डोनाल्ड ट्रम्प का एशिया की ऊर्जा आपूर्ति में बदलाव: अमेरिकी गैस से क्षेत्रीय रणनीति को नया आकार
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जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस महीने जापान के समकक्ष शिगेरू इशिबा के साथ दोपहर के भोजन पर बैठे, तो उनकी बातचीत जल्दी ही अमेरिकी गैस और ऊर्जा के संबंध में महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित हो गई। चर्चा का मुख्य विषय था अलास्का में गैस के लिए दशकों पुराने प्रस्ताव को पुनः जीवित करना और इसे एशिया में अमेरिकी सहयोगियों तक पहुँचाने का तरीका। इस योजना में जापान की भूमिका महत्वपूर्ण थी, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा एलएनजी खरीदार है और ऊर्जा अवसंरचना में एक प्रमुख निवेशक है।
अलास्का एलएनजी परियोजना:
अलास्का एलएनजी (Liquefied Natural Gas) परियोजना अमेरिकी सरकार द्वारा प्रस्तावित की गई है, जिसका उद्देश्य अलास्का के गैस क्षेत्रों को उसके प्रशांत तट पर एक निर्यात टर्मिनल से जोड़ने के लिए एक पाइपलाइन नेटवर्क का निर्माण करना है। यह परियोजना उच्च लागत और जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण कई वर्षों से अटकी हुई है, लेकिन ट्रम्प प्रशासन इसे एक रणनीतिक अवसर के रूप में देख रहा है।
ट्रम्प प्रशासन की ऊर्जा रणनीति:
ट्रम्प प्रशासन का उद्देश्य एशिया के साथ अमेरिकी आर्थिक संबंधों को पुनः आकार देना है, खासकर ऊर्जा क्षेत्र में। यह रणनीति मुख्य रूप से अमेरिकी जीवाश्म ईंधन, विशेष रूप से एलएनजी के निर्यात को बढ़ाने पर आधारित है। इसके अंतर्गत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और अन्य देशों को अमेरिकी गैस आयात बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह प्रयास चीन और रूस के प्रभाव को कम करने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का एक तरीका है।
जापान की भूमिका:
जापान को इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा रही है। जापान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एलएनजी खरीदार है, और उसे अमेरिकी गैस के निर्यात के लिए एक प्रमुख बाजार माना जा रहा है। ट्रम्प प्रशासन की योजना के अनुसार, जापान के लिए मध्य पूर्व से गैस शिपमेंट को अमेरिकी एलएनजी के साथ बदलना संभव हो सकता है, जिससे न केवल व्यापार असंतुलन कम होगा बल्कि ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी।
दक्षिण कोरिया और ताइवान:
दक्षिण कोरिया और ताइवान भी इस योजना में शामिल हैं, और दोनों देशों ने अमेरिकी गैस की खरीद बढ़ाने पर विचार किया है। दक्षिण कोरिया विशेष रूप से अलास्का एलएनजी और अन्य अमेरिकी ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने का इच्छुक है। ताइवान ने भी अधिक अमेरिकी ऊर्जा खरीदने के बारे में विचार किया है, क्योंकि इससे उसे चीन द्वारा संभावित आक्रामक कदमों के खिलाफ सुरक्षा मिल सकती है।
रणनीतिक महत्व:
अलास्का एलएनजी परियोजना का रणनीतिक महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह मध्य पूर्व और दक्षिण चीन सागर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को नकारते हुए गैस शिपमेंट के सुरक्षित मार्ग प्रदान कर सकती है। इसके अलावा, जापान के निकटता के कारण, शिपमेंट की लागत में कमी आ सकती है, और यह अमेरिकी गैस को दक्षिण-पूर्व एशिया तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।
आर्थिक और राजनीतिक फायदे:
यह योजना केवल ऊर्जा सुरक्षा के संदर्भ में नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी व्यापारिक हितों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। ट्रम्प प्रशासन ने जापान और दक्षिण कोरिया के साथ दीर्घकालिक खरीद समझौतों पर विचार करने के लिए बातचीत की है। इसके अलावा, अमेरिकी सीनेटर डैन सुलिवन ने यह भी बताया कि यह परियोजना न केवल एशियाई देशों को रूस के गैस पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी, बल्कि यह अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को भी मजबूत करेगी।
डोनाल्ड ट्रम्प का उद्देश्य एशिया के देशों को ऊर्जा आपूर्ति के एक नए मार्ग पर जोड़कर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। अलास्का एलएनजी परियोजना, हालांकि तकनीकी और वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है, फिर भी अमेरिकी गैस के निर्यात को बढ़ाने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। अगर यह योजना सफल होती है, तो इससे न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, बल्कि एशियाई देशों के लिए भी एक स्थिर और विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति का रास्ता खुलेगा।
4 hours ago