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गेहूं बिक्री में अब नहीं होगी बाधा, योगी सरकार ने हटाया सत्यापन का झंझट

लखनऊ। किसानों को गेहूं बेचने में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा और संवेदनशील फैसला लिया है। 100 कुंतल से ऊपर गेहूं बेचने के लिए अब किसानों को सत्यापन प्रक्रिया में उलझने की जरूरत नहीं होगी, जिससे वे बिना किसी बाधा के अपनी उपज का विक्रय कर सकेंगे।

खाद्य विभाग ने गेहूं खरीद की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए यह तय किया है कि किसान अब अनुमानित उत्पादन के तीन गुने तक गेहूं की बिक्री कर सकेंगे। इस निर्णय से उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके भूमि अभिलेखों या अन्य दस्तावेजों में त्रुटियां होती थीं, और उन्हें बिक्री में अड़चन आती थी।

सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से कृषक हितों की रक्षा की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य प्रयास है, जो उन्हें समय पर लाभ दिलाने में मदद करेगा।

टण्डन जी का व्यक्तित्व हम सभी को आज भी प्रेरणा प्रदान कर रहा : योगी

-- मुख्यमंत्री ने बिहार एवं मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथा उप्र के पूर्व मंत्री लालजी टण्डन की 90वीं जयन्ती पर उन्हें दी श्रद्धांजलि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां बिहार एवं मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्व. लालजी टण्डन की 90वीं जयन्ती पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. लालजी टण्डन जीवन भर राष्ट्रवाद के मूल्यों का अनुसरण करते हुए अपने कर्तव्यों का लगातार निष्ठापूर्वक निर्वहन करते रहे। उनका व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी को आज भी प्रेरणा प्रदान कर रहा है। जब भी व्यक्ति मूल्यों, आदर्शों और मर्यादाओं का पालन करते हुए आगे बढ़ता है, तो उसे शिखर तक पहुंचने में अधिक देर नहीं लगती। स्व श्री टण्डन के व्यक्तित्व व कृतित्व में यह परिलक्षित होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. श्री टण्डन ने प्रदेश व देश की राजनीति में लगभग 07 दशक तक अपनी एक मजबूत पहचान बनाए रखी। लखनऊ में एक सामान्य कार्यकर्ता, स्वयंसेवक, लखनऊ नगर पालिका परिषद व लखनऊ नगर निगम के पार्षद, विधान परिषद सदस्य, विधायक, प्रदेश सरकार के मंत्री तथा लखनऊ के लोकप्रिय सांसद के रूप में उनकी सार्वजनिक छवि, आम जनमानस के साथ उनके संवाद तथा हर एक व्यक्ति के सुख-दुःख में सहभागी बनने के उनके जज्बे को सभी ने देखा है। स्व श्री टण्डन के अनुयायियों की एक लम्बी सूची है। उनके अनुयायियों को उनके मूल्यों और आदर्शों से जुड़े रहने की आवश्यकता है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, सांसद ब्रजलाल, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उप्र : 'ऑपरेशन दलित' से बीजेपी का बड़ा दांव, अंबेडकर जयंती से शुरू होगी खास मुहिम

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में ‘ऑपरेशन दलित’ नामक एक विशेष जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करने जा रही है। इस अभियान का आगाज़ 13 अप्रैल से भागीदारी भवन, लखनऊ में होगा, जबकि इसकी औपचारिक शुरुआत अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) से की जाएगी।

भाजपा इस अभियान के तहत 15 से 25 अप्रैल के बीच प्रदेश भर के दलित बस्तियों और मोहल्लों में गोष्ठियां व संवाद कार्यक्रम आयोजित करेगी। इन आयोजनों के माध्यम से पार्टी दलित समुदाय को भाजपा और कांग्रेस की नीतियों के बीच अंतर समझाने का प्रयास करेगी।

इस महाअभियान के दौरान प्रदेश स्तरीय कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी, जिनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उनके साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

भाजपा का यह अभियान दलित वर्ग को पार्टी से जोड़ने और विपक्ष, खासकर कांग्रेस की नीतियों को कटघरे में खड़ा करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

सीएम योगी ने राणा सांगा की जयंती पर उन्हें अर्पित की श्रद्धांजलि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राणा सांगा की जयंती के अवसर पर एक भावपूर्ण ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा: "धर्मरक्षा हेतु समर्पित रहे परम प्रतापी राणा सांगा जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन !

राष्ट्रभक्ति और त्याग की प्रतीक उनकी यशगाथा इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।उनका शौर्य युगों-युगों तक भारतभूमि को स्वाभिमान से सिंचित करता रहेगा।"

यह ट्वीट राणा सांगा के अदम्य साहस, राष्ट्रप्रेम और बलिदान को स्मरण करते हुए किया गया है। राणा सांगा मेवाड़ के एक महान शासक थे, जिनका जीवन धर्म, स्वाभिमान और देशभक्ति के लिए समर्पित रहा। उनकी वीरता आज भी लोगों को प्रेरणा देती है।

अवध विश्वविद्यालय में शिक्षकों की शर्मनाक हरकत: राज्यपाल के ओएसडी ने शराब पीते तीन शिक्षकों को पकड़ा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल. जानी और अशोक देसाई शुक्रवार को राज्यपाल के निर्देश पर डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर स्थित प्रचेता भवन में निरीक्षण के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब लाइब्रेरी साइंस विभाग के एक कक्ष में तीन अतिथि प्रवक्ता शराब पीते हुए पकड़े गए।

निरीक्षण के दौरान जब राजभवन के स्टाफ ने ग्राउंड फ्लोर पर स्थित एक बंद कक्ष को खोला, तो वहां तीन शिक्षक शराब की बोतल और पैग के साथ बैठे हुए मिले। इस घटना की सूचना मिलते ही दोनों विशेष कार्याधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

कुलपति के निर्देश पर तत्काल नगर क्षेत्राधिकारी शैलेन्द्र सिंह को विश्वविद्यालय बुलाया गया। पुलिस टीम ने तीनों शिक्षकों- शिव कुमार, देवेश कुमार और सुधीर सिंह को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा।

मेडिकल में दो शिक्षकों के शराब पीने की पुष्टि

जिला अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी (ईएमओ) डॉ. जीएस पांडेय ने तीनों शिक्षकों की अल्कोहल एनालाइज़र से जांच की। सीएमएस डॉ. ए.के. सिन्हा ने बताया कि जांच में देवेश कुमार और सुधीर सिंह के रक्त में अल्कोहल की पुष्टि हुई, जबकि शिव कुमार की रिपोर्ट नकारात्मक रही।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीनों अतिथि प्रवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। कुलसचिव उमानाथ ने तीनों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सूत्रों के अनुसार, दोष सिद्ध होने पर इनकी बर्खास्तगी की संभावना जताई जा रही है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही बनेगा ट्रिलियन डॉलर यूपी: शिक्षा मंत्री"

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता, ढांचागत सुधार और रोजगारपरक शिक्षा के लिए कई नए कदम उठा रहा है। इसी दिशा में शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने व्यापक सुधारों की योजना प्रस्तुत की।

माध्यमिक शिक्षा सिर्फ एक शैक्षिक प्रक्रिया नहीं

बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक छात्र-छात्रा तक गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक शिक्षा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा सिर्फ एक शैक्षिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति की आधारशिला भी है। 1 अप्रैल 2025 से आरंभ हुए नए शैक्षिक सत्र के साथ विभाग ने ठोस और लक्ष्य आधारित कार्ययोजना तैयार की है।

साप्ताहिक एवं मासिक समीक्षा सुनिश्चित की जाए

मंत्री ने मंडलीय एवं जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यालयों का निरीक्षण और अनुश्रवण गंभीरता से किया जाए। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से साप्ताहिक एवं मासिक समीक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि योजनाओं की प्रगति पर नजर रखी जा सके। विशेष नामांकन अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को स्कूल से जोड़ने की बात भी उन्होंने कही। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि कक्षा आठ पास कर चुके किसी भी बच्चे को माध्यमिक शिक्षा से वंचित नहीं रहने दिया जाए—इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से समन्वय जरूरी है।

प्रदेश के 101 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब पहले ही स्थापित

राज्य सरकार अब राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की अनुपयोगी भूमि का उपयोग नवाचारयुक्त ढांचों के निर्माण में करेगी, जैसे खेल के मैदान, मिनी स्टेडियम, डिजिटल पुस्तकालय, कौशल विकास केंद्र, ऑडिटोरियम और वेधशाला। प्रदेश के 101 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं और अन्य में यह कार्य चरणबद्ध ढंग से जारी है। इसके साथ ही 578 स्कूलों में आईसीटी लैब के माध्यम से विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ा गया है।

315 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम जोड़े गए

रोजगारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 635 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत 315 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम जोड़े गए हैं। राजकीय आईटीआई को स्किल हब के रूप में विकसित कर माध्यमिक विद्यालयों से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। गोरखपुर में कौशल प्रयोगशालाएं सुदृढ़ की गई हैं।

1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही

तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1236 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही है। विज्ञान शिक्षा को मजबूती देने के लिए पहले चरण में 303 स्कूलों में और दूसरे चरण में 18 विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा, 488 स्कूलों में पुस्तकालय कक्षों के निर्माण की योजना पर भी कार्य प्रगति पर है।इस अवसर पर विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के.के. गुप्ता, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. महेंद्र देव, अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद भगवती सिंह सहित सभी मंडलों के संयुक्त एवं उप शिक्षा निदेशक उपस्थित रहे।

मोहनलालगंज में 3 अवैध कॉलोनियों पर चला एलडीए का बुलडोज़र, 90 बीघा ज़मीन पर कार्रवाई

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शुक्रवार को मोहनलालगंज क्षेत्र में अवैध रूप से विकसित की जा रही तीन बड़ी प्लॉटिंग्स पर कड़ा रुख अपनाते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। करीब 90 बीघा भूमि पर फैली इन अवैध कॉलोनियों को बिना ले-आउट स्वीकृति के विकसित किया जा रहा था। अधिकारियों ने दोबारा निर्माण की कोशिशों को भी विफल किया।

टीम ने फिर से मौके पर पहुंचकर निर्माण को ध्वस्त कर दिया

प्रवर्तन जोन-दो के जोनल अधिकारी शशिभूषण पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि उमाकांत सिंह एवं अन्य द्वारा "स्पर्श सिटी" के नाम से मौरावा रोड, भसंडा में लगभग 40 बीघा भूमि पर बिना किसी अधिकृत ले-आउट के अवैध रूप से कॉलोनी विकसित की जा रही थी। एलडीए द्वारा पहले भी इस स्थल पर ध्वस्तीकरण किया जा चुका था, लेकिन विरोधियों ने दोबारा निर्माण शुरू कर भूखंडों की बिक्री का प्रयास किया। इस पर टीम ने फिर से मौके पर पहुंचकर निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

लगभग 7 बीघा क्षेत्रफल में अवैध प्लॉटिंग कर रहे थे

दूसरी कार्रवाई सुनील कुमार चौबे, राकेश तिवारी एवं अन्य के खिलाफ की गई, जो लगभग 7 बीघा क्षेत्रफल में अवैध प्लॉटिंग कर रहे थे।तीसरी और सबसे बड़ी कार्रवाई लवकुश यादव पुत्र हरदेव लाल यादव के विरुद्ध की गई, जो "उपवन सिटी (संस्कृति इंफ्रा कम्पनी)" के नाम से रानीखेड़ा, डेहवा क्षेत्र में करीब 50 बीघा भूमि पर बिना स्वीकृति के अवैध कॉलोनी का निर्माण करा रहे थे।

विहित न्यायालय से ध्वस्तीकरण के आदेश प्राप्त कर लिए गए थे

इन तीनों मामलों में एलडीए द्वारा पहले ही विहित न्यायालय से ध्वस्तीकरण के आदेश प्राप्त कर लिए गए थे। शुक्रवार को पुलिस बल की मौजूदगी में इन आदेशों का अनुपालन करते हुए प्रवर्तन टीम ने सड़कों, नालियों, बाउंड्रीवॉल्स समेत तमाम अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया।एलडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिना स्वीकृति प्लॉटिंग और कॉलोनी निर्माण करने वालों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

फिरोजाबाद में पर्यटन विकास को मिले पंख: 19 परियोजनाओं के लिए 34.73 करोड़ की स्वीकृति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद फिरोजाबाद में पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण को नई दिशा देने के लिए 34.73 करोड़ रुपये की 19 परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृति प्रदान की है। इन परियोजनाओं से प्राचीन धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सुहागनगरी फिरोजाबाद अपनी ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक महत्व के लिए जानी जाती है। आगरा जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के समीप स्थित होने के कारण यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में इन स्थलों का विकास जरूरी हो गया था। उन्होंने बताया कि परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से समयबद्ध ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा।

इन कार्यों के लिए बृजेश सिंह, अभय सिंह, पर्यटन मंत्री, हरिश्चन्द्र ब्रहमचारी, डा गुरूदत्त सिंह, शैलेन्द्र सिंह, वीरू धाकरे, शिव कुमार सिंह, भूरे, गोविन्द भदौरिया, देवसिंह लोधी प्रधान, पर्यटन विभाग, अमरदीप सिंह, अजयवीर सिंह, शिशुपाल सिंह बंगाली तथा विधायक प्रेमपाल सिंह धनगर ने प्रस्ताव किया था। इसके अलावा जिला योजना में जिलाधिकारी फिरोजाबाद ने चार परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव किया था।

अवधी को डिजिटल युग से जोड़ने की पहल: लखनऊ में 'भाषा एवं प्रौद्योगिकी' विषयक संगोष्ठी संपन्न

लखनऊ। भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (कर्नाटक) और अवध भारती संस्थान, अर्जुनगंज (लखनऊ) के संयुक्त तत्वावधान में "भाषा एवं प्रौद्योगिकी: अवधी के संदर्भ में" विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम लखनऊ के प्रेस क्लब में संपन्न हुआ, जिसमें भाषा और तकनीक के समन्वय पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।

गोष्ठी में भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के विषय विशेषज्ञ डॉ. सत्येन्द्र अवस्थी ने कहा कि आज के डिजिटल युग में भाषा और प्रौद्योगिकी के बीच सामंजस्य अत्यंत आवश्यक है। भाषा जहाँ संचार का मूल माध्यम है, वहीं प्रौद्योगिकी उसे एक नया आयाम देती है। उन्होंने अवधी के कवियों, लेखकों और कलाकारों से तकनीकी रूप से दक्ष बनने का आह्वान किया।

अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राम बहादुर मिश्र ने कहा कि बदलते समय में प्रौद्योगिकी की आवश्यकता को देखते हुए यह गोष्ठी आयोजित की गई है। उन्होंने कहा, “हमारा विश्वास है कि अवधी भाषा भी तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। हम विभिन्न स्थानों पर कार्यशालाएं आयोजित कर इसे और आगे ले जाएंगे।”

यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के लखनऊ मंडल अध्यक्ष शिव शरण सिंह गहरवार ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह संगोष्ठी अवधी भाषा के तकनीकी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सुझाव दिया कि अवधी सेवियों का 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर का शैक्षिक दौरा करे, जिससे जमीनी स्तर पर ठोस योजनाएं बन सकें।

कार्यक्रम के संयोजक और वरिष्ठ पत्रकार नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि अवध भारती संस्थान अब तक 200 पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है, जिनमें से 20 को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत किया गया है। पिछले 35 वर्षों में संस्थान ने भारत के अलावा 12 देशों में अवधी भाषा, साहित्य और संस्कृति के संवर्धन हेतु कार्यक्रम किए हैं। अब संस्थान का फोकस अवधी को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने पर है।

गोष्ठी में केकेसी के प्रोफेसर डॉ. सिद्धार्थ सिंह और कला वसुधा पत्रिका की संपादक शाखा बंदोपाध्याय ने अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। वरिष्ठ पत्रकार प्रेमकांत तिवारी ने अवधी को युवाओं से जोड़ने के लिए कई व्यावहारिक सुझाव रखे। वहीं, कल्चर दीदी कुसुम वर्मा ने बेटियों को समर्पित एक भावपूर्ण अवधी गीत प्रस्तुत कर सभी को भावुक कर दिया।

इस अवसर पर डॉ. विनय दास, प्रदीप सारंग, डॉ. सत्या सिंह, प्रदीप तिवारी 'धवल', पप्पू अवस्थी (चित्रकार), ओम मिश्रा, आदित्य शुक्ला बंजारा, संजय सांवरा, संदीप अनुरागी, प्रमोद यादव और गौरी शंकर वैश्य सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यकार व कलाकार उपस्थित रहे।

भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश : मोदी

लखनऊ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। काशीवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने 3900 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मेहंदीगंज में आयोजित विशाल जनसभा में पीएम ने भोजपुरी में भी काशीवासियों से संवाद किया। अपने संबोधन में उन्होंने बार-बार काशी के प्रति अपने गहरे लगाव को दोहराया। उन्होंने कहा कि ''काशी मेरी है और मैं काशी का हूं''।

जौने काशी के स्वयं महादेव चलावेलन...

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में काशी के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में काशी ने विकास की नई गति पकड़ी है। उन्होंने कहा कि काशी अब केवल पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी है। इसने आधुनिकता को अपनाया है, विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए मजबूत कदम उठाए हैं। पीएम ने काशी को पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे का केंद्र बताया और कहा, “जौने काशी के स्वयं महादेव चलावेलन, आज उहे काशी पूर्वांचल के विकास के रथ के खींचत हौ।” उन्होंने काशी की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक बुनियादी ढांचे के सामंजस्य को भारत के विकास का एक अनूठा मॉडल करार दिया।

3900 करोड़ की 44 परियोजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास

पीएम ने काशी और पूर्वांचल के लिए 3900 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, गांव-गांव तक नल से जल पहुंचाने की योजनाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और खेल के क्षेत्र में नई पहल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं पूर्वांचल को विकसित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से लाभ मिलेगा। इन परियोजनाओं में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के विस्तार, भिखारीपुर और मंडुआडीह में फ्लाईओवर और बनारस-सारनाथ को जोड़ने वाला नया पुल जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

अब इलाज के लिए न जमीन बेचनी पड़ेगी, न कर्ज लेना पड़ेगा

प्रधानमंत्री ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड का भी वितरण किया, जिनमें दिनेश कुमार रावत, राजेंद्र प्रसाद और दुर्गावती शामिल थे। इस योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। पीएम ने कहा कि आज बुजुर्गों के चेहरों पर संतोष का भाव मेरे लिए इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है। अब इलाज के लिए न जमीन बेचनी पड़ेगी, न कर्ज लेना पड़ेगा। आपके इलाज का खर्च अब सरकार उठाएगी। उन्होंने बताया कि काशी में अब तक 50 हजार आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिली है।

जीआई टैग से मिलेगी काशी की कला को वैश्विक पहचान

प्रधानमंत्री ने रमेश कुमार, अनिल कुमार और छिद्दु को जीआई पंजीकृत प्रमाणपत्र सौंपे। उन्होंने बताया कि वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों के 30 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया गया है, जिनमें तबला, शहनाई, ठंडई, लाल भरुआ मिर्च, लाल पेड़ा और तिरंगा बर्फी शामिल हैं। पीएम ने कहा कि जीआई टैग केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि हमारी मिट्टी की पहचान का पासपोर्ट है। ये काशी के हुनर को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाएगा। उन्होंने यूपी को जीआई टैगिंग में देश में नंबर वन बताया और कहा कि यह स्थानीय कारीगरों और उत्पादकों के लिए गर्व का क्षण है।

भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश

पीएम ने बनास डेयरी के पशुपालकों को 106 करोड़ रुपये की बोनस राशि हस्तांतरित की। उन्होंने इसे पशुपालकों की मेहनत का पुरस्कार बताया और कहा कि ये कोई उपहार नहीं, बल्कि आपकी तपस्या का फल है। बनास डेयरी ने काशी में हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति को बदला है, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाकर। पीएम ने कहा कि पूर्वांचल की अनेक बहनें अब लखपति दीदी बन चुकी हैं। पहले गुजारे की चिंता थी, अब उनके कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बनास डेयरी काशी संकुल 1 लाख किसानों से दूध संग्रह कर रहा है और गीर गायों का वितरण कर पशुपालकों को सशक्त बना रहा है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी से काशी की मिली नई रफ्तार

प्रधानमंत्री ने वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इनमें फुलवरिया फ्लाईओवर, रिंगरोड, और गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर जैसे क्षेत्रों को जोड़ने वाले चौड़े रास्ते शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहले छोटे-छोटे त्योहारों पर भी जाम लग जाता था। अब रास्ते चौड़े हुए हैं, समय बच रहा है। लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के विस्तार के साथ-साथ 6 लेन का अंडरग्राउंड टनल, भिखारीपुर और मंडुआडीह में फ्लाईओवर और बनारस-सारनाथ को जोड़ने वाला नया पुल जैसे प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं। पीएम ने काशी में शुरू होने वाले सिटी रोपवे का भी जिक्र किया, जो इसे दुनिया के चुनिंदा शहरों में शामिल करेगा।

महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर दी श्रद्धांजलि

संबोधन में पीएम ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती को याद किया और उनके नारी सशक्तिकरण और सामाजिक चेतना के प्रयासों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले और सावित्री बाई फुले ने नारी शक्ति के आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए जीवन समर्पित किया। हम उनके संकल्पों को आगे बढ़ा रहे हैं। पीएम ने सरकार के “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र को दोहराया और इसे परिवारवाद की राजनीति से अलग बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग केवल सत्ता हथियाने के लिए दिन रात खेल खेलते हैं उनका सिद्धांत है 'परिवार का साथ परिवार का विकास'। प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल की मेहनतकश महिलाओं की प्रशंसा की जो बनास डेयरी के माध्यम से नई मिसाल बन रही हैं।

काशी के युवा ओलंपिक में मेडल चमकाकर देश का गौरव बढ़ाएंगे

प्रधानमंत्री ने काशी के युवाओं को खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है और काशी के नौजवानों को अभी से मेहनत शुरू करनी होगी। काशी में नए स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाए जा रहे हैं, ताकि युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण की सुविधा मिले। पीएम ने कहा कि काशी के युवा ओलंपिक में मेडल चमकाकर देश का गौरव बढ़ाएंगे।

विकास और विरासत का अनूठा संगम है बनारस

पीएम ने काशी को भारत की आत्मा और विविधता की सबसे खूबसूरत तस्वीर बताया। उन्होंने कहा कि काशी के हर मोहल्ले में भारत का अलग रंग और संस्कृति दिखती है। काशी तमिल संगमम जैसे आयोजनों ने एकता के सूत्र को मजबूत किया है। उन्होंने प्रस्तावित एकता मॉल का जिक्र किया, जहां भारत के सभी जिलों के उत्पाद एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। पीएम ने यूपी के बदलते आर्थिक नक्शे की भी चर्चा की और कहा कि यूपी अब केवल संभावनाओं की धरती नहीं, बल्कि सामर्थ्य और सिद्धियों की संकल्प भूमि है।

यूपी की मिट्टी की खुशबू अब सरहदों के पार जाएगी

प्रधानमंत्री ने मेड इन इंडिया की वैश्विक पहचान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यूपी के उत्पाद अब ग्लोबल ब्रांड बन रहे हैं। जीआई टैग ने स्थानीय उत्पादों को नई बुलंदियों तक पहुंचाया है। यूपी देश में जीआई टैगिंग में पहले स्थान पर है। जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, पीलीभीत की बांसुरी और लखीमपुर खीरी की थारू जरदोजी जैसे उत्पादों को जीआई टैग मिला है। पीएम ने कहा कि यूपी की मिट्टी की खुशबू अब सरहदों के पार जाएगी।

जो काशी को सहेजता है, वो भारत की आत्मा को सहेजता है

प्रधानमंत्री ने काशी को विकास और विरासत के संगम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि काशी की पुरातन आत्मा को आधुनिक काया से जोड़ते रहना हमारा दायित्व है। काशी न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, बल्कि अब यह आर्थिक और सामाजिक प्रगति का भी नेतृत्व कर रही है। पीएम ने काशीवासियों से विकास की इस यात्रा में साथ देने का आह्वान किया और विश्वास जताया कि काशी पूरे भारत के लिए प्रेरणा बनेगी। पीएम ने काशी और पूर्वांचल के लोगों को इन विकास कार्यों के लिए हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि जो काशी को सहेजता है, वो भारत की आत्मा को सहेजता है। हमें काशी को निरंतर सशक्त और स्वपनिल बनाए रखना है।

इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, मंत्रीगण सुरेश खन्ना, अरविंद कुमार शर्मा, अनिल राजभर, रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालू, विधायकगण डॉ नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, डॉ अवधेश सिंह, टी राम, डॉ सुनील पटेल, बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।