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मतपत्र प्रूफ रीडिंग में लापरवाही पर पटवारी निलंबित, कलेक्टर ने की अनुशासनात्मक कार्रवाई

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 के तहत मतपत्र (बैलेट पेपर) की प्रूफ रीडिंग में लापरवाही बरतने पर तहसील कार्यालय मरवाही के पटवारी जवाहर राम चौधरी को निलंबित कर दिया गया है।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेशानुसार, 18 फरवरी 2025 को रिटर्निंग ऑफिसर (पंचायत) मरवाही द्वारा जारी निर्देशों के तहत पटवारी राम चौधरी को मतपत्रों की प्रूफ रीडिंग ड्यूटी पर तैनात किया गया था। उन्हें सुबह 10 बजे से कार्य समाप्ति तक उपस्थित रहने का निर्देश था, लेकिन वे 19 फरवरी की रात 9 बजे से बिना सूचना दिए ड्यूटी से अनुपस्थित हो गए।

पटवारी ने नोटिस के बाद भी नहीं दिया संतोषजनक जवाब

नोडल अधिकारी के फोन कॉल को काटने और अपना मोबाइल नंबर बंद करने की शिकायत भी सामने आई। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर (पंचायत) खंड मरवाही द्वारा पटवारी राम चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जवाब में उन्होंने अपने परिचित के यहां जाने की बात कही, लेकिन इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। इतना ही नहीं, उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जवाब भेजा, जिसे उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना माना गया।

निलंबन आदेश जारी, मुख्यालय बदला

इस मामले में अनुशासनहीनता को गंभीर मानते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9(2)क के तहत तत्काल प्रभाव से श्री चौधरी को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कलेक्टर (भू-अभिलेख) शाखा, जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही नियत किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।

देखें आदेश

चुनावी कार्य में लापरवाही पर सख्ती

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निर्वाचन कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चुनाव से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है।

कहां उड़ गए सरकार के दावे! जानलेवा बीमारी के चलते हो रहे बेतहाशा खर्च ने मानसिक रूप से तोड़ा, हिम्मत हारी कैंसर पीड़िता, मौत को लगा लिया गले

अमेठी-  जिले के बाजार शुकुल क्षेत्र के इंदरिया के पूरे रामदीन गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही 15 वर्षीय किशोरी सुनीता ने रविवार को दोपहर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. गरीबी और लगातार बढ़ते इलाज के खर्च की चिंता ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया था.

परिजनों के अनुसार, मृतका सुनीता के गले में लाइलाज बीमारी थी. जिसके कारण उसे असहनीय दर्द का सामना करना पड़ रहा था. पिता हरीराम, जो एक गरीब किसान हैं, अपनी पुत्री के इलाज में पूरी तरह सक्षम नहीं थे. आर्थिक तंगी के चलते इलाज सही ढंग से नहीं हो पाया, जिससे सुनीता लगातार मानसिक तनाव में थी.

पेड़ की डाल पर लगाई फांसी

रविवार दोपहर जब घर के अन्य सदस्य अपने काम में व्यस्त थे, तब सुनीता ने घर से कुछ दूरी पर स्थित एक पेड़ की डाल से दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कुछ देर बाद जब परिजनों ने उसे देखा तो कोहराम मच गया. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. अब सवाल ये है कि एक ओर सरकारें कैंसर की दवा की कीमतों में कमी का दावा करती है, इलाज के खर्च में कमी की बात करती है, यदि सरकार आम लोगों सस्ती स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही है तो फिर आर्थिक बोझ से परेशान पीड़िता ने आखिर अपनी जान क्यों दे दी?

स्कूल ब्लास्ट मामलें में सामने आया नया अपडेट, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

बिलासपुर- स्कूल ब्लास्ट मामले में पुलिस ने चार स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया है. जांच में सबूत मिलने के बाद 8वीं कक्षा के दो छात्र और दो छात्राएं हिरासत में लिए गए हैं. पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी स्टूडेंट्स ने चौथी कक्षा की छात्रा को नहीं बल्कि शिक्षिका को टारगेट किया था. 

परिजनों ने स्कूल के बाहर कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया था. स्कूल प्राचार्य ने थाने में रिपोर्ट कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई. संदिग्ध को हिरासती में लेकर पूछताछ की गई. मामले को लेकर कई अहम खुलासे सामने आए हैं. पुलिस हिरासत में लिए गए छात्र-छात्राओं को बाल न्यायालय में पेश करेगी.

छात्रा नहीं शिक्षिका थी टारगेट 

शुरूआती जांच अनुसार स्कूल की एक शिक्षिका को टारगेट बनाने के लिए पटना से ऑनलाइन विस्फोटक ऑर्डर किया गया था. लेकिन इसकी चपेट में चौथी कक्षा की छात्रा आ गई. घटना में वह बुरी तरह झुलस गई थी. पूछताछ के दौरान पता चला कि घायल चौथी कक्षा की छात्रा से पहले आठवीं कक्षा की छात्रा वॉशरूम गई थी. छात्रा ने स्वीकार किया कि उसने आठवीं कक्षा की एक अन्य छात्रा और दो छात्रों के साथ मिलकर पटना से ऑनलाइन विस्फोटक मंगवाया था और स्कूल के टॉयलेट में धमाका किया था. दोषी विद्यार्थियों के अनुसार वे केवल शरारत के तौर पर ऐसा कर रहे थे. घटना इतनी गंभीर थी कि इसमें किसी की जान भी जा सकती थी. 

पुलिस ने मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 124 ए ( ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग कर किसी को आहत करना) के तहत अपराध दर्ज किया था। अपराध दर्ज होने और दोषी विद्यार्थियों की शिनाख्त के बाद पुलिस ने जेजे एक्ट के तहत आठवीं कक्षा की दो छात्रा और दो छात्रों को गिरफ्तार किया है. 

बता दें, कि शुक्रवार को सेंट विंसेंट पलोटी स्कूल में सुबह सवा दस बजे बाथरूम में धमाका हुआ था. स्कूल में परीक्षा चल रही थी। इस दौरान चौथी कक्षा में पढ़ने वाली दस वर्षीया छात्रा स्तुति मिश्रा बाथरूम गई थी. बाथरूम में हुए विस्फोट में छात्रा बुरी तरह घायल हो गई. उसे तत्काल बर्न केयर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. वही विस्फोट के दूसरे दिन कल शनिवार को अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा किया था. जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने घटना में दोषी 6 विद्यार्थियों को स्कूल से निष्कासित किया था.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में किया मतदान, परिवार संग लोकतंत्र के महापर्व में निभाई भागीदारी

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने जशपुर जिला अंतर्गत विकासखंड कांसाबेल के शासकीय प्राथमिक शाला, बगिया स्थित मतदान केंद्र क्रमांक-45 में मतदान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मतदान केंद्र में कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और निर्वाचन अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उनकी माताजी जसमनी देवी, धर्मपत्नी कौशल्या साय, भाई विनोद साय सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने भी मतदान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मतदान हमारा अधिकार ही नहीं, कर्तव्य भी है। प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: सुबह से शाम तक मतदाताओं का इंतजार करते रहे मतदानकर्मी, लेकिन नहीं आया एक भी वोटर, फिर पुलिस ने संभाला मोर्चा …

बलौदाबाजार- पंचायत चुनाव 2025 के दौरान बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम पंचायत कुकुरदी में मतदान का बहिष्कार देखने को मिला। गांव के निवासियों ने सांवरा जाति के लोगों को पंचायत में शामिल करने का विरोध जताते हुए मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लिया और घरों में ही बैठे रहे। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन सांवरा जाति के लिए अलग व्यवस्था करे या उन्हें वहीं मतदान करने दिया जाए, जहां वे पहले से मतदान करते आ रहे हैं।

198 सांवरा मतदाताओं ने किया मतदान

प्रशासन ने इस संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया था। जिसके बाद जिला एवं जनपद पंचायत चुनाव में सांवरा जाति के पुरुषों और महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया, इस दौरान कुल 198 सांवरा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, ग्राम पंचायत कुकुरदी के अन्य ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे और मतदान प्रक्रिया से पूरी तरह दूर रहे।

ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग, आखिर क्यों हो रहा है विरोध?

ग्राम पंचायत कुकुरदी के निवासी पिछले दस वर्षों से सांवरा जाति को पंचायत में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं। पहले प्रशासन ने इस विरोध को ध्यान में रखते हुए सांवरा जाति के लोगों को बलौदाबाजार के वार्ड नंबर 2 में विधानसभा, लोकसभा और नगरपालिका चुनाव में शामिल किया था। लेकिन अब उन्हें फिर से कुकुरदी पंचायत के तहत मतदान करने के लिए जोड़ दिया गया, जिसके कारण ग्रामीणों में असंतोष फैल गया और उन्होंने चुनाव बहिष्कार कर दिया।

ग्रामीणों बोले – बलौदाबाजार में मतदान होता रहा, अब क्यों किया बदलाव?

ग्रामीणों का कहना है कि सांवरा जाति के लोग पहले बलौदाबाजार में निवास करते थे और वहीं मतदान करते थे। बाद में, सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत उन्हें कुकुरदी बंजर क्षेत्र में बसाया गया। बावजूद इसके, वे अब तक बलौदाबाजार में ही मतदान करते आए हैं। लेकिन इस बार बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें फिर से कुकुरदी पंचायत में जोड़ दिया गया, जिससे हम नाराज हैं। यही कारण है कि हमने पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है और आगे भी करेंगे।”

प्रशासन की पहल और समाधान की दिशा में कदम

विवाद को देखते हुए अपर कलेक्टर दीप्ति गौते मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया कि सांवरा जाति के मतदाता भी चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा हैं और उन्हें मतदान करने से रोका नहीं जा सकता। प्रशासन की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण मतदान में सहयोग किया और सांवरा जाति के लोगों को जनपद और जिला पंचायत चुनाव में मतदान करने दिया।

अब क्या करेगा जिला प्रशासन?

ग्राम पंचायत कुकुरदी के निवासियों का कहना है कि प्रशासन को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वे सांवरा जाति के मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहते, लेकिन प्रशासन को उनके लिए एक उचित स्थान निर्धारित करना चाहिए।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिला प्रशासन इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाएगा और ग्राम पंचायत कुकुरदी के ग्रामीणों की मांगों का समाधान कैसे निकाला जाएगा। फिलहाल मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर असंतोष बना हुआ है।

चुनाव ड्यूटी में टल्ली होकर पहुंचा शिक्षक, कलेक्टर ने की निलंबन की कार्रवाई

कांकेर- मतदान के दिन चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले शिक्षक पर निलंबन की गाज गिरी है. शिकायत के बाद कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से निलंबन कर दिया है. शिक्षक रूपचंद साहू को अंतागढ़ में चुनाव ड्यूटी लगाई गई थी. जहां शराब पीकर पहुंचने पर शिक्षक के खिलाफ एक्शन लिया गया है. इस संबंध में निलंबन आदेश जारी किया है. 

उत्तर बस्तर कांकेर जिला के विकासखंड अंतागढ़ में आज मदतान के दिन शिक्षक रुपचंद साहू की ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन शिक्षक ड्यूटी पर शराब के नशे में टल्ली होकर पहुंचा. जिसके कारण निर्वाचन कार्य प्रभावित हुआ. निलंबन अवधि में शिक्षक रूपचंद का मुख्यालय खंडशिक्षा अधिकारी, कांकेर होगा. निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता को पात्रता होगी.

विजय जुलूस में नारेबाजी करना पड़ा महंगा, पंचायत सचिव निलंबित

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- गौरेला ब्लॉक के तरई गांव में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव किशन राठौर को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई उनके सक्रिय रूप से राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में की गई है.

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता अमर भानु ने रिटर्निंग अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि किशन राठौर सेमरा ग्राम पंचायत के सरपंच के विजय जुलूस में शामिल हुए थे. शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि विजय जुलूस के दौरान पंचायत सचिव ने नारेबाजी भी की थी. शिकायत की जांच के दौरान एक वीडियो सामने आया, जिसमें किशन राठौर को विजय जुलूस में नारे लगाते हुए देखा गया. यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया.

जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद पंचायत सचिव किशन राठौर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

बाल संप्रेक्षण गृह से फरार हुए 3 नाबालिग, मचा हड़कंप

अंबिकापुर-  छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है. 3 नाबालिग फरार हो गए हैं. घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. सभी फरार नाबालिग अंबिकापुर के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पलिस फरार अपचारी बालकों की तलाश में जुट गई है. 

जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला गांधीनगर थाना क्षेत्र का है. यहां देर रात चकमा देकर सजा काट रहे तीन नाबालिग भाग निकले. घटना से बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही जांच में जुट गई है.

चुनाव ड्यूटी में शराब के नशे में पकड़ाया पुलिसकर्मी, एसपी ने किया सस्पेंड

कोरबा- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में तैनात मतदानकर्मियों के शराब के नशे में होने की लगातार खबरें सामने आ रही हैं, जिन पर कार्रवाई भी की जा रही है. वहीं कोरबा जिले में चुनाव ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी भी शराब के नशे में पाया गया, जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. यह मामला पाली पंचायत के नुनेरा ग्राम का है, जहां ग्रामीणों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी दादू मईयर को नशे की हालत में पकड़ा.

जानकारी के अनुसार, दादू मईयर कुसमुंडा थाना में पदस्थ हैं. चुनाव ड्यूटी के दौरान नशे में धुत पुलिसकर्मी जब एक प्रत्याशी के घर के पास पहुंचा तो ग्रामीणों ने उसे घेर लिया. इसके बाद मौके पर पाली पुलिस ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और पुलिसकर्मी को भीड़ से छुड़वाया.

कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद पुलिसकर्मी का मुलायजा कराया गया है, जहां शराब करना सेवन पाया गया. इसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक ने तत्काल पुलिसकर्मी को निलंबित कर रक्षित केंद्र में उपस्थित होने का आदेश दिया है.

डॉ.दिनेश मिश्र ने चंडीगढ़ में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ छेड़ा अभियान

रायपुर- अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने पंजाब प्रवास में पंजाब हरियाणा के सामाजिक कार्यकर्ताओं से भेंट जनजागरण अभियान एवं तर्कशील आंदोलन पर चर्चा हुई. डॉ दिनेश मिश्र के साथ बैठक में तर्कशील पत्रिका के संपादक गुरमीत सिंह अंबाला, तर्कशील टी वी के निर्देशक डॉ मजीद आजाद, तर्कशील संस्था हरियाणा के कोषाध्यक्ष अनुपम सिंह, तर्कशील सोसायटी पंजाब के समन्वयक जसवंत सिंह, चंडीगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज मलिक आदि शामिल रहे.

जिसमें सामाजिक कुरीतियों एवं अंधविश्वास के खिलाफ अभियान पर विचार विमर्श हुआ। डॉ. दिनेश मिश्र ने उन्हें छत्तीसगढ़ में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की जानकारी दी एवं किताबें भेंट की। गुरमीत सिंह ने पंजाब से प्रकाशित पत्रिका तर्कशील, तथा मनोज मालिक ने स्व लिखित किताबें भेंट की. एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए अभियान चलाने पर चर्चा की.