झारखंड में चल रहा फैमिली पॉलिटिक्स 25 परसेंट सीटों पर राजनेताओं ने उतारा पत्नी बहू बेटा से लेकर भाई तक को
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : आज पूरे भारत में परिवारवाद की राजनीति बड़ा खतरा बना हुआ है। यह परिवारवाद देश के युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। यूं तो राजनीति में वंश, विरासत, परिवारवाद की गूंज अक्सर सुनाई देता रहता है।
जब-जब चुनाव आता है राजनीतिक पार्टियों एक दूसरे पर इस तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाते रहती है। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तिथियो का घोषणा हो चुका है और प्रत्याशियों ने अपना नामांकन भी कर दिया है। इस चुनावी दौड़ में वंश, विरासत खूब फल फूल रहा है।
टिकट बंटवारे के फैसले में निष्ठा और जमीनी संघर्ष को दरकिनार कर परिवारवाद फैक्टर इस बार छाया रहा। इस चुनाव में 25 परसेंट टिकट राजनीतिक गानों को दिया गया। सबसे पहले परिवारवाद पर मुखर होकर बोलने वाली भाजपा की बात कर तो 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जिसमें 18 सीटों पर राजनेताओं के परिजन का कब्जा है। दिसम गुरु शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन को जामताड़ा से भाजपा ने टिकट दिया है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को भी टिकट मिला है। झामुमो से भाजपा में शामिल हुए चंपाई सोरेन और उनके बेटे को भी भाजपा ने टिकट दिया है साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी मैदान में उतारा है।
वहीं भाजपा के चिर प्रतिद्वंद्वी झामुमो और कांग्रेस की बात करें तो उन पर पहले से ही परिवारवाद का आरोप लगाता रहा है। कांग्रेस ने अपने कोटे से बिहार के कद्दावर नेता रहे अवध बिहारी सिंह की बहू दीपिका पांडे को महगाम से फिर मौका दिया है। वह हेमंत सरकार में मंत्री भी थी। इसके अलावा पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के बेटा इरफान अंसारी पूर्व विधायक योगेंद्र साव की बेटी अंबा प्रसाद और पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी शिल्पा नेहा तिर्की को टिकट दिया गया है तो वहीं पूर्व मंत्री रहे आलमगीर आलम की पत्नी निशांत आलम पूर्व विधायक रमेश सिंह की बहू श्वेता सिंह को भी कांग्रेस ने टिकट दिया है। इसी तरह झामुमो की बात करें तो पूर्व सीएम व दिशाेम गुरु शिबू सोरेन के परिवार से ही बेटा हेमंत सोरेन व बसंत सोरेन और बहू कल्पना सोरेन मैदान में उतरे हैं। वहीं सांसद नलिन सोरेन के बेटा आलोक सोरेन सांसद जोबा मांझी की बेटी जगत मांझी को भी झामुमो ने टिकट दिया है। तो वहीं पूर्व मंत्री जगन्नाथ महतो की पत्नी देवी को भी इस बार टिकट दिया गया है वहीं राजद ने सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मि प्रकाश को भी छात्र से मैदान में उतारा है।
झारखंड में राजनीतिक कार का मानना है कि चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश हर पार्टी करती है यही कारण है कि सभी दल परिवारों को ज्यादा तवज्जो देते दिख रही है। जबकि समानता ऐसा होना नहीं चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है। हालांकि अंतिम फैसला जनता चुनाव के माध्यम से जरूर देती है।
Nov 02 2024, 16:25