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कुणाल कामरा ने रिकॉर्ड किया एक और वीडियो, जानें इस बार क्या ?

#kunal_kamra_post

विवादों में घिरे स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने बयान के बाद विवादों में घिर गए हैं। हालांकि, कुणाल के मिजाज में अंतर नहीं है। विवादों के बीच आज एक और वीडियो पोस्ट किया। खुद पर और स्टूडियो पर हुए हमले पर तंज कसते हुए एक गाना रिकॉर्ड किया है। इस वीडियो में उन्होंने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार पर तंज़ कसा है।

इस वीडियो में मुंबई के खार में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ के विज़ुअल भी शामिल हैं।वीडियो में कुणाल कामरा ने कहा कि हम होंगे कंगाल एक दिन। मन में अंधविश्वास देश का सत्यानाश, हम होंगे कंगाल एक दिन. होंगे नंगे चारों ओर, करेंगे दंगे चारों ओर, पुलिस के पंगे चारों ओर एक दिन...मन में नथूराम और हरकतें आशाराम, हम होंगे कंगाल एक दिन। होगा गाय का प्रचार, लेके हाथों में हथियार, होगा संघ का शिष्टाचार, एक दिन...जनता बेरोजगार, गरीबी की कगार हम होंगे कंगाल एक दिन।

इससे पहले विवाद पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कुणाल कामराने कहा कि वह एकनाथ शिंदे के बारे में अपनी टिप्पणियों के लिए माफ़ी नहीं मांगेंगे और उस स्थान पर तोड़फोड़ की आलोचना की जहाँ उनका कॉमेडी शो रिकॉर्ड किया गया था। कामरा ने एक बयान में लिखा कि मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा... मुझे इस भीड़ से डर नहीं लगता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतज़ार नहीं करूंगा।

36 वर्षीय कॉमेडियन ने अपने एक ताज़ा शो में एक लोकप्रिय हिंदी फ़िल्म के गाने की पैरोडी बनाकर शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था जिसके बाद महाराष्ट्र में एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। कुणाल कामरा ने शो की रिकॉर्डिंग रविवार को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की थी। इसके बाद शिवसेना के कई नेताओं ने कुणाल कामरा को धमकी दी थी कि शिवसैनिक उनकी पिटाई करेंगे।

राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता मामलाः हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया 4 हफ्ते का वक्त, 21 अप्रैल को सुनवाई


#rahulgandhidualcitizenshipcase

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर जानकारी पेश करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को चार हफ्ते का समय दिया है। गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर रिपोर्ट देने के लिए आठ हफ्ते का समय मांगा था, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें चार हफ्तों का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।

इस मामले में नवंबर 2023 में हुई पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह याचिका पर की गई कार्रवाई की जानकारी दे। इसके लिए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए थे। मंत्रालय को पहले तीन सप्ताह का समय दिया गया था,लेकिन अब उन्हें चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करनी होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट में भी मामला लंबित

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक समान याचिका दायर की गई थी। यह याचिका पूर्व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2019 में दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि गृह मंत्रालय को इस मामले में पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला

दरअसल, 1 जुलाई 2024 को कर्नाटक के वकील और बीजेपी सदस्य एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।

इस याचिका में राहुल की ब्रिटिश नागरिकता को कथित तौर पर छुपाने के कारण इसी साल रायबरेली लोकसभा सीट से उनके निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते।

कैशकांड का खुलेगा राजःजस्टिस वर्मा के घर पहुंची जांच टीम, घर पर मिले थे अधजले नोट


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जस्टिस यशंवत वर्मा के घर में मिले कैश के मामले की जांच तेज हो गई है। इसी क्रम में दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली के 30, तुगलक क्रिसेंट स्थित आवास पर मंगलवार दोपहर सीजेआई की गठित 3 सदस्यीय टीम (इन हाउस पैनल) जांच के लिए पहुंची। टीम उस स्टोर रूम में गई जहां 500-500 के नोटों से भरीं अधजली बोरियां मिली थीं। जांच टीम में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी एस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं।

जांच के दौरान समिति के सदस्य करीब 30-35 मिनट तक न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास के अंदर रहे। इस दौरान उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास पर बीती 14 मार्च की रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद कथित नकदी बरामदगी हुई थी। जिसके बाद अग्निशमन अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई थी। इसके बाद 22 मार्च को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी थी।

3 राज्यों के चीफ जस्टिस के इस पैनल को ही तय करना है कि कैश मिलने के मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एक्शन होना चाहिए या नहीं। हालांकि, पैनल कार्रवाई करने का हकदार नहीं होगा। पैनल बस अपनी रिपोर्ट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना को सौंपेगा। अगर पैनल को लगता है कि आरोपों में दम है और उजागर किए गए कदाचार के बाद जस्टिस को हटाने की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए तो चीफ जस्टिस ये रास्ते अपना सकते हैं।

अगर पैनल को लगता है कि आरोप में दम हैं। कदाचार के तहत जस्टिस को हटाया जाना चाहिए तो चीफ जस्टिस सबसे पहले संबंधित जज को इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर जस्टिस दोनों कंडीशन में बात नहीं मानते हैं तो सीजेआई संबंधित हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से कह सकते हैं कि वह जस्टिस को कोई न्यायिक काम न दें। इस स्थित में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी सूचित किया जा सकता है।

बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित घर में 14 मार्च की रात आग लगी। उनके घर के स्टोर रूम जैसे कमरे में 500-500 रुपए के जले नोटों के बंडलों से भरे बोरे मिले। सवाल खड़ा हुआ कि इतना कैश कहां से आया। मामले ने तूल पकड़ा। इसको लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा किया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने इस मामले में एक्शन लेते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक बुलाई, जिसमें जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में करने का फैसला लिया।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जब जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की तो इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर महाभियोग की मांग की। बार एसोसिएशन ने कहा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ सीबीआई और ईडी को मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

कुणाल कामरा पर भड़कीं कंगना रनौत, बोलीं- 2 मिनट के फेम के लिए लोगों का अपमान कर रहे

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम लिए बगैर उन पर विवादित टिप्पणी करने वाले स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को लेकर फिल्म जगत के कुछ सितारे सपोर्ट में तो कुछ विरोध में नजर आए। बॉलीवुड अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत ने महाराष्ट्र के राजनेता के खिलाफ हाल ही में की गई टिप्पणी के लिए कॉमेडियन कुणाल कामरा पर निशाना साधा। मंडी लोकसभा सीट से सांसद कंगना रनौत ने कहा कि कॉमेडी के नाम पर किसी की इज्जत उछालना गलत है। ये वही लोग हैं, जो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाए।

कंगना ने कामरा के ‘गद्दार’ या ‘दलबदलू’ वाले मजाक को गलत बताते हुए कहा, आप कोई भी हो और किसी के काम से यदि असहमत हैं तो इस तरह से नहीं बोल सकते। जब बीएमसी ने मेरे ऑफिस को तोड़ा था तब भी कामरा ने मजाक उड़ाया था। मेरे साथ जो हुआ वह गैरकानूनी था और इनके साथ जो हुआ वह लीगल है।मैं उस घटना की तुलना इस घटना से नहीं करूंगी, क्योंकि वह गैरकानूनी थी, जबकि यह पूरी तरह से कानूनी है।

कंगना जाहिर तौर पर 2020 की उस घटना का जिक्र कर रही थीं, जिसमें शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के साथ विवाद के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने उनके मुंबई कार्यालय को ध्वस्त कर दिया था। कंगना ने अपने बंगले को गिराए जाने की बात को लेकर कहा कि मेरे साथ जो किया गया वह अवैध रूप से किया गया था।

कुणाल कामरा ने कंगना रनौत के ऑफिस को तोड़ने पर भी एक कॉमेडी वीडियो बनाया था। बीएमसी ने उनके सांसद बनने से पहले मुंबई में उनके ऑफिस को तोड़ दिया था। इस वजह से सांसद कंगना के घाव भी फिर से हरे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वो जो मेरे साथ हुआ था वो गैर कानूनी था।

अभिनेत्री ने एकनाथ शिंदे की ऑटो-रिक्शा चालक से लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री बनने तक की यात्रा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'शिंदे जी कभी रिक्शा चलाते थे और आज वे अपनी योग्यता के बल पर महान ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं, लेकिन उनका मजाक उड़ाने वाले ये लोग कौन हैं? उनके पास क्या योग्यताएं हैं? उन्होंने जीवन में क्या हासिल किया है?

कंगना ने कहा, कॉमेडी के नाम पर गाली-गलौज करना, हमारे ग्रंथों का मजाक उड़ाना, लोगों का मजाक उड़ाना, माताओं-बहनों का मजाक उड़ाना गलत है। आजकल सोशल मीडिया पर किस तरह के लोग आ गए हैं, जो खुद को इनफ्लूएंसर्स कह रहे हैं। हमारा समाज कहां जा रहा है। दो मिनट की फेम के लिए ये क्या कर रहे हैं हमें इस बारे में सोचना चाहिए।

23 मार्च को जिस जगह पर कुणाल ने परफॉर्म किया था, वहां एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी। शिवसेना पार्टी के कार्यकर्ता भी कुणाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए खार पुलिस स्टेशन पहुंचे, जबकि अन्य लोगों ने इसी तरह की मांगों को लेकर एमआईडीसी पुलिस स्टेशन का रुख किया। विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुणाल ने स्टूडियो में तोड़फोड़ करने वाली भीड़ की आलोचना की और माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि नेताओं और राजनीतिक व्यवस्था का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है।

कुणाल कामरा को लेकर पहली बार बोले एकनाथ शिंदे, बोले- व्यंग्य भी मर्यादा में होता है

#kunalkamracontroversyeknathshinde

स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर एकनाथ शिंदे ने चुप्पी तोड़ी है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि किसी भी व्यंग्य की एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है। सामने वाले व्यक्ति को भी एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। कॉमेडियन कुणाल कामरा के एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो में दिए गए उनके खिलाफ विवादित बयान का जिक्र कर रहे थे। इस बीच कुणाल कामरा ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

क्या बोले शिंदे

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी और शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ किए जाने पर कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है; हम व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी’ लेने जैसा है। सामने वाले व्यक्ति को भी एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए, अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।

शिंदे ने कहा- कामरा ने जो कहा वह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता नहीं है यह सुपारी लेकर बोल रहा है । हमारे कार्यकर्ता ने जो किया वह एक्शन की रिएक्शन है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। ये आरोप किसी से सुपारी लेकर आरोप लगाए गए हैं। इसलिए मैंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं तो बोलूंगा ही नहीं। मैं एक काम करनेवाला आदमी हूं।

कुणाल ने शिंदे को “गद्दार” कहा

स्टैंड-अप कॉमेडियन ने अपने शो में शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था। कामरा ने फिल्म 'दिल तो पागल है' के एक गाने की पैरोडी की थी, जिसमें शिंदे को गद्दार कहा गया। उन्होंने गाने के जरिए शिवसेना और NCP में विभाजन को लेकर भी मजाकिया लहजे में कमेंट किया था।

कामरा का वीडियो सामने आने के बाद 22 मार्च की रात शिवसेना शिंदे गुट के समर्थकों ने मुंबई के खार इलाके में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में जमकर तोड़फोड़ की। शिंदे ने कहा, इसी व्यक्ति (कामरा) ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह किसी के लिए काम करना है।

इस बीच तोड़फोड़ की घटना को लेकर कुणाल कामरा ने कहा- वह शिंदे के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे और मुंबई में उस स्थान पर तोड़फोड़ की आलोचना की, जहां कॉमेडी शो रिकॉर्ड किया गया था।

रेखा गुप्ता में दिल्लीवालों के लिए खोला पिटारा, जानें छात्रों और महिलाओं के लिए क्या


#delhibudget2025 

दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने एक लाख करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है। दिल्ली विधानसभा का पांच दिवसीय बजट सत्र सोमवार को ‘खीर' समारोह के साथ शुरू हुआ और आज दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सदन में बजट पेश किया। मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आई भाजपा सरकार का मंगलवार को पहला बजट पेश किया।

2025-26 का दिल्ली का बजट 1 लाख करोड़ रुपये का है। यह बजट पिछले साल की तुलना में 31.5 प्रतिशत ज्यादा है। दिल्ली बजट में बिजली, सड़क, पानी और संपर्क समेत कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए 320 करोड़ रुपये

दिल्ली की सीएम ने प्रदेश में आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए 320 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा की। दिल्ली सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबध है। उन्होंने कहा कि सरकार वैकल्पिक हेल्थ केयर की दिशा में भी काम करेगी। इसके लिए आयुष पर जोर दिया जाएगा।

दिल्ली में हर घर तक पहुंचेगा साफ पानी

सीएम रेखा गुप्ता ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारी सरकार में हर घर तक साफ पानी पहुंचेगा। इसके साथ ही सीवर सिस्टम अपग्रेड होगा। ऐसे में जल आपूर्ति और स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 9,000 करोड़ का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे नई जल पाइपलाइन बिछाई जाएंगी, सीवर लाइनों का विस्तार होगा और हर नागरिक को शुद्ध पेयजल की सुविधा मिलेगी।

दिल्ली बजट में 500 करोड़ रुपये का सीवेज ट्रीटमेंट प्लान

दिल्ली बजट में इस बार सीवेज ट्रीटमेंट प्लान के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में पानी और सीवर अब समस्या नहीं रहेगी। सीएम ने कहा कि 250 करोड़ का प्रावधान पुरानी सीवर लाइन बदलने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि सीवर साफ करने के लिए 31 सुपर सकर मशीन किराये पर लाए गए हैं। जरूरत के हिसाब से और मशीने मंगाई जाएंगी।

5000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें लाएंगे

सीएम रेखा ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन के लिए दिल्ली में 2152 इलैक्ट्रिक बसें हैं। 5000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें 2025-26 में शामिल करेंगे। मेट्रो का चौथा फेज देर से शुरू हुआ, पिछली सरकार ने देरी की। 6000 करोड़ की देनदारी है। मेट्रो 290 स्टेशन के साथ 394 किलोमीटर का संचालन कर रही है। 2929 करोड़ मेट्रो के लिए दिए गए हैं, हम अपने शेयर देंगे और अगले फेज के लिए तैयार करेंगे। 1000 करोड़ शहरी परिवहन के लिए रखे गए हैं और 12952 करोड़ दिल्ली परिवहन के लिए है।

वरिष्ठ नागरिकों को 2500 करोड़ रुपए

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि 9780 करोड़ रुपए समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास और एससी-एसटी, ओबीसी विभाग के लिए दिए गए हैं। इससे 9 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। वरिष्ठ नागरिकों को 2500 करोड़ रुपए देने का प्रावधान है। 70 साल से अधिक उम्र के लोगो को 3000, एएसी-एसटी को अतिरिक्त 500 रुपए दिए जाएंगे। विकलांगों को 2500 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए दिए जाएंगे, जिलके लिए कुल 3227 करोड़ का प्रावधान है।

दिल्ली के छात्रों को बांटे जाएंगे लैपटॉप

रेखा गुप्ता ने कहा कि बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 100 सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषा सिखाएंगे, इसके लिए 21 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 1.5 करोड़ की लागत से बच्चों को आर्ट ऑफ लिविंग सिखाएंगे। 7000 क्लास को स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी। 1200 बच्चों को साढ़े 7 करोड़ की लागत से लैपटॉप दिया जाएगा, जोकि 10 से 11वीं में जाएंगे। नींव प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़, तकनीकी शिक्षा के लिए 618 करोड़ रुपए, नरेला में एजुकेशन हब बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए और आईटीआई के लिए 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

ट्रंप के टैरिफ वार के बीच भारत की अहम “चाल”, 1 अप्रैल से हटाएगा गुगल टैक्स

#indiatoremove6percentgoogletax 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उससे पहले भारत सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है।भारत सरकार ने 1 अप्रैल से गूगल और मेटा जैसी कंपनियों की ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर लगाए जाने वाले 6% के गूगल टैक्स (इक्वलाइजेशन लेवी) को हटाने का प्रस्ताव रखा है। इस टैक्स को व्यापक रूप से गूगल टैक्स के रूप में जाना जाता है। भारत सरकार के इस कदम का उद्देश्य संभवतः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांत करना है।

गूगल टैक्स पर सरकार का प्रस्ताव

ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर कोई देश अमेरिका की टेक कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाएगा तो वह 2 अप्रैल से उन पर जवाबी शुल्क लगाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त विधेयक में 59 संशोधन पेश किए। यह प्रावधान उन्हीं संशोधनों में शामिल है। इक्वलाइजेशन लेवी को हटाने का प्रस्ताव भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत के बीच आया है।

क्या दबाव में लिया गया फैसला?

यह कदम भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा और 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा बराबरी वाला शुल्क लगाए जाने से पहले उठाया गया है। जानकारों का कहना है कि यह कदम भारत के व्यापारिक रुख को लचीला दिखाने का प्रयास है और अमेरिकी विरोध को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। गूगल टैक्‍स हटाने से भारत अमेरिका के टैरिफ वार से बच पाएगा या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है।

गूगल टैक्स होता क्या है?

भारत में इक्वलाइजेशन लेवी या गूगल टैक्स की शुरुआत 2016 में की गई थी। इसका मकसद था भारत से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को होने वाली आय पर टैक्स लगाना। गूगल टैक्स एक टैक्स है, जिसे सेवा प्राप्तकर्ता द्वारा पेमेंट के समय लगाया जाता है। शर्त यही होती है कि जिस कंपनी को विज्ञापन के बदले टैक्स दिया जा रहा है वह विदेशी हो। वित्त अधिनियम, 2020 ने इस टैक्स का दायरा 1 अप्रैल, 2020 को या उसके बाद की गई ई-कॉमर्स सप्लाई और सेवाओं तक 2% की दर से बढ़ा दिया था। हालांकि, जुलाई 2024 में प्रस्तुत केंद्रीय बजट में इसे अगस्त 2024 से समाप्त कर दिया गया।

सऊदी में 12 घंटे अमेरिकी और रूसी अधिकारियों का मंथन,यूक्रेन युद्ध रोकने पर कहां तक बनी बात?

#us_and_russian_officials_meeting_held_in_riyadh 

यूक्रेन जंग रोकने को लेकर सऊदी अरब के रियाद में अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने मंथन किया। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक 12 घंटों से ज्यादा लंबी चली, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धविराम की कोशिशों पर प्रगति की। वहीं, रूसी मीडिया के मुताबिक, इस बैठक को लेकर अमेरिका और रूस मंगलवार यानी 25 मार्च को एक संयुक्त बयान जारी करेंगे।

अमेरिका के साथ बैठक के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने एक छोटा सा वीडियो जारी किया। इस वीडियो में रूसी अधिकारियों को वार्ता के खत्म होने के बाद बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, मंत्रालय की ओर से इस वीडियो पोस्ट पर कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई। केवल लिखा गया, “रूसी-अमेरिकी बैठक खत्म हो गई है।

रूस के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और सीनियर डिप्लोमेट ग्रिगोरी करासिन ने रियाद में हुई वार्ता को ‘रचनात्मक’ के साथ-साथ ‘तकनीकि’ भी बताया है। करासिन ने बातचीत में ब्रेक के दौरान मीडिया से कहा, “सभी बैठकों में हाई-प्रोफाइल दस्तावेज या समझौते नहीं होते हैं, बैठक में महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि संबंधित पक्षों के बीच संवाद को बनाकर रखा जाए और एक-दूसरे की स्थिति को गहनता से समझा जाए और इस संबंध में हम सफल हो रहे हैं।

हालांकि एक तरफ तो सीजफायर को लेकर बैठक चल रही थी वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन बॉर्डर पर दोनों तरफ से हमले जारी हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि जब अमेरिका और यूक्रेन के बीच रियाद के एक लक्जरी होटल में बैठक हो रही थी, तब उत्तरपूर्वी यूक्रेन के सुमी पर सोमवार को एक रूसी मिसाइल हमले में 17 बच्चों सहित लगभग 90 लोग घायल हो गए।

इससे पहले पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी। इस दौरान ट्रम्प ने दोनों नेताओं से एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने के लिए कहा था।

हालांकि, इस बातचीत में स्पष्टता की कमी की वजह से यह समझौता लागू नहीं हो पाया। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले भी किए।

अमेरिका यूक्रेन को पहले ही प्रस्ताव दे चुका है कि वह पावर प्लांट्स (ऊर्जा ठिकानों) की सुरक्षा के लिए उन्हें अमेरिका को सौंप दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने टीवी पर दिए एक बयान में बताया कि बातचीत काफी उपयोगी रही। यूक्रेन के रक्षामंत्री रुसतेम उमेरोव के मुताबिक इस बातचीत का मकसद जल्द शांति और सुरक्षा को मजबूत करना है। रविवार को इस सब पर तकनीकी बातचीत हुई। वहीं जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों, खासतौर से अमेरिका से पुतिन को हमले रोकने के लिए आदेश देने के लिए कहा

कुणाल कामरा को मुंबई पुलिस ने भेजा आज पेश होने का समन, पूछताछ के लिए बुलाया

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विवादित बयान देकर फंसे स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर विवादित कविता बोलने को लेकर वे कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। इस मामले में अब कुणाल को पुलिस ने समन भेजा है।

कुणाल कामरा को खार पुलिस ने उनके घर पर समन भेजा है। हालांकि, कुणाल फिलहाल मुंबई में नहीं है, इसीलिए समन कुणाल के पिता को हैंडओवर किया गया है। इसके अलावा कुणाल को पुलिस ने व्हाट्सएप के जरिए भी समन भेजा है और पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा है।

कामरा का माफी मांगने से इनकार

इससे पहले कुणाल कामरा ने इस विवाद को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। कामरा ने बीती रात एक स्टेटमेंट जारी किया था। इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए कुणाल कामरा ने साफतौर पर कहा कि वे माफी नहीं मांगेगे। उन्होंने लिखा- 'मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं अपने बेड के नीचे छिपकर इसके शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा। मैंने बिल्कुल वही कहा जैसा मिस्टर अजीत पवार (फर्स्ट डिप्टी सीएम) ने श्री एकनाथ शिंदे (दूसरे डिप्टी सीएम) के बारे में कहा था।

रघुनाथ पाटिल ने दी अपने अंदाज में बात करने की धमकी

वहीं, कामरा के माफी मांगने से इनकार करने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री गुलाब रघुनाथ पाटिल ने कहा, ‘अगर वह माफ़ी नहीं मांगते हैं, तो हम उनसे अपने अंदाज में बात करेंगे। शिवसेना उन्हें नहीं छोड़ेगी, हम यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो वह बाहर आ जाएंगे, कहां छिपेंगे? शिवसेना अपना असली रूप दिखाएगी।

क्या है मामला?

कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई में आयोजित अपने शो में महाराष्ट्र की राजनीति पर टिप्पणी की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे शिवसेना कार्यकर्ता उग्र हो गए थे। उन्होंने दिग्गज नेता के दल बदलने को लेकर एक फिल्मी गाने का सहारा लिया था। इस विवादित टिप्पणी पर भड़के शिवसेना के युवा कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसी होटल में कामरा के शो की शूटिंग हुई थी। उपद्रव के बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में राहुल समेत 12 को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई। विवादित टिप्पणी मामले में कामरा पर भी मामला दर्ज किया गया है।

पोओके में अवैध कब्जा, खाली तो करना ही होगा, यूएन में भारत की पाक को दो टूक

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भारत ने एख बार फिर पाकिस्तान को वैश्विक मंच से खरी-खोटी सुनाई है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शांति स्थापना सुधारों पर बहस के दौरान जम्मू और कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के बार-बार दिए गए बयानों को सख्ती से खारिज किया। साथ ही पाकिस्तान से दो टूक कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर में उनका अवैध कब्जा है और उसे खाली करना ही होगा।

भारत ने मंगलवार को शांति स्थापना सुधारों पर संयुक्त राष्ट्र की बहस में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा बार-बार उठाने के लिए पाकिस्तान की जमकर “धोया”।सुरक्षा परिषद में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि यह टिप्पणी उचित नहीं थी। उन्होंने दोहराया कि यह क्षेत्र 'भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।

पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि वह शांति स्थापना पर मुख्य चर्चाओं से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, भारत यह स्पष्ट करना आवश्यक समझता है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर अनुचित टिप्पणी की है। ऐसे बार-बार किए गए दावे न तो उनके अवैध दावों को मान्यता देते हैं और न ही उनके राज्य-प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद को सही ठहराते हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश पी ने कहा कि हम पाकिस्तान को सलाह देंगे कि वह अपने संकीर्ण और विभाजनकारी एजेंडे को चलाने के लिए इस मंच का ध्यान भटकाने की कोशिश न करे। भारत अधिक विस्तृत उत्तर देने के अधिकार का प्रयोग करने से परहेज करेगा।

हरीश का यह जवाब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सैयद तारिक फातमी द्वारा सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के भविष्य पर चर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर पर दिए गए बयान के बाद आया है। भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन इस बात पर जोर देता है कि इस तरह के संबंधों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।