*पेयजल कनेक्शन और सौर प्रणाली पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन*
संभल- महाविद्यालय में अर्थशास्त्र एवं भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पेयजल कनेक्शन और सौर प्रणाली पर आधारित आईसीएसएसआर प्रायोजित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) योगेंद्र सिंह, मुख्य वक्ता डॉ पवन कुमार सिंह, कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर निलेश कुमार एवं कार्यक्रम के सहसंयोजक दुष्यंत मिश्र ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। इसके बाद मुख्य वक्ता डॉ पवन कुमार सिंह को महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया एवं डॉ निलेश कुमार डॉ विकास सिंह यादव ने प्राचार्य जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर निलेश कुमार ने जल जीवन मिशन की प्रस्तावना में बताया कि यह एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य भारत में हर घर में स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है । यह योजना 2019 में शुरू की गई थी और इसका लक्ष्य देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में प्रत्येक घर पेयजल की आपूर्ति करनी है। अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रकाश नारायण ने मुख्य वक्ता के जीवन परिचय कार्यक्षेत्र एवं योगदान को विस्तार से बताया।
लक्ष्मीबाई कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से आए मुख्य वक्ता डॉ पवन कुमार सिंह ने जल के महत्व एवं जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जल के उपयोग को विस्तार से समझायाI जल जीवन मिशन के उद्देश्यों में हर घर में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल, जल से होने वाली बीमारियों को कम करना, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता को बढ़ाना एवं जल संचय एवं जल प्रबंधन हेतु जागरूकता फैलाना साथ ही मुख्य वक्ता ने भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत किए गए मुख्य कार्य पेयजल के लिए नई पाइपलाइन बिछाना पुरानी पाइप लाइनों की मरम्मत करना जल के शुद्धिकरण संयंत्रों का निर्माण एवं जल संचयन के लिए तालाबों और जलाशयों का निर्माण करना है।
अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शशिकांत गोयल ने जल जीवन मिशन की चुनौतियां के बारे में विस्तार से बताया जैसे कि पेयजल की आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करने में समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है। पानी की हर बूँद मायने रखती है। पानी का पुनः उपयोग अति आवश्यक है, इसके अलावा जल प्रदूषण को कम करने के लिए और भी प्रयास करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ योगेंद्र सिंह ने जल जीवन मिशन का उद्देश्य भारत को स्वस्थ निरोगी एवं विकसित भारत बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह योजना भारत में पेयजल की समस्या का समाधान करने में सहायक होगी, इस योजना को और भी प्रभावी बनाने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करने आवश्यकता है। कार्यक्रम के सहसंयोजक दुष्यंत मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन के दौरान बताया कि शब्द एवं जल का उड़ेलना सरल है पर इनका भंडारण एवं पुनः संग्रहण करना बहुत मुश्किल है। इसलिए जल की प्रत्येक बूंद महत्वपूर्ण है। जल आदिमानव से वर्तमान सभ्यता के विकास का अनिवार्य एवं मूलभूत साधन रहा है। यही कारण है कि विश्व की प्राचीन सभ्यताएं जल के निकट या नदी के किनारे ही विकसित हुई। विश्व के अनेक देशों के मध्य विवादों के मूल में जल ही है। विद्वानों का मानना है कि तीसरा विश्व युद्ध जल पर ही होगा।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग प्रभारी डॉक्टर संजय दुबे ने किया । इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहाI
Mar 25 2025, 17:56
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