/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz ठंड में सूजन और दर्द से राहत के लिए खाएं हल्दी, मेवे और हरी सब्जियां। Healthcare
ठंड में सूजन और दर्द से राहत के लिए खाएं हल्दी, मेवे और हरी सब्जियां।

सर्दियों के मौसम में ठंड के कारण जोड़ों और घुटनों का दर्द बढ़ जाता है। यह समस्या खासतौर पर बुजुर्गों और गठिया (आर्थराइटिस) से पीड़ित लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। हालांकि, सही खानपान से इस दर्द को कम किया जा सकता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जो घुटने के दर्द में राहत देने में मददगार हो सकते हैं।

1. हल्दी और अदरक

हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन और अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों की सूजन को कम करते हैं। हल्दी वाला दूध या अदरक की चाय सर्दियों में दर्द से राहत दिला सकती है।

2. ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड्स

ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप मछली (साल्मन, टूना), अखरोट, और अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं।

3. विटामिन D युक्त फूड्स

सर्दियों में धूप कम मिलने से विटामिन D की कमी हो सकती है, जो हड्डियों को कमजोर बनाती है। इसके लिए अंडे की जर्दी, मशरूम, और फोर्टिफाइड दूध का सेवन करें।

4. ग्रीन टी

ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स सूजन को कम करने में मदद करते हैं। रोजाना 1-2 कप ग्रीन टी पीने से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है।

5. लहसुन

लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं। इसे कच्चा या भोजन में डालकर खाया जा सकता है। यह घुटनों की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक है।

6. डेयरी उत्पाद

दूध, दही, और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और दर्द से राहत देते हैं।

7. मेवे और बीज

बादाम, काजू, और कद्दू के बीज जैसे खाद्य पदार्थ मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर होते हैं। ये सूजन को कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

8. हरी पत्तेदार सब्जियां

पालक, मेथी, और सरसों के साग जैसे खाद्य पदार्थ कैल्शियम, आयरन और विटामिन K से भरपूर होते हैं। ये हड्डियों को मजबूती देते हैं और दर्द को कम करते हैं।

9. गर्म पानी और हर्बल ड्रिंक्स

सर्दियों में ठंडे पेय पदार्थों से बचें। गर्म पानी या तुलसी और अदरक वाली हर्बल चाय पीने से जोड़ों में रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द कम होता है।

10. गोंद के लड्डू

गोंद के लड्डू सर्दियों में जोड़ों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और दर्द को कम करते हैं।

निष्कर्ष

सर्दियों में घुटनों के दर्द को कम करने के लिए सही खानपान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही हल्की फुल्की एक्सरसाइज और जोड़ों को गर्म रखने से भी राहत मिलती है। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

शुगर लेवल कम करने के लिए पिएं इन सब्जियों का जूस,बढ़ा हुआ शुगर लेवल तुरंत हो जाएगा कम

सर्दियों के मौसम में डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत और खान-पान का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही हैं।डायबिटीज की बीमारी में मरीजों को उनका ब्लड शुगर लेवल अंडर कंट्रोल रखना सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि, ब्लड शुगर में होनेवाले उतार चढ़ाव डायबिटीज मरीजों की कॉम्प्लिकेशन्स को बढ़ा सकते हैं। 

ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने के लिए लोगों को अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है क्योंकि आप जो कुछ भी खाते या पीते हैं उससे आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। वहीं, कुछ सब्जियां ऐसी भी हैं जिनका जूस बनाकर पीने से आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। आइए जानें उन सब्जियों के बारे में

लौकी का रस

सर्दियों में आप लौकी का जूस भी पी सकते हैं जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने में आसानी हो सकती है। आप इसके लिए आधे से एक गिलास लौकी का जूस पी सकते हैं।

करेले का जूस

डायबिटीज पेशेंट्स के लिए करेला का जूस गुणकारी होता है। आप इस हरी सब्जी का जूस बनाकर रोजाना पी सकते हैं। इससे ना केवल शुगर लेवल कम होता है बल्कि, यह शरीर में बैठे टॉक्सिंस को भी साफ कर देता है। करेले का जूस पीने से इंसुलिन सेंसिटिविटी भी सुधरती है।

पेठे की सब्जी का जूस

जिन लोगों का शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है वे पेठे की सब्जी का जूस पी सकते हैं। इस जूस को पीने से आपका शुगर लेवल आसानी से कम हो सकता है।

आंवले का जूस

डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए आंवले का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है। आप डायबिटीज में आंवला और एलोवेरा का जूस मिक्स करके पी सकते हैं। इससे आपको सर्दियों में बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में आसानी हो सकती है।

ककड़ी का जूस



ककड़ी डाइटरी फाइबर और विटामिन सी से भरपूर होता है। ककड़ी का जूस पीने से आपका ब्लड शुगर लेवल कम रहता है।

सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए घर पर बनाएं ये पौष्टिक और स्वादिष्ट सूप,जो ठंड में सेहत और स्वाद दोनों का रखेगी ख्याल,जाने रेसिपी


सर्दियों का मौसम आते ही गर्म और पौष्टिक आहार की जरूरत बढ़ जाती है। ऐसे में सूप एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल शरीर को गर्माहट देता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। यहां कुछ खास सूप की रेसिपी दी जा रही है, जो आप घर पर आसानी से बना सकते हैं।

1. टमाटर का सूप

सामग्री:

टमाटर – 4 मध्यम आकार के

लहसुन – 2-3 कलियां

मक्खन – 1 चम्मच

काली मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच

चीनी – 1/2 चम्मच

नमक – स्वादानुसार

बनाने की विधि:

टमाटरों को उबालकर छील लें और उनका पेस्ट बना लें।

एक पैन में मक्खन गर्म करें, उसमें लहसुन को हल्का भून लें।

टमाटर का पेस्ट डालें और उसमें नमक, चीनी और काली मिर्च मिलाएं।

पानी मिलाकर 5-7 मिनट तक पकाएं।

गर्मागर्म सूप परोसें।

2. मिक्स वेजिटेबल सूप

सामग्री:

गाजर – 1/2 कप (कटी हुई)

मटर – 1/4 कप

फूलगोभी – 1/2 कप

प्याज – 1 (कटी हुई)

अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 चम्मच

मक्खन – 1 चम्मच

नमक और काली मिर्च – स्वादानुसार

बनाने की विधि:

सभी सब्जियों को छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में उबाल लें।

उबली सब्जियों को ब्लेंडर में हल्का पीस लें।

एक पैन में मक्खन गरम करें और अदरक-लहसुन पेस्ट भूनें।

पिसी हुई सब्जियां डालें और पानी मिलाकर गाढ़ा होने तक पकाएं।

काली मिर्च और नमक डालें।

3. दाल का सूप

सामग्री:

मूंग दाल – 1/2 कप

अदरक – 1 इंच टुकड़ा (कटा हुआ)

नींबू का रस – 1 चम्मच

जीरा – 1/2 चम्मच

घी – 1 चम्मच

नमक – स्वादानुसार

बनाने की विधि:

मूंग दाल को धोकर अदरक के साथ उबाल लें।

उबली दाल को मिक्सी में पीस लें।

घी में जीरा भूनें और उसमें दाल का मिश्रण डालें।

थोड़ा पानी और नमक डालकर 5 मिनट तक पकाएं।

नींबू का रस डालकर गर्मागरम परोसें।

सूप का आनंद लें

सर्दियों में इन सूप को अपने डाइट में शामिल करें। यह न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि आपको दिनभर गर्म और ऊर्जावान भी बनाए रखेंगे।

डायबिटीज में मूंगफली खाना कितना फायदेमंद? जानिए विशेषज्ञों की राय


डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में हर भोजन का सही चयन करना बेहद जरूरी हो जाता है। मूंगफली, जो प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है, डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज मूंगफली खा सकते हैं या नहीं।

मूंगफली के पोषण गुण

 1 ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम: मूंगफली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित बनाता है।

 2 प्रोटीन और फाइबर का स्रोत: मूंगफली में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं।

 3 हेल्दी फैट्स: मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।

डायबिटीज में मूंगफली खाने के फायदे

ब्लड शुगर कंट्रोल: मूंगफली ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकती है।

लंबे समय तक भूख नहीं लगती:

 मूंगफली का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे बार-बार खाने की आदत पर काबू पाया जा सकता है।

हृदय स्वास्थ्य में सुधार:

 मूंगफली में मौजूद हेल्दी फैट्स हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें

 1 अत्यधिक मात्रा में सेवन न करें: मूंगफली कैलोरी में भी समृद्ध होती है, इसलिए अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है।

 2 नमक या तले हुए मूंगफली से बचें: डायबिटीज के मरीजों को साधारण या भुनी हुई मूंगफली खानी चाहिए।

 3 नमक और तेल में तली हुई मूंगफली नुकसानदायक हो सकती है।

 4 एलर्जी का ध्यान रखें: कुछ लोगों को मूंगफली से एलर्जी हो सकती है, इसलिए अगर कोई एलर्जी हो तो इसका सेवन न करें।

निष्कर्ष

डायबिटीज के मरीज मूंगफली खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में और सही तरीके से। इसे अपने आहार में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें। मूंगफली के पोषण गुण इसे डायबिटीज में एक स्वस्थ स्नैक विकल्प बनाते हैं।

कब्ज और एसिडिटी होगी दूर, जानें पेट के लिए बेस्ट फल


पेट की समस्याएं जैसे अपच, एसिडिटी, कब्ज और गैस आजकल आम हो गई हैं। खराब खानपान और अनियमित दिनचर्या इसका मुख्य कारण है। लेकिन सही डाइट और कुछ खास फलों को शामिल करके इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। आइए जानते हैं ऐसे 5 फलों के बारे में जो पेट की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।

1. पपीता (Papaya)

पपीता पाचन तंत्र के लिए रामबाण है। इसमें मौजूद पेप्सिन एंजाइम पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत देता है।

कैसे खाएं:

सुबह खाली पेट या नाश्ते में पपीता खाएं। यह पेट को साफ करने में मदद करेगा।

2. केला (Banana)

केला पेट को शांत करता है और पाचन तंत्र को मजबूती देता है। इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो कब्ज और गैस को दूर करता है।

कैसे खाएं:

दोपहर के समय एक या दो केले खाएं। ज्यादा पके हुए केले पेट के लिए और भी बेहतर होते हैं।

3. सेब (Apple)

सेब में फाइबर और पेक्टिन होता है, जो पेट की समस्या को दूर करने में मदद करता है। यह पेट की अम्लता को नियंत्रित करता है और पाचन को सुगम बनाता है।

कैसे खाएं:

सेब को छिलके सहित खाएं, ताकि ज्यादा फाइबर मिले।

4. तरबूज (Watermelon)

तरबूज पेट को ठंडक प्रदान करता है और हाइड्रेशन में मदद करता है। यह एसिडिटी और जलन को कम करता है।

कैसे खाएं:

दिन में नाश्ते या दोपहर के समय तरबूज खाएं। यह पेट को हल्का और ठंडा रखेगा।

5. अमरूद (Guava)

अमरूद में फाइबर और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। यह पाचन क्रिया को तेज करता है और कब्ज से राहत दिलाता है।

कैसे खाएं:

अमरूद को छिलके सहित खाएं। दिन में इसे स्नैक्स के रूप में शामिल करें।

अतिरिक्त सुझाव:

इन फलों को ताजा खाएं और जूस बनाने से बचें, क्योंकि फलों का फाइबर जूस में नष्ट हो जाता है।

दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।

तली-भुनी चीजों और मसालेदार भोजन से बचें।

इन फलों को अपनी डाइट में शामिल कर पेट की समस्याओं को दूर करें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।

सर्दियों में गाजर खाएं, कब्ज की दवा से पाएं छुटकारा,इम्यूनिटी और त्वचा में निखार भी मिलेगा

सर्दियों का मौसम आते ही सब्जियों में गाजर का महत्व बढ़ जाता है। गाजर न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसमें स्वास्थ्य के लिए कई महत्वपूर्ण गुण भी होते हैं। खासतौर पर कब्ज की समस्या से परेशान लोगों के लिए यह किसी प्राकृतिक दवा से कम नहीं। आइए जानते हैं सर्दियों में गाजर खाने के फायदे।

1. कब्ज में राहत:

प्राकृतिक फाइबर का खजाना

गाजर में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। फाइबर पेट को साफ करने में सहायक है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। इसे कच्चा या जूस के रूप में सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

2. त्वचा में निखार

गाजर में मौजूद विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा के लिए वरदान हैं। यह सर्दियों में त्वचा को रूखापन और झुर्रियों से बचाते हैं। गाजर का नियमित सेवन त्वचा में चमक बनाए रखता है।

3. आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद

गाजर में भरपूर मात्रा में बीटा-कैरोटीन पाया जाता है, जो शरीर में विटामिन ए में बदलता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और रतौंधी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

4. हृदय के लिए लाभकारी

गाजर खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर कम होता है और दिल की बीमारियों का खतरा घटता है। इसमें मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

5. इम्यूनिटी मजबूत करें

गाजर में मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। यह सर्दियों में बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम से बचाने में मदद करता है।

6. वजन घटाने में मददगार

गाजर में कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है, जिससे पेट देर तक भरा रहता है। यह वजन घटाने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

कैसे करें गाजर का सेवन?

कच्चा खाएं: सलाद के रूप में गाजर खाना सबसे आसान और फायदेमंद तरीका है।

गाजर का जूस: सुबह खाली पेट गाजर का जूस पीना पाचन के लिए बेहतरीन है।

गाजर का हलवा: स्वाद और सेहत दोनों के लिए।

सब्जी या सूप: गाजर को सूप या सब्जी में शामिल करें।

निष्कर्ष

सर्दियों में गाजर को अपनी डाइट में शामिल करना न केवल कब्ज से राहत देता है, बल्कि यह शरीर के लिए कई अन्य फायदे भी लाता है। यह एक सस्ती और आसानी से मिलने वाली सब्जी है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। तो इस सर्दी गाजर खाएं और स्वस्थ रहें!

जल्दी-जल्दी हो रहे बीमार? डाइट में शामिल करें ये चीजें, दवाओं की जरूरत होगी खत्म

बीमार होना हमारी दिनचर्या और सेहत पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। लेकिन सही खान-पान और जीवनशैली से आप अपनी इम्युनिटी को मजबूत बना सकते हैं। यहां हम कुछ खास चीजें बता रहे हैं, जो आपकी इम्युनिटी को नैचुरल तरीके से बूस्ट करेंगी।

1. हल्दी

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं। इसे दूध में मिलाकर "गोल्डन मिल्क" के रूप में पिएं।

2. आंवला

आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है। रोजाना एक आंवला खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

3. अदरक और शहद

अदरक में एंटीवायरल गुण होते हैं और शहद इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। अदरक का काढ़ा बनाकर उसमें शहद मिलाकर पिएं।

4. लहसुन

लहसुन में मौजूद एलिसिन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसे कच्चा या पकाकर खाएं।

5. नट्स और बीज

बादाम, अखरोट, चिया बीज और कद्दू के बीज जैसे नट्स और बीज एंटीऑक्सीडेंट और जिंक से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं।

6. हरी पत्तेदार सब्जियां

पालक, मेथी और सरसों जैसी सब्जियां आयरन और विटामिन ए, सी, और ई से भरपूर होती हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं।

7. दही और प्रोबायोटिक्स

दही और अन्य प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया का स्तर बढ़ाते हैं, जो पेट को स्वस्थ रखते हैं और इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं।

8. खट्टे फल

संतरा, नींबू और मौसंबी जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं और सफेद रक्त कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देते हैं।

9. तुलसी के पत्ते

तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। इसे चाय या काढ़े में मिलाकर पिएं।

10. पानी और हाइड्रेशन

पर्याप्त पानी पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और इम्युनिटी बेहतर होती है।

नियमित व्यायाम और नींद का ध्यान रखें

सिर्फ खान-पान ही नहीं, बल्कि रोजाना व्यायाम करना और पूरी नींद लेना भी इम्युनिटी को मजबूत करता है।

इन उपायों को अपनाकर आप बार-बार बीमार पड़ने से बच सकते हैं और अपनी सेहत को लंबे समय तक अच्छा बनाए रख सकते हैं।

सेहत का खजाना, मखाने की खीर बनाएं और स्वास्थ्य लाभ पाएं।


मखाने की खीर एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर भारतीय मिठाई है, जो न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। मखाने में कैल्शियम, प्रोटीन, और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे बनाना बेहद आसान है और यह त्योहारों और खास मौकों पर परोसने के लिए आदर्श है।

मखाने की खीर बनाने की सामग्री

मखाने: 1 कप

दूध: 1 लीटर

घी: 1 बड़ा चम्मच

चीनी या गुड़: 1/2 कप (स्वाद अनुसार)

सूखे मेवे: बादाम, काजू, पिस्ता (कटे हुए)

इलायची पाउडर: 1/2 चम्मच

केसर: कुछ धागे (वैकल्पिक)

मखाने की खीर बनाने की विधि

1. मखाने को रोस्ट करें

एक कड़ाही में घी गर्म करें और उसमें मखाने डालकर धीमी आंच पर हल्का भूरा होने तक भून लें।

ठंडा होने पर मखानों को मोटा-मोटा कूट लें।

2. दूध को उबालें

एक गहरे बर्तन में दूध को उबालें।

जब दूध में उबाल आ जाए, तो आंच धीमी कर दें और दूध को तब तक पकाएं जब तक वह थोड़ा गाढ़ा न हो जाए।

3. मखाने डालें

गाढ़े दूध में भुने हुए मखाने डालें और इसे 10-12 मिनट तक पकने दें।

ध्यान दें कि मखाने दूध में अच्छी तरह से गल जाएं।

4. चीनी और मसाले मिलाएं

अब खीर में चीनी या गुड़ डालें और इसे अच्छे से मिलाएं।

साथ ही इलायची पाउडर और केसर डालकर 2-3 मिनट तक पकाएं।

5. सूखे मेवे डालें

खीर में कटे हुए सूखे मेवे डालें और 1 मिनट तक और पकाएं।

6. परोसें

तैयार मखाने की खीर को गर्म या ठंडा परोसें। यह दोनों तरीकों से स्वादिष्ट लगती है।

सेहत के फायदे

पाचन में सुधार: मखाने में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।

हड्डियों के लिए फायदेमंद: इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है।

हृदय स्वास्थ्य: मखाने में पोटैशियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखते हैं।

वजन घटाने में मददगार: यह लो-कैलोरी और हाई-फाइबर स्नैक है।

निष्कर्ष

मखाने की खीर एक पारंपरिक मिठाई है, जो सेहत और स्वाद का अनोखा संगम है। इसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है और यह हर उम्र के लोगों को पसंद आती है। तो अगली बार कुछ मीठा खाने का मन हो, तो इस हेल्दी रेसिपी को जरूर आजमाएं!

बिना खांसी-बलगम के सीने में दर्द: फेफड़ों में फंगस का खतरा,हर साल 3 लाख लोगों की लेता है जान ये संक्रमण, न करें अनदेखा



 

फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां अक्सर खांसी और बलगम के साथ आती हैं, लेकिन अगर आपको बिना खांसी या बलगम के भी सीने में दर्द महसूस हो रहा है, तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। 

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन (Fungal Infection in Lungs) एक ऐसी स्थिति है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। हर साल यह समस्या लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है।

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन के प्रमुख लक्षण

सीने में दर्द

बिना खांसी और बलगम के यदि लगातार सीने में दर्द बना रहे, तो यह फेफड़ों में फंगस का शुरुआती संकेत हो सकता है।

सांस लेने में कठिनाई

फंगस इंफेक्शन से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे सांस फूलने या घुटन जैसी समस्या हो सकती है।

थकान और कमजोरी

यदि बिना मेहनत के अत्यधिक थकावट या कमजोरी महसूस हो रही हो, तो यह इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।

वजन कम होना

फेफड़ों के इंफेक्शन में अक्सर व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है।

हल्का बुखार

लगातार हल्का बुखार रहना और इसका दवा से ठीक न होना फंगल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।

फेफड़ों में फंगस इंफेक्शन कैसे फैलता है?

फंगल इंफेक्शन मुख्यतः एस्परजिलस (Aspergillus) नामक फंगस के कारण होता है। यह फंगस वातावरण में मौजूद धूल, मिट्टी और सड़े-गले पौधों में पाया जाता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है।

जोखिम कौन-कौन झेल सकते हैं?

इम्यूनिटी कमजोर होना: HIV, कैंसर या डायबिटीज के मरीज।

लंबे समय तक दवाओं का सेवन: स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स।

अस्पताल में लंबा समय बिताना।

हर साल लाखों मौतों का कारण

फेफड़ों का फंगल इंफेक्शन एक गंभीर समस्या है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लगभग 3 लाख लोग इस संक्रमण से जान गंवाते हैं।

न करें इन संकेतों को नजरअंदाज

यदि आपको उपरोक्त लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती स्टेज पर सही इलाज से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

बचाव के उपाय

स्वच्छता बनाए रखें: धूल और गंदगी से बचें।

इम्यूनिटी मजबूत करें: पौष्टिक भोजन और नियमित व्यायाम।

डॉक्टर से नियमित जांच कराएं।

मास्क का उपयोग करें: धूल और प्रदूषण से बचाव के लिए।

इस बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। जागरूक रहें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

जानिए सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे और देसी तरीका


सर्दियों में अमरूद का सेवन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। अमरूद विटामिन सी, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स का एक समृद्ध स्रोत है, जो न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि आपकी त्वचा और बालों को भी निखारता है।

1. स्वास्थ्य लाभ

इम्यूनिटी मजबूत करें

अमरूद में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह सर्दी-खांसी और वायरल संक्रमण से बचाव करता है।

पाचन तंत्र का सुधार

अमरूद में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। यह पेट की समस्याओं जैसे कब्ज को दूर करता है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करे

यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

2. चेहरे और बालों के लिए फायदेमंद

त्वचा में चमक

अमरूद का नियमित सेवन त्वचा को नमी प्रदान करता है और पिंपल्स को दूर करता है।

बालों की मजबूती

इसमें मौजूद विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट बालों को झड़ने से रोकते हैं और उन्हें मजबूत बनाते हैं।

3.अमरूद खाने का देसी तरीका मसाला अमरूद

अमरूद को छोटे टुकड़ों में काटें, फिर उस पर हल्का नमक, लाल मिर्च और चाट मसाला छिड़कें। इससे स्वाद और भी बढ़ जाता है।

अमरूद की चाय

अमरूद के पत्तों को पानी में उबालें और उसमें शहद मिलाकर पीएं। यह वजन घटाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।

अमरूद और गुड़

अमरूद के साथ गुड़ खाएं। यह आयरन का अच्छा स्रोत है और सर्दियों में गर्मी प्रदान करता है।

4. ध्यान देने योग्य बातें

अमरूद को हमेशा ताजा खाएं।

खाली पेट अमरूद खाने से बचें।

अमरूद के बीज चबाने से पेट में गैस हो सकती है, इसलिए उन्हें निगलने की बजाय निकाल दें।

सर्दियों में अमरूद का यह देसी तरीका न केवल आपको बीमारियों से बचाएगा, बल्कि आपके चेहरे और बालों में नई चमक लाएगा। इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।