14 जनवरी को सबसे पहले संगम में कौन लगाएगा डुबकी? अमृत स्नान का समय जारी
डेस्क:–महाकुंभ के दौरान कुल छह स्नान आयोजित होंगे, जिनमें से तीन स्नान अमृत (शाही) स्नान होंगे, जिन्हें अखाड़े विशेष रूप से करते हैं। पहले अमृत स्नान का आयोजन मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को होगा, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को और तीसरा वसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को होगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने अखाड़ों के अमृत स्नान की तिथि का क्रम जारी कर दिया है। सबसे पहले, महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संत-महंत, महामंडलेश्वर अमृत स्नान करेंगे। परंपरानुसार, पहले सातों संन्यासी स्नान करेंगे, इसके बाद तीनों वैरागी और अंत में तीनों उदासीन अखाड़े स्नान करेंगे।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने रविवार को तीनों शाही स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम जारी कर दिया। प्रत्येक अखाड़े को स्नान के लिए 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक का समय निर्धारित किया गया है। सबसे अंत में निर्मल अखाड़े के संत पुण्य की डुबकी लगाएंगे। स्नान के लिए अखाड़ों के संत सुबह 5:15 बजे से बैंड बाजा और डीजे के साथ रथों पर सवार होकर यात्रा शुरू करेंगे।
अमृत स्नान के लिए निकली इस यात्रा में संतों के शिष्य और अनुयायी चंवर, छत्र और दंड लिए पुष्प वर्षा करते हुए साथ चलेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अखाड़ों से अनुरोध किया है कि उनके साथ स्नान के लिए जाने वाले खालसों और महामंडलेश्वरों की संख्या मेला प्रशासन द्वारा प्रेषित सूची के अनुसार ही सीमित रखी जाए।
स्नान के लिए जाने वाले रथों और वाहनों की संख्या मेला पुलिस द्वारा जारी पास के अनुसार ही निर्धारित की जाएगी। अखाड़ों का संगम क्षेत्र (सेक्टर तीन) में अमृत स्नान के लिए आगमन त्रिवेणी मार्ग सेक्टर 20 से पीपा पुल संख्या छह (त्रिवेणी दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या सात (त्रिवेणी मध्य) के जरिए गंगा पार करके होगा। वहां त्रिवेणी मार्ग और अखाड़ा मार्ग के क्रॉसिंग पर बाएं मुड़कर निर्धारित संगम घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई है। संगम क्षेत्र में अखाड़ों के वाहनों के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।
संगम में स्नान के बाद, अखाड़ों के संत और अनुयायी सेक्टर तीन के अखाड़ा वापसी मार्ग से दाहिने मुड़कर पीपा पुल संख्या तीन (महावीर दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या चार (महावीर उत्तरी) के जरिए गंगा पार करेंगे। इसके बाद वे महावीर मार्ग, महावीर संगम लोवर और महावीर संगम लोवर मार्ग क्रॉसिंग से बाएं (उत्तर मुड़कर) अखाड़ा वापसी मार्ग से होते हुए अपने-अपने शिविरों में जाएंगे। संन्यासी अखाड़े अपने शिविर में प्रवेश के लिए काली मार्ग का उपयोग करेंगे।
Jan 13 2025, 11:17