आजमगढ़ : विभिन्न किसान संगठनों ने किया देश व्यापी विरोध प्रदर्शन 
  
 
 
 
   आजमगढ़ । संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर आजमगढ़ में भी अ.भा.किसान महासभा,अ.भा.किसान सभा,किसान संग्राम समिति, क्रांतिकारी किसान यूनियन, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (खिरिया बाग),खेत-मजदूर किसान संग्राम समिति, संयुक्त किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान यूनियन व जनमुक्ति मोर्चा आदि किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया । जुलूस प्रदर्शन में *किसान नेता जगदीश सिंह दल्लेवाल को मारने की साजिश बंद करो,ग्रेटर नोएडा के गिरफ्तार किसान आंदोलनकारियों को तत्काल रिहा करो, कृषि विपणन नीति किसानो के साथ धोखा है -इसे वापस लो, आंदोलन कारी किसानों के साथ वार्ता करो, किसानों के साथ किये गये वादा को पूरा करो* आदि नारों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में प्रमुख मांगों के साथ आजमगढ़ की भी मांगें उठाई गई हैं। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि किसान लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को बार-बार पेश कर रहे हैं, लेकिन सरकार सभी मांगों को अनसुना करती जा रही है। सरकार द्वारा उन सभी किसान संगठनों और मंचों से, जो वास्तविक मांगों के लिए पंजाब के शंभू और खनूरी सीमाओं और उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में संघर्ष कर हैं ,उन पर आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल पर रोक लगाना चाहिए और उनका सम्मान करते हुए वार्ता करनी चाहिए। हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श, वार्ता करने के लिए सलाह दिया है। लेकिन सरकार की संवेदनहीनता ही है कि महिने भर से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान ख़तरे में पड़ चुकी है। दिल्ली कूच कर रहे किसानों का दमन किया गया और आंसू गैस के गोले,रबड़ की गोलियां दागा गया और पानी का बौछारें की गई। गत दिनों 4दिसंबर 2024 को ग्रेटर नोएडा के आंदोलित 112 किसानों को एफआईआर संख्या-0538 में हत्या के प्रयास व मेट्रो ट्रेन रोकने के झूठे, बेबुनियाद , मनगढ़ंत आरोप में फंसाकर गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद करने का शर्मनाक पुलिसिया कार्रवाई हुई है। इस क्रूरता से किसान आंदोलनकारियों का दमन के लिए वहां के जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि एनडीए-2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मद्देनजर 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का बेशर्मी से उल्लंघन किया है, जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था। लेकिन 25नवंबर2024को किसान आंदोलनकारियों से तुरंत वार्ता किये बिना नई राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति,डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय सहयोग नीति के नाम पर तीन कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट रणनीति पर चल रही है। उ० प्र० में सबसे पहले दक्षिणांचल व पूर्वाचल विद्युत वितरण निगमों के घाटे की जांच होनी चाहिए और घाटे के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए और बिजली का निजीकरण का फैसला वापस लेना चाहिए। किसान संगठनों ने बार-बार ज्ञापन में उठाये गये मांग को शासन-प्रशासन द्वारा नज़र अंदाज़ करने का आरोप लगाते हुए आजमगढ़ से जुड़े मांगों को भी रिमांइड कराते हुए कहा कि आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण रद्द होने का लिखित शासनादेश आंदोलनकारी नेतृत्व को सौंपा जाए। किसान आंदोलनकारियों पर थोपें गये मुकदमे वापस लिए जायें।संविधान की गरिमा के खिलाफ दिनांक 12 व 13 अक्टूबर 2022 को राजीव रत्न सिंह,एसडीएम, सगड़ी आजमगढ़ के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों व पुलिस बल द्वारा ग्रामीणों व अनुसूचित जाति के महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न की उच्च स्तरीय जांच कर एफ.आई.आर. कराई जाए।दोषीयों को सज़ा दी जाय।खिरिया बाग धरना के किसान-मजदूर नेताओं पर थोपे गए फर्जी, बेबुनियाद , मनगढ़ंत मुकदमे को वापस लिया जाए। दो वर्षों से ज्यादा (803दिनोंसे) चले धरने के दौरान अपनी जमीन छीने जाने की आशंका व सदमें के कारण 127 लोगों की मौत के प्रति संवेदना दिखाई जाए और मुआवजा के रूप में कम से कम उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की गारंटी दी जाय।जिले में हाजीपुर व मदनपुर पुल के बगल में सपोर्ट लाईन बनवाई जाय।नहरों में सिंचाई के समय पानी सुनिश्चित किया जाए।समय से किसानों को रासायनिक खाद उपलब्ध कराया जाय। घाघरा नदी के बाढ़ में विस्थापित गरीब भूमिहीन किसानों को पुनर्वास की व्यवस्था कराई जाय। बाढ़ में नष्ट हुए फसलों का उचित मुआवजा प्रबंधन किया जाय। घाघरा कटान का स्थाई समाधान हो।नगरपालिका व शहरीकरण के नाम पर गांव-गांव में स्थापित पंचायती राज व्यवस्था को खत्म करके ग्रामीणों को पंगु बनाने पर रोक लगाई जाए और पंचायतों से इस मुद्दे पर लोकतांत्रिक तरीके से स्वस्थ चर्चा कराई जाय। कार्यक्रम में का.वेद प्रकाश उपाध्याय रामकुमार यादव, दुखहरन राम,रामनयन यादव,राजेश आजाद, रामराज, भीम राव,अवध राज यादव,का. नंदलाल,विनोद सिंह ,का.रामजनम यादव, हरिहर प्रसाद , सुदर्शन राम,निर्मल प्रधान , अवधेश, प्रभुनाथ यादव, नकछेद राय,सूर्यबलि राम, बैरागी यादव ,रमेश राम ,रामनिहोर निडर, लालचंद निषाद ,विजय बहादुर निषाद, तूफानी सरोज, निर्बल राम ,टेकई राम, चंद्रधारी, मुखराम आदि मौजूद रहे।
आजमगढ़ । संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर आजमगढ़ में भी अ.भा.किसान महासभा,अ.भा.किसान सभा,किसान संग्राम समिति, क्रांतिकारी किसान यूनियन, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (खिरिया बाग),खेत-मजदूर किसान संग्राम समिति, संयुक्त किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान यूनियन व जनमुक्ति मोर्चा आदि किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया । जुलूस प्रदर्शन में *किसान नेता जगदीश सिंह दल्लेवाल को मारने की साजिश बंद करो,ग्रेटर नोएडा के गिरफ्तार किसान आंदोलनकारियों को तत्काल रिहा करो, कृषि विपणन नीति किसानो के साथ धोखा है -इसे वापस लो, आंदोलन कारी किसानों के साथ वार्ता करो, किसानों के साथ किये गये वादा को पूरा करो* आदि नारों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में प्रमुख मांगों के साथ आजमगढ़ की भी मांगें उठाई गई हैं। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि किसान लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को बार-बार पेश कर रहे हैं, लेकिन सरकार सभी मांगों को अनसुना करती जा रही है। सरकार द्वारा उन सभी किसान संगठनों और मंचों से, जो वास्तविक मांगों के लिए पंजाब के शंभू और खनूरी सीमाओं और उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में संघर्ष कर हैं ,उन पर आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल पर रोक लगाना चाहिए और उनका सम्मान करते हुए वार्ता करनी चाहिए। हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श, वार्ता करने के लिए सलाह दिया है। लेकिन सरकार की संवेदनहीनता ही है कि महिने भर से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान ख़तरे में पड़ चुकी है। दिल्ली कूच कर रहे किसानों का दमन किया गया और आंसू गैस के गोले,रबड़ की गोलियां दागा गया और पानी का बौछारें की गई। गत दिनों 4दिसंबर 2024 को ग्रेटर नोएडा के आंदोलित 112 किसानों को एफआईआर संख्या-0538 में हत्या के प्रयास व मेट्रो ट्रेन रोकने के झूठे, बेबुनियाद , मनगढ़ंत आरोप में फंसाकर गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद करने का शर्मनाक पुलिसिया कार्रवाई हुई है। इस क्रूरता से किसान आंदोलनकारियों का दमन के लिए वहां के जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि एनडीए-2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मद्देनजर 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का बेशर्मी से उल्लंघन किया है, जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था। लेकिन 25नवंबर2024को किसान आंदोलनकारियों से तुरंत वार्ता किये बिना नई राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति,डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय सहयोग नीति के नाम पर तीन कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट रणनीति पर चल रही है। उ० प्र० में सबसे पहले दक्षिणांचल व पूर्वाचल विद्युत वितरण निगमों के घाटे की जांच होनी चाहिए और घाटे के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए और बिजली का निजीकरण का फैसला वापस लेना चाहिए। किसान संगठनों ने बार-बार ज्ञापन में उठाये गये मांग को शासन-प्रशासन द्वारा नज़र अंदाज़ करने का आरोप लगाते हुए आजमगढ़ से जुड़े मांगों को भी रिमांइड कराते हुए कहा कि आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण रद्द होने का लिखित शासनादेश आंदोलनकारी नेतृत्व को सौंपा जाए। किसान आंदोलनकारियों पर थोपें गये मुकदमे वापस लिए जायें।संविधान की गरिमा के खिलाफ दिनांक 12 व 13 अक्टूबर 2022 को राजीव रत्न सिंह,एसडीएम, सगड़ी आजमगढ़ के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों व पुलिस बल द्वारा ग्रामीणों व अनुसूचित जाति के महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न की उच्च स्तरीय जांच कर एफ.आई.आर. कराई जाए।दोषीयों को सज़ा दी जाय।खिरिया बाग धरना के किसान-मजदूर नेताओं पर थोपे गए फर्जी, बेबुनियाद , मनगढ़ंत मुकदमे को वापस लिया जाए। दो वर्षों से ज्यादा (803दिनोंसे) चले धरने के दौरान अपनी जमीन छीने जाने की आशंका व सदमें के कारण 127 लोगों की मौत के प्रति संवेदना दिखाई जाए और मुआवजा के रूप में कम से कम उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की गारंटी दी जाय।जिले में हाजीपुर व मदनपुर पुल के बगल में सपोर्ट लाईन बनवाई जाय।नहरों में सिंचाई के समय पानी सुनिश्चित किया जाए।समय से किसानों को रासायनिक खाद उपलब्ध कराया जाय। घाघरा नदी के बाढ़ में विस्थापित गरीब भूमिहीन किसानों को पुनर्वास की व्यवस्था कराई जाय। बाढ़ में नष्ट हुए फसलों का उचित मुआवजा प्रबंधन किया जाय। घाघरा कटान का स्थाई समाधान हो।नगरपालिका व शहरीकरण के नाम पर गांव-गांव में स्थापित पंचायती राज व्यवस्था को खत्म करके ग्रामीणों को पंगु बनाने पर रोक लगाई जाए और पंचायतों से इस मुद्दे पर लोकतांत्रिक तरीके से स्वस्थ चर्चा कराई जाय। कार्यक्रम में का.वेद प्रकाश उपाध्याय रामकुमार यादव, दुखहरन राम,रामनयन यादव,राजेश आजाद, रामराज, भीम राव,अवध राज यादव,का. नंदलाल,विनोद सिंह ,का.रामजनम यादव, हरिहर प्रसाद , सुदर्शन राम,निर्मल प्रधान , अवधेश, प्रभुनाथ यादव, नकछेद राय,सूर्यबलि राम, बैरागी यादव ,रमेश राम ,रामनिहोर निडर, लालचंद निषाद ,विजय बहादुर निषाद, तूफानी सरोज, निर्बल राम ,टेकई राम, चंद्रधारी, मुखराम आदि मौजूद रहे।
 
Dec 25 2024, 17:59
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