कौन हैं शेहला रशीद, जिन पर चला था देशद्रोह का केस, अब मिली राहत
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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद पर साल 2019 में देशद्रोह का केस चलाया गया था, लेकिन अब उन्हें बड़ी राहत मिल गई है. दिल्ली की कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ केस वापस लेने की अनुमति दे दी है. शेहला रशीद पर साल 2019 में जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया था, इसी समय उन्होंने भारतीय सेना को लेकर ट्वीट किए थे. इसी के बाद उनके ऊपर देशद्रोह का मामला चलाया गया था.
पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुज कुमार ने 27 फरवरी को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल का आवेदन स्वीकार कर लिया है. कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने एक आवेदन दाखिल करते हुए बताया कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने शेहला के खिलाफ केस चलाने की अपनी मंजूरी वापस ले ली है. आवेदन के मुताबिक एलजी का आदेश एक स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश पर आया था.
क्या था आरोप?
शेहला रशीद पर आरोप था कि उन्होंने 18 अगस्त 2019 में सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के खिलाफ पोस्ट किए. 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य में लॉकडाउन लगा दिया गया था, इसी दौरान उन्होंने भारतीय सेना पर जम्मू और कश्मीर में स्थानीय लोगों के घरों में कथित तौर पर घुसने का आरोप लगाया था. भारतीय सेना ने उनके इस दावे को निराधार कह कर खारिज कर दिया था.
कौन हैं शेहला रशीद?
शेहला रशीद एक सोशल एक्टिविस्ट हैं. उनका जन्म जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ. उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने एचसीएल में सोफ्टवेयर इंजीनियरिंग की. समय-समय पर शेहला महिलाओं और कश्मीरियों के लिए आवाज उठाती रही हैं.
एम.ए करने के लिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का रुख किया था. जेएनयू से उन्होंने सोशियोलॉजी में एम.ए किया, फिर एमफिल किया और उसी के बाद पी.एच.डी भी की. शेहला कश्मीर में लोगों के हक के लिए आवाज उठाती रही हैं. साल 2010 में उन्होंने कश्मीर का यूथ लीडरशिप प्रोग्राम शुरू किया था.
सितंबर 2015 में उन्होंने वामपंथ समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के उम्मीदवार के रूप में जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ा और एबीवीपी की उम्मीदवार वेलेंटीना ब्रह्मा को 200 से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की. शेहला जेएनयू में छात्र संघ चुनाव जीतने वाली पहली कश्मीरी महिला थीं. साथ ही वो JNUSU की लीडर भी रही हैं.
शेहला रशीद ने राजनीति में भी किस्मत आई. उन्होंने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल की पार्टी जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) में शामिल हो कर सियासी पारी की शुरुआत की थी. हालांकि, अब उन्होंने इससे इस्तीफा दे दिया है.
Mar 02 2025, 10:11