दयान कृष्णन…निर्भया के गुनहगारों को भेजा “नर्क”, अब राणा को दिलाएंगे “फांसी”
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मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को सफलतापूर्वक अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। अब उसके खिलाफ भारतीय कानून के मुताबिक मुकदमा चलाया जाएगा। ऐसे में अब सवाल यह है कि तहव्वुर राणा के खिलाफ कोर्ट में एनआईए का पक्ष रखने की जिम्मेदारी किस वकील को दी गई। इस हाई-प्रोफाइल केस में अब एनआईए की तरफ से वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन मुख्य वकील होंगे। बता दें कि कृष्णन ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों जैसे 2001 के संसद हमले, कावेरी नदी जल विवाद, दूरसंचार मामलों आदि पर काम किया है।
कौन हैं दयान कृष्णन?
दयान कृष्णन वो अनुभवी अधिवक्ता हैं जो कई ऐसे बड़े आपराधिक केस लड़ चुके हैं, जिन्होंने भारत की नींव हिलाने की कोशिश की है। अब वो 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के खिलाफ एनआईए के अभियोजन का नेतृत्व करेंगे। कृष्णन को विशेष अभियोजक नरेंद्र मान सहित एक टीम द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी, जिन्होंने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया था। बता दें कि मान एक अनुभवी क्रिमिनल वकील हैं।
राणा के प्रत्यर्पण में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
बताया जा रहा है कि दयान कृष्णन ने राणा के प्रत्यर्पण की कार्यवाही में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी टीम ने अमेरिकी कोर्ट के समक्ष जबरदस्त साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसके चलते राणा की सभी दलीलों और अपीलों को खारिज कर दिया गया। साल 2019-20 में प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू होने पर कृष्णन एनआईए के साथ मिलकर काम कर रहे थे। वे और उनकी टीम भारत का मामला पेश करने के लिए एनआईए के साथ अमेरिका भी गए थे। राणा ने अमेरिका में प्रत्यर्पण से बचने के लिए ‘डबल जेपर्डी’ का तर्क दिया लेकिन कृष्णन ने अदालत में यह साबित कर दिया कि भारत के आरोप अलग प्रकृति के हैं। इसी मजबूत दलील के चलते अमेरिकी कोर्ट ने उसकी सारी याचिकाएं खारिज कर दीं और भारत के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।
हेडली से भी है कनेक्शन
हालांकि, दयान कृष्णन की राणा केस से कनेक्शन नया नहीं है। 2010 में वे शिकागो में डेविड हेडली से पूछताछ करने वाली एनआईए टीम का हिस्सा थे। इसके बाद 2014 में उन्हें हेडली और राणा दोनों के प्रत्यर्पण मामलों के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।
निर्भया केस बिना फीस लिए लड़ा
दयान कृष्णन वही वकील हैं जिन्होंने निर्भया केस में बिना फीस लिए मुकदमा लड़ा था। दयान कृष्णन ने निर्भया मामले में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद कहा था, ‘घटना के बाद मुझे लगा कि समाज के प्रति मेरा कर्तव्य है। जब मैं समाज के प्रति अपना कर्तव्य निभाऊंगा, तो निश्चित रूप से मैं पैसा नहीं कमा पाऊंगा। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, कृष्णन नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के छात्र रहे हैं। जिनका करियर लगभग तीन दशकों का है। उन्होंने साल 2001 के संसद हमले, कावेरी नदी जल विवाद, दूरसंचार मामलों, गोवा बाल शोषण कांड, नीतीश कटारा हत्या मामले और उपहार मामले सहित कई हाई-प्रोफाइल मामलों पर काम किया है।
Apr 11 2025, 12:17