जाम का नहीं चलेगा बहाना, ऑफिस न आने पर कटेगा वेतन
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। महाकुंभ जाने वाले यात्रियों के कारण जाम है। आज ऑफिस आने में असमर्थ है। अब इस तरह का बहाना नहीं चलेगा। स्वास्थ्यकर्मियों को ड्यूटी पर आना ही होगा।यह कहना है सौ शय्या अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुनील पासवान का। उन्होंने जाम का हवाला देकर नदारद रहने वाले सरपतहां स्थित सौ शय्या अस्पताल के करीब 20 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को नोटिस जारी किया है।उन्होंने जाम का हवाला देकर घर पर रहने वाले कर्मचारियों को वेतन रोकने की हिदायत दी है। 13 जनवरी से महाकुंभ शुरु हुआ है। इसके बाद से अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों को छुट्टी लेने का मौका मिल गया। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद भी स्वास्थ्यकर्मी मनमानी कर रहे हैं। अस्पताल में प्रयागराज से आने वाले छह से सात नर्सें भीड़ और जाम का हवाला देकर ड्यूटी पर आने में असमर्थता जताती हैं।
वे हर दूसरे दिन जाम का हवाला देकर घर पर ही रहती हैं। इसी तरह बनारस से आने वाले 12 से 14 स्वास्थ्यकर्मी भी जाम का हवाला देकर मौज कर रहे हैं। जनपद के एलटी, टेक्नीशियन भी अस्पताल में नियमित नहीं पहुंचते हैं। आश्चर्य की बात है कि उपस्थिति रजिस्टर पर उनके हस्ताक्षर होते हैं। लगातार एक तरह का बहाना मिलते देख सीएमएस ने सभी स्वास्थकर्मियों को चेतावनी नोटिस जारी किया है। हिदायत दी है कि अगर आगे इस तरह का बहाना बनाया तो वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में सरकारी, संविदा मिलाकर कुल 50 कर्मचारियों की तैनाती है। दो चार को छोड़ कर अमूमन कर्मचारी ड्यूटी के नदारद रहते हैं। सौ शय्या अस्पताल में 2022 में ओपीडी सेवा शुरु हुई। तीन साल के बाद भी अब तक अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं दिख रही हैं। लापरवाही से अस्पताल की ओपीडी 100 से 150 तक सिमट कर रह गई है।
सीसीटीवी जांच से सच आएगा सामने
सौ शैय्या अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी बीते एक माह 20 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी महाकुंभ का हवाला देकर ड्यूटी नदारद चल रहे हैं । महीने में 12 से 14 दिन ड्यूटी कर पूरे महीने की वेतन ले रहे हैं। स्थानीय कर्मियों का कहना है कि उच्चाधिकारी सीसीटीवी कैमरा देखे तो लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों की हकीकत सामने आ जाएगी। नदारद रहने वालों में ज्यादातर नर्स है। करीब 12 से 14 नर्स अमूमन नदारद रहती है। यही हाल दो चिकित्सक, एक वरिष्ठ लिपिक का भी है।
Feb 24 2025, 17:12