बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को लगा झटका, जमानत खारिज
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बांग्लादेश हिंसा मामले में गिरफ्तार हिंदू नेता चिन्मय कृष्णदास की जमानत अर्जी को चट्टोग्राम की अदालत ने खारिज कर दिया है। डेली स्टार की खबर के अनुसार इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका को बांग्लादेश की चट्टोग्राम अदालत में सुनवाई के लिए लगाया गया था। मगर कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। मतलब साफ है कि चिन्मय दास को अभी और समय जेल में ही बिताना होगा। इससे पहले 11 दिसंबर को एक बांग्लादेश की एक अदालत ने दास की प्रारंभिक जमानत याचिका को प्रक्रिया में खामी के कारण खारिज कर दिया था।
चिन्मय दास की तरफ से बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों ने पैरवी की> चिन्मय दास के मामले में आज एक सकारात्मक घटनाक्रम ये रहा कि चिन्मय दास के वकीलों को अपना पक्ष रखने का मौका मिला। पिछली दो सुनवाई में चिन्मय दास के वकीलों को कोर्ट में पेश नहीं होने दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी संत चिन्मय दास को राहत नहीं मिली।
उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना
चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने मीडिया को बताया कि वे जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना बना रहे हैं। सभी को उम्मीद थी कि नए साल में चिन्मय प्रभु को आजादी मिल जाएगी, लेकिन 42 दिन बाद भी उनकी जमानत आज सुनवाई में खारिज कर दी गई।
क्या हैं चिन्मय दास पर आरोप
पूर्व में इस्कॉन से जुड़े रहे दास के खिलाफ बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद उनको ढाका के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया और कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद जेल भेज दिया गया। दास की गिरफ्तारी के बाद चटगांव में उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान हिंसा में चटगांव में एक वकील की मौत भी हो गई थी। ये मामला काफी ज्यादा चर्चा में रहा था।
यह पूरा मामला 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने के आरोप से शुरू हुआ। मामला दर्ज होने के बाद चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद स्थिति तब बिगड़ी, जब 27 नवंबर को चटगांव कोर्ट से दास की जमानत खारिज होने के बाद उनके समर्थकों का प्रदर्शन हिंसक हो गया और इसमें एक वकील की मौत हो गई।
Jan 02 2025, 14:25