ब्रेकिंग : पद्म अवार्ड से सम्मानित बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन,छठ से शुरू हुई लोकप्रियता छठ में हुई खत्म
नई दिल्ली : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली में निधन हो गया। उनका कई दिनों से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। शारदा सिन्हा को छठ के गीतों के लिए जाना जाता था, और उनकी लोकप्रियता छठ से शुरू हुई थी। उनके निधन से उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।
पिछले तकरीबन 15 दिन से उनका दिल्लरी AIIMS में इलाज चल रहा था. उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने इससे पहले बताया था कि वह बोलने में भी लड़खड़ाने लगी हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्हें आईसीयू से निकाल कर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था. दिल्ली एम्स से मिली जानकारी के अनुसार, शारदा सिन्हा ने रात 9:20 बजे अंतिम सांस ली.
बेटे ने दी थी हेल्थ अपडेट
इससे पहले उनके बेटे अंशुमान ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव होकर अपनी मां की हेल्थ अपडेट दी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी हालत खराब है और डॉक्टर कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें और झूठी खबरें न फैलाएं. अब खबर आई है कि उनका इंतकाल हो गया है.
कौन है शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा छठ पर्व पर गाए गए गीतों के लिए काफी मशहूर हैं. उनका जन्म बिहार के समस्तीपुर में 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था. संगीतमय परिवार में जन्मी शारदा ने बचपन से ही शास्त्रीय संगीत की डिग्री हासिल की. उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में कई लोकगीत गाए हैं. 1980 में शारदा ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से की थी. लेकिन उन्हें लोकप्रियता छठ पर्व के गीत गाकर मिली।
पद्म विभूषण से किया जा चुका है सम्मानित
इतना ही नहीं शारदा सिन्हा ने कुछ मशहूर बॉलीवुड गाने गाए हैं, जिनमें सलमान खान की 'मैंने प्यार किया' में 'काहे तो से सजना', सलमान और अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2' का 'तार बिजली से पतले' शामिल हैं.इसके अलावा उन्होंने माधुरी दीक्षित की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' में 'बाबुल' गाना गाया है. शारदा को 1992 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण और 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
Nov 06 2024, 10:16