अमेरिका में किसने की रॉ को बैन करने की मांग? भारतीय एजेंसी पर लगाए कई गंभीर आरोप
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भारत और अमेरिका के बीच काफी अच्छा संबंध है। खासकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंधों एक नया आयाम स्थापित किया है। हालांकि, एक बार फिर भारत में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर जहर उगला गया है। धार्मिक आजादी पर काम करने वाली यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने मंगलवार को एक नई रिपोर्ट जारी की। हमेशा की तरह एक बार फिर भारत पर कीचड़ उछाला गया है।
यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा बर्ताव बढ़ता जा रहा है। साथ ही अमेरिकी आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इसके लिए उसने सिख अलगाववादियों की कथित हत्या में भारतीय एजेंसी की संलिप्तता के बेबुनियाद आरोपों को आधार बनाया है।
भारत की तुलना वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार
रिपोर्ट में भारत की तुलना वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से कर दी। संस्था ने सुझाव दिया कि भारत और वियतनाम दोनों को खास चिंता वाला देश घोषित किया जाए। दोनों देश चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 में धार्मिक आधार पर भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। यूएससीआईआरएफ का कहना है कि नागरिक समाज समूहों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अमेरिका खुद सख्त प्रवास नीति को लेकर घिरा
अमेरिकी आयोग की ये टिप्पणी भारत की आंतरिक राजनीति और सुरक्षा संबंधी मामलों में दखल देने की कोशिश मानी जा सकती है, जो भारतीय सरकार के लिए विवादास्पद हो सकता है। अमेरिका के इस कदम पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि खुद अमेरिका का इतिहास भी प्रवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन से भरा पड़ा है। अमेरिका को खुद दुनियाभर में अपने सख्त प्रवास नीति के तहत प्रवासियों को क्रूर तरीके से निपटने के लिए जाने जाते हुए कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ता रहा है।
क्या ट्रंप लगाएंगे प्रतिबंध?
रॉ पर उठ रही उंगली के बीच सवाल ये है कि क्या ट्रंप सरकार इस भारतीय एजेंसी को बैन करेगी। विश्लेषकों का कहना है कि वॉशिंगटन ने लंबे समय से नई दिल्ली को एशिया और अन्य जगहों पर चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रतिकार के रूप में देखा है। रॉयट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि अमेरिकी सरकार भारत की जासूसी संस्था रॉ के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगी, क्योंकि पैनल की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं है।
क्या है रॉ?
रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) भारत की प्रमुख विदेशी खुफिया एजेंसी है, जो भारतीय सुरक्षा और खुफिया जानकारी जुटाने का कार्य करती है। इसकी स्थापना 1968 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय हितों की रक्षा के लिए विदेशों में खुफिया जानकारी प्राप्त करना है। रॉ आतंकवाद, बाहरी खतरों, और भारत की सुरक्षा से संबंधित अन्य मुद्दों पर निगरानी रखती है। यह विशेष रूप से पाकिस्तान, चीन और अन्य पड़ोसी देशों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में सक्रिय रहती है। रॉ भारतीय विदेश नीति और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में अहम भूमिका निभाती है।
Mar 26 2025, 14:39