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*जिलाधिकारी की "नागरिक संगम" पहल से समस्याओं का होता है त्वरित समाधान*

गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने प्रशासन और आम जनता के बीच संवाद को सुदृढ़ बनाने और समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए "नागरिक संगम" कार्यक्रम की शुरुआत की। मंगलवार को नगर पंचायत खरगूपुर के सूर्या उत्सव लान के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में काफी संख्या में नागरिकों ने हिस्सा लिया और अपनी समस्याएं जिलाधिकारी के समक्ष रखीं।

समस्याओं का मौके पर समाधान

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से नागरिकों की शिकायतें सुनीं और कई मामलों का समाधान मौके पर ही सुनिश्चित किया। उनका यह कदम गोंडा में प्रशासन को जनता के करीब लाने और प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास है। जिलाधिकारी ने कहा, “सभी समस्याओं का समाधान समयबद्ध और प्रभावी तरीके से करना प्रशासन की प्राथमिकता है। स्वच्छता और जनसुविधाओं को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।”

प्रमुख शिकायतों का निस्तारण और स्थलीय निरीक्षण

नगर पंचायत खरगूपुर सूर्या उत्सव लान के परिसर में नागरिक संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने की। इस कार्यक्रम में नगर क्षेत्र के बड़ी संख्या में नागरिकों ने हिस्सा लिया और अपनी अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी से अवगत कराया। कोई राशनकार्ड की मांग तो कोई आवास की मांग के साथ-साथ कहीं पेंशन की मांग जिलाधिकारी के समक्ष रखी गई।

कार्यक्रम के उपरांत जिलाधिकारी ने वार्ड कटहरिया उत्तरी एवं पूर्वी में मौके का निरीक्षण भी किया और तत्काल प्रभाव से वार्ड में साफ सफाई एवं अन्य समस्याओं को दूर किए जाने के निर्देश नगर पंचायत खरगूपुर को दिए।

नागरिक संगम कार्यक्रम के दौरान सबसे अधिक प्रार्थना पत्र प्रधानमंत्री आवास की मांग को लेकर दिए गए, तथा कुछ प्रार्थना पत्र पेंशन विभाग से संबंधित दिये गए।

"नागरिक संगम" कार्यक्रम के दौरान सूर्या उत्सव लान के परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगाये।

सफल कार्यक्रम के लिए जिलाधिकारी की पहल

"नागरिक संगम" के दौरान जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ गंभीरता से लें और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें।

इस जनसंवाद कार्यक्रम में जिलाधिकारी के साथ अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत खरगूपुर, डीएसओ, डीपीओ, कार्यक्रम, डीपीओ प्रोवेशन, जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। उनकी सक्रियता और समन्वय से यह कार्यक्रम सफल रहा।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा की यह पहल प्रशासनिक पारदर्शिता और जनहित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। उनकी त्वरित कार्रवाई और निर्णय लेने की क्षमता ने जनपद में प्रशासनिक व्यवस्था को नई दिशा दी है।

*कमिश्नर की सख्ती से खुली पीड़िता को न्याय की राह*

*देवीपाटन मण्डल, गोण्डा । पति द्वारा दिए जाने वाले गुजारा भत्ते की रकम न मिलने से दर-दर भटक रही पीड़िता को अब जल्द ही न्याय मिलने की उम्मीद है। देवीपाटन मंडल के कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। दरअसल, कोतवाली देहात के अंतर्गत नारायनपुर मर्दन की निवासिनी सीमा पत्नी रमेश कुमार ने परिवार न्यायालय, गोंडा में गुजारा भत्ता वसूली के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें न्यायालय ने उनके पति रमेश कुमार को दो लाख 12 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन, इसके बावजूद स्थानीय धानेपुर पुलिस ने अब तक इस आदेश का अनुपालन नहीं कराया। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस बिना दबाव बनाए झूठी आख्या भेज रही थी, जिससे उसे अब तक न्याय नहीं मिला। कमिश्नर ने जिलाधिकारी गोंडा को निर्देशित किया है कि वे स्वयं इस मामले की निगरानी करें और तय समयसीमा में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

*पीड़िता की शिकायत पर सख्त हुईं जिलाधिकारी, लापरवाही पर पंचायत सचिव को दिया अल्टीमेटम*

गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने प्रशासनिक लापरवाही और जनता की शिकायतों की अनदेखी पर कड़ा रुख अपनाते हुए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया। ग्राम रेतवागाड़ा की श्रीमती रिमझिम पिछले 11 महीने से अपने पति की मृत्यु प्रमाणपत्र और परिवार रजिस्टर की नकल के लिए भटक रही थीं, लेकिन पंचायत सचिव विनय कुमार भारती की टालमटोल और लापरवाही के कारण उन्हें आवश्यक दस्तावेज नहीं मिले।

जिलाधिकारी के जनता दर्शन में शिकायत मिलते ही डीएम ने तत्काल जांच के आदेश दिए और उसी दिन मामले का निस्तारण कराया। दोषी पंचायत सचिव की परिनिन्दा करते हुए जिलाधिकारी ने कड़ी चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

डीएम की इस त्वरित और कड़ी कार्रवाई से न केवल पीड़िता को इंसाफ मिला, बल्कि प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। यह संदेश साफ हो गया कि जनता की समस्याओं की अनदेखी अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

11 महीने से परेशान थी पीड़िता

ग्राम रेतवागाड़ा, विकासखंड मुजेहना निवासी श्रीमती रिमझिम के पति स्व. श्रवण कुमार का निधन 26 मार्च 2024 को हो गया था। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने कई बार पंचायत सचिव विनय कुमार भारती से मृत्यु प्रमाणपत्र और परिवार रजिस्टर की नकल के लिए अनुरोध किया, लेकिन हर बार उन्हें टालमटोल कर वापस भेज दिया गया। पंचायत सचिव की लापरवाही का आलम यह था कि विकासखंड स्तर से भी मामले में भ्रामक रिपोर्ट भेजकर शिकायत को झूठा साबित करने की कोशिश की गई।

डीएम से शिकायत के बाद तुरंत कार्रवाई

थक-हारकर सोमवार को श्रीमती रिमझिम ने जिलाधिकारी के जनता दर्शन में अपनी शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल जांच के आदेश दिए। मुख्य राजस्व अधिकारी की जांच में पाया गया कि विकासखंड स्तर से भेजी गई रिपोर्ट तथ्यहीन और झूठी थी।

डीएम की सख्ती, पंचायत सचिव की परिनिन्दा

जिलाधिकारी ने उसी दिन सुनवाई कर मामले का निस्तारण सुनिश्चित किया। सुनवाई के दौरान खंड विकास अधिकारी ने स्वीकार किया कि पंचायत सचिव की लापरवाही के कारण आवेदिका को 11 महीने तक परेशान होना पड़ा। सुनवाई के तुरंत बाद आवेदिका को परिवार रजिस्टर की नकल उपलब्ध कराई गई और उसी दिन शाम तक मृत्यु प्रमाणपत्र भी सौंपा गया।

जब पंचायत सचिव विनय कुमार भारती से देरी का कारण पूछा गया, तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। डीएम ने उनके गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर नाराजगी जताते हुए उनकी 'परिनिन्दा' की और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

*गोंडा में अवैध होर्डिंग्स पर प्रशासन सख्त, 48 घंटे में हटाने के आदेश*

गोंडा। जिले में अवैध रूप से लगे होर्डिंग्स को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लगे अनधिकृत होर्डिंग्स को आगामी 48 घंटे के भीतर हटा दें।

जारी आदेश के अनुसार, प्रमुख मार्गों और सड़कों के किनारे लगे अवैध होर्डिंग्स से न केवल बिजली के खंभों पर अतिरिक्त भार पड़ता है, बल्कि इससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बनी रहती हैं। इसके अलावा, ये अवैध होर्डिंग्स नगर की सुंदरता को भी प्रभावित कर रहे हैं।

सभी नगर निकायों को निर्देशित किया गया

इस आदेश के तहत, सभी नगर निकायों को अपने-अपने क्षेत्रों में लगे होर्डिंग्स की जांच करने और तय समयसीमा के भीतर उन्हें हटाने का निर्देश दिया गया है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार से बिजली के खंभों पर लगी एलईडी लाइट्स को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।

तीन दिन में ग्रामीण बाजारों से भी हटेंगे होर्डिंग्स

नगर क्षेत्र के अलावा, ग्रामीण बाजारों में भी अवैध रूप से लगे होर्डिंग्स को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश के अनुसार, बालपुर, आर्यनगर, इटियाथोक, कौड़िया, मोतीगंज और कटरा जैसे प्रमुख बाजारों में अगले तीन दिनों के भीतर यह अभियान पूरा किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी एवं संबंधित खंड विकास अधिकारियों को इस कार्रवाई की निगरानी करने और आगामी 13 फरवरी तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से शहर में अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

बाल श्रम की रोकथाम हेतु संचालित दुकानों और होटलों की चेकिंग की गयी

गोण्डा। शासन द्वारा बाल और किशोर श्रम मुक्त अभियान, मानव तस्करी और तस्करी प्रवासी, बाल श्रम, भिक्षावृत्ति और बाल विवाह के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निदेर्शानुसार एवं नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत के कुशलं मार्गदर्शन में थाना एएचटी टीम द्वारा थाना को0 नगर क्षेत्रान्तर्गत (गुड्डूमल, एकता चौराहा, भरत मिलाप चौराहा, पिपल चौराहा व इनकैन चौराहा) संचालित दुकानों, होटलों की चेकिंग की गई।

अभियान के दौरान बाल श्रम रोकथाम हेतु शासन द्वारा चलाई जा रही नीतियों के बारे मे दुकानदारों को अवगत कराया एवं हिदायत दी गई की भविष्य में किसी भी प्रकार के बच्चों से बाल श्रम ना कराये यदि बाल श्रम कराते पकड़े जाते हैं तो थाना ए0एच0टी0 प्रभारी के द्वारा विधिक कार्यवाही की जायेगी। इसी क्रम में अभियान के दौरान मिशन शक्ति के तहत महिला एवं बच्चों को जागरूक किया गया और महिलाओं को महिला संबंधी अपराधों के बारे में अवगत कराया गया। अभियान के दौरान 02 बच्चों से 02 सेवा नियोजक श्रम कराते हुए पाये गए श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री सत्येन्द्र प्रताप द्वारा उक्त सेवा नियोजकों के विरूद्ध कुल 02 निरीक्षण टिप्पणी काटी गयी।

इस दौरान जिला चाइल्ड हेल्पलाइन से माखन लाल तिवारी, थाना ए0एच0टी0 से प्रभारी नि0 लाल बिहारी, मुख्य आरक्षी गउचरन, का0 चन्द्रशेखर यादव मौजूद रहे।

जिलाधिकारी की पहल से राशन कार्ड से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित

गोण्डा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में नगर पालिका परिषद गोण्डा के इमामबाड़ा स्थित संगम मैदान में आयोजित नागरिक संगम कार्यक्रम में आमजन की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्राप्त राशन कार्ड से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया गया, जिससे कई जरूरतमंद परिवारों को राहत मिली।

जिला पूर्ति अधिकारी रविन्द्र सिंह ने बताया कि बीते 23 जनवरी को आयोजित नागरिक संगम कार्यक्रम में आपूर्ति विभाग से जुड़े कुल 16 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें राशन कार्ड जारी कराने या उसमें संशोधन की मांग की गई थी। इन सभी आवेदनों की जांच पूर्ति निरीक्षक करनैलगंज के माध्यम से कराई गई। जांच के उपरांत 08 आवेदकों को पात्र पाया गया, जिनके लिए तत्काल नए राशन कार्ड जारी कर दिए गए। लाभान्वित होने वालों में शायरा बेगम, आफरीन फातिमा, नसरीन, शमा बेगम, आलिया खातून, अन्नू सोनी, बच्ची और गुलशन शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, अकबरी और सईदा खातून द्वारा राशन कार्ड में यूनिट वृद्धि के लिए किए गए आवेदन को भी स्वीकृत कर लिया गया, और उनके परिवार के सदस्यों के नाम राशन कार्ड में जोड़ दिए गए। वहीं, तीन आवेदकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत अंत्योदय अथवा पात्र गृहस्थी योजना के लिए अयोग्य पाया गया। दो अन्य आवेदक सत्यापन के दौरान मौके पर उपस्थित नहीं थे, जिसके कारण उनकी पात्रता की पुष्टि नहीं हो सकी।

"नागरिक संगम" बना समस्याओं के समाधान का प्रभावी मंच

जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा संचालित नागरिक संगम कार्यक्रम जरूरतमंद नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए एक प्रभावी मंच बनता जा रहा है। इस पहल के तहत विभिन्न विभागों से जुड़ी शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। राशन कार्ड संबंधी मामलों में पारदर्शिता और सुगमता बढ़ाने की दिशा में यह कार्यक्रम एक सराहनीय कदम साबित हो रहा है।

छत गिरने से एक मजदूर की मौत हो गयी

मनकापुर(गोंडा)। सोमवार को कोतवाली क्षेत्र के मछली गांव चौकी अंतर्गत राजापुर गांव में बाल मजदूरों से पुराने मकान को तुड़वाते समय छत गिरने से एक नाबालिग मजदूर की मौत हो गयी ।

जबकि दूसरा नाबालिग मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहाँ डॉक्टरों ने हालात गंभीर होने पर जिला अस्पताल भेज दिया है । सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

कोतवाली मनकापुर क्षेत्र के ग्राम राजापुर गांव में सलीम के घर स्थित पुराने मकान को तोड़ने के लिए लतीफ जिसने मकान तोड़ने का ठेका लिया था उसके कहने पर सुबह आफतदीन अपने पोते प्रदीप कोरी (16 वर्ष) व गांव के सुमित कोरी (17 वर्ष) के साथ उनके पुराने घर को तोड़ने लगे । सोमवार को करीब 11 बजे अचानक से जीना भरभरा कर गिर गया जिसके नीचे आफतदीन का पोता प्रदीप व सुमित उसके नीचे दब गए ।

आनन फानन में मलबे को ग्रामीणों की मदद से हटाया , तो मौके पर प्रदीप की मौत हो गयी व सुमित गंभीर रूप से घायल हो गया तत्काल इसकी सूचना ग्राम प्रधान पति एजाज खान ने एम्बुलेंस व पुलिस को दिया । मौके पर एम्बुलेंस व पुलिस कर्मियो ने पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया व घायल सुमित को अस्पताल भेजा । जहाँ हालात गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

मृतक के बाबा आफतदीन ने पुलिस को लिखित शिकायत कर मकान मालिक सलीम को बिना सहायता उपकरण व नाबालिग से कार्य लिए जाने का जिम्मेदार ठहराते हुए कार्यवाही की मांग किया है।मामले में प्रभारी निरीक्षक मनोज पाठक ने बताया की शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है मृतक के बाबा की तहरीर पर मकान मालिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की बिधिक कार्यवाही की जा रही है।

मृतक के पिता राम अवध एक सप्ताह पूर्व जीवन-यापन करने के लिए गैर प्रांत गुजरात चले गये हैं और मृतक के बडे भाई संदीप वर्तमान मे गुजरात मे मजदूरी कर रहा है मृतक तीन भाइयों में मझिला था व एक छोटी बहन है मौत की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया ,सभी का रो- रो कर बुरा हाल है।मृतक की माँ शांति का रो-रो कर बेहोश हो रही है। लोग मृतक मजदूर के घर पहुंच कर परिजनों को ढांढस बंधा रहे है ।

तोरिया फसल पर प्रक्षेत्र दिवस आयोजित

मनकापुर (गोंडा)।रविवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर में तोरिया फसल प्रजाति पंत तोरिया 303 पर प्रक्षेत्र दिवस आयोजित किया गया। डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने बताया कि तोरिया रबी की एक प्रमुख तिलहनी फसल है ।

इसे लाही के नाम से भी जानते हैं । प्रजाति पीटी 303 की फसल धान और गेहूं के बीच में ली जा सकती है। यह फसल 80 दिन में पककर तैयार होती है तथा 5 कुंतल प्रति एकड़ उपज प्राप्त होती है। तोरिया फसल को फसल चक्र में समावेश करने पर फसल सघनता बढ़ जाती है । तिलहनी फसल लेने से तेल की आवश्यकता की पूर्ति होती है। तिलहनी फसलों में गंधक का प्रयोग 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से करें।

उन्होंने तोरिया की उन्नतशील प्रजातियां, बुवाई, खरपतवार प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, फसल सुरक्षा आदि की जानकारी दी। डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने तोरिया फसल में कार्बनिक खादों का प्रयोग एवं महत्व, डॉ. हनुमान प्रसाद पांडे मृदा वैज्ञानिक ने तोरिया में संतुलित उर्वरकों का प्रयोग तथा डॉ. ज्ञानदीप गुप्ता ने तोरिया फसल के महत्व की जानकारी दी । इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों रामसागर वर्मा, जगन्नाथ वर्मा आदि ने प्रतिभाग कर तोरिया फसल के बारे में तकनीकी जानकारी प्राप्त की।

*विश्वनाथ सिंह 'विकल गोण्डवी' का जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया*

गोण्डा- भविष्य भूमि आश्रम में शैलेन्द्र शून्यम् के संयोजन में स्व. विश्वनाथ सिंह 'विकल गोण्डवी' का जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। इस अवसर पर उनके जीवन और कृतित्व पर कवि-लेखकों द्वारा परिचर्चा की गई। शैलेन्द्र शून्यम ने विषय-प्रवर्तन करते हुए बताया कि विकल गोण्डवी की 'रत्ना तुलसी' और 'धरती कै धिया' दो रचनाएँ प्रकाशित हैं।

अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. सूर्यपाल सिंह ने कहा कि 'क्लर्की हमरे माथे परी' शीर्षक कविता विकल जी से मैंने पहली बार सुनी थी। विश्वनाथ सिंह की कविता का प्रवाह अवधी कविता की शक्ति की परिचायक है। उन्होंने लोकभाषा अवधी के विलुप्त होते जाते शब्दों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने विकल जी पर शोध करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कार्यक्रम के संयोजक शैलेन्द्र शून्यम और सह संयोजक राजेश मोकलपुरी को विकल जी के जन्मशताब्दी समारोह मनाए जाने हेतु धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवधी सेवी राम बहादुर मिसिर ने कहा कि अवधी के लक्षित-अलक्षित रचनाकारों, लोक साहित्य सहित कई विषयों पर 'अवध ज्योति' पत्रिका के अंक निकलते रहे हैं। उन्होंने विकल गोण्डवी की रचनाधर्मिता का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने कम लिखकर भी पाठकों में अपनी लोकप्रियता बनाई हैं।

साहित्य भूषण शिवाकांत मिश्र 'विद्रोही' ने विकल जी को स्मरण करते हुए कविता के द्वारा भावांजलि प्रस्तुत की। गोण्डा जनपद के इतिहास लेखक श्री नारायण तिवारी ने विकल गोण्डवी के जीवन के बारे में बताया कि उनका जन्म छपिया के पास खजुरी गाँव में हुआ था। उन्होंने कहा कि विकल जी आगे भी लगातार प्रासंगिक बने रहेंगे।

इस अवसर पर अवधेश सिंह ने 'चले ससुराल विकल मन तुलसी' गीत सुनाकर खूब आनंदित किया। सुरेन्द्र सिंह 'झंझट' ने विकल जी का संस्मरण सुनाते हुए उनकी रचनाएँ सुनाई। घनश्याम अवस्थी ने 'जब सड़क पर दुपहिया चलावा करौ, मूड ख़बहा है हेलमेट लगावा करौ' सुनाकर महत्त्वपूर्ण संदेश दिया। राजेश मोकलपुरी ने कुछ अवधी दोहे सुनाकर रससिक्त कर दिया। पुष्कर बाबू ने विकल जी का छंद 'दिनमान का दीप देखाइब है' सुनाकर सराहना प्राप्त की। हरिराम शुक्ल प्रजागर ने 'भूल गई है महिमा अपनी, सुख दुख में उलझी नरता' सुनाकर तालियाँ बटोरी। अंत में कार्यक्रम के संयोजक शैलेन्द्र शून्यम ने धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विनय शुक्ल 'अक्षत' ने किया।

इस अवसर पर डॉ. संतोष द्विवेदी, घनश्याम पाण्डेय, प्रो. संजय पाण्डेय, प्रो. जय शंकर तिवारी, डॉ. विष्णु शंकर तिवारी, लक्ष्मीनाथ पाण्डेय, कृपाराम पाण्डेय, जमुना प्रसाद, संतोष सिंह, गणेश नाथ मिश्र, ओंकार नाथ शुक्ल, अभय दुबे, दीप्ति गुप्ता, वागर्थ, शिव बालक उपस्थित रहे।

*पुलिस अधीक्षक ने समाधान दिवस पर की जनसुनवाई, जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण का निर्देश*

गोण्डा- थाना समाधान दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा थाना को0 नगर में जनसुनवाई की गई। जनता की जनसमस्याओं को सुना गया तथा समस्याओं के त्वरित एवं गुणवक्तापूर्ण निस्तारण हेतु सम्बन्धित राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों को मौके पर जाकर शिकायतों का शत-प्रतिशत निस्तारण करने हेतु निर्देशित किया गया। थाना को0 नगर में जनसुनवाई के दौरान 03 शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए है। प्राप्त प्रार्थना पत्रों के निस्तारण हेतु राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर भेजा गया है।

पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना समाधान दिवस के अवसर पर ऑपरेशन “साइबर कवच’’ अभियान के तहत राजस्व टीम व उपस्थित जनता को साइबर अपराध की जानकारी दी गयी और बताया कि इंटरनेट के उपयोग की सही जानकारी होने पर साइबर अपराध से बचा जा सकता है। इसी क्रम में एटीएम में ट्रांजेक्सन करते समय अन्य कोई व्यक्ति उपस्थित न रहे, बैंक के नाम पर टेलीफोन कॉल पर एटीएम/बैंक अकाउंट्स सम्बन्धी कोई जानकारी जैसे सी0सी0वी0/पिन नम्बर आदि कभी भी किसी से साझा न करे। बीमा कम्पनी, नौकरी.कॉम के नाम से कॉल किये जाने पर बिना सत्यापन किये कोई जानकारी न दे। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सअप, ट्विटर(एक्स), फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरूपयोग कर सकता है। इस प्रकार के एप्स डाउनलोड किये जाते समय प्राइवेसी सम्बन्धी आप्शन का भली-भांति अवलोकन करने के बाद ही सहमती/असहमती देते हुए प्रक्रिया पूर्ण करें। फर्जी लॉटरी लगने का कॉल करने वालों को कभी अपनी बैंक की डिटेल शेयर न करें। डिजिटल अरेस्ट से बचाव हेतु बताया गया कि किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें, टावर लगाने के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती है, इससे बचने हेतु किसी अज्ञात बैंक खाता में पैसा जमा न करें। कोई कम्पनी कम लागत में अधिक पैसे कमाने का लालच देती है तो सावधान रहिये ऐसी कंपनी फर्जी होती हैं जो आपका पैसा लेकर कंपनी को बंद कर भाग जाते हैं।

ठगों द्वारा फर्जी ऑफिस खोलकर, कम ब्याज दर पर अधिक लोन, बिना किसी कागज के आसानी से लोन दिलवाने हेतु फर्जी विज्ञापन प्रसारित किया जाता है और प्रोसेसिंग फीस के रुप में एकाउंट में रुपये जमा कराके फरार हो जाते है। मोबाइल व सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के सुरक्षित प्रयोग के बारे में भी बताया गया। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर इंटरनेट प्रयोग किये जाने पर साइबर अपराध के शिकार होने से बचा जा सकता है। जागरूक बनें और अपने धन की स्वयं सुरक्षा करने के सिद्वान्त पर काम करें। अन्त में सभी से आग्रह किया गया की दी गई जानकारी को अपने परिवार, आस-पड़ोस में अधिक से अधिक लोगों को बतायें जिससे की कोई भी व्यक्ति जानकारी के आभाव में साइबर अपराधियों का शिकार न हो। जागरूकता के दौरान में उपस्थित आमजन को पम्पलेट वितरित किये गये।

साइबर सुरक्षा टिप्स-

01. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें

02. किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें।

03. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

04. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।

05. अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।

06. ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें।

07. पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें।

08. ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें।

09. साइबर बुलिंग और साईबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

10. ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें।

11. साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 का प्रयोग करें।