केंद्र की झारखंड सरकार को दो-टूक: अवैध खनन रोकने के लिए बदलें अपने कानून
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने झारखंड में बढ़ते अवैध खनन पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से अपनी खनन नीति को केंद्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाने की सलाह दी है। आइए जानते हैं केंद्र सरकार ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को क्या-क्या सलाह दी है।
हलफनामे में मंत्रालय ने कहा, विशेष मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने एनजीटी के पूर्व आदेश के आधार पर झारखंड में अवैध खनन से जुड़े मामलों की समीक्षा की है। इसमें पाया गया कि राज्य सरकार और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दाखिल हलफनामों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की जरूरत है।
समिति ने सिफारिश की है कि झारखंड को अपनी रेत खनन नीति को सतत रेत खनन प्रबंधन दिशा-निर्देश (एसएसएमजी), 2016 और रेत खनन प्रवर्तन व निगरानी दिशा-निर्देश (ईएमजीएसएम), 2020 के अनुसार संशोधित करना चाहिए।
इसके अलावा, समिति ने कहा कि झारखंड में लघु खनिजों, रेत और बजरी के अलावा अन्य खनिजों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जुलाई 2018 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होनी चाहिए।
साथ ही, झारखंड खनन नीति 2017 को भी केंद्र सरकार की 2017 और उसके बाद की अधिसूचनाओं के आधार पर संशोधित करने की आवश्यकता है।
तकनीक अपनानी होगी
केंद्र ने कहा, झारखंड को एसएसएमजी 2016 के प्रावधानों के तहत आईटी और जीआईएस सक्षम निगरानी प्रणाली को लागू करना चाहिए। इसके तहत आरएफआईडी टैग, खनिजों/रेत परिवहन ट्रकों पर जीपीएस ट्रैकिंग, सभी स्टॉकयार्डों में सीसीटीवी के साथ वजन के लिए लगाए जाने वाले तौल पुल स्थापित करने चाहिए।
केंद्र ने कहा है कि अवैध खनन को रोकने के लिए सभी प्रमुख उपभोग केंद्रों के पास सीसीटीवी कैमरों के साथ चेकपॉइंट स्थापित किए जाने चाहिए ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि सभी परिवहन वाहनों के पास वैध परिवहन परमिट है या नहीं।
Feb 28 2025, 11:15