मलिहाबाद में महिला की हत्या से खुली सुरक्षा की पोल, आटो में चीखती रही महिला और सोती रही पुलिस

लखनऊ । योगी सरकार बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर भले ही गंभीर हो लेकिन यूपी पुलिस का रवैया में कोई खास बदलाव नहीं हैं। इसी का परिणाम है कि राजधानी लखनऊ में आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। इसका जीता जागता प्रमाण मलिहाबाद की घटना है। वाराणसी से इन्टरव्यू देकर लखनऊ आलमबाग बस स्टेशन पर उतरी महिला को आटो चालक बैठाया और उसे चिनहट ले जाने के बजाय गुमराह करके मलिहाबाद पहुंचा, जहां पर उसकी हत्या करने के बाद गहने व मोबाइल लेकर फरार हो गया है। आटो चालक महिला को लेकर पांच थाना क्षेत्र को पार कर दिया, महिला अपनी जान व इज्जत बचाने के लिए चीखती और चिल्लाती रही और रात में सड़कों पर गश्त करने वाली पुलिस सोती रही। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी की पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है।
वाराणसी इन्टरव्यूट देकर लखनऊ देर रात लौटीं थी महिला
जानकारी के लिए बता दें कि अयोध्या के रौनाई निवासी 34 वर्षीय महिला बीएड किया था। उसे नौकरी की तलाश थी। इसी के तहत रविवार को इंटरव्यू देने के लिए वाराणसी गई। सोमवार को अपनी सहेली के रूकने के बाद मंगलवार को इंटरव्यू दिया। इसके बाद वह अपने घर अयोध्या जाने के लिए बस अड्डे पर पहुंची। वहां से सीधी बस अयोध्या के लिए न मिलने के कारण अपनी भाई को फोन करके बताया कि वह लखनऊ आ रही है। रात करीब डेढ़ बजे महिला रोडवेज बस से अालमबाग बस अड्डे पर पहुंची। वहां से चिनहट जाने के लिए महिला ने आटो बुक करके अपनी भाभी को काल किया किया आधे घंटे में पहुंच जाएगी।
बात करते-करते बंद हो गई महिला की आवाज
आधा घंटा गुजरने के बाद जब वह घर नहीं पहुंचीं तो उन्होंने रात 2:35 बजे कॉल की। बहन ने बताया कि ऑटो चालक दूसरे रास्ते से जा रहा है। बता रहा है कि मेट्रो का काम चल रहा है। उन्होंने चालक से बहन के फोन से बात की। उसने बताया कि रास्ता खराब है। इसलिए दूसरे रास्ते से आ रहा है। कुछ देर बाद बहन का फोन ऑफ हो गया। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर बहन के लापता होने की सूचना दी। इसी बीच पुलिस जब तक उसके पास पहुंची तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। महिला का शव मलिहाबाद के मोहम्मद नगर तालुकेदारी बंडा खेड़ा गांव के साधन सहकारी समिति के सामने सौ मीटर दूर आम के बाग में बुधवार की तड़के 3 बजकर 35 मिनट पर मिला।
अनहोनी की आशंका पर महिला ने भाभी को भेजी लोकेशन
अनहोनी का आभास होने पर महिला ने अपने भाई और भाभी को मंगलवार रात ऑटो से गूगल लोकेशन भेजी थी। भाई ने आलमबाग पुलिस को सूचना दी और गूगल लोकेशन भी शेयर की। पीआरवी को भी सूचना दी थी। गूगल लोकेशन मलिहाबाद की थी। आलमबाग कोतवाली के पुलिसकर्मियों ने महिला को तलाशने के बजाय, उसके भाई को मलिहाबाद कोतवाली जाने की सलाह दी थी। परिवारीजनों का आरोप है कि पुलिस तुरंत तलाश करती तो महिला की जान बच सकती थी।क्योंकि महिला ने अपने भाई को लोकेशन 2 बजकर 35 मिनट पर भेजी और महिला का शव पुलिस को बुधवार तड़के तीन बजेकर 35 मिनट पर मिला।
पुलिस नहीं दिखाई गंभीरता
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पुलिस तुरंत सक्रिय होकर चाराे तरफ से लोकेशन के आधार का कांबिंग शुरू कर देती तो आॅटो चालक घटना को अंजाम भी नहीं दे पाया और आसानी से पकड़ा जा सकता था। अब सवाल उठता है कि आटो में बैठने के बाद महिला अपने परिजनों से चालक की बात भी कराई और लोकेशन भी भेज दी। इसके बाद भी आटो चालक और उसके साथियों को तनिक भी खौफ नहीं रहा कि वह पकड़े जा सकते है। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं महिला से किसी की कोई रंजिश तो नहीं थी। पुलिस की जांच इन बिन्दुओं भी चल रही है।
पांच कोतवाली व आठ चौकी चौकी की सीमाओं से होकर गुजरा आटो चालक
पांच कोतवाली और आठ चौकी की सीमाओं से गुजरा लेकिन कहीं पर भी पुलिस ने रात में उसे रोका और टोका तक नहीं। जबकि महिला अपनी जान व इज्जत बचाने की गुहार लगाते हुए रोती व चिल्लाती रही और पुलिस सोती रही। महिला के भाई के फोन करने पर डायल 112 हरकत में जरूर आयी लेकिन वह भी तब पहुंची जब बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस पहुंची तो मलिहाबाद के एक बाग में महिला का शव पड़ा हुआ था। कपड़े अस्त- व्यस्त थे और शरीर पर चोट के निशान मिले। महिला के शरीर से गहने व मोबाइल गायब मिले।
दुष्कर्म की जताई जा रही आशंका
डुपट्टे से महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। दुष्कर्म की आंशका जताई जा रही है।जिस ऑटो पर महिला सवार होकर वहां तक पहुंची उसका कोई नंबर नहीं था। सीसीटीवी फुटेज में जो आटो सामने आया है उसमें चालक के अलावा अन्य दो लोग भी बैठे दिखाई दिये। इस प्रकार से कहा जाए तो महिला का किडनैप एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया। किडनैप करने वाले अपने मंसूबे में सफल भी रहे क्योंकि रात में गश्त करनी वाली पुलिस सोती रही।
सीसीटीवी में सफेद रंग की आटो कैद, पुलिस जांच में जुटीं
डीसीपी क्राइम व मीडिया सेल प्रभारी कमलेश दीक्षित ने बताया कि सीसीटीवी में एक सफेद रंग की आटो कैद हो गई है। आॅटो के जाने और आने वाले रूट पर लगे करीब तीन से चार सौ सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है। कई जगह पर आटो कैमरे में कैद हुआ है। आटो जाते समय और आते समय बहुत तेजी में दिखाई दिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन जोन की स्पेशल टीम को लगाया गया है। आटो चालक के बारे में अन्य आटो चालकों से पुलिस फुटेज सामने आने के बाद लगातार पूछताछ कर रही है।
सीसीटीवी में आते दिखाई दिया आटो चालक
आटो चालक ने जिस प्रकार से मलिहाबाद जाने के लिए सीधे ने जाकर लिंक रोड का इस्तेमाल किया है। उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह घटना स्थल के आसपास का ही होगा। डीसीपी ने बताया कि कसमंडी चौकी से महज पांच सौ मीटर दूरी पर एक अस्पताल है। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में आटो 2 बजकर सात मिनट पर महिला को ले जाते दिखा और उसके बाद तीन बजकर 24 मिनट पर आते हुए दिखाई दिया। आटो के पीछे के तरफ का परदा फटा हुआ था। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि महिला ने अपने अापको बचाने के लिए संघर्ष किया हो।
इन पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज
इस पूरे मामले में प्रारंभिक जांच में सात पुलिसकर्मी दोषी पाये गये। जिसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेगर ने आलमबाग कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर कपित गौतम, आलमबाग बस स्टैंड चौकी प्रभारी एसआई राम बहादुर, आलमबाग कोतवाली के नाइट अफसर कमरुज्मा, नाइट ड्यूटी पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल राजेश कुमार व विजय पाल और मलिहाबाद की पीआरवी-4821 के कमांडर एसआई शिवनंदन सिंह व हेड कॉन्स्टेबल पंकज यादव को सस्पेंड कर दिया है। मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र को आलमबाग कोतवाली का नया प्रभारी बनाया गया है। साथ ही चालक होमगार्ड शुकर अली के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है।
घटना के 48 घंटे बाद पुलिस की पकड़ से आटो चालक दूर
ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गये है। इसके पीछे यहीं मंशा है कि कोई अपराधी अपराध करके भागकर निकल न पाये। इसके बाद भी अपराधी अपराध करके निकल जा रहे और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है। अब पुलिस की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महिला की हत्या के मामले में आटो चालक सीसीटीवी में कैद हो गया है। इसके बाद भी पुलिस की पकड़ से आटो चालक दूर है। पुलिस इस बारे में कुछ बताने के बजाय सिर्फ दावा कर रही है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस की कई टीम अलग-अलग बिंदुओं पर काम कर रही है।
आटो व ई रिक्शा चालकों का सत्यापन भूली पुलिस
शहर में बढ़ते अपराध को देखते हुए जेसीपी लाॅ एंड आर्डर उपेद्र अग्रवाल ने आटो व ई रिक्शा चालकों के सत्यापन के लिए एक अभियान चलाया था। चूंकि राजधानी में रिक्शा और आटो की भरमार होने से जाम के साथ- साथ कानून व्यवस्था काे भी खतरा उत्पन्न होने लगा। चूंकि कई घटनाओं में देखा गया कि आटो चालक सवारी को बैठाने के बाद उन्हें ही लूट लिया। या फिर अपराध की घटना को कारित करने में इसका इस्तेमाल किया गया। इसी को देखते हुए जेसीपी लॉ ने निर्देश जारी किया कि थानावार आटो व ई रिक्शा चालकों का सत्यापन कराया जाए।
शांति व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो गए आटो व ई रिक्शा चालक
ई रिक्शा व आटो चलाने वाले का नाम व उसके मालिक का नाम एक फार्मर पर भरवाकर थाने में जमा कराया जाए। इसका पालन ने करने वाले आटो व ई रिक्शा चालकों व उनके मालिकों पर कार्रवाई की जाए लेकिन यह अभियान जैसे ही कुछ दिन चला वैसे ही उपेंद्र अग्रवाल का तबादला हो गया। उनके जाने के बाद से इस अभियान की तरफ आने वाले अधिकारियों द्वारा ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी का परिणाम है कि एक बार भी आटो व ई रिक्शा चालक शहर की कानून व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो गए है।
Mar 22 2025, 08:54