किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में अब नही बजेंगे तेज़ आवाज वाले डीजे ,इस यंत्रों के इस्तेमाल पर लगेगी पाबंदी
देवघर . अनुमंडल पदाधिकारी सह अनुमंडल दंडाधिकारी रवि कुमार ने शहर में शादी-विवाह, बारात व अन्य कार्यक्रमों में तेज आवाज में डीजे व ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल करने के साथ ही देर रात तक पटाखों का उपयोग कर ध्वनि प्रदूषण से आमलोगों की परेशानियां बढ़ाने वालों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
उन्होंने इस संदर्भ में झारखंड उच्च न्यायालय की ओर से 16 अक्तूबर 2024 को पारित आदेश का हवाला दिया है. हाइकोर्ट के निर्देशानुसार, रात्रि 10 बजे से प्रातः छह बजे तक लाउडस्पीकर, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली यथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक रूप से आपात स्थिति को छोड़कर रात्रि 10 बजे बजे से सुबह छह बजे के बीच ढोल, नगाड़ा या किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं करेगा.
अस्पताल या नर्सिंग होम के 100 मीटर का दायरा होगा साइलेंस जोन
वहीं, किसी भी अस्पताल या नर्सिंग होम के 100 मीटर के दायरे के क्षेत्र में चाहें उनकी क्षमता कितनी भी हो, साइलेंस जोन माना जायेगा. इसके अलावा सार्वजनिक स्थल पर किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में लाउडस्पीकर, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली यथा घ्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग और आवाज के शोर के स्तर का मानक 10 डीबी(ए) से अधिक नहीं होना चाहिये.
निजी व व्यक्तिगत स्थल पर किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में लाउडस्पीकर, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग जैसे के आवाज के शोर के स्तर का मानक 05 डीबी(ए) से अधिक नहीं होगा. इस बाबत अनुमंडल क्षेत्र के सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिये गये है कि वे अपने-अपने थाना क्षेत्र के अतंर्गत उपरोक्त वर्णित और ध्वनी प्रदूषण में निहित निदेशों का सख्ती से अनुपालन कराते हुए निगरानी करेंगे.
झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद अनुमंडल पदाधिकारी ने जारी किये निर्देश
एसडीओ ने अनुमंडल क्षेत्र के सभी थाना प्रभारियों को दिये
निर्देश.पटाखे व अन्य किसी भी माध्यम से शोर करने पर भी नियमों के अनुकूल पाबंदी लगाने को कहा.
Dec 08 2024, 06:22