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जुड़वा बच्चों का जन्म, लेकिन देखते ही मां को आ गई चीख, जाने क्या है पूरी मामला

जब एक औरत मां बनने वाली होती है, तो वह अहसास उसके लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास होता है. मां अपनी कोख में 9 महीने तक बच्चे को रखती है और बेसब्री से उसके दुनिया में आने का इंतजार करती है. मां के लिए दुनिया में उसके बच्चे से ज्यादा कोई भी अहम नहीं होता. बच्चा चाहे काला हो, गोरा हो या जैसा भी हो. मां के लिए वह हर तरह खूबसूरत ही होता है लेकिन राजस्थान में एक महिला अपने बच्चों को देखते ही ऐसे डर गई कि उसकी निकल पड़ी चीख.

ये मामला राजस्थान से सामने आया है, जहां के बीकानेर के नोखा कस्बे में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. परिवार को पहले ही पता लग गया था उनके घर पर ट्विंस आने वाले हैं. इस वजह से सभी बेहद खुश थे. परिवार अपने जुड़वा बच्चों के पैदा होने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब यह पैदा हुए तो हर कोई उन्हें गोद में लेने से डर रहा है. यहां तक की खुद बच्चों को जन्म देने वाली मां भी बच्चों को देखकर डर गई

बच्चों को है ये बीमारी

दरअसल जिन जुड़वा बच्चों को महिला ने बीकानेर के प्राइवेट हॉस्पिटल में जन्म दिया. उनको रेयर स्किन डिजीज है. दोनों बच्चों की स्किन पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, जिस वजह से बच्चों के पूरे शरीर पर जख्म हैं. बच्चों की ऐसी हालत देखकर खुद डॉक्टर्स भी हैरान हैं क्योंकि बच्चों की पैदाइश से पहले बच्चों की हालत को लेकर जानकारी नहीं हो पाई. अब बच्चों को सरकारी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया है.

एक आंख की जगह स्किन

बच्चों को काफी गंभीर बीमारी है. एक बच्चे की आंख की जगह पर स्कीन है. अब जिस हालात में यह बच्चे पैदा हुए हैं और उनकी हालात को देखकर डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी गंभीर स्थिति में पैदा होने वाले बच्चों का बच पाना मुश्किल होता है. ऐसे बच्चे एक हफ्ता भी सही नहीं रहते. हालांकि बच्चों का इलाज डॉक्टर्स कर रहे हैं और परिवार वालों ने अभी तक इसको लेकर कुछ नहीं कहा है.

छठ महापर्व: आईपीएस अफसर आशीष कुमार की पहल से दुनिया भर में फैली छठ की गूंज

भारत में 5 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में आज तीसरा दिन है. तीसरे दिन की पूजा को संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है. भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों में इस त्योहार का मनाया जाता है. हालांकि बिहार के जमुई जिले के रहने वाले आईपीएस अफसर आशीष कुमार की एक छोटी पहल की वजह से फ्रेंच बोलने और समझने वाले 54 देशों के नागरिकों के बीच भी छठ महापर्व की गूंज है.

आशीष कुमार ने फ्रेंच भाषा में छठ के महत्व और पूजा के बारे विस्तार से एक लेख लिखा. ऐसे में दूसरे देशों से सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने का काम करने वाली भारत सरकार की संस्था भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने आशीष कुमार के लेख को फ्रेंच भाषा में “rencontre avec l’Inde” नामक किताब में 2013 में प्रकाशित किया था.

किताब में आशीष कुमार ने लिखी है ये बात

फ्रेंच भाषा में दुनिया को समझ रहे लोगों को “rencontre avec l’Inde” किताब की मदद से भारत के महापर्व छठ के बारे में जानने और समझने में आराम मिल रहा है. आशीष ने किताब में फ्रांसीसी भाषा में छठ पर्व के सभी पहलुओं को डिटेल में लिखा है. किताब में उन्होंने लिखा कि छठ का पर्व भगवान सूर्य की उपासना का त्योहार है. ये पर्व चार दिनों तक चलता है और इस दौरान धार्मिक, सामाजिक, शारीरिक, मानसिक एवं आचारिक-व्यावहारिक शुद्धता रखी जाती है.

15 साल पहले स्टडी टूर के लिए गए थे बिहार

आशीष ने किताब में पर्व को करने के विधि विधान के सभी पहलुओं को लिखा है. इसके अलावा पर्व के वैज्ञानिक महत्ता, सूर्य की उपासना के समय जल में खड़े रहने का आधार है? डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे का क्या विचार है? सूप और दौरे का पूजा में क्या महत्व है? इन सभी पहलु के बारे में लिखा है. आईपीएस कुमार आशीष इस वक्त बिहार कैडर के सारण के एसपी हैं. आशीष से मिली जानकारी के मुताबिक जब 15 पहले स्टडी टूर पर फ्रांस गए थे तब उन्होंने कुछ फ्रेंच भाषी लोगों बिहार के बारे में कुछ रोचक चीजें बताई थी. इस दौरान उन्होंने लोगों को छठ महापर्व के बारे में भी बताया था. फ्रेंच लोग इससे काफी प्रभावित हुए थे. ऐसे में भारत लौटने के बाद आशीष ने छठ के बारे में शोध किया और महापर्व छठ को पूरी तरह से बताने वाला एक लेख “Chhath Pouja: l’adoration du Dieu Soleil” लिखा. बाद में यही किताब फ्रेंच में छपी थी.

व्हॉट्सऐप का लो लाइट मोड: वीडियो कॉलिंग को बनाएं और भी बेहतर

WhatsApp में आए दिन नए-नए फीचर्स को यूजर्स के लिए जोड़ा जाता है, ऐप में इस वक्त लोगों की सुविधा के लिए एक नहीं बल्कि ढेरों काम के फीचर्स मिलते हैं. क्या आपको पता है कि व्हॉट्सऐप में एक ऐसा काम का फीचर है जो वीडियो कॉलिंग के दौरान क्वालिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है?

इस WhatsApp Feature का नाम है Low Light Mode. कभी-कभी ऐसा होता है कि हम वीडियो कॉल पर बात कर रहे होते हैं लेकिन हमारे आसपास लाइट डिम होने की वजह से बढ़िया क्वालिटी नहीं मिल पाती है. ऐसे में आप अपने दोस्तों और फैमिली के साथ सही से कनेक्ट कर पाएं, इस बात को ध्यान में रखते हुए इस फीचर को जोड़ा गया था लेकिन अब भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें इस फीचर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है.

WhatsApp Low Light Mode

व्हॉट्सऐप का लो लाइट मोड कलैरिटी को बढ़ाने का काम करता है. वीडियो कॉलिंग के दौरान यूजर्स को फिल्टर्स और बैकग्राउंड ऑप्शन्स की भी सुविधा मिलती है जो यूजर्स के एक्सपीरियंस को बढ़ाने में मदद करते हैं. लो लाइट मोड को ऑन करने के बाद आप कम लाइट में भी अपने दोस्तों और फैमिली के साथ क्लियरली कनेक्ट कर पाएंगे.

इस फीचर को ऑन करने के लिए सबसे पहले व्हॉट्सऐप को ओपन करें. ऐप ओपन करने के बाद वीडियो कॉलिंग शुरू करें, कॉलिंग के दौरान आप लोगों को स्क्रीन पर राइट साइड में बल्ब आइकन नजर आएगा. इस बटन पर टैप करते ही ये फीचर काम करना शुरू कर देगा.व्हॉट्सऐप का लो लाइट मोड फीचर एंड्रॉयड और एपल आईफोन दोनों ही यूजर्स के लिए उपलब्ध है.

गौर करने वाली बात यह है कि ये फीचर फिलहाल विंडोज ऐप पर सपोर्ट नहीं करता है. ऐसा नहीं है कि आपने इस फीचर को एक बार ऐनेबल कर दिया तो ये फीचर सभी कॉल्स के लिए काम करेगा, आपको हर बार वीडियो कॉलिंग के दौरान इस फीचर को ऑन करना होगा.

70 रुपए के लिए खूनी खेल! भतीजे ने की चाचा की हत्या, मक्खियों ने खोला हत्या का राज जाने

मध्य प्रदेश के जबलपुर में शराब पीने के लिए कम पैसे मिलने पर हुए झगड़े में एक व्यक्ति की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस वारदात में आरोपी भतीजे की गिरफ्तारी अपने आप में हैरतंगेज है. दरअसल आरोपी भतीजा मक्खियों की वजह से पकड़ा गया है. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने यह खुलासा किया है. बताया कि चाचा भतीजे ने शराब पाटी की थी. इसमें 340 रुपये की शराब आई थी और चखने के रूप में 60 रुपये का मुर्गा आया था.

इसके लिए दोनों में 200-200 रुपये मिलने की बात हुई थी, लेकिन चाचा 70 रुपये कम दे रहा था. आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ और इसी दौरान कड़छी से वारकर भतीजे ने अपने चाचा की हत्या कर दी थी. पुलिस के मुताबिक इस वारदात के दौरान मृतक के शरीर से खून के छींटे उड़ कर आरोपी के कपड़ों पर पड़े थे. खून के इन धब्बों पर मक्खियां भिनभिना रही थीं. ऐसे में जब सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी के शरीर पर मक्खियों को भिनभनाते देखा तो शक हुआ.

चरगवां थाना क्षेत्र का है मामला

पुलिस ने तत्काल आरोपी को हिरासत में लेकर उसके कपड़ों की जांच कराई. इस दौरान मृतक का खून और आरोपी के कपड़ों पर लगा खून मैच हो गया. इसके बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट किया है. यह वारदात जबलपुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर चरगवां थाना क्षेत्र का है. चरगवां थाना पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान 26 वर्षीय मनोज उर्फ मन्नू ठाकुर के रूप में हुई है. वहीं आरोपी उसका 19 वर्षीय भतीजा धरम उर्फ अबी ठाकुर है.

अक्सर एक साथ पार्टी करते थे चाचा भतीजे

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाली दुबे के मुताबिक सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लिया था. इस मामले में आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है. इस वारदात का खुलासा होने के बाद हर कोई हैरान है. दरअसल चाचा भतीजे में गहरी दोस्ती थी. दोनों अक्सर साथ ही रहते थे. चूंकि दोनों ही शराब पीने के आदी थे. इसलिए आए दिन खेतों में जाकर पार्टी करते थे.

ओडिशा में चलती ट्रेन पर फायरिंग, यात्रियों में दहशत

ओडिशा के भद्रक जिले में मंगलवार को नंदन कानन एक्सप्रेस पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई. चलती ट्रेन पर कुछ अज्ञात लोगों ने चलती ट्रेन पर गोलियां चला दीं. घटना चरम्पा स्टेशन के पास हुई, जिससे ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई. इस मामले को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी ने तुरंत एक्शन लिया और जांच शुरू कर दी है. रेलवे द्वारा जारी बयान में बताया गया कि ट्रेन के गार्ड ने सूचना दी कि गार्ड वैन की खिड़की पर हमला किया गया था.

इस घटना के दौरान ट्रेन सुबह 9:25 बजे भद्रक स्टेशन से रवाना हुई थी और फायरिंग की घटना पांच मिनट बाद, लगभग 9:30 बजे की गई. फायरिंग से किसी भी यात्री को चोट नहीं पहुंची, लेकिन कोच का शीशा टूट गया. जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि गोलियों के निशान स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं और यात्री असहज होकर झांकते हुए दिखाई दे रहे हैं.

मामले की जांच शुरू, आरोपी फरार

रेलवे सुरक्षा बल ने तुरंत एक्शन लेते हुए ट्रेन नंदन कानन एक्सप्रेस को सुरक्षित पुरी तक पहुंचा दिया है. हालांकि, फायरिंग की वजह और हमलावरों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है. जीआरपी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है.

क्या बोले ट्रेन के यात्री?

यात्रियों का कहना है कि फायरिंग की आवाज सुनकर ट्रेन में अचानक अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से बाहर झांककर स्थिति समझने की कोशिश की, लेकिन डर और असमंजस के कारण कई लोग शांत नहीं रह सके.

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना किसी आपराधिक साजिश का हिस्सा हो सकती है, हालांकि अभी जांच चल रही है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की ज्वाइंट टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.

पूर्व MP हिना गावित ने दिया बीजेपी से इस्तीफा*

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का महासंग्राम शुरू हो गया है. सोमवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. महायुति और महाविकास अघाड़ी के कई बागियों ने अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी को राहत दी तो कई अभी भी मैदान में डटे हुए हैं. बागी जो अब तक मैदान में डटे हैं उनकी वजह से महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों का सिरदर्द बढ़ने की संभावना है. इसमें बीजेपी की नेता और पूर्व सांसद हिना गावित का नाम भी शामिल है.

हिना गावित ने अक्कलकुवा विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी को बरकरार रखा है. उम्मीदवारों की बरकरार रखने के साथ-साथ उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा भी दे दिया है. उन्होंने बीजेपी से बागी रुख अख्तियार करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था. सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन उन्होंने अपना पर्चा वापस नहीं लिया. ऐसे में अक्कलकुवा की सीट पर महायुति के उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.

मंत्री पिता विजय कुमार नंदुरबार सीट से मैदान में

हिना गावित ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के विभिन्न पदों से भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा है कि बगावत के कारण पार्टी की छवि खराब न हो इसलिए ये फैसला लिया गया है. हिना गावित राज्य के जनजातीय विकास मंत्री विजयकुमार गावित की बेटी हैं. विजयकुमार गावित नंदुरबार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार हैं.

दूसरी ओर, अक्कलकुवा निर्वाचन क्षेत्र से हिना गावित ने महायुति के खिलाफ बगावत कर दी है. गावित की बगावत ने महायुति की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा इसलिए दिया है ताकि उनकी उम्मीदवारी की वजह से पार्टी को परेशानी न हो. हिना गावित बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं.

शिवसेना गुट पर लगाया बीजेपी के खिलाफ काम करने का आरोप

गावित ने यह भी कहा है कि शिवसेना शिंदे गुट लगातार बीजेपी के खिलाफ काम कर रहा है, इसलिए हमने उनके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. गावित की उम्मीदवारी के कारण, इस निर्वाचन क्षेत्र में हाई वोल्टेज मुकाबला देखने को मिल सकता है.

हिना गावित 2014 के आम चुनाव में महाराष्ट्र की नंदुरबार सीट से मैदान में उतरी थीं और जीत भी हासिल की थी. इसके बाद 2019 में पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया था जिसपर वो खरी उतरी थीं. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में हिना गावित को हार का सामना करना पड़ा.

एकनाथ शिंदे गुट के हिस्से में आई है यह सीट

इस चुनाव हार के बाद हिना गावित विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जोर आजमाइस कर रहीं थी, लेकिन मौका नहीं मिला. महायुति के सीट शेयरिंग फॉर्मूले में यह सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के हिस्से गई. शिवसेना ने इस सीट से आमश्या फुजली पाडवी को टिकट दिया है जबकि महाविकास अघाड़ी की ओर से कांग्रेस ने सी पाडवी को मैदान में उतार है जो कि एडवोकेट भी हैं.

दिल्ली में छठ पूजा की भव्य तैयारी, 1000 से अधिक घाट बनाए गए,CM आतिशी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने छठ पर्व को लेकर कहा कि देश की राजधानी में भव्य तरीके से छठ मनाने के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए एक हजार से अधिक घाट बनाए गए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बड़े-बड़े छठ घाटों पर मेडिकल सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है. दिल्ली सरकार ने छठ पर्व पर 7 नवंबर को छुट्टी का ऐलान कर रखा है.

चार दिन चलने वाले छठ पर्व के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार बड़े स्तर पर तैयारियों में जुटी है. मुख्यमंत्री आतिशी ने छठ पर्व से जुड़ी तैयारियों के बारे में आयोजित पीसी में कहा, “आज मंगलवार शाम से छठ पूजा की शुरुआत हो रही है. छठ का त्योहार हमारे पूर्वांचलियों का बड़ा त्योहार है. एक समय था जब उनको यह पर्व मनाने के लिए ट्रेन और बसों में भर भर कर अपने-अपने गांव जाना पड़ता था. लेकिन जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. तब से दिल्ली में बड़े ही धूमधाम से छठ मनाई जाती है ताकि उनको छठ मनाने के लिए शहर छोड़कर ना जाना पड़े.”

बड़े घाटों पर मेडिकल सुविधाएं भीः CM आतिशी

उन्होंने आगे कहा, “इस बार भी दिल्ली में छठ पर्व का भव्य आयोजन की तैयारी की जा रही है और 7 नवंबर को राजधानी में सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की जा रही है. अकेले दिल्ली में 1000 से ज्यादा भव्य छठ घाट बनाए गए हैं. साल 2014 में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से पहले यहां पर महज 60 छठ पूजा घाट हुआ करते थे. लेकिन आज की तारीख में एक हजार से ज्यादा घाट हैं. इन सभी घाटों का इंतजाम दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभाग करते हैं.

छठ घाटों पर मेडिकल सुविधाओं को लेकर सीएम आतिशी ने कहा कि बड़े-बड़े छठ घाटों पर मेडिकल सुविधाओं की तैयारी की गई है. कई जगहों पर मैथिली कार्यक्रम कराए जाते हैं. इन छठ घाटों पर आयोजन दिल्ली सरकार करवाती है. घाट बनाने, पानी का इंतजाम करने, मेडिकल सुविधाओं और डॉक्टरों के इंतजाम आदि सभी काम दिल्ली सरकार के विभाग करते हैं.

दिल्ली में खराब कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, “राजधानी में संवैधानिक स्थिति के मुताबिक जमीन, कानून और पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है और अन्य चीजें दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती हैं. केंद्र का काम दिल्ली के कामों को रोकना है. वो एक फीसदी भी अपना काम कर दें तो आज ऐसी स्थिति ना होती.”

पूर्वांचल विरोधी’ है बीजेपीः CM आतिशी

उन्होंने आगे कहा कि आज दिल्ली के लोगों के सामने दो मॉडल हैं, एक दिल्ली सरकार का जिसमें मुफ्त शिक्षा, बिजली, पानी की सुविधाएं हैं तो दूसरा बीजेपी का मॉडल है जहां कानून की ये हालात हैं. मुंबई की फिल्मों जैसे स्थिति है.

हालांकि दिल्ली में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच छठ पर्व को लेकर आपसी वाकयुद्ध जारी है. मुख्यमंत्री आतिशी ने कल सोमवार को दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियों में बाधा डालने के लिए बीजेपी की आलोचना करते हुए उसे पूर्वांचल विरोधी करार दिया. उन्होंने केंद्र के तहत काम करने वाले दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) पर दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके में छठ की तैयारियों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया. इसी तरह ITO स्थित छठ घाट का निरीक्षण करने के बाद सीएम आतिशी ने कहा, “दिल्ली में बीजेपी की डीडीए की ओर से छठ पूजा की तैयारी में अड़चन लगाना उसकी पूर्वांचल विरोधी सोच को दर्शाता है.”

गाजीपुर में दर्दनाक हादसा: छठ पूजा के दौरान 4 साल की मासूम गंगा में डूबी, मौसी इंस्टाग्राम के लिए बना रही थी वीडियो

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दर्दनाक वारदात सामने आई है जिसमें पूरे परिवार के साथ गंगाघाट पर गई एक 4 साल की मासूम पानी में डूब गई.

किसी को 4 साल की मासूम का होश ही नहीं रहा. मासूम के डूबने के वक्त उसकी मौसी इंस्टाग्राम के लिए वीडियो बना रही थी. उसी वक्त यह हादसा हुआ. जब सभी को थोड़ी देर बाद मासूम दिखाई नहीं दी तो उसकी तलाश हुई. वीडियो देखा गया तो उसे देखकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई. पुलिस ने गोताखोरों की मदद से मासूम के शव को बाहर निकाला है.

जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला गाजीपुर जिले के सैदपुर नगर के पक्का घाट का है. यहां पर वाराणसी के चौबेपुर थाना के उमरहा गांव के रहने वाले संदीप पांडे की पत्नी अंकिता पांडे अपने 4 साल की बेटी तान्या को लेकर छठ पूजा के लिए सैदपुर के बौरवां गांव में आई थीं. सोमवार को वह अपनी बहन स्मृति, भाभी अर्चना और मां लक्ष्मिना के साथ बेटी को भी लेकर गंगा घाट पर पहुंची थीं.

इंस्टाग्राम के वीडियो से उड़े होश

सभी महिलाएं गंगा में स्नान करने लगीं और उनके साथ मासूम तान्या भी पानी में उतर गई. उस वक्त मौसी स्मृति इंस्टाग्राम के लिए रील बनाने लगीं. किसी को पता ही नहीं चला कि तान्या अचानक से कहां गायब हो गई. सभी उसे घाट पर ढूंढने लग गए. घाट पर ढूंढते-ढूंढते उन्होंने इंस्टाग्राम की वीडियो देखी तो सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई. पूरे घाट पर चीख-पुकार मच गई. परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी जिसके बाद जांच शुरू हुई.

50 मीटर तक बही

पुलिस ने गोताखोरों की टीम को बुलाया इसके बाद रेस्क्यू शुरू किया गया. गोताखोर करीब डेढ़ घंटे तक बहाव की दिशा में ढूंढते रहे जिसके बाद उन्हें तान्या का शव मिला. तान्या के शव को पुलिस ने पंचनामा कर परिजनों को वापस सौंप दिया है. गोताखोरों ने मासूम को बहाव की दिशा में करीब 50 मीटर आगे तक खोजा तब जाकर उसका शव बरामद हो सका है. तान्या को बाहर निकालने के बाद उसे तुरंत सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर्स की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया.

छठ पूजा 2024: नहाय-खाय से शुरू होता है छठ का व्रत, जानें नहाय खाय की प्रक्रिया और महत्व

हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पूजा का पहला दिन शुरू होता है और इसी दिन नहाय-खाय की परंपरा निभाई जाती है. इस दिन कुछ खास रीति-रिवाजों का पालन करना शुभ माना जाता है. इस साल छठ पूजा 5 नवंबर नहाय-खाय से शुरू हो रही है. इस दिन घर का शुद्धिकरण किया जाता है. इसके बाद छठ का व्रत रखने वाले लोग स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर अपना व्रत शुरू करते हैं. नहाय-खाय में व्रती महिलाएं या पुरुष चावल के साथ लौकी की सब्जी, छोले और मूली आदि का सेवन करते हैं. उपवास करने वाले व्रती के भोजन करने के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य इस महाप्रसाद का सेवन करते हैं.

पंचांग के अनुसार, इस साल नहाय-खाय 05 नवंबर 2024 को शुरू होगा. इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा. इस दौरान व्रती लोग पूजा कर सकते हैं.

नहाय-खाय को छठ पूजा की शुरुआत और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं और प्रसाद के रूप में कच्चे चावल, चने और लौकी की सब्जी भोजन के तौर पर ग्रहण करते हैं. यह भोजन शुद्ध और पवित्र माना जाता है. इस दिन नमक वाला भोजन केवल एक बार ही किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग शुद्धता और पवित्रता का पालन करते हुए दिन भर कई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. लेकिन नहाय खाय की प्रक्रिया शुरू करने से पहले घर और किचन की पूरी सफाई की जाती है किचन में मौजूद सभी बर्तन धुले जाते हैं.

नहाय खाय के दिन क्या होता है

नहाय खाय वाले दिन व्रती लोग सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं.

यदि नदी न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. इस दौरान भगवान सूर्य और छठी मैया से व्रत पूरा करने की प्रार्थना की जाती है.

छठ का व्रत करने वाली व्रती महिलाएं भगवान सूर्य को जल अर्पित कर पूजा-अर्चना करें.

भगवान को भोग लगाएं.

गरीबों को विशेषकर अनाज और कपड़े दान दिए जाते हैं.

पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्री जैसे कि फल, फूल, दीपक, धूप आदि तैयार किए जाते हैं.

शाम को फिर से स्नान किया जाता है और सूर्यास्त के समय सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है.

घर में या नदी के किनारे कमर तक पानी खड़े होकर छठी मैया की पूजा की जाती है.

दिन में सिर्फ एक बार सात्विक भोजन किया जाता है, जिसमें आमतौर पर फल, सब्जियां और दही शामिल होते हैं.

नहाय खाय वाले दिन बनने वाले भोजन में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है.

इस दिन कद्दू की सब्जी, लौकी, चने की दाल और भात यानी चावल बनाया जाता है और भगवान को भी चढ़ाया जाता है.

पूजा करने के बाद सबसे पहले व्रती इसे खाएं उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य इसे ग्रहण करने दें.

नहाय खाय का महत्व

नहाय खाय का दिन शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन से छठ पूजा का व्रत शुरू होता है. स्नान और व्रत रखने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं. यह दिन सूर्य देवता को समर्पित होता है, जो जीवन को नई दिशा प्रदान करता है. नहाय खाय के दौरान पूरी तरह से शुद्ध रहना आवश्यक है. सात्विक भोजन का सेवन करें और पूरे दिन धैर्य और शांति बनाए रखना होता है. पूजा के सभी विधि-विधानों का पालन किया जाता है. नहाय खाय के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है और भगवान सूर्य और छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है.

राहुल गांधी की एक दिवसीय रायबरेली यात्रा: विकास कार्यक्रमों का शुभारंभ और समीक्षा बैठक

कांग्रेस नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी आज एक दिवसीय दौरे के लिए रायबरेली पहुंचे हैं. राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, उसके बाद उन्होंने सड़क मार्ग से आगे का रास्ता तय किया. इसी बीच राहुल गांधी हर बार की तरह चुरवा हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए रुके.

राहुल गांधी ने विधि विधान से पूजन अर्चना की. बछरावां में मौजूद चुरवा में बने हनुमान मंदिर में राहुल गांधी जब भी सड़क मार्ग से रायबरेली जाते हैं तो वो मंदिर में रुकते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. लोकसभा चुनाव के बाद सांसद का यह रायबरेली का तीसरा और उत्तर प्रदेश का पांचवां दौरा है.

दिशा बैठक में हुए शामिल

राहुल गांधी रायबरेली पहुंचने के बाद डिग्री कालेज चौराहे पर नवनिर्मित शहीद चौक का उद्घाटन करने पहुंचे. इसी के बाद राहुल गांधी बचत भवन में दिशा की बैठक में शामिल हुए. इन सभी कार्यक्रम के दौरान अमेठी सांसद के एल शर्मा भी राहुल गांधी के साथ शामिल रहेंगे. विधायक, एमएलसी समेत प्रशासनिक अधिकारी भी दिशा की बैठक में मौजूद रहेंगे. इस बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे.

सड़क का करेंगे शिलान्यास

कई अहम कार्यक्रमों के लिए रायबरेली पहुंचे राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल होने के साथ-साथ अपने इस दौरे के दौरान राहुल गांधी कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे. वो पीएमजेएसवाई योजना के अंतर्गत बनी सड़क का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे.

शाम को हैदराबाद के लिए होंगे रवाना

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कहा, राहुल गांधी रायबरेली से सांसद हैं. दिशा बैठक की अध्यक्षता लोकसभा सांसद करते हैं. इतने व्यस्त शेड्यूल होने के बावजूद राहुल गांधी एक सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए रायबरेली जा रहे हैं. वो कुछ सड़कों का उद्घाटन भी करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा, राहुल गांधी की यह एक दिवसीय यात्रा है वो इसके बाद शाम को हैदराबाद जाएंगे.