नए मुख्य चुनाव आयुक्त के नियुक्ति के लिए 17 फरवरी को बैठक, पीएम मोदी-राहुल गांधी करेंगे चयन पर मंथन
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मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले नए सीईसी के सिलेक्शन को लेकर 17 फरवरी को बैठक बुलाई गई है। मीटिंग में पीएम मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। कमेटी की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति अगले सीईसी की नियुक्ति करेंगी।
अब तक सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त (ईसी) को सीईसी के रूप में प्रमोट किया जाता रहा है। राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे सीनियर ईसी हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। ऐसे में एक नया सीईसी भी नियुक्त किया जा सकता है। सुखबीर सिंह संधू दूसरे सीईसी हैं।
17 फरवरी को पैनल कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी द्वारा तैयार की गई पांच नामों की सूची में से एक नाम का चयन करेगा। सूत्रों के मुताबिक, सिलेक्शन कमिटी में पीएम, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पीएम की ओर से नामित एक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। बैठक में सर्च कमिटी की ओर से शॉर्टलिस्ट नाम रखे जाएंगे। सिलेक्शन कमिटी एक नाम फाइनल करके उसकी सिफारिश करेगी। कमिटी की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करेंगे।
नए कानून के आधार पर पहली बार नियुक्ति
यह पहली बार होगा जब किसी मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन नए कानून - मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पद की अवधि) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों के तहत किया जाएगा। इससे पहले, चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्तों (सीईसी) की नियुक्ति सरकार की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी। यह कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्च 2023 में दिए गए अपने फैसले के बाद लागू हुआ था, जिसमें उसने एक चयन समिति के गठन का आदेश दिया था और कहा था कि इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होने चाहिए। अदालत ने कहा था कि यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक संसद द्वारा कानून नहीं बना दिया जाता। हालाँकि, जब कानून पारित हुआ, तो केंद्र ने मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर एक केंद्रीय मंत्री को पैनल के तीसरे सदस्य के रूप में नियुक्त कर दिया, जिससे सरकार को नियुक्ति प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका मिल गई।
सुप्रीम कोर्ट में 19 फरवरी को सुनवाई
कानून के पारित होने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी को उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बनाए गए नए कानून को चुनौती दी गई है। 2023 के कानून के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया था। नए कानून के तहत नियुक्ति करने वाली समिति में प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और एक केंद्रीय मंत्री को रखा गया है। याची ने कहा कि 2023 के कानून ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में सीजेआई को हटा दिया और प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और एक केंद्रीय मंत्री की समिति को इसका अधिकार दिया। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि चुनाव आयोग को राजनीतिक और कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त रखा जाना चाहिए, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सके।
राजीव कुमार इन चुनावों को सफलतापूर्वक किया नेतृत्व
राजीव कुमार को मई 2022 में मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में चुनाव आयोग ने 2024 में लोकसभा चुनाव को सफलतापूर्वक कराया। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में एक दशक से अधिक समय बाद शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव भी उनके नेतृत्व में हुए। लोकसभा चुनाव के बाद इस साल महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराए गए। साल 2023 में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की देखरेख में कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव कराए गए थे।
Feb 15 2025, 11:35