*46 साल बाद खुले मंदिर में भाजपा प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने की पूजा, कहा-सनातन का हो रहा उदभव*
संभल- 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के बाद डीएम और एसपी के नेतृत्व में चलाये जा रहे विद्युत चेकिंग अभियान के दौरान 78 के दंगों के बाद से नख़ासा थाना क्षेत्र के खग्गू सराय में बंद मिले कार्तिकेय देव मंदिर के प्रशासन द्वारा 46 वर्षों के बाद कपाट खुलवाए गए थे। जिसमें आज पूजा करने के लिए भाजपा प्रवक्ता अवनीश त्यागी पहुंचे और भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ पूजा-अर्चना की।
मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए भाजपा प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा कि देखिए अद्भुत संयोग है कि इस मंदिर के 46 वर्षों के बाद कपाट खुले है लेकिन वो भी शांतिपूर्ण तरीके से। यह जो प्रतिमा है जो अलौकिक शक्ति है मंदिर में उसका कमाल है और यह जो माहौल बना हैं प्रदेश में सनातन का जो उदभव हो रहा है। जिस तरह से सनातन पूरी तरह से अपनी पुरानी स्थिति में लौट रहा है, उसका गौरव लौट रहा है यह उसका कमाल है, बजरंगबली की प्रतिमा जिस तरह पुनर्नजागरण, पुनर्नस्थापना और पुनरुत्थान की बातें ज़ब हो रही है यह अपने आप में अद्भुत है अलौकिक है। मैं बजरंगबली के दर्शन करने के लिए यहाँ पर आया हूं और मेरी यही प्रार्थना है कि बजरंगबली महाराज समाज में शांति पैदा करें और देश का उत्थान आज जिस तरह से आदरणीय मोदी जी और योगी जी के नेतृत्व में चल रहा है देश एक महाशक्ति बने और विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो।









संभल। एबीसी किड्स मांटेसरी स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया । जिसमें बच्चो को इसके बारे में समझाया गया । संचालिका संगीता भार्गव ने बताया कृमि एक प्रकार का कीड़े होते है जो मनुष्य अन्य जानवरों के पेट में केंचुए सामान कीड़े जिसे कृमि भी कहते है, हो जाते है । इसलिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1-19 वर्ष की आयु के सभी पूर्व स्कूली और स्कूल-आयु के बच्चों को कृमि मुक्त करना है, ताकि उनके समग्र स्वास्थ्य, पोषण स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों और बड़ों को कृमिनाशक दवा दी जाती है जिससे उनसे बचा जा सके ।
संभल । इलाइट जूनियर हाई स्कूल सरायतरीन जनपद-सम्भल में रहना हुआ जहाँ पर एक Exhibition (प्रदर्शनी) Best out of junk कबाड़ से जुगाड़ का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र,छात्राओं के द्वारा अपने घरों में उपयोग में लाए गए सामानों का कबाड़ से जुगाड़ की रचनात्मक विधि से अपने घर में उपलब्ध सामानों का उपयोग करके उन्हें एक नया और उपयोगी उत्पाद में बदलनें का एक एतिहासिक एंव क्रन्तिकारी तरीका ईजाद किया।
Feb 15 2025, 19:49
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