*सुख-दुःख मानव जीवन का एक संगम है-जिला मंत्री राजेश तिवारी*
प्रयागराज- सुख-दुःख मानव जीवन का एक संगम है यह अभिव्यक्ति संगठन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला से उनके निज निवास सिरखिड़ी मेजा प्रयागराज में उनकी भाभी स्व० फूलकली के तेरहवीं संस्कार के दिन कही।स्पष्टीकरण वर्णित है कि जिला मंत्री के परिवार एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री शुक्ला के परिवार के बीच बहुत ही घनिष्ठतम पारिवारिक एवं गहन मैत्रिक रिश्ते हैं और दोनों ही सम्भ्रान्त जनों के परिवारी जन एक दूसरे के सुख-दुःख में अवश्य सहभागिता करते रहते हैं।
आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि सुख-दुःख मानव जीवन का एक संगम है क्योंकि इतिहास गवाह है कि इस धरती पर कोई भी प्राणी उत्पन्न हुआ हो परन्तु एक ही दशा में वह कभी नही रहा होगा उसे इस मानव रुपी सुख-दुःख के संगम में स्नान जरुर करना पड़ा होगा।इस धरती पर जन्म लेने वाले ना जाने कितने राजा रंक हो गए और ना जाने कितने रंक राजा बन गए।इससे स्पष्ट है कि सुख-दुःख मानव जीवन के दो पहलू हैं जिसमें मनुष्य को इस सुख-दुःख रुपी संगम में बारी बारी से स्नान करना ही पड़ेगा।
जिला मंत्री ने आगे वरिष्ठ समाजसेवी श्री शुक्ला को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस धरती पर जो आया है उसे एक ना एकदिन अवश्य से इस मृत्युलोक का त्यागकर जाना ही होगा बस फर्क सिर्फ यही रहेगा कोई आगे तो कोई पीछे।जिला मंत्री ने आगे श्री शुक्ला को शोक त्यागकर परिवारी जन का पथ प्रदर्शक बन मार्ग दर्शन करने हेतु कहा। जिला मंत्री ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि दुख कैसा भी हो एक दिन सुख अवश्य आएगा ही आएगा,सुख कैसा भी हो एक दिन दुःख अवश्य लाएगा ही लाएगा।
इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० दया शंकर शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा मानव जीवन में सुख-दुःख का वृत्तान्त बहुत ही सुन्दर एवं सार्वभौमिक सत्यता की वाणी वर्णित किया गया है।वास्तव में धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति को सुख-दुःख रुपी संगम में स्नान अवश्य ही करना पड़ेगा।इस साहित्यिक एवं वास्तविक मानव जीवन वृत्तान्त के परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं० दया शंकर शुक्ला,वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला एवं सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश तिवारी सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।
Apr 12 2025, 18:11