राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता मामलाः हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया 4 हफ्ते का वक्त, 21 अप्रैल को सुनवाई
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर जानकारी पेश करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को चार हफ्ते का समय दिया है। गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर रिपोर्ट देने के लिए आठ हफ्ते का समय मांगा था, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें चार हफ्तों का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
इस मामले में नवंबर 2023 में हुई पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह याचिका पर की गई कार्रवाई की जानकारी दे। इसके लिए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए थे। मंत्रालय को पहले तीन सप्ताह का समय दिया गया था,लेकिन अब उन्हें चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करनी होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट में भी मामला लंबित
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक समान याचिका दायर की गई थी। यह याचिका पूर्व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2019 में दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि गृह मंत्रालय को इस मामले में पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या है राहुल गांधी की नागरिकता का मामला
दरअसल, 1 जुलाई 2024 को कर्नाटक के वकील और बीजेपी सदस्य एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का भी आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के 2022 के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।
इस याचिका में राहुल की ब्रिटिश नागरिकता को कथित तौर पर छुपाने के कारण इसी साल रायबरेली लोकसभा सीट से उनके निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसके पास ब्रिटिश सरकार के सभी दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं जो साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और इस वजह से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। लिहाजा वह लोकसभा सदस्य का पद नहीं संभाल सकते।
Mar 25 2025, 20:01