अमेरिका में पढ़ रहे अपने छात्रों को भारत की सलाह, कहा- स्थानीय कानूनों का पालन करें
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हमास का समर्थन करने के लिए अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों को यूएस गवर्नमेंट की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों से स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करने की नसीहत दी है। भारत सरकार की तरफ से ये बयान ऐसे समय में आया है जब, अमेरिका ने एक भारतीय रिसर्चर को गिरफ्तार कर लिया है तो एक अन्य स्टूडेंट को खुद अमेरिका छोड़कर कनाडा निर्वासित होना पड़ा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जयसवाल ने कहा कि वीजा और आव्रजन मामले उस देश के संप्रभू अधिकार में आते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिका को ऐसे आंतरिक मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जब विदेशी नागरिक भारत आते हैं, तो वे हमारे कानूनों और नियमों का पालन करेंगे। इसी तरह, हम उम्मीद करते हैं कि जब भारतीय नागरिक विदेश में होते हैं, तो उन्हें स्थानीय कानूनों और नियमों का भी पालन करना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में हिरासत में लिए गए जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के टीचर बदर खान सूरी या कार्रवाई के डर से कनाडा भाग गई रंजिनी श्रीनिवासन ने मदद के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है। हालांकि, जायसवाल ने कहा कि अमेरिका में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास उन छात्रों की सहायता के लिए तैयार हैं, जिन्हें किसी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
सूरी के बारे में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि न तो अमेरिकी सरकार और न ही इस व्यक्ति ने हमसे या दूतावास से संपर्क किया है। अगर वे हमसे संपर्क करते हैं, तो हम देखेंगे कि इस विशेष मामले में सबसे बेहतर तरीके से कैसे काम किया जाए। रंजना के वीजा रद्द किए जाने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने भारत की स्थिति को याद दिलाया कि 'जब वीजा और आव्रजन नीति की बात आती है, तो यह किसी देश के संप्रभु कार्यों के अंतर्गत आता है
बाता दें कि जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के पोस्टडॉक्टरल फेलो बदर खान सूरी पर अमेरिकी अधिकारियों ने "हमास का प्रोपेगैंडा" फैलाने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था। अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग ने वाशिंगटन डीसी स्थित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के पोस्टडॉक्टरल फेलो बदर खान सूरी को सोमवार रात हिरासत में लिया। उन पर "हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देने" के आरोप लगे हैं। हालांकि, एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने सूरी के निर्वासन पर फिलहाल रोक लगा दी है।
जबकि कोलंबिया यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रंजिनी श्रीनिवासन का फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए वीजा रद्द कर दिया गया था।श्रीनिवासन पर "हिंसा और आतंकवाद का समर्थन" करने और हमास के पक्ष में गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
Mar 22 2025, 11:48