दुमका : पिछड़ा वर्ग आयोग ने की जाँच, नगर निकायों में पिछड़े वर्ग के आरक्षण के मुद्दे पर अधिकारियों संग चर्चा
दुमका : झारखण्ड पिछड़ा वर्ग आयोग की टीम ने नगर निकायों में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन को जरुरी दिशा-निर्देश दिया है।
आयोग की टीम गुरुवार को दुमका पहुंची और जिले में नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की पात्रता निर्धारण तथा तथा हिन्दू धुनीया, जोल्हा, नदाफ जाति को अत्यन्त पिछड़े वर्गों की सूची में समावेशित करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण कर जांच की। टीम ने दुमका नगर परिषद के रसिकपुर, मौचीपाड़ा, जरमुंडी प्रखंड के पेटसार गाँव का दौरा कर घर-घर जाकर सत्यापन कार्य किया।
आयोग की टीम ने परिसदन में अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। बैठक में ट्रिपल टेस्ट सर्वे के नोडल पदाधिकारी व अनुश्रवण समिति के साथ चर्चा की गई।आयोग के सदस्य नंदकिशोर मेहता, लक्ष्मण यादव, संजीव कुमार, प्रशाखा पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह समेत
नोडल पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता संग अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे
टीम के मुताबिक यह सर्वेक्षण पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नीति के सही कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया। आयोग की टीम ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि समाज के सभी वर्गों को न्यायोचित प्रतिनिधित्व मिले और आरक्षण नीति प्रभावी रूप से लागू हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्वेक्षण की सटीकता और निष्पक्षता बनाए रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाए। इस जांच का उद्देश्य पिछड़े वर्गों की वास्तविक सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन करना और आरक्षण नीति को सही ढंग से लागू करना है।
इधर संताल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य लक्ष्मण यादव और नंदकिशोर मेहता को परिसदन भवन में ज्ञापन सौंपा गया। संगठन ने आयोग सदस्यों के साथ झारखण्ड राज्य में नौकरी एवं शिक्षा में समुचित आरक्षण और ट्रिपल टेस्ट में खामी पर चर्चा भी की।
मोर्चा के अध्यक्ष असीम मंडल ने कहा कि झारखंड गठन के बाद से ही दुमका सहित सात जिलों लातेहार, सिमडेगा, गुमला, लोहरदंगा, खुटी, पश्चिम सिंहभूम में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ट्रिपल टेस्ट में सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है। धरातल पर कार्य नहीं हो रहा है। प्रधान महासचिव डॉ अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि मोर्चा की प्रमुख मांग झारखण्ड में जातिगत जनगणना करा कर अविलंब पिछड़ों को आबादी के अनुरूप आरक्षण देने, पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुशंसा के आलोक में तत्काल दुमका और झारखण्ड में पिछड़ा वर्ग को 36% आरक्षण देने की मांगे शामिल है
प्रतिनिधि मंडल में केंद्रीय अध्यक्ष असीम कुमार मंडल, प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव, महासचिव रंजीत जायसवाल, कोषाध्यक्ष अजीत मांझी, बुद्धिजीवी मंच के शिवनारायण दर्बे, बिहारी यादव शामिल थे।
वहीं सिविल सोसायटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को ज्ञापन सौंपकर नगर निकाय चुनाव में घर-घर जाकर प्रत्येक पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के परिवार की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक स्थितियों का सर्वे सही तरीके से कराने की मांग की। साथ ही अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा और अन्य सदस्यों ने आयोग के सदस्य द्वय के साथ चर्चा कर दुमका नगर परिषद और ट्रिपल टेस्ट से संबंधित अधिकारियों के द्वारा कागज पर ही सर्वे कर लीपा-पोती किए जाने की शिकायत की। प्रतिनिधिमंडल में सिविल सोसायटी दुमका के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा,उपाध्यक्ष प्रेम केशरी, सचिव संदीप कुमार जय बमबम, लक्ष्मी नारायण साह, रामाकांत साह, अधिवक्ता संजीव कुमार दास विभीषण राउत आदि शामिल थे।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
Apr 01 2025, 21:34