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शाह और जयशंकर ने की राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात, पहलगाम अटैक के बीच लाल फाइल दे रही खास संकेत

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पहलगाम हमले के बाद केन्द्र सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में है। देश की राजधानी में घटनाएं तेजी से घट रही है। दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। सर्वदलीय बैठक से पहले अमित शाह और विदेश मंत्री जयशंकर इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।

लाल रंग की फाइलें क्या कह रही?

राष्ट्रपति भवन ने बैठक की एक तस्वीर शेयर करते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।'

इस तस्वीर में अमित शाह और जयशंकर जब राष्‍ट्रपत‍ि से मुलाकात कर रहे थे तो उनके हाथ में लाल रंग की फाइलें देखी गईं। आमतौर पर सरकारी बैठकों में लाल या हरी रंग फाइलें बेहद संवेदनशील और सीक्रेट डॉक्‍यूमेंट के ल‍िए होती हैं।

पीएम मोदी ने दी चेतावनी

गृहमंत्री और विदेश मंत्री एक साथ राष्ट्रपति से मिलते हैं, खासकर ऐसे समय में जब पीएम ने कड़ा बयान दिया है। गुरूवार को बिहार के मधुबनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र का एक्शन जारी

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमले के बाद बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। वहीं अटारी बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है। जबकि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ पाकिस्तान के राजनायिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही सेना को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

पहलगाम अटैक के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्री श्रीनगर रवाना


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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। पीएम फिलहाल सऊदी अरब दौरे पर हैं, लेकिन वो वहां से पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह से बात करके घटनास्थल जाने को कहा। उन्होंने गृहमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। इसके बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं।

आतंकियों के बख्शा नहीं जाएगा-पीएम मोदी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पीएम मोदी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।

शाह श्रीनगर रवाना

इसस पहले प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की और उनसे सभी उचित कदम उठाने को कहा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव मौजूद हैं जबकि सीआरपीएफ डीजी, जम्मू कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। हमले के बाद गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात भी की। वहीं, पीएम मोदी के निर्देश के बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं। 

अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा।

राजनाथ सिंह ने की हमले की निंदा

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा करते हुए कहा, पहलगाम (जम्मू और कश्मीर) में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ। निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और अत्यधिक निंदनीय कृत्य है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।

अगले चैत्र-नवरात्रि तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा, बस्तर में अमित शाह की हुंकार

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर हैं। शनिवार की दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले विमान से बस्तर पहुंचे। यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए। ‘बस्तर पंडुम’ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने दावा किया है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक लाल आतंक का खत्मा हो जाएगा।

हथियार छोड़ने का अल्टीमेटम

‘बस्तर पंडुम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे दिन चले गए जब यहां गोलियां चलती थीं और बम धमाके होते थे। इसलिए मैं एक बार फिर नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं जिनके हाथ में हथियार है वो और जिनके हाथ में हथियार नहीं है वो, सब मुख्यधारा में लौट आएं क्योंकि कोई भी नक्सली मारा जाता है किसी को आनंद नहीं होता है।

आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते-शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में यहां नहीं हुआ वो हमारे प्रधानमंत्री पांच साल में यहां देना चाहते हैं। मोदी सरकार में बस्तर नक्सलमुक्त हो रहा है और विकास का स्वर्णिम कालखंड देख रहा है। शाह ने कहा कि हर किसी को घर में चावल पहुंच रहा है। ये तभी हो सकता है जब लोग तय करें कि हमारे गांव नक्सल मुक्त होगा। ऐसे गांव को नक्सल मुक्त घोषित करेंगे और विकास के लिए 1 करोड़ रुपये देंगे। आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते। आप भी विकास में हिस्सेदार बनें।

बस्तर ओलंपिक का आयोजन हर साल होगा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, कुछ लोग कहते थे कि बस्तर पंडुम से क्या हासिल होगा। शायद उन्हें मालूम नहीं है कि अनेकता में एकता ही भारत की ताकत है। भारत की ताकत अनेक प्रकार की संस्कृतियों का समागम है। यहां की परंपराएं, कलाएं, भाषा, बोलियां, विविध प्रकार के व्यंजन यह सब यह सब मिलकर भारत बनता है। यह कांग्रेस को अब तक नहीं पता है। भारत दुनिया की हर स्पर्धा में टक्कर के साथ खड़ा रहेगा पर हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित करेंगे। बस्तर पंडुम से इसकी शुरुआत है। पंडुम की तरह ही हर साल बस्तर ओलंपिक भी होगा।

गैर-मुस्लिम संशोधन के बाद नई समिति का हिस्सा नहीं होंगे, वक्फ बिल पर लोकसभा में बोले अमित शाह

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लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश हो गया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया। सरकार की ओर पक्ष रखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से ढेर सारी भ्रांतियां सदस्यों के मन में भी हैं और इन्हें फैलाने का प्रयास भी हो रहा है। 

सदन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है। एक प्रकार से इसकी आज की भाषा में व्याख्या करें तो ये एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोमेंट है। भारत का जहां तक सवाल है तो दिल्ली में सल्तनत काल के प्रारंभ में पहली बार वक्फ अस्तित्व में आया। बाद में चैरिटेबल प्रॉपर्टी एक्ट चला। आजादी के बाद 1954 में बदलाव किया गया। इसके बाद आगे चलकर वक्फ बोर्ड बना। ये पूरा झगड़ा जो चल रहा है वो इसमें दखल करना का है।

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां कई सदस्यों के मन में है और सदन के माध्यम से कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है। ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। मैं कुछ बातों को स्पष्ट करने का प्रयास करूंगा।

'वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं'

केंद्रीय मंत्री शाह ने सदन में दो टूक कहा कि सबसे पहले, वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है।

'कांग्रेस ने दिल्ली लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं'

गृह मंत्री ने कहा, वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा। ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चलती रहे। अब ये नहीं चलेगा। अमित शाह ने कहा कि 2013 का जो संशोधन आया, वो नहीं आया होता तो आज ये संशोधन लाने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस सरकार ने दिल्ली लूटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। 

'विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा'

सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 2013 में किया संशोधन सिर्फ पांच घंटे के बाद हुआ था, इस बार दोनों सदनों में 16 घंटे चर्चा हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि- विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा है। वक्फ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि निकाय नहीं है और ये बिल जन कल्याण के लिए है, वोटबैंक के लिए हैं। 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी और 2013 से 2025 तक 21 लाख भूमि बढ़ गई है। इसमें 2013 के बाद खासी बढ़ोत्तरी हुई है। अमित शाह ने कहा कि लोगों को डराया जा रहा है कि पूर्वव्यापी प्रभाव से आएगा। इस विधेयक के पहले तीन पेज और धाराएं पढ़ ली होतीं तो पता चल जाता।

अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि अमित शाह ने ले ली चुटकी, बोले-आप तो 25 साल अध्यक्ष रहेंगे

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कई महीनों के विवाद के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक बार फिर लोकसभा के पटल पर पेश किया गया है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी देशों ने इस बिल पर विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने भी इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में भाषण के दौरान अखिलेश सत्तापक्ष पर जमकर बरसे हैं। हालांकि, बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी को लेकर कुछ ऐसा बोल कि अमित शाह ने उल्टे उनकी ही चुटकी ले ली।

दरअसल, वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा।उन्होंने कहा कि ये जो बिल लाया जा रहा है बीजेपी में तो मुकाबला चल रहा है कि बीजेपी के अंदर खराब हिंदू कौन बड़ा है। ये बात मैं ऐसे नहीं कह रहा हूं। जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी हो अध्यक्ष महोदय वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक। बीजेपी क्या है?

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसा तो बीजेपी की तरफ से मोर्चा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल लिया। वो अखिलेश के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है इसलिए मैं भी हंसते-हंसते ही जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको 5 में से ही चुनना है। एक ही परिवार से चुनना है। माननीय अध्यक्ष जी करोड़ों सदस्यों में से 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया करके चुनना है तो देर लगती है। आपके यहां जरा भी देर नहीं लगेगी। मैं कह देता हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ। नहीं बदल सकता।

जब अमित शाह ने उन्हें 25 साल वाला आशीर्वाद दिया तो अखिलेश ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनके पास बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद मेज थपथपाकर शाह की बात का स्वागत करते दिखे।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

आज आतंकी जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं, राज्यसभा में अमित शाह की हुंकार

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गृह मंत्री अमित शाह ने आज (21 मार्च) राज्यसभा में मोदी सरकार के 10 सालों में देश की सुरक्षा व्यवस्था में हुए कार्यों को गिनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में तीन बड़े नासूरों को उखाड़ फेंका। ये तीन नासूर थे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की समस्या, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद।

पार्लियामेंट में बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की सरकारों पर करारा हमला क‍िया। अमित शाह ने कहा, जब गृह मंत्रालय की चर्चा होती है तब देश में 2014 के पहले से कई सारे मुद्दे थे, जो मोदी सरकार को मिले। इस देश का विकास तीन समस्याओं की वजह से रुका था। ये नासूर थे, जो देश की शांति में खलल डाल रहे थे। चार दशक से देश में 3 नासूर थे। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पहला नासूर था। दूसरा नक्सलवाद और उत्तर पूर्व उग्रवाद तीसरा नासूर था। हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया। पहले की सरकार आतंकी हमलों को भूल जाती थी।

अमेर‍िका-इजरायल के बाद सिर्फ भारत ऐसा कर सकता है- अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। हमने आतंकवाद के करारा जवाब दिया है। पहले हमलों के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी और मामले लंबित रहते थे। लेकिन मोदी के सत्ता में आने के बाद, पुलवामा हमले के 10 दिनों के भीतर ही हमने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया। पूरी दुनिया में केवल दो ही देश हैं जो अपनी सीमाओं और रक्षा बलों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका, और प्रधानमंत्री मोदी ने इस सूची में हमारे महान राष्ट्र का नाम भी जोड़ दिया है।

पहले आतंकियों का महिमामंडन होता था- अमित शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि हमने एक देश में दो विधान को खत्म किया। पहले की सरकार ने वोट बैंक की वजह से अनुच्छेद 370 नहीं हटाया। अब लालचौक पर तिरंगा फहरा रहा है। पहले आतंकवादियों के जुलूस निकलते थे। अब आतंकी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं। दस साल पहले आतंकियों का महिमामंडन होता था।

वामपंथी उग्रवाद की बात

वामपंथी उग्रवाद की बात करते हुए अमित शाह ने कहा, ये तो तिरुपति से पशुपतिनाथ तक एक करने का सपना देखते थे। तीनों समस्याओं को एक साथ गिना जाए तो चार दशक में इनके कारण देश के 92 हजार नागरिक मारे गए। मोदी सरकार आने से पहले तक इनके उन्मूलन को कोशिश कभी नहीं की गई। इस काम को मोदी सरकार आने के बाद किया गया।

31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म होगा-अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा मकसद नक्सलवाद को खत्म करना हैं। उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म होगा। जहां सूर्य भी नहीं पहुंचते वहां हमारे जवान तैनात हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के एक ही साल में 380 नक्सली मारे गए, जिसमें कल के 30 जोड़ना बाकी है। 1145 नक्सली गिफ्तार हुए और 1045 नक्सलियों ने सरेंडर किया। ये सब करने में 26 सुरक्षाबल हताहत हुए। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए थे।

घुसपैठियों की अब खैर नहीःआज लोकसभा में पेश होगा ये बिल


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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश करेंगे। इस कानून के लागू होने के बाद भारत में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होगी। इस बिल के कानून बनने के बाद इमिग्रेशन और विदेशी नागरिकों से जुड़े चार पुराने कानूनों को खत्म कर दिया जाएगा। इनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल हैं।

यह बिल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को कड़े नियमों के दायरे में लाने का प्रस्ताव करता है। इसमें प्रावधान किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति की मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनती है या फिर वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में अवैध रूप से नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

इसके अलावा, अगर किसी विदेशी नागरिक के प्रवेश से भारत के किसी अन्य देश के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं, तो उसे देश में आने से रोका जा सकता है। जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट या दूसरे ट्रेवल डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल या देने वाले पर दो साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे बढ़ाकर सात साल किया जा सकता है।

विधेयक में कम से कम एक लाख का जुर्माना, जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है. इसका भी प्रस्ताव किया जा सकता है। वीजा अवधि से ज्यादा समय तक रुकने पर तीन साल की कैद और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

पाकिस्तान में मारा गया बारत का एक और दुश्मन, कुलभूषण जाधव के आरोपी की हत्या

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पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन ढेर हो गया है। बलूचिस्तान के तुर्बत में मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी। शाह मीर मस्जिद के बाहर हमला हुआ। इस दौरान हमलावरों ने उस पर अंधाधुंल गोलियां बरसा दीं। बताया जा रहा है कि शाह मीर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के अपहरण में भी शामिल था।

शाह मीर शुक्रवार को नमाज पढ़कर के बाद मस्जिद से बाहर आ रहा था। इसी दौरान हमलावरों ने उस पर अंधाधुंल गोलियां बरसा दीं। शाह को गंभीर हालत में तुर्बत के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। स्थानीय पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया है। अभी तक इस हत्या के पीछे का मकसद पता नहीं चल सका है।

पाकिस्तान की मीडिया ने मुफ्ती शाह मीर को तुर्बत और बलूचिस्तान का जानामाना धार्मिक विद्वान बताया है। शाह को पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के मेंबर और सीनियर नेता मौलाना फजलुर्रहमान का करीबी माना जाता था। दूसरी ओर ये दावा भी किया जाता है कि शाह पर बलूचिस्तान में आतंक को बढ़ावा देने के आरोप थे। वह पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के तौर पर काम करता था। आईएसआई के एजेंट के तौर पर भारत के नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाने में भी उसका हाथ होने का दावा किया जाता है।

मुफ्ती शाह मीर ने आईएसआई के इशारे पर अफगानिस्तान में भी अपनी पैठ बनाई थी। वहां उसने खुद को एक आतंकवादी के रूप में पेश किया और पाकिस्तानी फौज को सटीक जानकारियां दीं। पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे गुटों से जुड़ी सटीक जानकारी शाह मीर ने आईएसआई को दी। इन्हीं जानकारियों के आधार पर पाकिस्तानी फौज ने हाल के दिनों में इन गुटों पर बड़ी कार्रवाई भी की।

तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा शुरू कर दो...', भाषा विवाद के बीच अमित शाह का स्टालिन पर तंज

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भाषा को लेकर तमिलनाडु और केन्द्र सरकार आमने-सामने हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पिछले कुछ दिनों से लगातार केंद्र सरकार पर नेशनल एजूकेशन पॉलिसी के जरिए तमिलनाडु में हिंदी को अनिवार्य करने और तमिल भाषा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं। अब तक शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने स्टालिन के हमले को लेकर मोर्टा समभाल रखा था। ब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर पलटवार किया। उन्होंने स्टालिन से राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा शुरू करने की बात कही है।

भाषा के मुद्दे विशेष रूप से स्टालिन के हिंदी विरोध को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बदलाव किए और अब यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के उम्मीदवार अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा दे सकें।

शाह ने दावा किया कि एमके स्टालिन ने तमिल भाषा के विकास के संबंध में पर्याप्त काम नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए अपनी भर्ती नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। शाह ने कहा, अभी तक सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) भर्ती में मातृभाषा के लिए कोई जगह नहीं थी। पीएम मोदी ने फैसला किया है कि हमारे युवा अब तमिल सहित आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में सीएपीएफ परीक्षा दे सकेंगे। मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से भी आग्रह करना चाहता हूं कि वे जल्द से जल्द तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में कदम उठाएं।

क्या है केंद्र और राज्य के बीच विवाद?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है। बीते दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तमिलनाडु में लागू करने से स्टालिन के इनकार पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं स्टालिन, केंद्र सरकार पर जबरन राज्य में इसे लागू करने का आरोप लगा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र सरकार की तरफ से उसे फंड नहीं दिया जाएगा।

स्टालिन ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार जबरन तमिलनाडु पर हिंदी थोपना चाह रही है। इसके कारण कई क्षेत्रीय भाषाएं पहले ही खत्म हो चुकी हैं, हम अपने यहां की भाषाएं खत्म नहीं होने देंगे।

शाह और जयशंकर ने की राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात, पहलगाम अटैक के बीच लाल फाइल दे रही खास संकेत

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पहलगाम हमले के बाद केन्द्र सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में है। देश की राजधानी में घटनाएं तेजी से घट रही है। दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। सर्वदलीय बैठक से पहले अमित शाह और विदेश मंत्री जयशंकर इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।

लाल रंग की फाइलें क्या कह रही?

राष्ट्रपति भवन ने बैठक की एक तस्वीर शेयर करते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।'

इस तस्वीर में अमित शाह और जयशंकर जब राष्‍ट्रपत‍ि से मुलाकात कर रहे थे तो उनके हाथ में लाल रंग की फाइलें देखी गईं। आमतौर पर सरकारी बैठकों में लाल या हरी रंग फाइलें बेहद संवेदनशील और सीक्रेट डॉक्‍यूमेंट के ल‍िए होती हैं।

पीएम मोदी ने दी चेतावनी

गृहमंत्री और विदेश मंत्री एक साथ राष्ट्रपति से मिलते हैं, खासकर ऐसे समय में जब पीएम ने कड़ा बयान दिया है। गुरूवार को बिहार के मधुबनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र का एक्शन जारी

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमले के बाद बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। वहीं अटारी बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है। जबकि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ पाकिस्तान के राजनायिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही सेना को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

पहलगाम अटैक के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्री श्रीनगर रवाना


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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। पीएम फिलहाल सऊदी अरब दौरे पर हैं, लेकिन वो वहां से पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह से बात करके घटनास्थल जाने को कहा। उन्होंने गृहमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। इसके बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं।

आतंकियों के बख्शा नहीं जाएगा-पीएम मोदी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पीएम मोदी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।

शाह श्रीनगर रवाना

इसस पहले प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की और उनसे सभी उचित कदम उठाने को कहा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव मौजूद हैं जबकि सीआरपीएफ डीजी, जम्मू कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। हमले के बाद गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात भी की। वहीं, पीएम मोदी के निर्देश के बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं। 

अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा।

राजनाथ सिंह ने की हमले की निंदा

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा करते हुए कहा, पहलगाम (जम्मू और कश्मीर) में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ। निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और अत्यधिक निंदनीय कृत्य है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।

अगले चैत्र-नवरात्रि तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा, बस्तर में अमित शाह की हुंकार

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर हैं। शनिवार की दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले विमान से बस्तर पहुंचे। यहां उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन किए। ‘बस्तर पंडुम’ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने दावा किया है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक लाल आतंक का खत्मा हो जाएगा।

हथियार छोड़ने का अल्टीमेटम

‘बस्तर पंडुम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे दिन चले गए जब यहां गोलियां चलती थीं और बम धमाके होते थे। इसलिए मैं एक बार फिर नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं जिनके हाथ में हथियार है वो और जिनके हाथ में हथियार नहीं है वो, सब मुख्यधारा में लौट आएं क्योंकि कोई भी नक्सली मारा जाता है किसी को आनंद नहीं होता है।

आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते-शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में यहां नहीं हुआ वो हमारे प्रधानमंत्री पांच साल में यहां देना चाहते हैं। मोदी सरकार में बस्तर नक्सलमुक्त हो रहा है और विकास का स्वर्णिम कालखंड देख रहा है। शाह ने कहा कि हर किसी को घर में चावल पहुंच रहा है। ये तभी हो सकता है जब लोग तय करें कि हमारे गांव नक्सल मुक्त होगा। ऐसे गांव को नक्सल मुक्त घोषित करेंगे और विकास के लिए 1 करोड़ रुपये देंगे। आप बस्तर का विकास नहीं रोक सकते। आप भी विकास में हिस्सेदार बनें।

बस्तर ओलंपिक का आयोजन हर साल होगा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, कुछ लोग कहते थे कि बस्तर पंडुम से क्या हासिल होगा। शायद उन्हें मालूम नहीं है कि अनेकता में एकता ही भारत की ताकत है। भारत की ताकत अनेक प्रकार की संस्कृतियों का समागम है। यहां की परंपराएं, कलाएं, भाषा, बोलियां, विविध प्रकार के व्यंजन यह सब यह सब मिलकर भारत बनता है। यह कांग्रेस को अब तक नहीं पता है। भारत दुनिया की हर स्पर्धा में टक्कर के साथ खड़ा रहेगा पर हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित करेंगे। बस्तर पंडुम से इसकी शुरुआत है। पंडुम की तरह ही हर साल बस्तर ओलंपिक भी होगा।

गैर-मुस्लिम संशोधन के बाद नई समिति का हिस्सा नहीं होंगे, वक्फ बिल पर लोकसभा में बोले अमित शाह

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लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश हो गया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया। सरकार की ओर पक्ष रखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से ढेर सारी भ्रांतियां सदस्यों के मन में भी हैं और इन्हें फैलाने का प्रयास भी हो रहा है। 

सदन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है। एक प्रकार से इसकी आज की भाषा में व्याख्या करें तो ये एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोमेंट है। भारत का जहां तक सवाल है तो दिल्ली में सल्तनत काल के प्रारंभ में पहली बार वक्फ अस्तित्व में आया। बाद में चैरिटेबल प्रॉपर्टी एक्ट चला। आजादी के बाद 1954 में बदलाव किया गया। इसके बाद आगे चलकर वक्फ बोर्ड बना। ये पूरा झगड़ा जो चल रहा है वो इसमें दखल करना का है।

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां कई सदस्यों के मन में है और सदन के माध्यम से कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है। ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। मैं कुछ बातों को स्पष्ट करने का प्रयास करूंगा।

'वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं'

केंद्रीय मंत्री शाह ने सदन में दो टूक कहा कि सबसे पहले, वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है।

'कांग्रेस ने दिल्ली लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं'

गृह मंत्री ने कहा, वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा। ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चलती रहे। अब ये नहीं चलेगा। अमित शाह ने कहा कि 2013 का जो संशोधन आया, वो नहीं आया होता तो आज ये संशोधन लाने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस सरकार ने दिल्ली लूटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। 

'विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा'

सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 2013 में किया संशोधन सिर्फ पांच घंटे के बाद हुआ था, इस बार दोनों सदनों में 16 घंटे चर्चा हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि- विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़का रहा है। वक्फ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि निकाय नहीं है और ये बिल जन कल्याण के लिए है, वोटबैंक के लिए हैं। 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी और 2013 से 2025 तक 21 लाख भूमि बढ़ गई है। इसमें 2013 के बाद खासी बढ़ोत्तरी हुई है। अमित शाह ने कहा कि लोगों को डराया जा रहा है कि पूर्वव्यापी प्रभाव से आएगा। इस विधेयक के पहले तीन पेज और धाराएं पढ़ ली होतीं तो पता चल जाता।

अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि अमित शाह ने ले ली चुटकी, बोले-आप तो 25 साल अध्यक्ष रहेंगे

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कई महीनों के विवाद के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 एक बार फिर लोकसभा के पटल पर पेश किया गया है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी देशों ने इस बिल पर विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने भी इस बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में भाषण के दौरान अखिलेश सत्तापक्ष पर जमकर बरसे हैं। हालांकि, बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी को लेकर कुछ ऐसा बोल कि अमित शाह ने उल्टे उनकी ही चुटकी ले ली।

दरअसल, वक्फ बिल पर बोलते हुए अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में देरी को लेकर तंज कसा।उन्होंने कहा कि ये जो बिल लाया जा रहा है बीजेपी में तो मुकाबला चल रहा है कि बीजेपी के अंदर खराब हिंदू कौन बड़ा है। ये बात मैं ऐसे नहीं कह रहा हूं। जो पार्टी ये कहती हो कि दुनिया की सबसे बड़ी हो अध्यक्ष महोदय वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाए अबतक। बीजेपी क्या है?

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसा तो बीजेपी की तरफ से मोर्चा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल लिया। वो अखिलेश के भाषण के बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अखिलेश जी ने हंसते-हंसते कहा है इसलिए मैं भी हंसते-हंसते ही जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि सामने जितनी पार्टियां हैं उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको 5 में से ही चुनना है। एक ही परिवार से चुनना है। माननीय अध्यक्ष जी करोड़ों सदस्यों में से 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया करके चुनना है तो देर लगती है। आपके यहां जरा भी देर नहीं लगेगी। मैं कह देता हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष हो जाओ। नहीं बदल सकता।

जब अमित शाह ने उन्हें 25 साल वाला आशीर्वाद दिया तो अखिलेश ठहाके लगाकर हंसने लगे। उनके पास बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद मेज थपथपाकर शाह की बात का स्वागत करते दिखे।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

आज आतंकी जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं, राज्यसभा में अमित शाह की हुंकार

#amitshahrajya_sabha

गृह मंत्री अमित शाह ने आज (21 मार्च) राज्यसभा में मोदी सरकार के 10 सालों में देश की सुरक्षा व्यवस्था में हुए कार्यों को गिनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में तीन बड़े नासूरों को उखाड़ फेंका। ये तीन नासूर थे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की समस्या, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद।

पार्लियामेंट में बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की सरकारों पर करारा हमला क‍िया। अमित शाह ने कहा, जब गृह मंत्रालय की चर्चा होती है तब देश में 2014 के पहले से कई सारे मुद्दे थे, जो मोदी सरकार को मिले। इस देश का विकास तीन समस्याओं की वजह से रुका था। ये नासूर थे, जो देश की शांति में खलल डाल रहे थे। चार दशक से देश में 3 नासूर थे। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पहला नासूर था। दूसरा नक्सलवाद और उत्तर पूर्व उग्रवाद तीसरा नासूर था। हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। हमने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया। पहले की सरकार आतंकी हमलों को भूल जाती थी।

अमेर‍िका-इजरायल के बाद सिर्फ भारत ऐसा कर सकता है- अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। हमने आतंकवाद के करारा जवाब दिया है। पहले हमलों के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी और मामले लंबित रहते थे। लेकिन मोदी के सत्ता में आने के बाद, पुलवामा हमले के 10 दिनों के भीतर ही हमने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया। पूरी दुनिया में केवल दो ही देश हैं जो अपनी सीमाओं और रक्षा बलों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका, और प्रधानमंत्री मोदी ने इस सूची में हमारे महान राष्ट्र का नाम भी जोड़ दिया है।

पहले आतंकियों का महिमामंडन होता था- अमित शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि हमने एक देश में दो विधान को खत्म किया। पहले की सरकार ने वोट बैंक की वजह से अनुच्छेद 370 नहीं हटाया। अब लालचौक पर तिरंगा फहरा रहा है। पहले आतंकवादियों के जुलूस निकलते थे। अब आतंकी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं। दस साल पहले आतंकियों का महिमामंडन होता था।

वामपंथी उग्रवाद की बात

वामपंथी उग्रवाद की बात करते हुए अमित शाह ने कहा, ये तो तिरुपति से पशुपतिनाथ तक एक करने का सपना देखते थे। तीनों समस्याओं को एक साथ गिना जाए तो चार दशक में इनके कारण देश के 92 हजार नागरिक मारे गए। मोदी सरकार आने से पहले तक इनके उन्मूलन को कोशिश कभी नहीं की गई। इस काम को मोदी सरकार आने के बाद किया गया।

31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म होगा-अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा मकसद नक्सलवाद को खत्म करना हैं। उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म होगा। जहां सूर्य भी नहीं पहुंचते वहां हमारे जवान तैनात हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के एक ही साल में 380 नक्सली मारे गए, जिसमें कल के 30 जोड़ना बाकी है। 1145 नक्सली गिफ्तार हुए और 1045 नक्सलियों ने सरेंडर किया। ये सब करने में 26 सुरक्षाबल हताहत हुए। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए थे।

घुसपैठियों की अब खैर नहीःआज लोकसभा में पेश होगा ये बिल


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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश करेंगे। इस कानून के लागू होने के बाद भारत में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होगी। इस बिल के कानून बनने के बाद इमिग्रेशन और विदेशी नागरिकों से जुड़े चार पुराने कानूनों को खत्म कर दिया जाएगा। इनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल हैं।

यह बिल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को कड़े नियमों के दायरे में लाने का प्रस्ताव करता है। इसमें प्रावधान किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति की मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनती है या फिर वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में अवैध रूप से नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

इसके अलावा, अगर किसी विदेशी नागरिक के प्रवेश से भारत के किसी अन्य देश के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं, तो उसे देश में आने से रोका जा सकता है। जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट या दूसरे ट्रेवल डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल या देने वाले पर दो साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे बढ़ाकर सात साल किया जा सकता है।

विधेयक में कम से कम एक लाख का जुर्माना, जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है. इसका भी प्रस्ताव किया जा सकता है। वीजा अवधि से ज्यादा समय तक रुकने पर तीन साल की कैद और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

पाकिस्तान में मारा गया बारत का एक और दुश्मन, कुलभूषण जाधव के आरोपी की हत्या

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पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन ढेर हो गया है। बलूचिस्तान के तुर्बत में मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी। शाह मीर मस्जिद के बाहर हमला हुआ। इस दौरान हमलावरों ने उस पर अंधाधुंल गोलियां बरसा दीं। बताया जा रहा है कि शाह मीर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के अपहरण में भी शामिल था।

शाह मीर शुक्रवार को नमाज पढ़कर के बाद मस्जिद से बाहर आ रहा था। इसी दौरान हमलावरों ने उस पर अंधाधुंल गोलियां बरसा दीं। शाह को गंभीर हालत में तुर्बत के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। स्थानीय पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया है। अभी तक इस हत्या के पीछे का मकसद पता नहीं चल सका है।

पाकिस्तान की मीडिया ने मुफ्ती शाह मीर को तुर्बत और बलूचिस्तान का जानामाना धार्मिक विद्वान बताया है। शाह को पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के मेंबर और सीनियर नेता मौलाना फजलुर्रहमान का करीबी माना जाता था। दूसरी ओर ये दावा भी किया जाता है कि शाह पर बलूचिस्तान में आतंक को बढ़ावा देने के आरोप थे। वह पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के तौर पर काम करता था। आईएसआई के एजेंट के तौर पर भारत के नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाने में भी उसका हाथ होने का दावा किया जाता है।

मुफ्ती शाह मीर ने आईएसआई के इशारे पर अफगानिस्तान में भी अपनी पैठ बनाई थी। वहां उसने खुद को एक आतंकवादी के रूप में पेश किया और पाकिस्तानी फौज को सटीक जानकारियां दीं। पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे गुटों से जुड़ी सटीक जानकारी शाह मीर ने आईएसआई को दी। इन्हीं जानकारियों के आधार पर पाकिस्तानी फौज ने हाल के दिनों में इन गुटों पर बड़ी कार्रवाई भी की।

तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा शुरू कर दो...', भाषा विवाद के बीच अमित शाह का स्टालिन पर तंज

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भाषा को लेकर तमिलनाडु और केन्द्र सरकार आमने-सामने हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पिछले कुछ दिनों से लगातार केंद्र सरकार पर नेशनल एजूकेशन पॉलिसी के जरिए तमिलनाडु में हिंदी को अनिवार्य करने और तमिल भाषा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं। अब तक शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने स्टालिन के हमले को लेकर मोर्टा समभाल रखा था। ब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर पलटवार किया। उन्होंने स्टालिन से राज्य में तमिल में इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा शुरू करने की बात कही है।

भाषा के मुद्दे विशेष रूप से स्टालिन के हिंदी विरोध को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बदलाव किए और अब यह सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के उम्मीदवार अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा दे सकें।

शाह ने दावा किया कि एमके स्टालिन ने तमिल भाषा के विकास के संबंध में पर्याप्त काम नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए अपनी भर्ती नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। शाह ने कहा, अभी तक सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) भर्ती में मातृभाषा के लिए कोई जगह नहीं थी। पीएम मोदी ने फैसला किया है कि हमारे युवा अब तमिल सहित आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में सीएपीएफ परीक्षा दे सकेंगे। मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से भी आग्रह करना चाहता हूं कि वे जल्द से जल्द तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में कदम उठाएं।

क्या है केंद्र और राज्य के बीच विवाद?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है। बीते दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तमिलनाडु में लागू करने से स्टालिन के इनकार पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं स्टालिन, केंद्र सरकार पर जबरन राज्य में इसे लागू करने का आरोप लगा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र सरकार की तरफ से उसे फंड नहीं दिया जाएगा।

स्टालिन ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार जबरन तमिलनाडु पर हिंदी थोपना चाह रही है। इसके कारण कई क्षेत्रीय भाषाएं पहले ही खत्म हो चुकी हैं, हम अपने यहां की भाषाएं खत्म नहीं होने देंगे।