जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर भिड़े हरदीप पुरी और शशि थरूर, सोरोस को लेकर 2009 के पोस्ट पर छिड़ी “जंग”
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अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक बार फिर भारतीय राजनीति में एक अहम मुद्दा बनते दिख रहे हैं। जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस से उससे संबंधों पर भारतीय जनता पार्टी अक्सर घेरती है। इस बार कांग्रेस ने सोरोस के बहाने बीजेपी पर ही निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच जॉर्ज सोरोस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुबान जंग छिड़ी हुई है।
सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर आरोप लगाया कि उनकी जॉर्ज सोरोस से न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई थी। थरूर का आरोप है कि हरदीप पुरी को सोरोस ने डिनर के लिए न्योता भी दिया था। अपने उपर लगे आरोपों पर अब मोदी सरकार के मंत्री ने जवाब दिया है। पुरी ने थरूर को जवाब देते हुए कहा कि थरूर ने ही सोरोस को डिनर पर बुलाया था। अब सोरोस के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच एक्स वॉर शुरू हो गया है।
दरअसल, 8 दिसंबर को भाजपा ने गांधी परिवार पर अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से फंड लेने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि भारत विरोधी सोरोस और कांग्रेस मिलकर भारत की इकोनॉमी तबाह करना चाहते हैं।
इसके बाद एक्स पर सांसद शशि थरूर का 2009 का पोस्ट वायरल हुआ। कर्नाटक के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने थरूर की 2009 की एक पुरानी पोस्ट दिखाई। जिसमें उन्होंने लिखा था- पूराने मित्र सोरोस से मुलाकात हुई। वे एक निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया की चिंता करने वाले नागरिक भी हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
बीजेपी के कार्यकर्ता ने उस पोस्ट पर रिपोस्ट करते हुए सवाल किया कि इस एक्स पोस्ट के बारे में आपका क्या ख्याल है थरूर?
थरूर ने अपनी इसी पोस्ट का जवाब देते हुए 15 दिसंबर को कहा- ये मुलाकात हरदीप पुरी (केंद्रीय मंत्री) के घर हुई थी। वे सिर्फ सोशल सेंस में मेरे दोस्त थे। मैंने उनसे एक रुपए भी नहीं लिया। इस पोस्ट के बाद मैं एक बार और उनसे मिला था। यह मुलाकात हरदीप पुरी के घर डिनर पार्टी में हुई थी। थरूर ने आगे कहा कि मेरे पुराने रिश्ते के कभी कोई राजनीतिक अर्थ नहीं थे। मुझे उम्मीद है कि यह उन लोगों के लिए इस मामले को और स्पष्ट करेगा जो मेरे 15 साल पुरानी पोस्ट को लेकर बेतुका आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पता है कि ट्रोल फैक्ट्री कैसे काम करती है और मुझे विश्वास है कि ये लोग नहीं समझेंगे
पुरी का पलटवार
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी थरूर को जवाब दिया है। हरदीप सिंह पुरी उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत थे, ने एक्स पर उस समय के विदेश राज्य मंत्री थरूर पर पलटवार करते हुए कहा कि थरूर ने ही डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट बनाई थी, जिसमें सोरोस भी शामिल थे। पुरी ने शशि थरूर की बातों का जवाब देते हुए कहा कि मेरे मित्र डॉ.शशि थरूर,जो डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में छात्र थे। तब मैं शिक्षक संकाय का सदस्य था। मेरे संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के कुछ ही समय बाद न्यूयॉर्क में विदेश राज्य मंत्री के रूप में पहुंचे थे। मैंने 11 अक्टूबर 2009 को एक ब्रीफिंग नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को रात के खाने पर उनकी और उनके साथी की मेजबानी की थी।
हरदीप सिंह पुरी ने लिखा,पीछे देखने पर यह साफ है कि नाम इसलिए शामिल किया गया क्योंकि संबंधित सज्जन राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से थे और राज्य मंत्री उनसे मिलने के इच्छुक थे। उन्होंने यह भी कहा कि थरूर ने पहले मई 2009 में सोरोस से मुलाकात की थी और बातचीत के बारे में ट्वीट किया था। पुरी ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए कहा, छल करने की कलाओं में भाषा को अक्सर गौरवपूर्ण स्थान दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ मित्र अस्पष्टता में माहिर हैं, लेकिन वे अपने जोखिम पर ट्वीट करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, चूंकि मैं उस समय शहर में कुछ ही महीने का था लेकिन डॉ थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था, इसलिए मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट नहीं बनाई थी। यह लिस्ट मुझे मंत्री थरूर ने दी थी।
जॉर्ज सोरोस पीएम मोदी को लोकतंत्र विरोधी बता चुके
बता दें कि जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी अरबपति उद्योगपति है। जॉर्ज पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है। सोरोस की संस्था ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की। 2014 में इसने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को फंड देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी।
अगस्त 2023 में जॉर्ज का म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जब उन्होंने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है।
Dec 23 2024, 16:15