क्या नाराज हैं एकनाथ शिंदे, अचानक क्यों चले गए अपने गांव? सरकार गठन का फैसला अधर में लटका
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महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 6 दिन बीत चुके हैं, विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला अधर में लटका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच दो बड़ा डेवलपमेंट हुआ है. पहला, महायुति की अहम बैठक होने वाली थी, जिससे टाल दिया गया है। दूसरी तरफ दिल्ली यात्रा के बाद महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा स्थित अपने गांव के लिए निकल गए हैं। ऐसे वक्त में जब गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं किया गया है, एकनाथ शिंदे के मुंबई छोड़ने पर कई तरह की बातें होने लगी हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या एकनाथ शिंदे रूठे हुए हैं?
हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री भी मंजूर है। महायुति और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम समर्थन करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़ा होगा। क्या वह महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनकर काम करने के लिए तैयार होंगे, या फिर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे?
इस बीच बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए कई प्रस्ताव बनाए, मगर वह नहीं माने। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि महायुति में सबकुछ ठीक है और शुक्रवार को महायुति की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। लेकिन, इस बैठक को उस वक्त टालना पड़ा जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए।
अब सवाल उठता है कि महायुति की शुक्रवार के होने वाली बैठक अचानक से रद्द क्यों कर दी गई? आखिर कौन सी वजह थी जिसके चलते मीटिंग टालनी पड़ गई? सूत्रों के अनुसार, अब पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद महायुति की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें बीजेपी के साथ ही शिवसेना और एनसीपी के नेता भी शामिल होंगे। दिलचस्प बात यह है कि महायुति की तरफ से अभी तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख और तिथि तय कर दी गई है
रिपोर्टस के मुताबिक, गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग में यह साफ किया गया कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी ने शिंदे के सामने एक बार डिप्टी सीएम बनने की चर्चा की। उन्हें बताया गया कि डिप्टी सीएम का पद लेने से महायुति की एकता का संदेश जाएगा। उन्हें फडणवीस के साथ अन्य दिग्गज नेताओं के बारे में बताया गया, जिन्होंने बड़े पद पर रहने के बावजूद दूसरी जिम्मेदारी ली। इस दलीलों से शिंदे नहीं माने। अब शिवसेना नेताओं नई दलील दी है। शिवसेना का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस जाति से ब्राह्मण हैं। उनके नीचे दो मराठा नेता अजित पवार और एकनाथ शिंदे को डिप्टी के तौर से रखना राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। मराठा वोटरों को यह रास नहीं आएगा।
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