महाकुम्भ हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत , 60 घायल , मेलाधिकारी व डीआईजी ने दी जानकारी
शाम तक 5.71 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नानमहाकुंभ नगर । महाकुंभ मेले में भगदड़ को लेकर महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र प्रशासन ने आधिकारिक आंकड़े जारी किए है। जिसमें बताया गया है कि मंगलवार की रात को मची भगदड़ में 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। साथ ही 60 लोग घायल हुए हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बैरिकेड्स टूटने की वजह से भगदड़ हुई। प्रशासन इसे ही अहम वजह बताया है। डीआईजी ने बताया कि महाकुंभ में रात 1 से 2 बजे के बीच भगदड़ हुई।
जिसमें 90 लोगों को अस्पताल लगाया गया। जिसमें से 30 लोगों ने दम तोड़ दिया, इनमें से 25 लोगों की शिनाख्त हो गई है। जिसमें कर्नाटक के चार, गुजरात के एक श्रद्धालु की मौत हुई है। 60 लोग घायल हैं। बैरिकेड्स टूटने की वजह से भगदड़ हुई। डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ के समय संगम पर जो लोग लेटे हुए थे, उनके ऊपर भीड़ चढ़ गई। 29 जनवरी को शासन से सख्त निर्देश थे कि कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं रहेगा।घायलों का इलाज महाकुम्भ नगर के केंद्रीय अस्पताल और स्वरूप रानी अस्पताल में जारी है।
जानकारी के मुताबिक यह दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। राहत कार्य करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ। महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार सुबह से ही अपार जन समूह उमड़ा हुआ था। दोपहर में बेकाबू भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ अधिक बढ़ गई। संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए। अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग भी कुछ स्नानार्थियों ने तोड़ने का प्रयास किया। जिसको जहां से जगह मिलती उधर ही चला जाता। आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के करीब ठहर गई, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी।
रात करीब दो बजे स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो भगदड़ मच गई। इधर-उधर भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका। जिसने भागने का प्रयास किया वह भी दब गया। मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को यह सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। हादसे की सूचना मिलने पर पैरामिलिट्री फोर्स, एबुंलेंस को अलग-अलग स्थान से संगम पहुंचे। इसके बाद एंबुलेंस में तमाम श्रद्धालुओं को भरकर लाया गया।भगदड़ हादसे के बाद सभी तीर्थयात्रियों से विनम्र आग्रह किया जा रहा है कि संगम की ओर आने की कोशिश ना करें। अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यही आवाज गूंज रही है, जो भगदड़ की दिल दहलाने वाली तस्वीर की गवाही भी है। महाकुम्भ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है। घटना के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से चार बार फोन पर बात की और हताहतों की मदद के संंबंध में दिशा-निर्देश दिए। गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सीएम से बात की।
इसके साथ ही सीएम ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर हाईलेवल मीटिंग भी बुलाई। इसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी के साथ ही एडीजी कानून व्यवस्था शामिल रहे। इसके बाद सीएम की ओर से कहा गया कि अखाड़ा मार्ग पर की गई बैरिकेडिंग फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु चोटिल हुए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। जिनका इलाज चल रहा है। मृतकों में से 25 की पहचान हुई है जो प्रयागराज के अलावा बिहार, झारखंड, कोलकाता के रहने वाले हैं। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में बलिया की चार महिला श्रद्धालुओं की मौत खबर आ रही है। ये खबर जब उनके परिजनों के पास पहुंची तो कोहराम मच गया। हालांकि पुलिस और प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। मरने वालों में फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव की रीना देवी (35) और उनकी बेटी रोशनी (12) हैं। रीना के परिवार से जुड़े नारायण पटेल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रीना के साथ उनका बेटा भी स्नान करने के लिए प्रयागराज गया था। ये लोग मंगलवार दोपहर में बलिया रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ कर प्रयागराज गए थे।
बुधवार को मेरे बेटे ने जब यह सूचना दी तो हम सभी स्तब्ध है। हमें बताया गया कि प्रयागराज में पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही है। वही, गांव के पूर्व प्रधान संतोष पाण्डेय ने बताया कि जिस टोली में रीना और रोशनी गई थीं। उसमें नसीराबाद के पांच-छह लोग शामिल थे। महाकुम्भ में भगदड़ से जिले के नगरा थाना के चचया गांव की दो महिलाओं की मौत हुई है। गांव के राजीव सिंह ने मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि बलजीत सिंह की पत्नी मीरा सिंह (55) और छट्ठू सिंह की पत्नी रिंकी सिंह (40) की मौत की सूचना आते ही गांव में कोहराम मच गया। बुधवार के दिन शाम चार बजे तक कुल 5.71 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। वहीं, अब तक महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या 19.94 करोड़ से अधिक पहुंच चुकी है।महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के लिए महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के चलते लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। हाइवे पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दिए गए हैं। दो पहिया वाहन चालकों को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
जिले में प्रवेश कर चुके प्रयागराज जा रहे श्रद्धालुओं को जगह-जगह बनाए गए होल्डिंग एरिया में रोका जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज के महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ को बेहद दुखद बताया है और श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया है। राष्टपति ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना बेहद दुखद है। मैं घायल श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि सभी घायल श्रद्धालु जल्द स्वस्थ हों। श्री मोदी ने प्रयागराज में भगदड़ की घटना को बेहद दुखद बताया और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। वहीं महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद अखाड़े अमृत स्नान कर रहे हैं।
Jan 30 2025, 16:36