टीबी के 1200 मरीजों का इलाज, एक साल में 2500 हुए स्वस्थ
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में इस साल 2500 लोगों को टीबी मुक्त बनाया जा चुका है। क्षय रोग की दिशा में बेहतर कार्य के कारण जनपद प्रदेश में टाॅप में रहा। इस समय जिले में 1200 टीबी के मरीज उपचाराधीन है। जिले में टीबी मरीजों की देखभाल व सेहत में सुधारात्मक बदलाव का विभागीय परफार्मेंस 92 फीसदी रहा। उत्तर प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक अभियान चलाकर ट्यूबरक्लोसिस के मरीजों की पहचान की जा रही है। अगर किसी भी व्यक्ति में कोई लक्षण मिलता है तो उनका बलगम सहित अन्य जांच को स्वैब भेजा जाता है। रिपोर्ट पाॅजटिव आने पर विभाग की ओर से उनकी सिर्फ निरंतर माॅनीटरिंग होती है, बल्कि समय - समय पर दवा भी उपलब्ध कराई जाती है। यहीं नहीं विभाग की ओर से उन्हें हर माह भरण - पोषण के लिए एक हजार रुपए भी मिलता है। एक नवंबर से पहले उन्हें 500 रुपए ही मिलते थे। टीबी मरीजों की पहचान आशा कर्मियों की टीम द्वारा की जाती है।
इसके अलावा विभाग समय - समय पर विशेष अभियान चलाकर भी टीबी मरीजों को चिन्हित किया जाता है। उसके बाद उनका इलाज होता है।
वार्षिक व्यय समीक्षा में जनपद प्रथम
डीटीओ डॉ विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि क्षय रोग विभाग की वार्षिक व्यय समीक्षा में जनपद को पूरे सूबे में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मंडल के अन्य जनपद टाॅप टेन में अपना स्थान नहीं बना सके। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हर साल शासन स्तर से भौतिक और व्यय समीक्षा की जाती है।
जिले में टीबी के करीब 1200 मरीज उपचाराधीन है। जिन्हें हर महीने दवा दी जाती है। विभाग की ओर मरीजों की निगरानी निरंतर की जाती है। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ हर मरीजों तक पहुंच रहा है।
डॉ विवेक श्रीवास्तव डीटीओ भदोही
Nov 28 2024, 20:04