संसद का शीतकालीन सत्र आज से, वक्फ-अडानी और मणिपुर हिंसा से गरमाएगा सदन
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आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है। संसद का यह सत्र बेहद हंगामेदार होने की संभावना है। शीतकालीन सत्र में अडानी और वक्फ संशोधन विधेयक की ही गूंज सुनाई देने के आसार हैं। अडानी समूह को लेकर समय-समय पर सरकार पर निशाना साधते रहे विपक्ष ने रिश्वत प्रकरण सामने आने के बाद और भी हमलावर रुख अपना लिया है। दरअसल, हाल ही में अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में अमेरिका में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। इसे लेकर विपक्ष संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए इतनी आसानी से राजी नहीं होगी।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को इंडिया ब्लॉक की पार्टियों की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में होगी। पार्टी ने एक दिन पहले ही गौतम अडानी से लेकर मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर अपने इरादे साफ कर चुकी है। अब लोकसभा सेशन से ठीक पहले कांग्रेस संसद में पार्टी के ऑफिस में साढ़े 10 बजे बैठक करने जा रही है। इस बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
वक्फ विधेयक पर और चर्चा की मांग कर रहा विपक्ष
वक्फ विधेयक पर गठित जेपीसी विपक्ष के भारी विरोध के बीच शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करेगी। विपक्ष इस मामले में और चर्चा के लिए कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहा है, जबकि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा है कि अंतिम बैठक संपन्न होने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने इस विधेयक को इसी सत्र में पेश और पारित कराने की योजना बनाई है। चूंकि जेपीसी की सभी बैठकों में हंगामा हुआ है, ऐसे में इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश होने से ले कर विधेयक को पेश करने तक सरकार और विपक्ष के बीच जबर्दस्त सियासी खींचतान होगी।
एक देश एक चुनाव विधेयक सूचीबद्ध नहीं
शीत सत्र के लिए सरकार ने पांच नए विधेयकों समेत कुल 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना विधेयक भी शामिल है। सरकार वक्फ विधेयक को भी इसी सत्र में चर्चा के बाद पारित कराना चाहती है। दस पुराने विधेयकों में आठ लोकसभा तो दो राज्यसभा में लंबित हैं। बहरहाल, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित एक देश एक चुनाव से जुड़ा विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। हालांकि, केंद्रीय मंत्रिमंडल इस रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इस सत्र में पंजाब न्यायालय संशोधन, कोस्टल शिपिंग, इंडियन पोर्ट्स विधेयकों को भी सूचीबद्ध किया गया है।
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