जामताड़ा में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 36 हजार लाभुकों की हो रही छंटनी…
झारखंड : जामताड़ा जिले में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। सत्यापन के दौरान पाया गया कि कई पारा शिक्षक, होमगार्ड, मानदेय कर्मी, ठेका और आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारी फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठा रहे थे।
सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता देना था, लेकिन जामताड़ा में जांच के बाद पता चला कि बड़ी संख्या में अपात्र लोगों ने गलत दस्तावेजों के आधार पर इसका लाभ लिया है।
36 हजार लाभुकों के आवेदन में मिली गड़बड़ी, जारी है छंटनी
जिले में इस योजना के तहत कुल 61 हजार लाभुक पंजीकृत हैं। जांच के दौरान 36 हजार लाभुकों के आवेदन में अनियमितता पाई गई, जिसके बाद उनकी छंटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
प्रशासन द्वारा अब तक सात प्रखंडों में जांच पूरी कर ली गई है, जिसमें 482 लाभुक फर्जी पाए गए हैं। इन लाभुकों को योजना से बाहर करने के साथ-साथ उनसे 36.15 लाख रुपये की वसूली के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
राशन कार्ड और आधार में नाम अलग-अलग, फर्जी लाभुकों की बढ़ी संख्या
जांच में यह भी सामने आया कि कई लाभुकों के राशन कार्ड और आधार कार्ड में अलग-अलग नाम दर्ज थे। कुछ मामलों में महिलाओं के मायके के राशन कार्ड में पिता का नाम और ससुराल के आधार कार्ड में पति का नाम दर्ज था, जिससे उन्हें अपात्र मानते हुए योजना से बाहर कर दिया गया। सत्यापन के बाद ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि योजना का लाभ लेने के लिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी।
बैंकों को वसूली के लिए भेजा गया पत्र
सरकार ने फर्जी लाभुकों से वसूली सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को पत्र भेजकर उनके खाते से राशि की कटौती करने का निर्देश दिया है। अगस्त से नवंबर तक इन लाभुकों को 1000 रुपये प्रतिमाह दिए गए थे, जबकि दिसंबर में यह राशि बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी गई थी। इस तरह, पांच महीनों में 482 फर्जी लाभुकों को कुल 36 लाख रुपये का गलत भुगतान हुआ।
अभी जारी है सत्यापन, बढ़ सकती है अपात्र लाभुकों की संख्या
जिले में अभी भी सत्यापन कार्य चल रहा है और अधिकारियों का मानना है कि अपात्र लाभुकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। जामताड़ा के अंचल अधिकारी अविश्वर सोरेन के अनुसार, अब तक 500 से अधिक लाभुकों की छंटनी की जा चुकी है और अन्य अपात्र लाभुकों की सूची तैयार की जा रही है। विभागीय आदेश के अनुसार, फर्जीवाड़ा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जितनी भी गलत तरीके से राशि ली गई है, उसकी पूरी वसूली की जाएगी।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलेगा जो इसके पात्र हैं। फर्जी लाभुकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।
Mar 05 2025, 10:42