सीरिया में तख्तापलट, जान बचाकर भागे राष्ट्रपति बशर असद ने रूस में शरण ली, जानें अचानक कैसे हुआ सबकुछ
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सीरिया में 24 साल लंबे बशर अल-असद शासन का अंत हो गया है। हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के कमांडर अबु मोहम्मद अल-जुलानी के नेतृत्व में विद्रोहियों ने रविवार को राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति बशर देश छोड़कर भाग गए हैं। करीब 13 साल से चल रहे गृहयुद्ध में विद्रोहियों ने आखिरकार सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने सीरियाई सेना को हथियार डालने का निर्देश भी दिया। इस बीच कई सालों के बाद विद्रोही समूह के शीर्ष कमांडर और एचटीएस के प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने सीरिया में कदम रखा। बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल किए जाने के कुछ ही देर बाद अबू जुलानी राजधानी दमिश्क पहुंचे।
दमिश्क पर कब्जे के करीब एक घंटे बाद सरकारी टीवी पर विद्रोहियों के समूह का बयान प्रसारित किया गया, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति बशर को सत्ता से उखाड़ फेंका गया है और जेल से कैदियों को रिहा कर दिया गया है। अनस सलखादी नामक विद्रोही कमांडर ने सरकारी टीवी पर अल्पसंख्यकों को भरोसा दिया कि किसी से भेदभाव नहीं किया जाएगा। उसने कहा, सीरिया सभी के लिए है, कोई अपवाद नहीं। हम लोगों के साथ वैसा व्यवहार नहीं करेंगे जैसा असद परिवार ने किया।
असद का पतन इस्लामी राष्ट्र की जीत-जुलानी
विद्रोहियों के दमिश्क में दाखिल होने के बाद पहली बार उनका नेता अल-जुलानी सामने आया है। विद्रोहियों ने अपने टेलीग्राम चैनल पर अबू मोहम्मद अल-जुलानी के सीरिया पहुंचने का एक वीडियो शेयर किया। इसमें जुलानी कई सालों के बाद दमिश्क पहुंचकर धरती पर माथा टेकटे नजर आए। जोलानी एक खेत में घुटनों के बल बैठकर सीरिया की धरती को नमन करते नजर आए। वह दमिश्क में उमय्यद मस्जिद गए और असद के सत्ता के पतन को इस्लामी राष्ट्र की जीत बताया। मस्जिद के बाहर जमा सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए उसने कहा कि असद ने सीरिया को ईरान के लालच का मैदान बना दिया था। उसने कहा कि इस महान विजय के बाद पूरे क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।
असद ने सीरिया से भागकर मास्को में ली शरण
इधर देश से बागने के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद सीरिया से भागकर मास्को पहुंचे हैं। रूसी सरकारी मीडिया एजेंसियों ने क्रेमलिन के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अपदस्थ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनका परिवार मास्को में है। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि असद और उनके परिवार को रूस ने शरण दे दी है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन से उनके गहरे रिश्ते रहे हैं। पुतिन ने कई बार उन्हें संकटों से बचाया है।
11 दिन में ही हाथ से निकल सत्ता
सीरिया में करीब डेढ़ दशक से चल रहा गृहयुद्ध खत्म हो गया है। हालांकि, 2013 में सख्ती से विद्रोह को दबाने वाले राष्ट्रपति बशर के हाथ से सत्ता इस बार मात्र 11 दिन में ही निकल गई। विद्रोही लड़ाकों ने 27 नवंबर के बाद से हमले तेज कर दिए थे। 27 नवंबर को, विपक्षी लड़ाकों के गठबंधन ने सरकार समर्थक बलों के खिलाफ एक बड़ा हमला किया। पहला हमला विपक्ष के कब्जे वाले इदलिब और पड़ोसी अलेप्पो के गवर्नरेट के बीच अग्रिम मोर्चों पर किया गया। तीन दिन बाद, विपक्षी लड़ाकों ने सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो पर कब्ज़ा कर लिया।
विद्रोहियों में कौन-कौन से गुट शामिल
ऑपरेशन डिटरेंस ऑफ़ एग्रेशन नाम का यह हमला हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में कई सशस्त्र सीरियाई विपक्षी समूहों द्वारा लड़ा गया था और सहयोगी तुर्की समर्थित गुटों द्वारा समर्थित था। अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नेतृत्व में एचटीएस सबसे बड़ा और सबसे संगठित है, जिसने इस हमले से पहले कई सालों तक इदलिब के गवर्नरेट पर शासन किया था। ऑपरेशन में भाग लेने वाले अन्य समूह नेशनल फ्रंट फॉर लिबरेशन, अहरार अल-शाम, जैश अल-इज़्ज़ा और नूर अल-दीन अल-ज़ेंकी मूवमेंट थे, साथ ही तुर्की समर्थित गुट जो सीरियाई राष्ट्रीय सेना के छत्र के अंतर्गत आते हैं।
Dec 09 2024, 12:12