30 मार्च से नवरात्र दोपहर 2.14 तक कलश स्थापना का मुहुर्त
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से होगी। नवरात्र में नवदुर्गा और नव गौरी की पूजा अर्चन विधि विधान पूर्वक से किया जाता है। इस बार नव संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य होंगे। मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। इससे वर्षा अधिक होने की संभावना है। यह नवरात्र आठ दिनों का होगा।
श्री महावीर पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है।नवरात्र में हिंदू नव वर्ष के राजा और मंत्री सूर्य हैं। यह शुभ संयोग 10 साल बाद बन रहा है। नवरात्र में नव दुर्गा और नव गौरी की पूजा का विधान है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का अलग अलग दिन पूजन और आराधना की जाती है। नौ दिनों तक शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक, लोगों के घरों में भक्ति का महौल रहता है। नौ दिन की व्रती महिलाएं सुबह शाम पूजन अर्चन करती हैं।पंचमी तिथि का लोप होने के कारण इस बार नवरात्रि नौ की जगह आठ दिन का है।
चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 30 मार्च से नवरात्र प्रारंभ होगा, जो कलश स्थापना प्रतिपदा तिथि पर्यन्त दिन में 2:14 बजे तक किया जाएगा। ज्ञानपुर से सटे धार्मिक घोपइला धाम को रंग-रोगन कर श्रद्धालुओं के लिए सजा दिया गया है। नवरात्र में इस दुर्गा मंदिर का महात्म्य बढ़ जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए यहां पहुंचते हैं। घोपइला धाम के नाम से प्रसिद्ध दुर्गा धाम पर नवरात्र में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु हाजिरी लगाने पहुंचते हैँ। नवरात्र के पहले दिन की तैयारियों को मंदिर परिसर में पूर्ण कर लिया गया है। मंदिर की स्थापना करने वाले परिवार से जुड़े अवधेश चंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि मंदिर की स्थापना 1924 में उनके दादा जी ने कराई थी। इसके पीछे संतान न होना वजह बताई गई थी।
कहते हैं कि एक पंडित जी उन्हें बताया कि तुम एक दुर्गा मंदिर बनवाओ। इसके बाद मंदिर बनवाया गया और उसके दो साल बाद 1926 में मेरे पिताजी का जन्म हुआ। मां दुर्गा के आशीर्वाद से उनका जन्म होने के कारण उनका नाम दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव रखा गया। मां की महिमा अपरंपार है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पूरी आस्था के साथ मां के दर्शन करने पहुंचता है, मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। नवरात्र के निमित्त मंदिर की रंगाई-पुताई के बाद बिजली-झालर आदि से सजाने का काम पूरा किया गया। रविवार से पूरे नौ दिन यहां देवी महिमा से वातावरण भक्तिमय रहेगा।
Mar 28 2025, 18:51