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शारदीय नवरात्रःपहले दिन हो रही शैलपुत्री स्वरूप की पूजा, जानें क्या है कथा*
#first_day_navratra *
नवरात्रि, देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है। इन दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। इसमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, योगमाया, रक्तदंतिका, शाकुंभरी देवी, दुर्गा, भ्रामरी देवी व चंडिका प्रमुख हैं। इन नौ रूपों को शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और नवमी तिथि तक चलता है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है। इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। *ऐसा है मां शैलपुत्री का स्वरूप* शैलपुत्री का संस्कृत में अर्थ होता है ‘पर्वत की बेटी’। मां शैलपुत्री के स्वरूप की बात करें तो मां के माथे पर अर्ध चंद्र स्थापित है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल का फूल है। वे नंदी बैल की सवारी करती हैं। *मां शैलपुत्री से जुड़ी पौराणिक कथा* मां दुर्गा अपने पहले स्वरुप में 'शैलपुत्री' के नाम से पूजी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकर जी से हुआ था। एक बार प्रजापति दक्ष ने बहुत बड़ा यज्ञ किया जिसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया किन्तु शंकर जी को उन्होंने इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। देवी सती ने जब सुना कि हमारे पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं,तब वहां जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा। अपनी यह इच्छा उन्होंने भगवान शिव को बताई। भगवान शिव ने कहा-''प्रजापति दक्ष किसी कारणवश हमसे रुष्ट हैं,अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना किसी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा।'' शंकर जी के इस उपदेश से देवी सती का मन बहुत दुखी हुआ। पिता का यज्ञ देखने वहां जाकर माता और बहनों से मिलने की उनकी व्यग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी। उनका प्रबल आग्रह देखकर शिवजी ने उन्हें वहां जाने की अनुमति दे दी। *सती ने खुद को योगाग्नि में खुद को भस्म कर दिया* सती ने पिता के घर पहुंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम से बातचीत नहीं कर रहा है। केवल उनकी माता ने ही स्नेह से उन्हें गले लगाया। परिजनों के इस व्यवहार से देवी सती को बहुत क्लेश पहुंचा। उन्होंने यह भी देखा कि वहां भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है,दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर सती का ह्रदय ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा कि भगवान शंकर जी की बात न मानकर यहाँ आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है।वह अपने पति भगवान शिव के इस अपमान को सहन न कर सकीं, उन्होंने अपने उस रूप को तत्काल वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया। *शैलपुत्री के रूप में फिर शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं* इस दारुणं-दुखद घटना को सुनकर शंकर जी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया। सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वह शैलपुत्री नाम से विख्यात हुईं। पार्वती,हेमवती भी उन्हीं के नाम हैं। इस जन्म में भी शैलपुत्री देवी का विवाह भी शंकर जी से ही हुआ।
शारदीय नवरात्रःपहले दिन हो रही शैलपुत्री स्वरूप की पूजा, जानें क्या है कथा

#firstdaynavratra

नवरात्रि, देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है। इन दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। इसमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, योगमाया, रक्तदंतिका, शाकुंभरी देवी, दुर्गा, भ्रामरी देवी व चंडिका प्रमुख हैं। इन नौ रूपों को शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है।

शारदीय नवरात्रि पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और नवमी तिथि तक चलता है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है। इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

ऐसा है मां शैलपुत्री का स्वरूप

शैलपुत्री का संस्कृत में अर्थ होता है ‘पर्वत की बेटी’। मां शैलपुत्री के स्वरूप की बात करें तो मां के माथे पर अर्ध चंद्र स्थापित है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल का फूल है। वे नंदी बैल की सवारी करती हैं।

मां शैलपुत्री से जुड़ी पौराणिक कथा

मां दुर्गा अपने पहले स्वरुप में 'शैलपुत्री' के नाम से पूजी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकर जी से हुआ था। एक बार प्रजापति दक्ष ने बहुत बड़ा यज्ञ किया जिसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया किन्तु शंकर जी को उन्होंने इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया।

देवी सती ने जब सुना कि हमारे पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं,तब वहां जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा। अपनी यह इच्छा उन्होंने भगवान शिव को बताई। भगवान शिव ने कहा-''प्रजापति दक्ष किसी कारणवश हमसे रुष्ट हैं,अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना किसी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा।'' शंकर जी के इस उपदेश से देवी सती का मन बहुत दुखी हुआ। पिता का यज्ञ देखने वहां जाकर माता और बहनों से मिलने की उनकी व्यग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी। उनका प्रबल आग्रह देखकर शिवजी ने उन्हें वहां जाने की अनुमति दे दी।

सती ने खुद को योगाग्नि में खुद को भस्म कर दिया

सती ने पिता के घर पहुंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम से बातचीत नहीं कर रहा है। केवल उनकी माता ने ही स्नेह से उन्हें गले लगाया। परिजनों के इस व्यवहार से देवी सती को बहुत क्लेश पहुंचा। उन्होंने यह भी देखा कि वहां भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है,दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर सती का ह्रदय ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा कि भगवान शंकर जी की बात न मानकर यहाँ आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है।वह अपने पति भगवान शिव के इस अपमान को सहन न कर सकीं, उन्होंने अपने उस रूप को तत्काल वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया।

शैलपुत्री के रूप में फिर शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं

इस दारुणं-दुखद घटना को सुनकर शंकर जी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया। सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वह शैलपुत्री नाम से विख्यात हुईं। पार्वती,हेमवती भी उन्हीं के नाम हैं। इस जन्म में भी शैलपुत्री देवी का विवाह भी शंकर जी से ही हुआ।

Global Stars Award, International Kids Fashion Show, and Abrielle Miss and Mrs. India 2024 Illuminate Indo-Nepal Cultural Heritage in Patna

A grand and influential evening unfolded at the Shangri-La Palace in Patna on September 15, 2024. Organized by Narulas & Co., the event focused on women's development and autism awareness, drawing esteemed personalities from both India and Nepal, making the evening truly special.

The highlight of the event was the Indo-Nepal Cultural Show, where artists from India and Nepal showcased their deep-rooted cultural ties through music, dance, and art. This mesmerizing performance left the audience with an unforgettable experience.

Bollywood actress Poonam Dhillon, gracing the event as the celebrity guest, added a touch of glamour and significance. She emphasized the importance of cultural exchange between India and Nepal, stating, "The exchange of art and culture strengthens the ties between our two nations." She also stressed the need for raising awareness about autism and women's empowerment, highlighting the potential for positive societal change.

Under the Global Stars Award 2024, 70 remarkable individuals were honored for their outstanding contributions in various fields, reinforcing the message of empowerment and social progress.

In the International Kids Fashion Show, Shubhani Pandey and Piyush Pallavi were crowned winners, while Angelina Raj secured the first runner-up position, followed by Pragati Kumari as the second runner-up. Additionally, in the Abrielle Miss and Mrs. India 2024 competition, Kumari Rupa was crowned Miss India, and Dr. Kavita won the title of Mrs. India. Dr. Amrita Swaraj and Shrishti were the first runners-up in the Miss and Mrs. categories, respectively. Anuradha Roy (Miss) and Dr. Lakshmi (Mrs.) were honored as the second runners-up.

The event was further dignified by the presence of esteemed guests, including Sudhir Singh, Shashank Shekhar, Sanjay Chandra, Abhay Singh, Rashmi Verma (MLA), Madhavendra Singh, Rajesh Jaiswal, and Pratibha Prasad, whose attendance added grandeur to the occasion.

The event's organizer, Shikha Narula, founder and director of Narulas & Co., highlighted the significance of the program, stating, "This is the first time an Indo-Nepal cultural show of this magnitude has been held in Bihar. Through this event, we aim to strengthen the cultural ties between our two countries and demonstrate that art and culture transcend borders." She further added, "The purpose of this event goes beyond entertainment—it's about spreading awareness on women's development and autism. We are proud to host such an event in Bihar and hope this marks the beginning of more initiatives that foster such meaningful exchanges in the future."

The event's success was made possible with the support of sponsors like RAV Organics, Roshni Welfare Charitable Trust, Helping Human, Dr. Prabhat Hiravati Memorial Hospital, Anshul Homes, Sanjay Chandra, Prem Kumar, Sunil Singh, Manish Singh, and Gyan. Their collaboration brought together glamour, social awareness, and cultural appreciation, leaving an indelible mark on all who attended.

Furniture Fair & Thailand Fest Wow Crowds with Luxury, Global Products, and Top Creators

Furniture Fair & Thailand Shopping Festival Kick Off with a Grand Opening, Welcoming Over 10,000 Visitors on Day 1

The highly anticipated Furniture Fair and Thailand Shopping Festival commenced on 27th September 2024 at BKC, witnessing a grand start with over 10,000 visitors on the very first day. Organized by I Ads & Events, a renowned leader in event management, the exhibition has quickly become a highlight for attendees, featuring an impressive lineup of international brands and exhibitors.

The 6-day event, running from 27th September to 2nd October, showcases a diverse range of furniture for both domestic and commercial use, tailored to meet varying budgets and tastes. Visitors have the opportunity to explore everything from elegant sofa sets and modular kitchens to office furniture, carpets, antiques, and bespoke decor items. The event is a one-stop destination for new homebuyers or those looking to refurbish their living spaces with modern and traditional furniture alike.

In addition to the furniture, the Thailand Shopping Festival offers a unique shopping experience, featuring exhibitors from Thailand, Turkey, Iran, Afghanistan, and Korea. Visitors can indulge in an array of exclusive international products, such as Thailand's pearl jewellery, Turkish lights, Iranian silver jewellery, Afghan dry fruits, and Korean beauty products. This combination of local and global offerings has created an exciting marketplace for discerning shoppers.

As a testament to the event's wide appeal, top content creators were also spotted on the exhibition floor, capturing the experience and sharing it with their vast audiences. Their presence underscores the event's reach and influence, drawing both consumer attention and social media buzz.

I Ads & Events, with over two decades of experience in managing B2C exhibitions across India, has once again demonstrated its expertise in creating immersive and interactive experiences. The event highlights their dedication to connecting brands directly with consumers, ensuring not just a shopping experience but also meaningful engagement.

The exhibition, open daily from 10:00 AM to 8:30 PM, is easily accessible to the public with an entry ticket priced at just Rs. 50. This makes it a perfect family outing where visitors can discover the latest trends in furniture, indulge in global shopping, and enjoy exclusive deals.

With such a successful opening day and a diverse array of offerings, the Furniture Fair and Thailand Shopping Festival are set to be must-attend events for anyone looking to enhance their living spaces or find unique international products. 

For more details, visit https://www.iadsandevents.com, or Instagram: , contact num +919234712380

For media coverage on this platform call +917710030004

आज का पंचांग 26 सितम्बर 2024:जानिए पंचांग के अनुसार मुहूर्त और ग्रहयोग

सूर्योदय: 6:21 AM

सूर्यास्त: 6:14 PM

चन्द्रोदय: 1:22 AM

चन्द्रास्त: 3:19 PM

अयन: दक्षिणायन

द्रिक ऋतु: शरद

  

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - आश्विन

अमांत - भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष दशमी  - Sep 26 12:25 PM – Sep 27 01:20 PM

कृष्ण पक्ष एकादशी  - Sep 27 01:20 PM – Sep 28 02:50 PM

नक्षत्र

पुष्य - Sep 26 11:34 PM – Sep 28 01:20 AM

आश्लेषा - Sep 28 01:20 AM – Sep 29 03:38 AM

सूर्या राशि

सूर्य कन्या राशि पर है

चंद्र राशि

चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)

चन्द्र मास

अमांत - भाद्रपद

पूर्णिमांत - आश्विन

शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) - 

आश्विन 5, 1946

वैदिक ऋतु - वर्षा

द्रिक ऋतु - शरद

Auspicious Yogas

अमृतसिद्धि योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)

गुरू पुष्य योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)

सर्वार्थसिद्धि योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)

चंद्रशेत्मा

1. Moola , Purva Ashadha , Uttara Ashadha First 1 पदम

गण्डमूल नक्षत्र

1. Sep 28 01:20 AM – Sep 29 03:38 AM (Ashlesha)

दिन का चौघड़िया

रात का चौघड़िया

चर 06:21 AM 07:50 आम

लाभ 07:50 AM 09:19 आम

अमृत (वार वेला) 09:19 AM 10:48 आम

काल (काल वेला) 10:48 AM 12:17 PM

शुभ 12:17 PM 13:46 PM

रोग 13:46 PM 15:16 PM

उद्बेग 15:16 PM 16:45 PM

चर 16:45 PM 18:14 PM

*ইউনিসেফের প্রশংসা পেল মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের ‘কন্যাশ্রী’ ও ‘রূপশ্রী’ প্রকল্প*

Khabar kolkata: মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের নেতৃত্বে পশ্চিমবঙ্গের সমাজ কল্যাণমূলক উদ্যোগগুলি ইউনিসেফ থেকে আন্তর্জাতিক প্রশংসা অর্জন করেছে। ইউনাইটেড নেশনস পাবলিক সার্ভিস অ্যাওয়ার্ড প্রাপ্ত কন্যাশ্রী প্রকল্প, যুবতী মহিলাদের ক্ষমতায়নের লক্ষ্যে রূপশ্রী প্রকল্প এবং সমাজে তাদের উল্লেখযোগ্য ইতিবাচক প্রভাবের জন্য ইউনিসেফ আধিকারিকরা প্রশংসা করেছে। শনিবার, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নেতৃত্ব সোশ্যাল মিডিয়ায় এই গুরুত্বপূর্ণ আন্তর্জাতিক স্বীকৃতিকে অভিবাদন জানিয়েছেন।

এক্স হ্যান্ডেলে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস পোস্ট করেছে: "Bengal comes out on top yet again! First, Kanyashree received the prestigious UN Public Service Award. And now, the state’s social welfare schemes, brainchild of Smt. have earned high praise from UNICEF. With visionary initiatives like Kanyashree and Rupashree, , setting new benchmarks every day!"

শুক্রবার কনফেডারেশন অফ ইন্ডিয়ান ইন্ডাস্ট্রিজ (সিআইআই) দ্বারা আয়োজিত একটি কনক্লেভে, ইউনিসেফ ফিল্ড অফিসের প্রধান মনজুর হোসেন বলেছেন যে, এই জনহিতকর কর্মসূচিগুলি রাজ্যের "সামাজিক উন্নতির মূল চালিকাশক্তি"।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের মহিলা সংগঠনের সভাপতি এবং রাজ্যের মন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বাংলায় মহিলাদের এই উন্নতিকে তুলে ধরেন৷ তিনি বলেন, "কন্যাশ্রী এবং রূপশ্রী প্রকল্পগুলি এখন ইউনিসেফের মঞ্চে প্রশংসিত হচ্ছে! এর চেয়ে বড় আর কী হতে পারে? মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় সারা বিশ্বকে পথ দেখাচ্ছেন। তিনি দেখিয়েছেন কীভাবে সর্বত্র মহিলাদের সাফল্যের মঞ্চ দেওয়া যায়।"

নারী ও মেয়েদের ক্ষমতায়নের ক্ষেত্রে মুখ্যমন্ত্রীর এই উদ্যোগ সামাজিক উন্নয়নে নতুন মানদণ্ড স্থাপন করেছে। কন্যাশ্রী, যা মেয়েদের পড়াশোনা চালিয়ে যাওয়ার জন্য আর্থিক সহায়তা দেয়, লক্ষ লক্ষ মানুষের জীবন বদলে দিয়েছে, অন্যান্য রাজ্য এবং এমনকি দেশের জন্য একটি মডেল হয়ে উঠেছে। রূপশ্রী প্রকল্প অনেক দুঃস্থ পরিবারকে বাড়ির যুবতী মেয়ের বিবাহের জন্য আর্থিক সহায়তা প্রদান করে, বাবা-মায়ের ওপর থেকে আর্থিক বোঝা কমাতে সহায়তা করে।

বাংলায় মহিলাদের উন্নতির জন্য মা-মাটি-মানুষের সরকারের যে ধারাবাহিক প্রচেষ্টা, তা তুলে ধরেছে ইউনিসেফের এই স্বীকৃতি, রাজ্যের মন্ত্রী ডঃ শশী পাঁজা বলেন, " মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের চালু করা কন্যাশ্রী এবং রূপশ্রীকে প্রশংসা করেছে ইউনিসেফ। এই প্রকল্পগুলি কীভাবে নারী ক্ষমতায়নের লক্ষ্যকে আরও সুদৃঢ় করেছে, তা তারা উল্লেখ করেছে।"

जम्मू-कश्मीर में बंपर वोटिंग, लोगों ने लोकतंत्र पर जताया भरोसा, जानें कहां पड़े सबसे ज्यादा वोट

#jammu_kashmir_assembly_elections_2024_first_phase_voting

जम्मू कश्मीर में जहां 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा के लिए वोटिंग हो रही है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में आज 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के विधानसभा चुनाव में लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिस जम्मू कश्मीर में चुनाव का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे, घरों से नहीं निकलते थे। उसी नए जम्मू कश्मीर में सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें देखी गई।

जम्‍मू-कश्‍मीर की जनता ने एक बार फिर से देश की लोकतांत्रिक सिस्‍टम पर पुरजोर तरीके से भरोसा जताया है। घाटी में बंपर वोटिंग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लोग लोकतंत्र के साथ हैं ना कि पाकिस्‍तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के। आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्‍थरबाजों के गढ़ के तौर पर कुख्‍यात शोपियां में भी बुलेट पर बैलट भारी पड़ रहा है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम 5 बजे तक 58.19 प्रतिशत मतदान हुआ है।सबसे ज्यादा 77.23 फीसदी वोटिंग किश्तवाड़ जिले में तो सबसे कम पुलवामा जिले में 43.87 फीसदी दर्ज की गई। किश्तवाड़ जिले की इंद्रवल सीट पर 80% से ज्यादा वोटिंग हुई है।

पहले चरण की किन 24 सीटों पर कितना मतदान हुआ?

सीट जिला मतदान (शाम 5 बजे तक)

त्राल पुलवामा 40.58

अनंतनाग अनंतनाग 41.58

पांपोर पुलवामा 42.67

राजपोरा पुलवामा 45.78

अनंतनाग पश्चिम अनंतनाग 45.93

पुलवामा पुलवामा 46.22

जैनापोरा शोपियां 52.64

शंगस-अनंतनाग पूर्व अनंतनाग 52.94

शोपियां शोपियां 54.72

देवसर कुलगाम 54.73

श्रीगुफवारा-बिजबिहाड़ा अनंतनाग 56.02

डूरू अनंतनाग 57.9

कोकेरनाग (ST) अनंतनाग 58

कुलगाम कुलगाम 59.58

भद्रवाह डोडा 65.27

डी.एच. पोरा कुलगाम 65.27

रामबन रामबन 67.34

पहलगाम अनंतनाग 67.86

बनिहाल रामबन 68

डोडा डोडा 70.21

डोडा पश्चिम डोडा 74.14

किश्तवाड़ किश्तवाड़ 75.04

पाडर-नागसेनी किश्तवाड़ 76.8

इंद्रवल किश्तवाड़ 80.06

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावःपहले चरण में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

#jammu_kashmir_assembly_elections_first_phase_big_names

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी बुधवार को पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पहले चरण में साउथ कश्मीर की 16 और जम्मू क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं। जम्मू क्षेत्र की सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस, नेशनल कॉफ्रेंस और निर्दलीयों के बीच है।पहले चरण की वोटिंग में पीडीपी के मजबूत गढ़ में चुनाव है, लेकिन इस बार महबूबा मुफ्ती के लिए अपने सियासी वजूद बचाए रखने की चुनौती है और जम्मू क्षेत्र की सीटें कम होने के चलते बीजेपी से ज्यादा नेशनल कॉफ्रेंस और कांग्रेस की साख दांव पर लगी है। पहले चरण में 24 सीटों पर कुल 219 कैंडिडेट मैदान में हैं।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और चिनाब वैली के डोडा, किश्तवाड़ व रामबन जिले में हो रहे विधानसभा चुनाव में माकपा के दिग्गज एमवाई तारिगामी, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती,आतंकी हमले में मारे गए परिहार बंधुओं के फैमिली से शगुन परिहार, नेशनल कॉफ्रेस के नेता सज्जाद अहमद किचलू, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

पहले चरण में इनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है 

इल्तिजा मुफ्ती – दिल्ली और श्रीनगर को मुफ्ती के आगे और पीछे महबूबा या फिर मोहम्मद सईद सुनने और दोहराने की आदत हो गई थी। लेकिन इस चुनाव में इस हवाले से एक नया नाम मिला – इल्तिजा महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा परिवार के गढ़ श्रीगुफवारा-बिजबेहारा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने नेशनल कांफ्रेंस के बशीर वीरी हैं। 37 साल की इल्तिजा राजनीति में तब दाखिल हो रही हैं जब पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के सितारे गर्दिश में हैं। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जब महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया, तब से ही इल्तिजा अपनी मां का पक्ष मीडिया में रखती रही हैं। मगर अब वह चुनावी मैदान में हैं।

वहीद उर रहमान पारा – यूएपीए के तरह 19 महीने जेल में बिताने के बाद वहीद उर रहमान पारा पुलवामा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। पारा पिछले लोकसभा चुनाव में श्रीनगर से पीडीपी के कैंडिडेट थे मगर वह नेशनल कांफ्रेंस के आगा सईद मेहंदी को हरा नहीं सके। अब विधानसभा चुनाव में वहीद का मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के मोहम्मद खलील से है. खलील एनसी जॉइन करने से पहले पीडीपी में ही हुआ करते थे। खलील के अलावा तलत माजिद के खड़े हो जाने से यहां चुनाव रोचक हो गया है। काफी पढ़े-लिखे, पीएचडी की डिग्री रखने वाले माजिद को प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी और इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी का भी साथ मिल रहा है।

गुलाम अहमद मीर – जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके गुलाम अहमद मीर दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले की डुरू सीट से मीर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मीर दो बार विधायक रह चुके हैं। मीर के कद का अंदाजा इससे भी लगाया जाना चाहिए कि राहुल गांधी ने सूबे में प्रचार अभियान की शुरुआत इन्हीं के सीट से की। मीर का यहां मुकाबला पीडीपी के मोहम्मद अशरफ मलिक से है। मीर पिछले विधानसभा चुनाव में यहां महज 161 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। तब पीडीपी के सईद फारूक अहमद अंद्राबी ने जीत दर्ज किया था।

एमवाई तारिगामी – 1996 के विधानसभा चुनाव ही से दक्षिण कश्मीर की कुलगाम सीट पर मोहम्मद यूसुफ पार्टी का लाल पताका फहराये हुए हैं। अगर इस दफा भी वह चुनाव जीतते हैं तो यह उनकी लगातार चौथी जीत होगी। गठबंधन की वजह से तारिगामी को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन हासिल है। उनके सामने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सयर अहमद रेशी के खड़े हैं। रेशी को प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी और इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी का समर्थन हासिल है।

विकार रसूल वानी – कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन में होते हुए भी कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट में हैं। इन्ही में से एक सीट है, रामबन जिले की बनिहाल। इस सीट से जम्मू कश्मीर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल वानी ताल ठोक रहे हैं। रसूल वही नेता हैं जिनके एक बयान की वजह से इस चुनाव में एनसी और कांग्रेस के बीच दरार की स्थिति तक आ गई। रसूल वानी ने अपने चुनाव प्रचार में कह दिया कि नेशनल कांफ्रेंस के झंडे का लाल रंग कश्मीरियों, खासकर बनिहाल के लोगों के खून से सना है। वानी का मुकाबला बनिहाल में पीडीपी के इमतियाज अहमद, नेशनल कांफ्रेंस के सजाद शाहीन और बीजेपी के सलीम भट्ट से है। 

शगुन परिहार – जम्मू संभाग के अंतर्गत आने वाली किश्तवाड़ सीट की चर्चा भाजपा उम्मीदवार शगुन परिहार की वजह से खूब है। इसकी वजह है शगुन का एक खास परिचय। उनके पिता और चाचा की आतंकी हमले में जान चली गई थी। शगुन के चाचा अनिल परिहार जम्मू कश्मीर भाजपा के सचिव थे। 6 साल पहले, नवंबर 2018 में उनकी शगुन के पिता अजीत परिहार के साथ हत्या कर दी गई थी। शगुन का यहां मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के सज्जाद अहमद और पीडपी के फिरदौस अहमद से है।

सकीना मसूद इट्टू – पहले चरण के चुनाव के लिए नेशनल कांफ्रेंस ने जिन दो महिलाओं को टिकट दिया, उनमें एक सकीना इट्टू का था। सकीना दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले की डीएच पोरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। सकीना पहले नूराबाद सीट से 1996 और 2008 में विधायक रह चुकी हैं. सकीना से पहले उनके पिता वाली मोहम्मद इट्टू इस सीट से चुनाव जीता करते थे। वह 1972 से लेकर 1994 में उनकी हत्या हो जाने तक लगातार 4 बार इस सीट से विधायक चुने गए। उनकी विरासत मेडिकल की पढ़ाई कर रही सकीना ने संभाला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह कम से कम 15 बार आतंकियों के निशाने से बची हैं। इट्टू का मुकाबला यहां पीडीपी के गुलजार अहमद डार से है।

हरबक्श सिंह – जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार 2020 में डीडीसी चुनाव हुआ था। वोटिंग तो 280 सदस्यों को चुनने के खातिर हुई मगर एक नतीजे की चर्चा दूर तलक गई। दक्षिण कश्मीर के त्राल में डीडीसी सदस्य के तौर पर हरबक्श सिंह की जीत इतिहास रचने वाली थी। बतौर पीडीपी कैंडिडेट वह पहले सिख नेता थे जिन्होंने मुस्लिम बाहुल्य त्राल में जीत दर्ज किया था। मगर इस विधानसभा चुनाव में वह इंजीनियर राशिद की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने भी यहां एक सिख नेता, सुरिंदर सिंह चन्नी को उतारा है। मगर नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी भट्ट का निर्दलीय चुनाव लड़ना चन्नी की मुसीबतें बढ़ा सकता है और इसका फायदा हरबक्श सिंह को मिल सकता है।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव, 24 सीटों पर वोटिंग जारी, मतदाताओं मे दिख रहा उत्साह*
#jammu_kashmir_assembly_election_2024_first_phase_voting
जम्मू कश्मीर में बीते 10 सालों में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। आज पहले चरण के तहत कुल 7 जिलों में मतदान है। जम्मू क्षेत्र के 3 जिलों और कश्मीर घाटी के 4 जिलों में कुल 24 सीटों पर 90 निर्दलीयों सहित 219 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।मतदान केंद्रों पर मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते हुए कतार में खड़े देखे जा रहे हैं। आज जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, दोरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैडर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं। बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। *मैदान में 219 उम्मीदवार* जम्मू-कश्मीर के सात जिलों की 24 विधानसभा सीट पर आज वोटिंग होनी है, जिसके लिए कुल 219 उम्मीदवार मैदान में हैं.विस्थापित कश्मीरी पंडित दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिले के 16 विधानसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। पहले चरण के चुनाव में कश्मीरी पंडित समुदाय के छह उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। संजय सराफ अनंतनाग सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही शंगस-अनंतनाग विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वीर सराफ, अपनी पार्टी के एमके योगी और निर्दलीय दिलीप पंडित मैदान में हैं। वहीं, रोजी रैना (रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया) और अरुण रैना (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) क्रमश: राजपोरा और पुलवामा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। *चप्‍पे-चप्‍पे पर सेना-अर्धसैनिक बल और पुलिस का पहरा* जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव को देखते हुए इस वक्‍त घाटी में चप्‍पे-चप्‍पे पर सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों का पहला है। कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था के बीच आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिरदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर पुलिस ने विधानसभा चुनाव के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था किए है ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।’’ बिरदी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ), जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई बलों को सुरक्षा इंतजाम में लगाया गया है। *पीएम मोदी ने की अपील* जम्मू कश्मीर में जारी वोटिंग को लेकर पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि विधानसभा चुनाव का पहला चरण शुरू हो रहा है, मैं उन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जहां आज मतदान हो रहा है, बड़ी संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के त्योहार को मजबूत करने का आग्रह करता हूं। मैं विशेष रूप से युवा और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान करता हूं।
अमित शाह ने पेश किया मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन का ब्यौरा, गरीब कल्याण से लेकर लखपति दीदी तक गिनाई उपलब्धियां

#on_the_first_100_days_of_the_third_term_of_pm_modi_government

नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बुकलेट लॉन्च की और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत को दुनिया में सम्मान दिलाया है। सरकार गरीबों के हित में लगातार काम कर रही है। पिछले 10 साल में देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों में 15 लाख करोड़ की परियोजनाओं को लागू किया गया है।

100 दिन में 15 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट हुए शुरू

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, '60 साल के बाद पहली बार देश में राजनीतिक स्थिरता का माहौल आया है और नीतियों के सातत्य को भी हमने अनुभव किया है। नीतियों की दिशा, नीतियों की गति और नीतियों का क्रियान्वयन सटीकता से 10 साल तक बरकरार रखकर 11वें साल में प्रवेश करना बहुत कठिन है तीसरे कार्यकाल ने 100 दिन पूरे हो रहे हैं। इन 100 दिनों में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को शुरू किया गया है।'

मोदी 3.0 के 100 दिनों की उपलब्धियां

• इंफ्रा में 3 लाख करोड़ की लागत से कम शुरू हुआ है।

• 25 हजार करोड़ गांव को जोड़ने को प्रक्रिया शुरू हुई है, 100 परिवार वाले टोलों को भी जोड़ा जाएगा।

• बनारस, बिहटा समेत 5 नए हवाई पट्टी बनाने का काम शुरू हो रहा है।

• 12.33 करोड़ किसानों को 3 लाख करोड़ का सम्मान राशि दिया गया है।

• इथेनॉल प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया गया है।

• किसान सम्मान निधि की 21वीं किश्त जारी की, खरीद फसलों का MSP बढ़ाया गया है।

• यूपीए सरकार से कई गुना ज्यादा एमएसपी खरीद की है।

• ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ और शहरी इलाकों में 1 करोड़ घर बनाने का नया लक्ष्य तय हो रहा है।

• स्टार्ट अप पर एंजल टैक्स को खत्म किया गया है।

• 12 इंडस्ट्रियल जोन देश के विभिन्न क्षेत्रों में किया गया है।

• मुद्रा लोन को 10 लाख की जगह 20 लाख किया गया है।

• इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 दिन में 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं घोषित, इस पर काम भी शुरू

• युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के पीएम पैकेज की घोषणा, पांच साल में चार करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ पहुंचेगा

किन योजनाओं पर काम कर रही सरकार?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आने वाले दिनों सरकार का एजेंडा क्या होगा इसके बारे में भी जानकारी दी है, उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में वक्फ संशोधन विधेयक को भी संसद में पारित किया जाएगा। आयुष्मान योजना के तहत 70 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को करीब 10 लाख का मेडिकल कवर मिलेगा. इसके अलावा 75000 मेडिकल की सीटें बढ़ाई जाएंगी जिससे देश में डाक्टरों की कमी पूरी होगा। शाह ने बताया कि अगले 5 साल में 5 हजार साइबर कमांडो तैयार कर देश में साइबर क्राइम पर लगाम लगाया जाएगा। साथ ही 1 जुलाई से तीन नए कानून जो लागू हुए हैं उससे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बहुत ज्यादा मजबूत बनाएंगे।

शारदीय नवरात्रःपहले दिन हो रही शैलपुत्री स्वरूप की पूजा, जानें क्या है कथा*
#first_day_navratra *
नवरात्रि, देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है। इन दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। इसमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, योगमाया, रक्तदंतिका, शाकुंभरी देवी, दुर्गा, भ्रामरी देवी व चंडिका प्रमुख हैं। इन नौ रूपों को शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और नवमी तिथि तक चलता है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है। इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। *ऐसा है मां शैलपुत्री का स्वरूप* शैलपुत्री का संस्कृत में अर्थ होता है ‘पर्वत की बेटी’। मां शैलपुत्री के स्वरूप की बात करें तो मां के माथे पर अर्ध चंद्र स्थापित है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल का फूल है। वे नंदी बैल की सवारी करती हैं। *मां शैलपुत्री से जुड़ी पौराणिक कथा* मां दुर्गा अपने पहले स्वरुप में 'शैलपुत्री' के नाम से पूजी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकर जी से हुआ था। एक बार प्रजापति दक्ष ने बहुत बड़ा यज्ञ किया जिसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया किन्तु शंकर जी को उन्होंने इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। देवी सती ने जब सुना कि हमारे पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं,तब वहां जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा। अपनी यह इच्छा उन्होंने भगवान शिव को बताई। भगवान शिव ने कहा-''प्रजापति दक्ष किसी कारणवश हमसे रुष्ट हैं,अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना किसी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा।'' शंकर जी के इस उपदेश से देवी सती का मन बहुत दुखी हुआ। पिता का यज्ञ देखने वहां जाकर माता और बहनों से मिलने की उनकी व्यग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी। उनका प्रबल आग्रह देखकर शिवजी ने उन्हें वहां जाने की अनुमति दे दी। *सती ने खुद को योगाग्नि में खुद को भस्म कर दिया* सती ने पिता के घर पहुंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम से बातचीत नहीं कर रहा है। केवल उनकी माता ने ही स्नेह से उन्हें गले लगाया। परिजनों के इस व्यवहार से देवी सती को बहुत क्लेश पहुंचा। उन्होंने यह भी देखा कि वहां भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है,दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर सती का ह्रदय ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा कि भगवान शंकर जी की बात न मानकर यहाँ आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है।वह अपने पति भगवान शिव के इस अपमान को सहन न कर सकीं, उन्होंने अपने उस रूप को तत्काल वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया। *शैलपुत्री के रूप में फिर शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं* इस दारुणं-दुखद घटना को सुनकर शंकर जी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया। सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वह शैलपुत्री नाम से विख्यात हुईं। पार्वती,हेमवती भी उन्हीं के नाम हैं। इस जन्म में भी शैलपुत्री देवी का विवाह भी शंकर जी से ही हुआ।
शारदीय नवरात्रःपहले दिन हो रही शैलपुत्री स्वरूप की पूजा, जानें क्या है कथा

#firstdaynavratra

नवरात्रि, देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है। इन दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। इसमें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, योगमाया, रक्तदंतिका, शाकुंभरी देवी, दुर्गा, भ्रामरी देवी व चंडिका प्रमुख हैं। इन नौ रूपों को शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है।

शारदीय नवरात्रि पर्व आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है और नवमी तिथि तक चलता है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है। इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

ऐसा है मां शैलपुत्री का स्वरूप

शैलपुत्री का संस्कृत में अर्थ होता है ‘पर्वत की बेटी’। मां शैलपुत्री के स्वरूप की बात करें तो मां के माथे पर अर्ध चंद्र स्थापित है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल का फूल है। वे नंदी बैल की सवारी करती हैं।

मां शैलपुत्री से जुड़ी पौराणिक कथा

मां दुर्गा अपने पहले स्वरुप में 'शैलपुत्री' के नाम से पूजी जाती हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकर जी से हुआ था। एक बार प्रजापति दक्ष ने बहुत बड़ा यज्ञ किया जिसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया किन्तु शंकर जी को उन्होंने इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया।

देवी सती ने जब सुना कि हमारे पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं,तब वहां जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा। अपनी यह इच्छा उन्होंने भगवान शिव को बताई। भगवान शिव ने कहा-''प्रजापति दक्ष किसी कारणवश हमसे रुष्ट हैं,अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना किसी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा।'' शंकर जी के इस उपदेश से देवी सती का मन बहुत दुखी हुआ। पिता का यज्ञ देखने वहां जाकर माता और बहनों से मिलने की उनकी व्यग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी। उनका प्रबल आग्रह देखकर शिवजी ने उन्हें वहां जाने की अनुमति दे दी।

सती ने खुद को योगाग्नि में खुद को भस्म कर दिया

सती ने पिता के घर पहुंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम से बातचीत नहीं कर रहा है। केवल उनकी माता ने ही स्नेह से उन्हें गले लगाया। परिजनों के इस व्यवहार से देवी सती को बहुत क्लेश पहुंचा। उन्होंने यह भी देखा कि वहां भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है,दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर सती का ह्रदय ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा कि भगवान शंकर जी की बात न मानकर यहाँ आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है।वह अपने पति भगवान शिव के इस अपमान को सहन न कर सकीं, उन्होंने अपने उस रूप को तत्काल वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया।

शैलपुत्री के रूप में फिर शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं

इस दारुणं-दुखद घटना को सुनकर शंकर जी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया। सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वह शैलपुत्री नाम से विख्यात हुईं। पार्वती,हेमवती भी उन्हीं के नाम हैं। इस जन्म में भी शैलपुत्री देवी का विवाह भी शंकर जी से ही हुआ।

Global Stars Award, International Kids Fashion Show, and Abrielle Miss and Mrs. India 2024 Illuminate Indo-Nepal Cultural Heritage in Patna

A grand and influential evening unfolded at the Shangri-La Palace in Patna on September 15, 2024. Organized by Narulas & Co., the event focused on women's development and autism awareness, drawing esteemed personalities from both India and Nepal, making the evening truly special.

The highlight of the event was the Indo-Nepal Cultural Show, where artists from India and Nepal showcased their deep-rooted cultural ties through music, dance, and art. This mesmerizing performance left the audience with an unforgettable experience.

Bollywood actress Poonam Dhillon, gracing the event as the celebrity guest, added a touch of glamour and significance. She emphasized the importance of cultural exchange between India and Nepal, stating, "The exchange of art and culture strengthens the ties between our two nations." She also stressed the need for raising awareness about autism and women's empowerment, highlighting the potential for positive societal change.

Under the Global Stars Award 2024, 70 remarkable individuals were honored for their outstanding contributions in various fields, reinforcing the message of empowerment and social progress.

In the International Kids Fashion Show, Shubhani Pandey and Piyush Pallavi were crowned winners, while Angelina Raj secured the first runner-up position, followed by Pragati Kumari as the second runner-up. Additionally, in the Abrielle Miss and Mrs. India 2024 competition, Kumari Rupa was crowned Miss India, and Dr. Kavita won the title of Mrs. India. Dr. Amrita Swaraj and Shrishti were the first runners-up in the Miss and Mrs. categories, respectively. Anuradha Roy (Miss) and Dr. Lakshmi (Mrs.) were honored as the second runners-up.

The event was further dignified by the presence of esteemed guests, including Sudhir Singh, Shashank Shekhar, Sanjay Chandra, Abhay Singh, Rashmi Verma (MLA), Madhavendra Singh, Rajesh Jaiswal, and Pratibha Prasad, whose attendance added grandeur to the occasion.

The event's organizer, Shikha Narula, founder and director of Narulas & Co., highlighted the significance of the program, stating, "This is the first time an Indo-Nepal cultural show of this magnitude has been held in Bihar. Through this event, we aim to strengthen the cultural ties between our two countries and demonstrate that art and culture transcend borders." She further added, "The purpose of this event goes beyond entertainment—it's about spreading awareness on women's development and autism. We are proud to host such an event in Bihar and hope this marks the beginning of more initiatives that foster such meaningful exchanges in the future."

The event's success was made possible with the support of sponsors like RAV Organics, Roshni Welfare Charitable Trust, Helping Human, Dr. Prabhat Hiravati Memorial Hospital, Anshul Homes, Sanjay Chandra, Prem Kumar, Sunil Singh, Manish Singh, and Gyan. Their collaboration brought together glamour, social awareness, and cultural appreciation, leaving an indelible mark on all who attended.

Furniture Fair & Thailand Fest Wow Crowds with Luxury, Global Products, and Top Creators

Furniture Fair & Thailand Shopping Festival Kick Off with a Grand Opening, Welcoming Over 10,000 Visitors on Day 1

The highly anticipated Furniture Fair and Thailand Shopping Festival commenced on 27th September 2024 at BKC, witnessing a grand start with over 10,000 visitors on the very first day. Organized by I Ads & Events, a renowned leader in event management, the exhibition has quickly become a highlight for attendees, featuring an impressive lineup of international brands and exhibitors.

The 6-day event, running from 27th September to 2nd October, showcases a diverse range of furniture for both domestic and commercial use, tailored to meet varying budgets and tastes. Visitors have the opportunity to explore everything from elegant sofa sets and modular kitchens to office furniture, carpets, antiques, and bespoke decor items. The event is a one-stop destination for new homebuyers or those looking to refurbish their living spaces with modern and traditional furniture alike.

In addition to the furniture, the Thailand Shopping Festival offers a unique shopping experience, featuring exhibitors from Thailand, Turkey, Iran, Afghanistan, and Korea. Visitors can indulge in an array of exclusive international products, such as Thailand's pearl jewellery, Turkish lights, Iranian silver jewellery, Afghan dry fruits, and Korean beauty products. This combination of local and global offerings has created an exciting marketplace for discerning shoppers.

As a testament to the event's wide appeal, top content creators were also spotted on the exhibition floor, capturing the experience and sharing it with their vast audiences. Their presence underscores the event's reach and influence, drawing both consumer attention and social media buzz.

I Ads & Events, with over two decades of experience in managing B2C exhibitions across India, has once again demonstrated its expertise in creating immersive and interactive experiences. The event highlights their dedication to connecting brands directly with consumers, ensuring not just a shopping experience but also meaningful engagement.

The exhibition, open daily from 10:00 AM to 8:30 PM, is easily accessible to the public with an entry ticket priced at just Rs. 50. This makes it a perfect family outing where visitors can discover the latest trends in furniture, indulge in global shopping, and enjoy exclusive deals.

With such a successful opening day and a diverse array of offerings, the Furniture Fair and Thailand Shopping Festival are set to be must-attend events for anyone looking to enhance their living spaces or find unique international products. 

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आज का पंचांग 26 सितम्बर 2024:जानिए पंचांग के अनुसार मुहूर्त और ग्रहयोग

सूर्योदय: 6:21 AM

सूर्यास्त: 6:14 PM

चन्द्रोदय: 1:22 AM

चन्द्रास्त: 3:19 PM

अयन: दक्षिणायन

द्रिक ऋतु: शरद

  

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - आश्विन

अमांत - भाद्रपद

तिथि

कृष्ण पक्ष दशमी  - Sep 26 12:25 PM – Sep 27 01:20 PM

कृष्ण पक्ष एकादशी  - Sep 27 01:20 PM – Sep 28 02:50 PM

नक्षत्र

पुष्य - Sep 26 11:34 PM – Sep 28 01:20 AM

आश्लेषा - Sep 28 01:20 AM – Sep 29 03:38 AM

सूर्या राशि

सूर्य कन्या राशि पर है

चंद्र राशि

चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)

चन्द्र मास

अमांत - भाद्रपद

पूर्णिमांत - आश्विन

शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) - 

आश्विन 5, 1946

वैदिक ऋतु - वर्षा

द्रिक ऋतु - शरद

Auspicious Yogas

अमृतसिद्धि योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)

गुरू पुष्य योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)

सर्वार्थसिद्धि योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)

चंद्रशेत्मा

1. Moola , Purva Ashadha , Uttara Ashadha First 1 पदम

गण्डमूल नक्षत्र

1. Sep 28 01:20 AM – Sep 29 03:38 AM (Ashlesha)

दिन का चौघड़िया

रात का चौघड़िया

चर 06:21 AM 07:50 आम

लाभ 07:50 AM 09:19 आम

अमृत (वार वेला) 09:19 AM 10:48 आम

काल (काल वेला) 10:48 AM 12:17 PM

शुभ 12:17 PM 13:46 PM

रोग 13:46 PM 15:16 PM

उद्बेग 15:16 PM 16:45 PM

चर 16:45 PM 18:14 PM

*ইউনিসেফের প্রশংসা পেল মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের ‘কন্যাশ্রী’ ও ‘রূপশ্রী’ প্রকল্প*

Khabar kolkata: মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের নেতৃত্বে পশ্চিমবঙ্গের সমাজ কল্যাণমূলক উদ্যোগগুলি ইউনিসেফ থেকে আন্তর্জাতিক প্রশংসা অর্জন করেছে। ইউনাইটেড নেশনস পাবলিক সার্ভিস অ্যাওয়ার্ড প্রাপ্ত কন্যাশ্রী প্রকল্প, যুবতী মহিলাদের ক্ষমতায়নের লক্ষ্যে রূপশ্রী প্রকল্প এবং সমাজে তাদের উল্লেখযোগ্য ইতিবাচক প্রভাবের জন্য ইউনিসেফ আধিকারিকরা প্রশংসা করেছে। শনিবার, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নেতৃত্ব সোশ্যাল মিডিয়ায় এই গুরুত্বপূর্ণ আন্তর্জাতিক স্বীকৃতিকে অভিবাদন জানিয়েছেন।

এক্স হ্যান্ডেলে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস পোস্ট করেছে: "Bengal comes out on top yet again! First, Kanyashree received the prestigious UN Public Service Award. And now, the state’s social welfare schemes, brainchild of Smt. have earned high praise from UNICEF. With visionary initiatives like Kanyashree and Rupashree, , setting new benchmarks every day!"

শুক্রবার কনফেডারেশন অফ ইন্ডিয়ান ইন্ডাস্ট্রিজ (সিআইআই) দ্বারা আয়োজিত একটি কনক্লেভে, ইউনিসেফ ফিল্ড অফিসের প্রধান মনজুর হোসেন বলেছেন যে, এই জনহিতকর কর্মসূচিগুলি রাজ্যের "সামাজিক উন্নতির মূল চালিকাশক্তি"।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের মহিলা সংগঠনের সভাপতি এবং রাজ্যের মন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বাংলায় মহিলাদের এই উন্নতিকে তুলে ধরেন৷ তিনি বলেন, "কন্যাশ্রী এবং রূপশ্রী প্রকল্পগুলি এখন ইউনিসেফের মঞ্চে প্রশংসিত হচ্ছে! এর চেয়ে বড় আর কী হতে পারে? মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় সারা বিশ্বকে পথ দেখাচ্ছেন। তিনি দেখিয়েছেন কীভাবে সর্বত্র মহিলাদের সাফল্যের মঞ্চ দেওয়া যায়।"

নারী ও মেয়েদের ক্ষমতায়নের ক্ষেত্রে মুখ্যমন্ত্রীর এই উদ্যোগ সামাজিক উন্নয়নে নতুন মানদণ্ড স্থাপন করেছে। কন্যাশ্রী, যা মেয়েদের পড়াশোনা চালিয়ে যাওয়ার জন্য আর্থিক সহায়তা দেয়, লক্ষ লক্ষ মানুষের জীবন বদলে দিয়েছে, অন্যান্য রাজ্য এবং এমনকি দেশের জন্য একটি মডেল হয়ে উঠেছে। রূপশ্রী প্রকল্প অনেক দুঃস্থ পরিবারকে বাড়ির যুবতী মেয়ের বিবাহের জন্য আর্থিক সহায়তা প্রদান করে, বাবা-মায়ের ওপর থেকে আর্থিক বোঝা কমাতে সহায়তা করে।

বাংলায় মহিলাদের উন্নতির জন্য মা-মাটি-মানুষের সরকারের যে ধারাবাহিক প্রচেষ্টা, তা তুলে ধরেছে ইউনিসেফের এই স্বীকৃতি, রাজ্যের মন্ত্রী ডঃ শশী পাঁজা বলেন, " মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের চালু করা কন্যাশ্রী এবং রূপশ্রীকে প্রশংসা করেছে ইউনিসেফ। এই প্রকল্পগুলি কীভাবে নারী ক্ষমতায়নের লক্ষ্যকে আরও সুদৃঢ় করেছে, তা তারা উল্লেখ করেছে।"

जम्मू-कश्मीर में बंपर वोटिंग, लोगों ने लोकतंत्र पर जताया भरोसा, जानें कहां पड़े सबसे ज्यादा वोट

#jammu_kashmir_assembly_elections_2024_first_phase_voting

जम्मू कश्मीर में जहां 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा के लिए वोटिंग हो रही है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में आज 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के विधानसभा चुनाव में लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिस जम्मू कश्मीर में चुनाव का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे, घरों से नहीं निकलते थे। उसी नए जम्मू कश्मीर में सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें देखी गई।

जम्‍मू-कश्‍मीर की जनता ने एक बार फिर से देश की लोकतांत्रिक सिस्‍टम पर पुरजोर तरीके से भरोसा जताया है। घाटी में बंपर वोटिंग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लोग लोकतंत्र के साथ हैं ना कि पाकिस्‍तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के। आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्‍थरबाजों के गढ़ के तौर पर कुख्‍यात शोपियां में भी बुलेट पर बैलट भारी पड़ रहा है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम 5 बजे तक 58.19 प्रतिशत मतदान हुआ है।सबसे ज्यादा 77.23 फीसदी वोटिंग किश्तवाड़ जिले में तो सबसे कम पुलवामा जिले में 43.87 फीसदी दर्ज की गई। किश्तवाड़ जिले की इंद्रवल सीट पर 80% से ज्यादा वोटिंग हुई है।

पहले चरण की किन 24 सीटों पर कितना मतदान हुआ?

सीट जिला मतदान (शाम 5 बजे तक)

त्राल पुलवामा 40.58

अनंतनाग अनंतनाग 41.58

पांपोर पुलवामा 42.67

राजपोरा पुलवामा 45.78

अनंतनाग पश्चिम अनंतनाग 45.93

पुलवामा पुलवामा 46.22

जैनापोरा शोपियां 52.64

शंगस-अनंतनाग पूर्व अनंतनाग 52.94

शोपियां शोपियां 54.72

देवसर कुलगाम 54.73

श्रीगुफवारा-बिजबिहाड़ा अनंतनाग 56.02

डूरू अनंतनाग 57.9

कोकेरनाग (ST) अनंतनाग 58

कुलगाम कुलगाम 59.58

भद्रवाह डोडा 65.27

डी.एच. पोरा कुलगाम 65.27

रामबन रामबन 67.34

पहलगाम अनंतनाग 67.86

बनिहाल रामबन 68

डोडा डोडा 70.21

डोडा पश्चिम डोडा 74.14

किश्तवाड़ किश्तवाड़ 75.04

पाडर-नागसेनी किश्तवाड़ 76.8

इंद्रवल किश्तवाड़ 80.06

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावःपहले चरण में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

#jammu_kashmir_assembly_elections_first_phase_big_names

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी बुधवार को पहले चरण की वोटिंग हो रही है। पहले चरण में साउथ कश्मीर की 16 और जम्मू क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं। जम्मू क्षेत्र की सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस, नेशनल कॉफ्रेंस और निर्दलीयों के बीच है।पहले चरण की वोटिंग में पीडीपी के मजबूत गढ़ में चुनाव है, लेकिन इस बार महबूबा मुफ्ती के लिए अपने सियासी वजूद बचाए रखने की चुनौती है और जम्मू क्षेत्र की सीटें कम होने के चलते बीजेपी से ज्यादा नेशनल कॉफ्रेंस और कांग्रेस की साख दांव पर लगी है। पहले चरण में 24 सीटों पर कुल 219 कैंडिडेट मैदान में हैं।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और चिनाब वैली के डोडा, किश्तवाड़ व रामबन जिले में हो रहे विधानसभा चुनाव में माकपा के दिग्गज एमवाई तारिगामी, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती,आतंकी हमले में मारे गए परिहार बंधुओं के फैमिली से शगुन परिहार, नेशनल कॉफ्रेस के नेता सज्जाद अहमद किचलू, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

पहले चरण में इनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है 

इल्तिजा मुफ्ती – दिल्ली और श्रीनगर को मुफ्ती के आगे और पीछे महबूबा या फिर मोहम्मद सईद सुनने और दोहराने की आदत हो गई थी। लेकिन इस चुनाव में इस हवाले से एक नया नाम मिला – इल्तिजा महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा परिवार के गढ़ श्रीगुफवारा-बिजबेहारा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनके सामने नेशनल कांफ्रेंस के बशीर वीरी हैं। 37 साल की इल्तिजा राजनीति में तब दाखिल हो रही हैं जब पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के सितारे गर्दिश में हैं। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जब महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया, तब से ही इल्तिजा अपनी मां का पक्ष मीडिया में रखती रही हैं। मगर अब वह चुनावी मैदान में हैं।

वहीद उर रहमान पारा – यूएपीए के तरह 19 महीने जेल में बिताने के बाद वहीद उर रहमान पारा पुलवामा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। पारा पिछले लोकसभा चुनाव में श्रीनगर से पीडीपी के कैंडिडेट थे मगर वह नेशनल कांफ्रेंस के आगा सईद मेहंदी को हरा नहीं सके। अब विधानसभा चुनाव में वहीद का मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के मोहम्मद खलील से है. खलील एनसी जॉइन करने से पहले पीडीपी में ही हुआ करते थे। खलील के अलावा तलत माजिद के खड़े हो जाने से यहां चुनाव रोचक हो गया है। काफी पढ़े-लिखे, पीएचडी की डिग्री रखने वाले माजिद को प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी और इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी का भी साथ मिल रहा है।

गुलाम अहमद मीर – जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके गुलाम अहमद मीर दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले की डुरू सीट से मीर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मीर दो बार विधायक रह चुके हैं। मीर के कद का अंदाजा इससे भी लगाया जाना चाहिए कि राहुल गांधी ने सूबे में प्रचार अभियान की शुरुआत इन्हीं के सीट से की। मीर का यहां मुकाबला पीडीपी के मोहम्मद अशरफ मलिक से है। मीर पिछले विधानसभा चुनाव में यहां महज 161 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। तब पीडीपी के सईद फारूक अहमद अंद्राबी ने जीत दर्ज किया था।

एमवाई तारिगामी – 1996 के विधानसभा चुनाव ही से दक्षिण कश्मीर की कुलगाम सीट पर मोहम्मद यूसुफ पार्टी का लाल पताका फहराये हुए हैं। अगर इस दफा भी वह चुनाव जीतते हैं तो यह उनकी लगातार चौथी जीत होगी। गठबंधन की वजह से तारिगामी को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन हासिल है। उनके सामने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सयर अहमद रेशी के खड़े हैं। रेशी को प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी और इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी का समर्थन हासिल है।

विकार रसूल वानी – कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन में होते हुए भी कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट में हैं। इन्ही में से एक सीट है, रामबन जिले की बनिहाल। इस सीट से जम्मू कश्मीर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल वानी ताल ठोक रहे हैं। रसूल वही नेता हैं जिनके एक बयान की वजह से इस चुनाव में एनसी और कांग्रेस के बीच दरार की स्थिति तक आ गई। रसूल वानी ने अपने चुनाव प्रचार में कह दिया कि नेशनल कांफ्रेंस के झंडे का लाल रंग कश्मीरियों, खासकर बनिहाल के लोगों के खून से सना है। वानी का मुकाबला बनिहाल में पीडीपी के इमतियाज अहमद, नेशनल कांफ्रेंस के सजाद शाहीन और बीजेपी के सलीम भट्ट से है। 

शगुन परिहार – जम्मू संभाग के अंतर्गत आने वाली किश्तवाड़ सीट की चर्चा भाजपा उम्मीदवार शगुन परिहार की वजह से खूब है। इसकी वजह है शगुन का एक खास परिचय। उनके पिता और चाचा की आतंकी हमले में जान चली गई थी। शगुन के चाचा अनिल परिहार जम्मू कश्मीर भाजपा के सचिव थे। 6 साल पहले, नवंबर 2018 में उनकी शगुन के पिता अजीत परिहार के साथ हत्या कर दी गई थी। शगुन का यहां मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के सज्जाद अहमद और पीडपी के फिरदौस अहमद से है।

सकीना मसूद इट्टू – पहले चरण के चुनाव के लिए नेशनल कांफ्रेंस ने जिन दो महिलाओं को टिकट दिया, उनमें एक सकीना इट्टू का था। सकीना दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले की डीएच पोरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। सकीना पहले नूराबाद सीट से 1996 और 2008 में विधायक रह चुकी हैं. सकीना से पहले उनके पिता वाली मोहम्मद इट्टू इस सीट से चुनाव जीता करते थे। वह 1972 से लेकर 1994 में उनकी हत्या हो जाने तक लगातार 4 बार इस सीट से विधायक चुने गए। उनकी विरासत मेडिकल की पढ़ाई कर रही सकीना ने संभाला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह कम से कम 15 बार आतंकियों के निशाने से बची हैं। इट्टू का मुकाबला यहां पीडीपी के गुलजार अहमद डार से है।

हरबक्श सिंह – जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार 2020 में डीडीसी चुनाव हुआ था। वोटिंग तो 280 सदस्यों को चुनने के खातिर हुई मगर एक नतीजे की चर्चा दूर तलक गई। दक्षिण कश्मीर के त्राल में डीडीसी सदस्य के तौर पर हरबक्श सिंह की जीत इतिहास रचने वाली थी। बतौर पीडीपी कैंडिडेट वह पहले सिख नेता थे जिन्होंने मुस्लिम बाहुल्य त्राल में जीत दर्ज किया था। मगर इस विधानसभा चुनाव में वह इंजीनियर राशिद की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने भी यहां एक सिख नेता, सुरिंदर सिंह चन्नी को उतारा है। मगर नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी भट्ट का निर्दलीय चुनाव लड़ना चन्नी की मुसीबतें बढ़ा सकता है और इसका फायदा हरबक्श सिंह को मिल सकता है।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव, 24 सीटों पर वोटिंग जारी, मतदाताओं मे दिख रहा उत्साह*
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जम्मू कश्मीर में बीते 10 सालों में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। आज पहले चरण के तहत कुल 7 जिलों में मतदान है। जम्मू क्षेत्र के 3 जिलों और कश्मीर घाटी के 4 जिलों में कुल 24 सीटों पर 90 निर्दलीयों सहित 219 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।मतदान केंद्रों पर मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते हुए कतार में खड़े देखे जा रहे हैं। आज जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, दोरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैडर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं। बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। *मैदान में 219 उम्मीदवार* जम्मू-कश्मीर के सात जिलों की 24 विधानसभा सीट पर आज वोटिंग होनी है, जिसके लिए कुल 219 उम्मीदवार मैदान में हैं.विस्थापित कश्मीरी पंडित दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिले के 16 विधानसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। पहले चरण के चुनाव में कश्मीरी पंडित समुदाय के छह उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। संजय सराफ अनंतनाग सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही शंगस-अनंतनाग विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वीर सराफ, अपनी पार्टी के एमके योगी और निर्दलीय दिलीप पंडित मैदान में हैं। वहीं, रोजी रैना (रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया) और अरुण रैना (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) क्रमश: राजपोरा और पुलवामा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। *चप्‍पे-चप्‍पे पर सेना-अर्धसैनिक बल और पुलिस का पहरा* जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव को देखते हुए इस वक्‍त घाटी में चप्‍पे-चप्‍पे पर सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों का पहला है। कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था के बीच आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिरदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर पुलिस ने विधानसभा चुनाव के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था किए है ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।’’ बिरदी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ), जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई बलों को सुरक्षा इंतजाम में लगाया गया है। *पीएम मोदी ने की अपील* जम्मू कश्मीर में जारी वोटिंग को लेकर पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि विधानसभा चुनाव का पहला चरण शुरू हो रहा है, मैं उन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जहां आज मतदान हो रहा है, बड़ी संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के त्योहार को मजबूत करने का आग्रह करता हूं। मैं विशेष रूप से युवा और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान करता हूं।
अमित शाह ने पेश किया मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन का ब्यौरा, गरीब कल्याण से लेकर लखपति दीदी तक गिनाई उपलब्धियां

#on_the_first_100_days_of_the_third_term_of_pm_modi_government

नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बुकलेट लॉन्च की और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत को दुनिया में सम्मान दिलाया है। सरकार गरीबों के हित में लगातार काम कर रही है। पिछले 10 साल में देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों में 15 लाख करोड़ की परियोजनाओं को लागू किया गया है।

100 दिन में 15 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट हुए शुरू

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, '60 साल के बाद पहली बार देश में राजनीतिक स्थिरता का माहौल आया है और नीतियों के सातत्य को भी हमने अनुभव किया है। नीतियों की दिशा, नीतियों की गति और नीतियों का क्रियान्वयन सटीकता से 10 साल तक बरकरार रखकर 11वें साल में प्रवेश करना बहुत कठिन है तीसरे कार्यकाल ने 100 दिन पूरे हो रहे हैं। इन 100 दिनों में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को शुरू किया गया है।'

मोदी 3.0 के 100 दिनों की उपलब्धियां

• इंफ्रा में 3 लाख करोड़ की लागत से कम शुरू हुआ है।

• 25 हजार करोड़ गांव को जोड़ने को प्रक्रिया शुरू हुई है, 100 परिवार वाले टोलों को भी जोड़ा जाएगा।

• बनारस, बिहटा समेत 5 नए हवाई पट्टी बनाने का काम शुरू हो रहा है।

• 12.33 करोड़ किसानों को 3 लाख करोड़ का सम्मान राशि दिया गया है।

• इथेनॉल प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया गया है।

• किसान सम्मान निधि की 21वीं किश्त जारी की, खरीद फसलों का MSP बढ़ाया गया है।

• यूपीए सरकार से कई गुना ज्यादा एमएसपी खरीद की है।

• ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ और शहरी इलाकों में 1 करोड़ घर बनाने का नया लक्ष्य तय हो रहा है।

• स्टार्ट अप पर एंजल टैक्स को खत्म किया गया है।

• 12 इंडस्ट्रियल जोन देश के विभिन्न क्षेत्रों में किया गया है।

• मुद्रा लोन को 10 लाख की जगह 20 लाख किया गया है।

• इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 दिन में 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं घोषित, इस पर काम भी शुरू

• युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के पीएम पैकेज की घोषणा, पांच साल में चार करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ पहुंचेगा

किन योजनाओं पर काम कर रही सरकार?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आने वाले दिनों सरकार का एजेंडा क्या होगा इसके बारे में भी जानकारी दी है, उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में वक्फ संशोधन विधेयक को भी संसद में पारित किया जाएगा। आयुष्मान योजना के तहत 70 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को करीब 10 लाख का मेडिकल कवर मिलेगा. इसके अलावा 75000 मेडिकल की सीटें बढ़ाई जाएंगी जिससे देश में डाक्टरों की कमी पूरी होगा। शाह ने बताया कि अगले 5 साल में 5 हजार साइबर कमांडो तैयार कर देश में साइबर क्राइम पर लगाम लगाया जाएगा। साथ ही 1 जुलाई से तीन नए कानून जो लागू हुए हैं उससे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बहुत ज्यादा मजबूत बनाएंगे।