”

भविष्य निर्माण के लिए कौशल विकास

सिसकोल न केवल अपनी निर्माण परियोजनाओं के लिए कार्यबल का निर्माण कर रहा है, बल्कि कंपनी विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कर्मचारियों को भविष्य के लिए तैयार भी कर रही है। ये कार्यक्रम मैन्युफैक्चरिंग, वेल्डिंग, सुरक्षा, उत्पादकता और नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं और ये कार्यक्रम स्थानीय युवाओं को औद्योगिक कौशल प्रदान करने पर जोर देते हैं, जो राष्ट्रीय कौशल मिशनों से जुड़े हुए हैं।

विरासत के साथ लीडरशिप

सिसकोल के नेतृत्व में रवि उप्पल (चेयरमैन और प्रबंध निदेशक), के. राजगोपाल (निदेशक- वित्त) और वाय एस रेड्डी (निदेशक- परिचालन) की टीम ने वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाकर क्षेत्रीय परिवर्तन के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है। कंपनी की नेतृत्व शैली और कार्यशैली को लेकर उनकी पहचान आज भारतीय स्टील उद्योग में एक मिसाल बन चुकी है।

भारत के हृदय से राष्ट्रीय योगदान

छत्तीसगढ़ में अपनी गहरी मौजूदगी के साथ सिसकोल आज भारत के भविष्य और इंफ्रास्ट्रक्चर को आकार देने में अहम भूमिका निभा रहा है। सिसकोल का स्ट्रक्चरल स्टील भारत की कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं का अभिन्न हिस्सा है, जिनमें शामिल हैं:

हवाई अड्डे: दिल्ली, नोएडा और बेंगलुरु (T2)

गगनचुंबी इमारतें और कॉमर्शियल निर्माण: डीएलएफ मॉल द्वारका, यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, आईटीपीएल बेंगलुरु, फेयरमोंट होटल बाय श्रेम, अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम राउरकेला, उच्च विशेषता अस्पताल राउरकेला, पटना मेडिकल कॉलेज और आईआईटी भिलाई

औद्योगिक सुविधाएं: टाटा स्टील, रिलायंस, अदाणी, थिसेनक्रुप, लॉयड्स, एएमएनएस, पारादीप रिफाइनरी

परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर: मुम्बई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल, चेन्नई और पुणे मेट्रो, और प्रमुख पुल जो गंगा, यमुना, हिंडन और मलप्रभा नदियों पर बने हैं।

क्षेत्रीय एसएमई परिदृश्य में सिसकोल की अलग पहचान

146 से अधिक स्टील फैब्रिकेटर वाले क्षेत्र में, सिसकोल की पहचान एक तेजी से बढ़ती धातु प्रसंस्करण कंपनी के रूप में बन चुकी है। कंपनी की मासिक उत्पादन क्षमता 8,000 मीट्रिक टन/माह (100,000 मीट्रिक टन/वर्ष) से अधिक है। सिसकोल की क्रिसिल ए-रेटेड कंपनी है, और इसका ₹780 करोड़ का ऑर्डर इनटेक वित्त वर्ष 2024-25 में है।

सिसकोल डिज़ाइन से लेकर स्थापना तक एकीकृत सेवाएं प्रदान करता है, जो मुख्य रूप से फैब्रिकेशन पर केंद्रित हैं। कंपनी रोबोटिक वेल्डिंग, जीपीएस ट्रैकिंग, और स्मार्ट इंस्पेक्शन टूल्स जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करती है।

स्थानीय और क्षेत्रीय मीडिया से संवाद

सिसकोल के लिए यह केवल एक कॉर्पोरेट कहानी नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध यात्रा और भविष्य के अवसरों की कहानी है। कंपनी ने मीडिया भागीदारों को इस परिवर्तनकारी यात्रा का हिस्सा बनने और इसे साझा करने का निमंत्रण दिया। सिसकोल का मानना है कि इस प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्थानीय उद्यम को राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं से जोड़ने का एक प्रमुख माध्यम है।

सिसकोल के बारे में

सिसकोल, जो 2017 में स्थापित हुआ था, भारत की सबसे तेजी से विकसित होती स्ट्रक्चरल स्टील समाधान प्रदाता कंपनियों में से एक है। इसके पास 3,000 से अधिक कर्मचारियों की एक मजबूत टीम है, और वित्त वर्ष 2024-25 में ₹780 करोड़ के ऑर्डर प्रक्रिया के तहत है। सिसकोल अपनी मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं को भिलाई, वडोदरा, और हैदराबाद में संचालित करता है और बेंगलुरु, चेन्नई, भिलाई, और हैदराबाद में डिज़ाइन और इंजीनियरिंग केंद्र संचालित करता है।

सिसकोल का स्ट्रक्चरल स्टील देश की कुछ सबसे प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में उपयोग हो रहा है, जिनमें हवाई अड्डे, पुल, ऊंची इमारतें, स्टेडियम, औद्योगिक संयंत्र, मेट्रो और डेटा सेंटर शामिल हैं। कंपनी अपने उच्च वॉल्यूम और उच्च परिशुद्धता वाली स्टील संरचनाओं के लिए जानी जाती है, जो समय पर गुणवत्ता से समझौता किए बिना प्रदान की जाती हैं।

वैश्विक लीडरशिप का अनुभव रखने वाली उद्योग के दिग्गजों की एक टीम के नेतृत्व में, सिसकोल इंजीनियरिंग उत्कृष्टता, उन्नत मैन्युफैक्चरिंग और क्षेत्रीय प्रभाव का संयोजन करते हुए, भिलाई से लेकर पूरे देश के विकास को आकार दे रहा है।