मैं जेल जाने को तैयार, लेकिन...”सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मिलकर बोलीं ममता
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पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सहमत नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला में अपनी नौकरी गंवाने वाले सैकड़ों लोगों को समर्थन में उतर गईं हैं। इसी क्रम में सोमवार को ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने कहा, स्कूली नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़े होने के लिए अगर कोई मुझे सजा देना चाहता है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। यह बयान उन्होंने उन शिक्षकों के पक्ष में दिया, जिनकी नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रद्द की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य के 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती के मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। ममता बनर्जी ने कहा, शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं। आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है? नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करे कौन योग्य कौन नहीं-ममता बनर्जी
ममता ने यह सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने कहा, हमें एक लिस्ट दीजिए। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने का अधिकार नहीं है। ममता ने उदाहरण देते हुए कहा कि एनईईटी परीक्षा में भी कई आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द नहीं किया। उन्होंने यह भी पूछा, बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या बंगाल की प्रतिभा से लोग डरते हैं?
25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति रद्द
बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार को तब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने का फैसला सुनाया। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला 25 हज़ार शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को लेकर पिछले दिनों ही आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती मामले में न सिर्फ अपना फैसला सुनाया बल्कि इस भर्ती को टेंटिड और दूषित भी करार दिया।
Apr 07 2025, 16:22