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छत्तीसगढ़ में 5.37 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी, अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है।

कांकेर जिले को मत्स्यपालन के लिए मिला बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट का राष्ट्रीय अवार्ड

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्यपालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मत्स्यपालन दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मत्स्यपालन विभाग के संचालक नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मत्स्यपालन कांकेर एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मत्स्यपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंडलॉक्ड प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखने राजधानी के मैग्नेटो मॉल पहुंचे। इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म की डायरेक्टर एकता कपूर और फिल्म की नायिका रिद्धि डोगरा भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह फिल्म इतिहास के भयावह सत्य को उजागर करने का सराहनीय और प्रभावशाली प्रयास है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने इस फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री किया है। मैं दर्शकों से अपील करना चाहता हूं कि पूरे परिवार के साथ फिल्म देखें। नई पीढ़ी को हमारे इतिहास की इस दुखद घटना के बारे में जानना बहुत जरूरी है। यह फिल्म इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का अध्ययन ही हमें वर्तमान और भविष्य के बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म दर्दनाक घटना को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी उनके साथ फिल्म देखने पहुंचे थे।

भारत मंडपम में दूर से खड़े खड़े कार्यक्रम देख रहे थे एक बुजुर्ग, मुख्यमंत्री ने पास बुलाया और अपने साथ बैठने का किया आग्रह

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सादगी और संवेदनशीलता ने एक बार फिर लोगों के दिलों को छू लिया। यह दृश्य था राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में, जहां छत्तीसगढ़ दिवस के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन चल रहा था। छत्तीसगढ़ की परंपरा और कला की शानदार प्रस्तुतियां मंच पर हो रही थीं, और दर्शक तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ा रहे थे।

इसी दौरान मुख्यमंत्री श्री साय की नजर दर्शकों के बीच एक वृद्ध व्यक्ति पर पड़ी, जो खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। मुख्यमंत्री ने तुरंत अपने सहायक से कहा कि उस बुजुर्ग को पास बुलाएं। कुछ ही पल में वह बुजुर्ग व्यक्ति मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। श्री साय ने बड़े ही आत्मीय भाव से उनका स्वागत किया और उन्हें अपने पास बैठने का आग्रह किया।

कार्यक्रम देखकर बाहर आये बुजुर्ग रामावतार तिवारी ने बताया कि मुझे बहुत अच्छा लगा जब मुख्यमंत्री ने मुझे सम्मान दिया, अपने पास बैठाया और मेरा हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने इतना बड़ा ओहदा हासिल करने के बाद भी अपनी विनम्रता और संस्कार को नहीं छोड़ा। रामावतार तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सीधे सरल लोगों के बारे में सुनते आये हैं। वहां के मुख्यमंत्री से मिलकर लगा कि सीधे और सरल लोगों के मुखिया भी सीधे और सरल स्वभाव के हैं। मुख्यमंत्री श्री साय का हृदय संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। हम एक दूसरे से अपरिचित भले ही हो सकते हों लेकिन संवेदनशील हृदय के द्वारा हम एक दूसरे की भावनाओं को प्रगाढ़ता से महसूस कर सकते हैं।

नहीं थम रहा हाथियों की मौत का सिलसिला, अब एक हाथी शावक की तालाब में डूबने से मौत, दो माह के भीतर 5 की गई जान

रायगढ़-  रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल जंगली हाथियों की मौत होने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में गुरूवार की सुबह तालाब में एक हाथी शावक का शव मिलने से वन विभाग में हड़कप मचा गया. घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची विभागीय टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक, धरमजयगढ़ वन मंडल में पिछले लंबे समय से 152 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है. जंगली हाथियों के द्वारा लगातार ग्रामीण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इसी बीच गुरूवार की सुबह छाल रेंज के हाटी बीट में कक्ष क्रमांक 554 के पास वन विभाग के तालाब में एक हाथी शावक का शव मिला है. बताया जा रहा है कि मृत हाथी शावक की उम्र करीब 3 से 4 माह के आसपास है जो कि तालाब में डूबने से मौत होने की आशंका जताई जा रही है. इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

लगातार हो रही हाथियों की मौत

रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां पिछले दिनों तमनार वन परिक्षेत्र के चुहकीमार जंगल में 24 अक्टूबर को 11केवी विद्युत प्रवाहित करंट की चपेट में आने से एक साथ तीन जंगली हाथियों की मौत के बाद 17 नवंबर को धरमजयगढ़ वनमंडल के बोरो रेंज के रूंवाफूल बीट में एक माह पुराना हाथी शावक का कंकाल मिला था. इस घटना के बाद आज फिर से छाल रेंज के हाटी बीट में हाथी शावक की मौत हो जाने से वन विभाग में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है. बीते दो माह में रायगढ़ जिले के दोनों वन मंडल में पांच हाथियो की मौत हो चुकी है. इनमें दो तीन शावक शामिल हैं.

हाथियों के दल पर रखी जा रही नजर

छाल रेंज के हाटी बीट में पानी में डूबकर हाथी शावक की मौत हो जाने के बाद वन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है और जंगली हाथियों के दल के हर मूवमेंट पर ड्रोन कैमरे से नजर बनाये हुए है. साथ ही साथ हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को सावधानी बरतने के साथ-साथ किसी भी कार्य के सिलसिले में जंगल की तरफ नही जाने की बात कही जा रही है.

52 हाथी कर रहे विचरण

इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि छाल रेंज के हाटी बीट में 554 कक्ष क्रमांक में हाथी शावक का शव मिला हैं यहां पिछले दो दिनों से 52 हाथियों का दल विचरण कर रहा था. यहां वन विभाग के द्वारा बनाये गए तालाब में सुबह हाथियों का दल नहा रहा था.

हाथियों की चिंघाड़ सुनकर पहुंचे ट्रेकर

डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि इस दौरान हाथियों के चिंघाड़ की आवाज सुनकर जब घटना स्थल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तालाब में हाथी शावक का शव पानी में तैर रहा था. जिसके बाद उन्होंने इस घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी तब विभाग की टीम मौके पर पहुंची. प्रारंभिक जांच में पता चला कि पानी में डूबने से हाथी शावक की मौत हो गई है.

एक माह के भीतर 3 लोगों की मौत

बता दें कि रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों के हमले से इंसानों की मौत का भी सिलसिला भी जारी है. यहां एक माह के भीतर हाथी के हमले से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है.

1. धरमजयगढ़ वन मंडल के दुलियामुडा गांव में 28 अक्टूबर को हाथियों के दल को भगाने के चक्कर में एक ग्रामीण वेदराम कंवर 35 साल को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया.

2. धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज के जमरगी डी बीट के जंगल में 09 नवंबर को जंगली हाथी ने रामपुर निवासी रमलू तिर्की को कुचलकर मौत उतार दिया.

3. लैलूंगा रेंज के बगुडेगा के लाख पहरी जंगल में 12 नवंबर की रात खाना खाकर सोने जा रहे एक ग्रामीण अगनु अगरिया 45 साल को जंगली हाथी ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था.

शेर स्कूल के बच्चों ने किया औद्योगिक भ्रमण, बैंक की समझी कार्यप्रणाली

महासमुंद-   शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला शेर के बैंकिंग वित्तीय एवं बीमा संचालित व्यावसायिक शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को औद्योगिक भ्रमण कराया गया. इस दौरान विद्यार्थियों को विषय वस्तु के साथ-साथ कौशल विकास एवं रोजगार उन्मुखी की दिशा में पारंगत किया गया. उन्हें बैंक कार्यप्रणाली की विस्तार से जानकारी दी गई.

शिक्षक भुवन साहू ने बताया कि औद्योगिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को कौशल विकास एवं रोजगार उन्मुखी की दिशा में पारंगत करना था. इस दौरान बच्चों को केनरा बैंक कर्मचारियों ने बैंक से संबंधित कार्यप्रणाली से अवगत कराया. इस दौरान शेर विद्यालय की प्राचार्य एसबी लाल और सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

SECL महाप्रबंधक कार्यालय में ACB का छापा, असिस्टेंट इंजीनियर और अधीक्षक को 11 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार
कोरिया-  एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए  एस.ई.सी.एल. (SECL) चिरमिरी के इंजीनियरिंग असिस्टेंट संजय कुमार सिंह और कार्यालय अधीक्षक व्ही. श्रीनिवास को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया है.
जानकारी के अनुसार,  एस.ई.सी.एल. में ठेकेदारी का कार्य करने वाले  अंकित मिश्रा ने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दर्ज करवाई कि उसे  जी.एम. कार्यालय (एस.ई.सी.एल.) चिरमिरी द्वारा एक निर्माण कार्य का टेण्डर जारी किया गया था, लेकिन दो महीने के बाद भी वर्कआर्डर नहीं जारी किया गया. इस पर अंकित ने  संजय कुमार सिंह से मुलाकात की, तो उन्होंने उसे  11,000 रुपये की रिश्वत देने की मांग की. अंकित रिश्वत नहीं देना चाहता था और उसने आरोपियों को रंगे हाथ पकड़वाने का निर्णय लिया.
प्रार्थी की शिकायत के बाद आज एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक ट्रेप आयोजित किया, जिसमें संजय कुमार सिंह को प्रार्थी से  7,000 रुपये और व्ही. श्रीनिवास को  4,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुटी है और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही आरोपियों के निवास स्थानों की तलाशी ली जा रही है. इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ  धारा 7 और 12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की जा रही है.
नक्सलियों के खिलाफ गस्त में मिली बड़ी सफलता, सिंगल शॉट रायफल और नक्सल सामग्री बरामद…

गरियाबंद-   नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के तहत आज गरियाबंद जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी. वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में गरियाबंद डी.आर.जी., कोबरा-207BN, ओडिसा एसओजी (नुआपाडा एवं नवरंगपुर), सी.आर.पी.एफ.-211BN और 65BN की संयुक्त टीम ने थाना जुगाड़ क्षेत्र अंतर्गत अमाढ़ जंगल में गस्त निकाली थी.

सुबह लगभग 07:00 बजे जब पुलिस पार्टी ने जंगल में सर्चिंग शुरू की, तो नक्सलियों ने पुलिस पार्टी को देख फायरिंग की. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आत्मरक्षा में फायरिंग की. पुलिस पार्टी की भारी तैनाती देख नक्सली अपने ठिकाने से भाग गए.

सर्चिंग के दौरान घटना स्थल से एक सिंगल शॉट रायफल, नक्सल साहित्य और अन्य नक्सल सामग्री बरामद की गई. पुलिस ने पूरे क्षेत्र की तलाशी ली और सभी पुलिस बल सकुशल अपने-अपने ठिकानों की ओर लौट आए.

इस अभियान में पुलिस की तत्परता और साहस को देखते हुए नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल हुई है.

मीडिया सलाहकार पंकज झा ने पूर्व सीएम के साथ नाना पटोले का फोटो सोशल मीडिया पर किया शेयर, लिखा ये रिश्ता क्या कहलाता है?

रायपुर-    सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल के साथ नाना पटोले का फोटो शेयर कर लिखा है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है. उन्होंने लिखा है कि ये कांग्रेस के वही नाना पटोले साहब हैं, जिनका बिटकॉइन स्कैम में नाम प्रमुखता से आया है. जिनका ऑडियो आजकल चर्चा में है. महाराष्ट्र चुनाव में बिटकॉइन के बदले कैश की आपूर्ति के संबंध में जांच करते हुए ED रायपुर तक पहुंची है. यह रिश्ता क्या कहलाता है? क्योंकि सास भी कभी बहू थी.

बता दें कि महाराष्ट्र बिटकॉइन स्कैम मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ में गौरव मेहता के यहां छापेमार कार्रवाई की है. इसके बाद से इस मामले को लेकर सियासत गरमाई हुई है. इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए पूछा है कि गौरव मेहता और भूपेश बघेल के बीच क्या रिश्ता है ? उन्होंने कहा है कि गौरव मेहता के साथ किसका संबंध है, जांच में सब सामने आ जाएगा.

मैं किसी गौरव मेहता को नहीं जानता : भूपेश बघेल

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है कि मैं किसी गौरव मेहता को नहीं जानता. बीजेपी अगर मेरा नाम ले रही है तो किस प्रूफ के साथ ले रही है? आरोप लगाने वालों के ऊपर मानहानि का केस दर्ज करूंगा.

सुरक्षा बलों के जवानों ने नक्सल ऑपरेशन की सफलताओं और चुनौतियों को मुख्यमंत्री से किया साझा

रायपुर-  आज जब युवा साथी मुझसे कहते हैं कि हम भी आपके जैसे बनना चाहते हैं, तब मैं गर्व और हौसले से भर जाती हूं। मैं चाहती हूं कि बस्तर के अधिक अधिक से अधिक युवा सुरक्षा बलों में भर्ती होकर देश की सुरक्षा में अपना योगदान दें। मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि मैं इस सुरक्षा बल का हिस्सा हूं और नक्सल अभियानों में मेरी भूमिका रही है। सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन की जांबाज महिला कांस्टेबल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके बस्तर के सेडवा कैंप प्रवास के दौरान ये बातें साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय बस्तरिया बटालियन की महिला कांस्टेबल के आत्मविश्वास से भरे शब्दों को सुनकर गर्व से भर गए और शाबाशी देते हुए कहा कि जवानों के हौसलों से ही हमें ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि नक्सल ऑपरेशन में बस्तर की बहुत सारी बेटियां चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। बस्तर में नक्सलवादियों से मुकाबला करती हमारी बेटियों के पराक्रम का कोई सानी नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री साय को बताया गया कि सीआरपीएफ के चुनिंदा जवानों को कोबरा बटालियन में काम करने का मौका दिया जाता है। इन जवानों को नक्सल ऑपरेशन और जंगलवार में महारत हासिल है। जवानों ने टेकलगुड़ेम में कैम्प स्थापना के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया कि नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हमारे कई साथी घायल हुए लेकिन हमारी टीम ने डटकर मुकाबला किया और कैम्प स्थापित करने में सफल हुए, जिसके कारण नक्सलियों को गांव छोडकर भागना पड़ा।

जवानों ने अबूझमाड़ की चुनौतियों के बारे में मुख्यमंत्री को बताया। उन्होंने कहा कि दुर्गम इलाकों में कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद सभी जवानों का मनोबल ऊंचा है। हमारी तैनाती संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में होती है और हम हर तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारा राज्य नक्सलमुक्त हो। हम सब जवान टीम वर्क के साथ अभियानों को अंजाम देते हैं। नक्सल ऑपरेशन के दौरान जब जवान घायल होते हैं तब उनके लाइफ सपोर्ट के लिए भी टीम हमेशा मुस्तैद रहती है। ग्राउंड जीरो से हायर मेडिकल फेसिलिटिज तक जवानों को ले जाने के लिए एयर लिफ्ट करने का काम भी तत्काल किया जाता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर प्रवास के दौरान अचानक ही सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन में जवानों से मिलने बस्तर जिले के सेडवा कैंप पहुंचे थे। यहां उन्होंने जवानों से खुलकर आत्मीयतापूर्वक बात की और जवानों ने भी मुख्यमंत्री से आत्मीय संवाद करते हुए माओवादी आतंक के उन्मूलन के प्रयास में अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जवानों की तारीफ करते हुए कहा कि नक्सलियों के विरुद्ध हमने जो सफलता हासिल की है, उसमें पुलिस और सुरक्षा बलों की अनेक टीमों और बटालियनों की साझी भागीदारी है। इसके साथ-साथ स्थानीय शासन के विभिन्न विभागों ने भी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवादी मानवता के दुश्मन हैं। बारूदी सुरंगें बिछाते हुए वे जरा भी नहीं सोचते कि इनसे आम लोगों की जानें भी जा सकती हैं। कई बार छोटे-छोटे बच्चे भी इन बारूदी सुरंगों की चपेट में आ जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों का काम सचमुच बहुत चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हर चुनौती को चूर-चूर करना आप लोगों को आता है। आज हमारे जवान अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र में भी नक्सलवाद का सफाया करते हुए सफलता के झंडे लहरा रहे हैं। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों ने देश के सामने संगठन और समन्वय का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।