सुनीता विलियम्स को स्पेस से लेकर रवाना हुआ ड्रैगन क्राफ्ट, जानें कब और कहां होगा लैंड
![]()
#sunitawilliamswillreturnto_earth
अंतरिक्ष में फंसे एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनका धरती की तरफ सफर शुरू हो गया है। उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना हो गए हैं।सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की वापसी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन क्राफ्ट से हो रही है। सुनीता विलियम्स और सुनीता विलियम्स को लेकर ड्रैगन क्राफ्ट भारतीय समय के हिसाब से बुधवार तड़के 3:27 बजे लैंड करेगा।
चारों एस्ट्रोनॉट के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के बाद सुबह 08:35 बजे इस स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी, दरवाजा बंद हुआ और 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ।नासा ने बताया है कि स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से सफलतापूर्वक अनडॉक हो गया है, यानी उसकी धरती की तरफ यात्रा शुरू हो गई है। 18 मार्च को सुबह 10:35 बजे क्राफ्ट की अनडॉकिंग हुई। ड्रैगन हार्मोनी मॉड्यूल पर स्टेशन के आगे की ओर वाले पोर्ट से अलग हो गया और नियंत्रित थ्रस्टर फायरिंग के तहत धीरे-धीरे दूर चला गया। कैप्सूलअपने महत्वपूर्ण सिस्टम जांच करेगा और बुधवार की सुबह के लिए निर्धारित डीऑर्बिट बर्न के लिए तैयार होगा।
स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगेगा?
इस सफर में करीब 17 घंटे लगेंगे। नासा की ओर से इस इवेंट का एक अनुमानित शेड्यूल जारी किया गया है। इसमें मौसम के कारण बदलाव भी हो सकता है।
नासा के अनुसार 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू होगा। यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया जाएगा। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री होगी और सुबह फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैडिंग होगी।
लैंडिग के बाद रिकवरी प्रोटोकॉल का होगा पालन
फ्लोरिडा तट पर उतरने इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक करके अंतरिक्ष यान से बाहर निकाला जाएगा। सफल लैंडिंग के बाद चालक दल को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में कुछ दिनों के लिए नियमित पोस्ट-मिशन मेडिकल जांच के लिए भेजा जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों को अकेलेपन की मनोवैज्ञानिक चुनौतियों के अलावा जीवित रहने के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के कारण हड्डियों और मांसपेशियों की गिरावट, विकिरण जोखिम और दृष्टि हानि का सामना करना पड़ता है।
विलियम्स और बुच का क्या था मिशन ?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और नासा के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था।
Mar 18 2025, 16:16