रोचक मुकाबले की ओर गुमला सीट
रिपोर्ट/प्रमोद
विधानसभा चुनाव में नाम वापस लेने और चुनाव चिह्न आवंटित होने के बाद दलों में मुकाबला रोचक मोड़ की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।चुनाव को लेकर मुकाबले में उतरी भाजपा, जेएमएम सहित निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर ताल ठोक रहे हैं। गुमला विधानसभा सीट अनु जनजाति के लिए आरक्षित है और इस सीट पर मुकाबला हमेशा रोचक रहा है। इस सीट पर प्रारंभ से कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस का कब्जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशक से यहां भाजपा और जेएमएम का कब्जा रहा है। यह इसलिए कि इस सीट पर कांग्रेस जेएमएम के गठबंधन के बाद यह सीट जेएमएम के खाते में है और इस बार भी इस सीट पर जेएमएम ही चुनाव मैदान में है। हालाकि इस बार गठबंधन में टिकट बंटवारे को लेकर दलों में नाराजगी है और गठबंधन के साथ भाजपा में भी बागी उम्मीदवारों की लंबी लाइन है। इस सीट पर वैसे कांग्रेस ने कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है लेकिन जेएमएम को लेकर गठबंधन में भी सबकुच ठीक नहीं है। यह बात अलग है कि जेएमएम के बागी उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया है। लेकिन अंदर से आ रही खबरें जेएमएम के लिए खतरे की घंटी है। वहीं भाजपा के बागी उम्मीद्वार भी इस सीट पर अपनी जीत को लेकर ताल ठोक रहे हैं। यह भाजपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है और जोड़ घटाव में जुटी है। जबकि भाजपा में टिकट को लेकर नाराज चल रहे वैसे कई लोग हैं जिन्होंने इस चुनाव में किनारा कर लिया है और उन्हें कोई मनाने वाला भी नहीं है। ऐसा इसलिए कि लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विधान सभा चुनाव लड़ने उतरी भाजपा ने अपने टीम में कोई खास बदलाव नहीं किया है। जिस टीम के कारण पार्टी को लोकसभा में करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने फिर उसी टीम के भरोसे विधान सभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जबकि पहले से ही उम्मीद्वार को लेकर लोगों के बीच जो नाराजगी है वह अलग उपर से पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी ने एक बार फिर पार्टी की जीत पर सवाल तो खड़ा कर ही दिया है। वहीं भाजपा के बागी उम्मीद्वार पर्चा दाखिल करने से लेकर अबतक यानी चुनाव के अब शेष 10 दिन बचे हैं। भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। अचानक बागी के पक्ष में लोगों और युवाओं का रुझान बढ़ता दिखाई दे रहा है। अबतक के आकलन के अनुसार इस सीट पर अब मुकाबला रोचक और त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा है। ऐसे में अब इस सीट पर चुनावी जंग में उतरी भाजपा जेएमएम के लिए कहीं ना कहीं परेशानी तो जरूर है। चूंकि उपरोक्त दोनों ही दलों को लेकर लोगों में जो चल रहा है उससे लोग अब तीसरे विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं और अगर ऐसा हुआ तो इस सीट पर परिणाम इतिहास रचने वाला हो सकता है। बहरहाल चुनाव में जीत किसी की भी हो लेकिन इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले ने चुनावी जायका को जरूर चटपटा बना दिया है।
Nov 03 2024, 14:16