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पीएम से लेकर सीएम तक...गंभीर मामलों में गिरफ्तारी पर छोड़ना होगा पद, संसद में आज अहम विधेयक पेश करेगी सरकार

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अहम बिल पेश करने जा रही है। इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा। ये प्रस्तावित कानून केवल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर ही नहीं, बल्कि केंद्र के मंत्रियों और प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा।

अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा कानूनों में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिससे गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत की स्थिति में ऐसे नेताओं को उनके पद से हटाया जा सके। इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार ने ये तीन विधेयक तैयार किए हैं।

संसद में आज जो बिल पेश किए जाएंगे, ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

30 दिन लगातार हिरासत में रहने पर छोड़ना होगा पद

संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज़ 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार यदि कोई मंत्री 30 दिन लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उस पर ऐसा आरोप है जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे। अगर प्रधानमंत्री 31वें दिन तक यह सलाह नहीं देते तो भी वह मंत्री अपने आप पद से मुक्त हो जाएगा।

प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा ये नियम

इसी तरह प्रधानमंत्री पर भी नियम और कड़े होंगे। अगर पीएम लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा। अगर इस्तीफा नहीं देते तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे। हालांकि, ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री रिहाई के बाद दोबारा नियुक्त हो सकते हैं। यही प्रावधान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा।

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इन विधेयकों के जरिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा विपक्ष को कमजोर करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि केंद्र की एजेंसियों से विपक्षी नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराया जाए और फिर नए कानून के तहत उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।

बेंगलुरु भगदड़ पर बड़ा खुलासा, सरकार ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, जानें क्या-क्या कहा?

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रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के आईपीएल 2025 की ट्रॉफी जीतने की खुशी में बेंगलुरु में समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगदड़ मच गई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे। अब इस मामले में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। चिन्नास्वामी भगदड़ के मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट में सारा दोष आरसीबी प्रबंधन पर डाला गया है। सरकार ने उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फ्रेंचाइजी ने विजय परेड का आयोजन एकतरफा और पुलिस की पूर्व अनुमति के बिना किया था।

पुलिस के इनकार के बाद आरसीबी ने इवेंट को आगे बढ़ाया

कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरसीबी ने तीन जून को अहमदाबाद में अपनी जीत के बाद सोशल मीडिया पर सुबह 7:01 बजे एक पोस्ट के जरिए मुफ्त प्रवेश और विक्ट्री परेड की घोषणा की। यह परेड विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खत्म होनी थी। यह घोषणा बिना पुलिस की अनुमति के की गई थी। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने तीन जून की शाम 6:30 बजे पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन अपेक्षित भीड़, व्यवस्था और संभावित जोखिमों की जानकारी न होने के कारण कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद आरसीबी ने अपने इवेंट को आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप भारी भीड़ जमा हुई और गेट नंबर 1, 2 और 21 पर भगदड़ मच गई।

सोशल मीडिया पर परेड की घोषणा

रिपोर्ट में आरसीबी और उसके आयोजकों की ओर से कई चूकों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट भी शामिल हैं। फ्रेंचाइजी ने 4 जून को सुबह 7:01 बजे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशंसकों के लिए एक खुला निमंत्रण पोस्ट किया, जिसमें विजय परेड के लिए मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश की घोषणा की गई। सुबह 8 बजे एक और पोस्ट किया गया। सुबह 8:55 बजे, आरसीबी के आधिकारिक हैंडल पर विराट कोहली का एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें प्रशंसकों को टीम के साथ जश्न मनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है- इसके बाद 04.06.2025 को सुबह 8:55 बजे, आरसीबी ने आरसीबी टीम के एक प्रमुख खिलाड़ी विराट कोहली का एक वीडियो क्लिप आरसीबी के आधिकारिक हैंडल पर साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि टीम इस जीत का जश्न बेंगलुरु शहर के लोगों और आरसीबी प्रशंसकों के साथ 04.06.2025 को बेंगलुरु में मनाना चाहती थी।

विराट कोहली तक पहुंचेगी जांच की आंच?

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में भीड़ जमा होने के पीछे विराट कोहली का वीडियो भी एक बड़ा कारण था। बताया गया है कि विराट, जो कि बड़े खिलाड़ी हैं, ने वीडियो के माध्यम से लोगों से विक्ट्री परेड में आने के लिए अपील की थी। यही वजह है कि बड़ी संख्या में फैंस जमा हो गए।

कानपुर सीएमओ सस्पेंशन पर हाईकोर्ट की रोक, 19 जून के निलंबन आदेश को अंतरिम राहत
लखनऊ। कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को तगड़ा झटका दिया है। न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने 19 जून 2025 को जारी किए गए निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार और अन्य पक्षों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

याचिका दायर करने वाले डॉ. हरिदत्त ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी विभागीय जांच और सुनवाई के पद से हटाया गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि उसी दिन विपक्षी पार्टी संख्या-3 को सीएमओ पद पर तैनात कर दिया गया, जो नियमों के विरुद्ध है।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने दलील दी कि डॉ. हरिदत्त को केवल माइनर पेनल्टी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, न कि निलंबन के लिए। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि याचिकाकर्ता की दलीलों में दम है। निलंबन आदेश बिना उचित प्रक्रिया और UP Govt. Servants (Discipline & Appeal) Rules, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत पारित किया गया प्रतीत होता है।
इस आधार पर अदालत ने 19 जून को पारित दोनों निलंबन आदेशों (Annexure 1 और 2) पर रोक लगा दी है। अब राज्य सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
अब बांग्लादेश की बारी, गंगा संधि की समीक्षा की तैयारी मे मोदी सरकार, पड़ोसी देश पर डाला दबाव

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भारत को पड़ोसी देश उसे आंखे दिखाने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में भारत सरकार ने भी इनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौते को निलंबित कर दिया है। अब मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया है।

बांग्लादेश को पहुंचाया संदेश

भारत ने बांग्लादेश के साथ भी गंगा जल संधि पर फिर दोबारा विचार शुरू कर दिया है। बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि की मियाद अगले साल ही पूरी होने वाली है। ऐसे में भारत ने अभी से बांग्लादेश को यह संदेश पहुंचा दिया है कि उसे अपनी जरूरत पूरा करने लिए और पानी चाहिए। भारत ने अपने समकक्ष को बताया है कि उसे अपनी विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है।

छोटी अवधी के लिए हो सकती है नई संधि

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अगर संधि बढ़ी भी तो पहली जितनी लंबी अवधि के लिए नहीं होगी। नई संधि संभवतः छोटी अवधि की होगी, जो 10 से 15 वर्ष तक चलेगी। छोटी अवधि दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने में लचीलापन और अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देगी।

बता दें कि गंगा जल संधि पर 12 दिसम्बर 1996 को हस्ताक्षर किये गये थे, जिसमें जल बंटवारे, विशेष रूप से कम वर्षा वाले मौसम में फरक्का बैराज के आसपास जल बंटवारे पर जोर दिया गया था।

पहलगाम हमले के बाद स्थिति बदली

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि पहले सरकार गंगा जल संधि को पहले की तरह 30 साल के लिए बढ़ाना चाहती थी। लेकिन, पहलगाम की घटना के बाद स्थिति बदल गई। मई में बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी। अधिकारी ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक थी, जो साल में दो बार होती है। इस बैठक में भारत ने अपने लिए पानी की जरूरत के बारे में बताया।

कैसे होता है गंगा जल संधि के तहत पानी का बंटवारा

1996 की गंगा जल संधि के अनुसार अगर फरक्का में पानी की उपलब्धता 70,000 क्यूसेक या उससे कम रहती है, तो दोनों देशों को आधा-आधा पानी मिलता है। लेकिन, अगर यह उपलब्धता 70,000 क्यूसेक से 75,000 क्यूसेक के बीच होता है तो बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक और भारत को बाकी हिस्सा मिलता है। लेकिन, अगर पानी की उपलब्धता 75,000 क्यूसेक या उससे भी ज्यादा होता है तो भारत उसका 40,000 क्यूसेक हिस्सा इस्तेमाल कर सकता है और बाकी प्रवाह बांग्लादेश को जाता है

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

कुंभ भगदड़ पर राहुल गांधी का सरकार को घेरा, बोले-आंकड़ों में छुपाई गई गरीबों की लाशें

#rahulgandhisaysupgovtsuppressedmahakumbhdeath 

इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। महाकुंभ हादसे में मरने वालों की तादाद को लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार को घर रहा है।विपक्ष का आरोप रहा है कि वहां हुई भगदड़ व हादसों में मृतकों के आंकड़ों को छुपाया गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दबा दी गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

आंकड़े गायब कर दो, ज़िम्मेदारी भी खत्म-राहुल गांधी

बीबीसी के हवाले से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि बीजेपी सरकार का यही तरीका है-'आंकड़े गायब कर दो, तो ज़िम्मेदारी भी खत्म हो जाती है।' राहुल ने आरोप लगाया कि यही खेल कोविड महामारी के समय भी हुआ था, जब गरीबों की लाशें गंगा किनारे बहती मिलीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतें बहुत कम बताई गईं। 

मृतकों के आंकड़े छिपाना 'बीजेपी मॉडल'-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता का कहना था कि हर बड़े रेल हादसे के बाद भी यही होता है, असली आंकड़े छुपा दिए जाते हैं। हादसे के बाद मृतकों के आंकड़े छिपाने को उन्होंने 'बीजेपी मॉडल' करार देते हुए कहा कि गरीबों की गिनती नहीं तो जवाबदेही भी नहीं।

अखिलेश यादव ने भी लगाया झूठ बोलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग "झूठे आंकड़े" पेश करते हैं, जनता के विश्वास के लायक नहीं हैं।

बीबीसी ने रिपोर्ट में क्या?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उसने कुंभ के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े बताए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ में कम से कम 82 लोगों की जान गई जबकि सरकार ने कहा कि 37 लोगों की मौत हुई है।

लालू यादव का नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप, बोले-कानून व्यवस्था का किया अंतिम संस्कार

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राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीखा वार किया है। लालू यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर नीतीश सरकार को आंकड़े दिखाकर घेरने की कोशिश की है।लालू यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये आंकड़ों का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने कानून व्यवस्था का अंतिम संस्कार कर दिया है।

नीतीश के शासनकाल में 65,000 हत्याएं ?

लालू यादव ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही है? क्या नीतीश जानते, पहचानते व समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? नीतीश-बीजेपी ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही।

लालू का नीतीश सरकार पर जारी है हमला

इससे पहले भी लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। तीन दिन पहले सात जून को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं। अफसरशाही मदमस्त हैं। सरकार बेहोश है और महंगाई रिकॉर्डतोड़ है।राज्य गरीबी, बेरोजगारी, पलायन बढ़ गई है। 20 वर्षों की इस एनडीए सरकार ने बिहार का बंटाधार कर दिया है।

बिहार में आपराध के बढ़े मामले

दरअसल, बिहार में हाल की घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में मुजफ्फरपुर में एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या, पटना सिटी में डबल मर्डर, आरा में ज्वेलरी लूटकांड समेत बिहार के अलग-अलग जिलों में अपराध के बढ़ते मामले लगातार बिहार में कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों वीआईपी इलाके में खुलेआम हुई फायरिंग की घटना ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने का काम किया है।

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में प्रवेश शुरू, जानिए कब तक ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन…

दुर्ग- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में सत्र 2025-26 के तहत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में नियमित प्रवेश के लिए ऑनलाइन प्रवेश 5 जून से शुरू हो गया है. छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबबसाइट www.durguniversity.ac.in पर जाकर अथवा http://durg1.ucanapply.com के जरिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं.

विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रथम चरण के लिए 5 जून से शुरू हुई प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी, 16 जून को मेरिट सूची जारी की जाएगी. इसके बाद 16 से 20 जून तक सूची में शामिल छात्र प्रवेश ले सकते हैं. इसके बाद दूसरे चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 21 से 30 जून तक चलेगी. एक जुलाई को मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी.

मेरिट लिस्ट में शामिल छात्र एक जुलाई से 7 जुलाई तक प्रवेश ले सकते हैं. इसी तरह तृतीय चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 8 से 21 जुलाई तक चलेगी. मेरिट लिस्ट 22 जुलाई को जारी की जाएगी. चयनित छात्र 22 से 31 जुलाई तक महाविद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं.

महाविद्यालयों में सीटें रिक्त होने की स्थिति में कुलपति की अनुमति से प्रवेश की अंतिम तिथि 14 अगस्त है. बीसीए, बीबीए, बीएससी. गृह विज्ञान, बीए, डीसीए कक्षाओं के लिए प्रवेश आवेदन पोर्टल खोला जा रहा है. इसी तरह से प्राइवेट विद्यार्थियों के अलग से पंजीयन पोर्टल खोला जाएगा. जिसके लिए वेबसाइट www.durguniversity.ac.in का अवलोकन करने कहा गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि प्रवेश आवेदन फार्म पूर्णतः निःशुल्क है. छात्रों को ABC (Academic Bank of Credit) आईडी (Link:- http://www.abc.gov.in) बनाना अनिवार्य है. ABC (Academic Bank of Credit) आई.डी. बनाने के पश्चात ही विद्यार्थी प्रवेश आवेदन फार्म भर सकेंगे.

साइंस कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (साइंस कॉलेज) में 6 जून से प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ शुरू हो गई है. प्रथम सेमेस्टर विज्ञान संकाय के अंतर्गत जीव विज्ञान के समस्त समूह, गणित संकाय के समस्त समूह, वाणिज्य संकाय, कला संकाय तथा कम्प्यूटर साइंस विषय हेतु प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक विद्यार्थी सांइस कॉलेज की वेबसाइट www.govtsciencecollegedurg.ac.in पर प्रवेश के लिए लिंक पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे मोहम्मद यूनुस, इमरजेंसी मीटिंग के बाद “यूटर्न

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे।बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलों के बीच बुलाई गई आपात बैठक के बाद ये साफ हो गया है कि यूनुस फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। उनके मंत्रिमंडल के एक सलाहकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। दो दिन पहले यूनुस के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा था कि वह इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। अब उन्होंने इसे पूरी तरह से नकार दिया है।

शनिवार को सलाहकार परिषद की एक गैर-निर्धारित बैठक के बाद योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने कहा कि यूनुस ने यह नहीं कहा था कि वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि हमें सौंपे गए काम और जिम्मेदारियों को पूरा करने में कई बाधाएं आ रही हैं, लेकिन हम उन पर काबू पाने की कोशिश रहे हैं। वहीदुद्दीन महमूद ने आगे कहा- वे निश्चित रूप से बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी सलाहकार कहीं नहीं जा रहा है क्योंकि हमें सौंपी गई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है; हम इस कर्तव्य को नहीं छोड़ सकते। यह बयान ऐसे समय आया है जब यूनुस के इस्तीफे की अटकलें दो दिन पहले सामने आई थीं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को अपने प्रशासन, राजनीतिक दलों और सेना के बीच बढ़ती असहजता की समीक्षा के लिए सलाहकार परिषद की एक बैठक बुलाई थी। इससे पहले यूनुस ने मुख्य सलाहकार के पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने बदलाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति न बन पाने के कारण काम करने में आ रहीं परेशानियों का हवाला दिया था।

देश की राजनीति इस समय अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटाए जाने के बाद से हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। विरोधी पार्टियों, छात्र संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने पिछले कुछ दिनों में ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन तेज कर दिया है। यूनुस की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को भंग कर दिया है और उसके कई वरिष्ठ नेताओं को जेल भेज दिया है। इधर बीएनपी की मांग है कि जल्द से जल्द चुनाव की तारीख घोषित की जाए। पार्टी ने इस सप्ताह बड़े प्रदर्शन भी किए हैं। साथ ही, उन्होंने कैबिनेट से छात्र प्रतिनिधियों को हटाने की मांग की है, जबकि एनसीपी ने दो सलाहकारों को हटाने की बात कही है, जिन पर बीएनपी के हित में काम करने का आरोप है।

सुशासन तिहार : जशपुर जिले के दोकड़ा गांव पहुंचे सीएम साय, पीएम आवास के हितग्राहियों को सौंपी चाबी, बोर्ड टॉपर्स का किया सम्मान

रायपुर-  सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रदेश के कोने-कोने में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने निकले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उड़नखटोला आज उनके गृह जिले जशपुर के दोकड़ा ग्राम में उतरा। यहाँ समाधान शिविर में उन्होंने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की हकीकत जानी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमनागरिको को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आपके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी है। विगत डेढ़ वर्ष में विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार बनते ही पहले केबिनेट में पीएम आवास के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार आवास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 3 लाख आवास के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। अम्बिकापुर में केंद्रीय पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका मकान पक्का नहीं है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। एसईसीसी और आवास प्लस के सर्वे में जिनका भी नाम है सभी का मकान बनेगा। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के लिए इस वर्ष बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया। 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, दो साल का बकाया बोनस की राशि भी दी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि देना शुरू किया है। महतारी वन्दन योजना से महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार की राशि देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तेन्दूपत्ता के हितग्राहियों को लाभान्वित करने 4000 एकड़ प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना अंतर्गत अयोध्या में प्रभु राम के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को भेजने के साथ ही अब मुख्यमंत्री तीर्थ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में हमारे प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक कोई भी व्यक्ति देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में निःशुल्क जा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाकर नामान्तरण की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। अब नामान्तरण के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सेवाएं उपलब्ध होगी। किसानों को गाँव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी 24 अप्रैल को प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने स्वयं भी देखा है कि इस सेवा का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। इस अवसर पर पत्थलगांव की विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि यह सुशासन का साक्ष्य है, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार घर-घर पहुँच रही है। गाँव की समस्याओं को सुनकर दूर किया जा रहा है। केंद्र और राज्य की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने के लिए सरकार लगी है। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख 32 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों में से एक लाख 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है। जशपुर जिले में 54 क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदन के आधार पर हितग्राहियों को योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। कुछ मांग शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से हर आवेदन के निराकरण की कोशिश की गई। ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3258 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

कमी को नोटकर ठीक करने के दे रहे निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा किया गया है। उन योजनाओं के तहत कार्य हुआ है या नहीं, इसे धरातल में जानने के लिए दौरा कर रहे हैं। आज जशपुर जिले के दोकड़ा आया हूँ, यह मेरा 21वां जिला है। मेरे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी समाधान शिविरों में जा रहे हैं। मैं आकस्मिक निरीक्षण के तहत प्रदेश के हर दूरस्थ अंचलों में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ। पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहा हूँ। सभी जगह व्यवस्था ठीक है और जहाँ कोई कमी है उसे नोटकर अधिकारियों को कमी ठीक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

दोकड़ा में कॉलेज,पीएचसी का उन्नयन, मिनी स्टेडियम सहित अन्य कार्यों की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम दोकड़ा को अपना गाँव घर बताया और यहाँ के लोगों को अपना। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें 4 बार सांसद बनाया। मैनी नदी में पुल यहाँ के लोगों की प्रमुख मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। अभी जो माँग आई है उसे भी पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए राशि 20 लाख देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा भी की।

पीएम आवास की चाबी,समूह को चेक का किया वितरण मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद और सामग्री का वितरण

जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को अनेक सौगातें दी। उन्होंने पीएम आवास के हितग्राही बिकेश्वर राम, सुमेर सिंह से संवाद किया। पीएम आवास के हितग्राही सुमेर सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को अपने घर भी आमंत्रित किया। समाधान शिविर में राशनकार्ड प्राप्त करने वाले परमेश्वर राम, किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही संजय शर्मा ने भी समस्या का समाधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर पीएम आवास के हितग्राहियों को चाबी सौंपी। खाद्य विभाग अंतर्गत राशनकार्ड, समाज कल्याण विभाग अंतर्गत पेंशन स्वीकृति पत्र, मत्स्य विभाग अंतर्गत जाल और आइस बॉक्स, कृषि विभाग अंतर्गत केसीसी कार्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बैग एवं टिफिन बॉक्स, बॉटल, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत किसानों को सब्जी बीज किट, मनरेगा अंतर्गत जॉब कार्ड स्वीकृति आदेश,स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयुषमान कार्ड, फ़ूड बॉक्स, एनआरएलएम अंतर्गत महिला समूह के सदस्यों को मुद्रा लोन का चेक और क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट किट आदि का वितरण किया।

दसवीं-बोर्ड परीक्षा के टॉपर विद्यार्थियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यालयों से पढ़ाई कर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप कर जिले का राज्य स्तर पर नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया। उन्होंने कक्षा 12 वी कक्षा में राज्य में पांचवा स्थान हासिल करने वाली नेहा एक्का और कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नमन खुटिया सहित अन्य विद्यार्थियों का सम्मान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

पीएम से लेकर सीएम तक...गंभीर मामलों में गिरफ्तारी पर छोड़ना होगा पद, संसद में आज अहम विधेयक पेश करेगी सरकार

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अहम बिल पेश करने जा रही है। इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा। ये प्रस्तावित कानून केवल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर ही नहीं, बल्कि केंद्र के मंत्रियों और प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा।

अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा कानूनों में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिससे गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत की स्थिति में ऐसे नेताओं को उनके पद से हटाया जा सके। इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार ने ये तीन विधेयक तैयार किए हैं।

संसद में आज जो बिल पेश किए जाएंगे, ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

30 दिन लगातार हिरासत में रहने पर छोड़ना होगा पद

संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज़ 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार यदि कोई मंत्री 30 दिन लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उस पर ऐसा आरोप है जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे। अगर प्रधानमंत्री 31वें दिन तक यह सलाह नहीं देते तो भी वह मंत्री अपने आप पद से मुक्त हो जाएगा।

प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा ये नियम

इसी तरह प्रधानमंत्री पर भी नियम और कड़े होंगे। अगर पीएम लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा। अगर इस्तीफा नहीं देते तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे। हालांकि, ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री रिहाई के बाद दोबारा नियुक्त हो सकते हैं। यही प्रावधान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा।

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इन विधेयकों के जरिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा विपक्ष को कमजोर करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि केंद्र की एजेंसियों से विपक्षी नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराया जाए और फिर नए कानून के तहत उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।

बेंगलुरु भगदड़ पर बड़ा खुलासा, सरकार ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, जानें क्या-क्या कहा?

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रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के आईपीएल 2025 की ट्रॉफी जीतने की खुशी में बेंगलुरु में समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगदड़ मच गई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे। अब इस मामले में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। चिन्नास्वामी भगदड़ के मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट में सारा दोष आरसीबी प्रबंधन पर डाला गया है। सरकार ने उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फ्रेंचाइजी ने विजय परेड का आयोजन एकतरफा और पुलिस की पूर्व अनुमति के बिना किया था।

पुलिस के इनकार के बाद आरसीबी ने इवेंट को आगे बढ़ाया

कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरसीबी ने तीन जून को अहमदाबाद में अपनी जीत के बाद सोशल मीडिया पर सुबह 7:01 बजे एक पोस्ट के जरिए मुफ्त प्रवेश और विक्ट्री परेड की घोषणा की। यह परेड विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खत्म होनी थी। यह घोषणा बिना पुलिस की अनुमति के की गई थी। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने तीन जून की शाम 6:30 बजे पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन अपेक्षित भीड़, व्यवस्था और संभावित जोखिमों की जानकारी न होने के कारण कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद आरसीबी ने अपने इवेंट को आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप भारी भीड़ जमा हुई और गेट नंबर 1, 2 और 21 पर भगदड़ मच गई।

सोशल मीडिया पर परेड की घोषणा

रिपोर्ट में आरसीबी और उसके आयोजकों की ओर से कई चूकों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट भी शामिल हैं। फ्रेंचाइजी ने 4 जून को सुबह 7:01 बजे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशंसकों के लिए एक खुला निमंत्रण पोस्ट किया, जिसमें विजय परेड के लिए मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश की घोषणा की गई। सुबह 8 बजे एक और पोस्ट किया गया। सुबह 8:55 बजे, आरसीबी के आधिकारिक हैंडल पर विराट कोहली का एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें प्रशंसकों को टीम के साथ जश्न मनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है- इसके बाद 04.06.2025 को सुबह 8:55 बजे, आरसीबी ने आरसीबी टीम के एक प्रमुख खिलाड़ी विराट कोहली का एक वीडियो क्लिप आरसीबी के आधिकारिक हैंडल पर साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि टीम इस जीत का जश्न बेंगलुरु शहर के लोगों और आरसीबी प्रशंसकों के साथ 04.06.2025 को बेंगलुरु में मनाना चाहती थी।

विराट कोहली तक पहुंचेगी जांच की आंच?

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में भीड़ जमा होने के पीछे विराट कोहली का वीडियो भी एक बड़ा कारण था। बताया गया है कि विराट, जो कि बड़े खिलाड़ी हैं, ने वीडियो के माध्यम से लोगों से विक्ट्री परेड में आने के लिए अपील की थी। यही वजह है कि बड़ी संख्या में फैंस जमा हो गए।

कानपुर सीएमओ सस्पेंशन पर हाईकोर्ट की रोक, 19 जून के निलंबन आदेश को अंतरिम राहत
लखनऊ। कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को तगड़ा झटका दिया है। न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने 19 जून 2025 को जारी किए गए निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार और अन्य पक्षों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।

याचिका दायर करने वाले डॉ. हरिदत्त ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी विभागीय जांच और सुनवाई के पद से हटाया गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि उसी दिन विपक्षी पार्टी संख्या-3 को सीएमओ पद पर तैनात कर दिया गया, जो नियमों के विरुद्ध है।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने दलील दी कि डॉ. हरिदत्त को केवल माइनर पेनल्टी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, न कि निलंबन के लिए। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि याचिकाकर्ता की दलीलों में दम है। निलंबन आदेश बिना उचित प्रक्रिया और UP Govt. Servants (Discipline & Appeal) Rules, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के तहत पारित किया गया प्रतीत होता है।
इस आधार पर अदालत ने 19 जून को पारित दोनों निलंबन आदेशों (Annexure 1 और 2) पर रोक लगा दी है। अब राज्य सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
अब बांग्लादेश की बारी, गंगा संधि की समीक्षा की तैयारी मे मोदी सरकार, पड़ोसी देश पर डाला दबाव

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भारत को पड़ोसी देश उसे आंखे दिखाने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में भारत सरकार ने भी इनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौते को निलंबित कर दिया है। अब मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया है।

बांग्लादेश को पहुंचाया संदेश

भारत ने बांग्लादेश के साथ भी गंगा जल संधि पर फिर दोबारा विचार शुरू कर दिया है। बांग्लादेश के साथ गंगा नदी जल संधि की मियाद अगले साल ही पूरी होने वाली है। ऐसे में भारत ने अभी से बांग्लादेश को यह संदेश पहुंचा दिया है कि उसे अपनी जरूरत पूरा करने लिए और पानी चाहिए। भारत ने अपने समकक्ष को बताया है कि उसे अपनी विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है।

छोटी अवधी के लिए हो सकती है नई संधि

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अगर संधि बढ़ी भी तो पहली जितनी लंबी अवधि के लिए नहीं होगी। नई संधि संभवतः छोटी अवधि की होगी, जो 10 से 15 वर्ष तक चलेगी। छोटी अवधि दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने में लचीलापन और अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देगी।

बता दें कि गंगा जल संधि पर 12 दिसम्बर 1996 को हस्ताक्षर किये गये थे, जिसमें जल बंटवारे, विशेष रूप से कम वर्षा वाले मौसम में फरक्का बैराज के आसपास जल बंटवारे पर जोर दिया गया था।

पहलगाम हमले के बाद स्थिति बदली

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि पहले सरकार गंगा जल संधि को पहले की तरह 30 साल के लिए बढ़ाना चाहती थी। लेकिन, पहलगाम की घटना के बाद स्थिति बदल गई। मई में बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी। अधिकारी ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक थी, जो साल में दो बार होती है। इस बैठक में भारत ने अपने लिए पानी की जरूरत के बारे में बताया।

कैसे होता है गंगा जल संधि के तहत पानी का बंटवारा

1996 की गंगा जल संधि के अनुसार अगर फरक्का में पानी की उपलब्धता 70,000 क्यूसेक या उससे कम रहती है, तो दोनों देशों को आधा-आधा पानी मिलता है। लेकिन, अगर यह उपलब्धता 70,000 क्यूसेक से 75,000 क्यूसेक के बीच होता है तो बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक और भारत को बाकी हिस्सा मिलता है। लेकिन, अगर पानी की उपलब्धता 75,000 क्यूसेक या उससे भी ज्यादा होता है तो भारत उसका 40,000 क्यूसेक हिस्सा इस्तेमाल कर सकता है और बाकी प्रवाह बांग्लादेश को जाता है

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

कुंभ भगदड़ पर राहुल गांधी का सरकार को घेरा, बोले-आंकड़ों में छुपाई गई गरीबों की लाशें

#rahulgandhisaysupgovtsuppressedmahakumbhdeath 

इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में मरने वालों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। महाकुंभ हादसे में मरने वालों की तादाद को लेकर विपक्ष लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार को घर रहा है।विपक्ष का आरोप रहा है कि वहां हुई भगदड़ व हादसों में मृतकों के आंकड़ों को छुपाया गया है। इस बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महाकुंभ के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दबा दी गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसकी कोई जवाबदेही नहीं है। 

आंकड़े गायब कर दो, ज़िम्मेदारी भी खत्म-राहुल गांधी

बीबीसी के हवाले से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि बीजेपी सरकार का यही तरीका है-'आंकड़े गायब कर दो, तो ज़िम्मेदारी भी खत्म हो जाती है।' राहुल ने आरोप लगाया कि यही खेल कोविड महामारी के समय भी हुआ था, जब गरीबों की लाशें गंगा किनारे बहती मिलीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतें बहुत कम बताई गईं। 

मृतकों के आंकड़े छिपाना 'बीजेपी मॉडल'-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता का कहना था कि हर बड़े रेल हादसे के बाद भी यही होता है, असली आंकड़े छुपा दिए जाते हैं। हादसे के बाद मृतकों के आंकड़े छिपाने को उन्होंने 'बीजेपी मॉडल' करार देते हुए कहा कि गरीबों की गिनती नहीं तो जवाबदेही भी नहीं।

अखिलेश यादव ने भी लगाया झूठ बोलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग "झूठे आंकड़े" पेश करते हैं, जनता के विश्वास के लायक नहीं हैं।

बीबीसी ने रिपोर्ट में क्या?

दरअसल, हाल ही में बीबीसी ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में उसने कुंभ के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े बताए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुंभ में कम से कम 82 लोगों की जान गई जबकि सरकार ने कहा कि 37 लोगों की मौत हुई है।

लालू यादव का नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप, बोले-कानून व्यवस्था का किया अंतिम संस्कार

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राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीखा वार किया है। लालू यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर नीतीश सरकार को आंकड़े दिखाकर घेरने की कोशिश की है।लालू यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये आंकड़ों का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने कानून व्यवस्था का अंतिम संस्कार कर दिया है।

नीतीश के शासनकाल में 65,000 हत्याएं ?

लालू यादव ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही है? क्या नीतीश जानते, पहचानते व समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? नीतीश-बीजेपी ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही।

लालू का नीतीश सरकार पर जारी है हमला

इससे पहले भी लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था। तीन दिन पहले सात जून को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं। अफसरशाही मदमस्त हैं। सरकार बेहोश है और महंगाई रिकॉर्डतोड़ है।राज्य गरीबी, बेरोजगारी, पलायन बढ़ गई है। 20 वर्षों की इस एनडीए सरकार ने बिहार का बंटाधार कर दिया है।

बिहार में आपराध के बढ़े मामले

दरअसल, बिहार में हाल की घटनाओं ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में मुजफ्फरपुर में एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या, पटना सिटी में डबल मर्डर, आरा में ज्वेलरी लूटकांड समेत बिहार के अलग-अलग जिलों में अपराध के बढ़ते मामले लगातार बिहार में कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों वीआईपी इलाके में खुलेआम हुई फायरिंग की घटना ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने का काम किया है।

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में प्रवेश शुरू, जानिए कब तक ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन…

दुर्ग- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त महाविद्यालयों में सत्र 2025-26 के तहत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में नियमित प्रवेश के लिए ऑनलाइन प्रवेश 5 जून से शुरू हो गया है. छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय की वेबबसाइट www.durguniversity.ac.in पर जाकर अथवा http://durg1.ucanapply.com के जरिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं.

विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रथम चरण के लिए 5 जून से शुरू हुई प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी, 16 जून को मेरिट सूची जारी की जाएगी. इसके बाद 16 से 20 जून तक सूची में शामिल छात्र प्रवेश ले सकते हैं. इसके बाद दूसरे चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 21 से 30 जून तक चलेगी. एक जुलाई को मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी.

मेरिट लिस्ट में शामिल छात्र एक जुलाई से 7 जुलाई तक प्रवेश ले सकते हैं. इसी तरह तृतीय चरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया 8 से 21 जुलाई तक चलेगी. मेरिट लिस्ट 22 जुलाई को जारी की जाएगी. चयनित छात्र 22 से 31 जुलाई तक महाविद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं.

महाविद्यालयों में सीटें रिक्त होने की स्थिति में कुलपति की अनुमति से प्रवेश की अंतिम तिथि 14 अगस्त है. बीसीए, बीबीए, बीएससी. गृह विज्ञान, बीए, डीसीए कक्षाओं के लिए प्रवेश आवेदन पोर्टल खोला जा रहा है. इसी तरह से प्राइवेट विद्यार्थियों के अलग से पंजीयन पोर्टल खोला जाएगा. जिसके लिए वेबसाइट www.durguniversity.ac.in का अवलोकन करने कहा गया है.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि प्रवेश आवेदन फार्म पूर्णतः निःशुल्क है. छात्रों को ABC (Academic Bank of Credit) आईडी (Link:- http://www.abc.gov.in) बनाना अनिवार्य है. ABC (Academic Bank of Credit) आई.डी. बनाने के पश्चात ही विद्यार्थी प्रवेश आवेदन फार्म भर सकेंगे.

साइंस कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (साइंस कॉलेज) में 6 जून से प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ शुरू हो गई है. प्रथम सेमेस्टर विज्ञान संकाय के अंतर्गत जीव विज्ञान के समस्त समूह, गणित संकाय के समस्त समूह, वाणिज्य संकाय, कला संकाय तथा कम्प्यूटर साइंस विषय हेतु प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक विद्यार्थी सांइस कॉलेज की वेबसाइट www.govtsciencecollegedurg.ac.in पर प्रवेश के लिए लिंक पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे मोहम्मद यूनुस, इमरजेंसी मीटिंग के बाद “यूटर्न

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे।बांग्लादेश के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलों के बीच बुलाई गई आपात बैठक के बाद ये साफ हो गया है कि यूनुस फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। उनके मंत्रिमंडल के एक सलाहकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। दो दिन पहले यूनुस के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा था कि वह इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। अब उन्होंने इसे पूरी तरह से नकार दिया है।

शनिवार को सलाहकार परिषद की एक गैर-निर्धारित बैठक के बाद योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने कहा कि यूनुस ने यह नहीं कहा था कि वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि हमें सौंपे गए काम और जिम्मेदारियों को पूरा करने में कई बाधाएं आ रही हैं, लेकिन हम उन पर काबू पाने की कोशिश रहे हैं। वहीदुद्दीन महमूद ने आगे कहा- वे निश्चित रूप से बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी सलाहकार कहीं नहीं जा रहा है क्योंकि हमें सौंपी गई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है; हम इस कर्तव्य को नहीं छोड़ सकते। यह बयान ऐसे समय आया है जब यूनुस के इस्तीफे की अटकलें दो दिन पहले सामने आई थीं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को अपने प्रशासन, राजनीतिक दलों और सेना के बीच बढ़ती असहजता की समीक्षा के लिए सलाहकार परिषद की एक बैठक बुलाई थी। इससे पहले यूनुस ने मुख्य सलाहकार के पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने बदलाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति न बन पाने के कारण काम करने में आ रहीं परेशानियों का हवाला दिया था।

देश की राजनीति इस समय अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार को सत्ता से हटाए जाने के बाद से हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। विरोधी पार्टियों, छात्र संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने पिछले कुछ दिनों में ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन तेज कर दिया है। यूनुस की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को भंग कर दिया है और उसके कई वरिष्ठ नेताओं को जेल भेज दिया है। इधर बीएनपी की मांग है कि जल्द से जल्द चुनाव की तारीख घोषित की जाए। पार्टी ने इस सप्ताह बड़े प्रदर्शन भी किए हैं। साथ ही, उन्होंने कैबिनेट से छात्र प्रतिनिधियों को हटाने की मांग की है, जबकि एनसीपी ने दो सलाहकारों को हटाने की बात कही है, जिन पर बीएनपी के हित में काम करने का आरोप है।

सुशासन तिहार : जशपुर जिले के दोकड़ा गांव पहुंचे सीएम साय, पीएम आवास के हितग्राहियों को सौंपी चाबी, बोर्ड टॉपर्स का किया सम्मान

रायपुर-  सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रदेश के कोने-कोने में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानने निकले प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उड़नखटोला आज उनके गृह जिले जशपुर के दोकड़ा ग्राम में उतरा। यहाँ समाधान शिविर में उन्होंने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाही और पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं की हकीकत जानी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमनागरिको को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आपके गाँव घर का बेटा हूँ। मेरा सौभाग्य है कि आपके आशीर्वाद से प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। प्रदेश को विकास की राह में ले जाना मेरा संकल्प है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आपके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी है। विगत डेढ़ वर्ष में विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। सरकार बनते ही पहले केबिनेट में पीएम आवास के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार आवास बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 3 लाख आवास के हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। अम्बिकापुर में केंद्रीय पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनका मकान पक्का नहीं है उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। एसईसीसी और आवास प्लस के सर्वे में जिनका भी नाम है सभी का मकान बनेगा। प्रधानमंत्री ने पीएम आवास के लिए इस वर्ष बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया। 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, दो साल का बकाया बोनस की राशि भी दी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि देना शुरू किया है। महतारी वन्दन योजना से महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार की राशि देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तेन्दूपत्ता के हितग्राहियों को लाभान्वित करने 4000 एकड़ प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामलला दर्शन योजना अंतर्गत अयोध्या में प्रभु राम के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों को भेजने के साथ ही अब मुख्यमंत्री तीर्थ योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना में हमारे प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक कोई भी व्यक्ति देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में निःशुल्क जा पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाकर नामान्तरण की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। अब नामान्तरण के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है। जमीन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। अटल डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में सेवाएं उपलब्ध होगी। किसानों को गाँव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी 24 अप्रैल को प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने स्वयं भी देखा है कि इस सेवा का लाभ आम जनमानस को मिल रहा है। इस अवसर पर पत्थलगांव की विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि यह सुशासन का साक्ष्य है, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार घर-घर पहुँच रही है। गाँव की समस्याओं को सुनकर दूर किया जा रहा है। केंद्र और राज्य की योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने के लिए सरकार लगी है। कलेक्टर रोहित व्यास ने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख 32 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों में से एक लाख 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया है। जशपुर जिले में 54 क्लस्टर में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 97 प्रतिशत आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदन के आधार पर हितग्राहियों को योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। कुछ मांग शासन को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से हर आवेदन के निराकरण की कोशिश की गई। ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3258 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

कमी को नोटकर ठीक करने के दे रहे निर्देश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूरा किया गया है। उन योजनाओं के तहत कार्य हुआ है या नहीं, इसे धरातल में जानने के लिए दौरा कर रहे हैं। आज जशपुर जिले के दोकड़ा आया हूँ, यह मेरा 21वां जिला है। मेरे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी समाधान शिविरों में जा रहे हैं। मैं आकस्मिक निरीक्षण के तहत प्रदेश के हर दूरस्थ अंचलों में पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ। पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहा हूँ। सभी जगह व्यवस्था ठीक है और जहाँ कोई कमी है उसे नोटकर अधिकारियों को कमी ठीक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

दोकड़ा में कॉलेज,पीएचसी का उन्नयन, मिनी स्टेडियम सहित अन्य कार्यों की मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम दोकड़ा को अपना गाँव घर बताया और यहाँ के लोगों को अपना। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें 4 बार सांसद बनाया। मैनी नदी में पुल यहाँ के लोगों की प्रमुख मांग थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। अभी जो माँग आई है उसे भी पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने दोकड़ा में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोलने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन करने, वनवासी कल्याण आश्रम, प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण का जीर्णाेद्धार, डोरियामुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण, पुराने मंगल भवन के जीर्णाेद्धार के लिए राशि 20 लाख देने और इस क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मिनी स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा भी की।

पीएम आवास की चाबी,समूह को चेक का किया वितरण मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद और सामग्री का वितरण

जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक अंतर्गत ग्राम दोकड़ा के समाधान शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों को अनेक सौगातें दी। उन्होंने पीएम आवास के हितग्राही बिकेश्वर राम, सुमेर सिंह से संवाद किया। पीएम आवास के हितग्राही सुमेर सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री को अपने घर भी आमंत्रित किया। समाधान शिविर में राशनकार्ड प्राप्त करने वाले परमेश्वर राम, किसान क्रेडिट कार्ड के हितग्राही संजय शर्मा ने भी समस्या का समाधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने शिविर स्थल पर पीएम आवास के हितग्राहियों को चाबी सौंपी। खाद्य विभाग अंतर्गत राशनकार्ड, समाज कल्याण विभाग अंतर्गत पेंशन स्वीकृति पत्र, मत्स्य विभाग अंतर्गत जाल और आइस बॉक्स, कृषि विभाग अंतर्गत केसीसी कार्ड, महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बैग एवं टिफिन बॉक्स, बॉटल, उद्यानिकी विभाग अंतर्गत किसानों को सब्जी बीज किट, मनरेगा अंतर्गत जॉब कार्ड स्वीकृति आदेश,स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत आयुषमान कार्ड, फ़ूड बॉक्स, एनआरएलएम अंतर्गत महिला समूह के सदस्यों को मुद्रा लोन का चेक और क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट किट आदि का वितरण किया।

दसवीं-बोर्ड परीक्षा के टॉपर विद्यार्थियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यालयों से पढ़ाई कर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप कर जिले का राज्य स्तर पर नाम रोशन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया। उन्होंने कक्षा 12 वी कक्षा में राज्य में पांचवा स्थान हासिल करने वाली नेहा एक्का और कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नमन खुटिया सहित अन्य विद्यार्थियों का सम्मान कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।