पूर्वी सिंहभूम जिलांतर्गत पोटका व जुगसलाई विधान सभा क्षेत्र,जहाँ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला शहरी वोटर तय करते हैं
झारखंड डेस्क
पूर्वी सिंहभूम जिलांतर्गत पोटका व जुगसलाई विधान सभा क्षेत्र ऐसा है जहां शहरी और ग्रामीण वोटरों का अच्छा खासा अनुपात है. हर बार प्रत्याशी रणनीति बनाने से लेकर चुनाव प्रचार करने तक में दोनों ही वोटरों का खास ख्याल रखते हैं. खास कर शहरी वोटरों का मिजाज जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाता है.
ऐसे में हर चुनाव में शहरी वोटरों को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशी अंतिम समय तक जोर लगाते हैं. अगर पोटका की बात करें तो इसमें जमशेदपुर प्रखंड की 21 शहरी पंचायतें हैं. यहां सामान्य वर्ग के लगभग 35-40 हजार वोटर हर चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं. इनका समर्थन प्रत्याशी को लीड दिलाने में सहायक होता है और चुनाव परिणाम को प्रभावित करता है.
आदिवासी-मूलवासी व सामान्य वोटरों की संख्या 1.50 लाख
इसी तरह जमशेदपुर प्रखंड के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र की 33 पंचायतों में आदिवासी-मूलवासी व सामान्य वोटरों की संख्या करीब 1.50 लाख है जो जीत-हार का मापदंड तय करते हैं.
इनमें ग्रामीण वोटरों की संख्या अधिक होने के कारण प्रत्याशियों को शहरी और ग्रामीण मतदाताओं के बीच संतुलन साधना पड़ता है. कभी-कभी शहरी मतदाता ग्रामीण वोटरों पर हावी हो जाते हैं, जिससे क्षेत्रीय समीकरण में बदलाव देखने को मिलता है. इस चुनाव में प्रत्याशी शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाताओं की नब्ज टटोलते हुए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं, ताकि मतदान के अंतिम क्षण तक वोटरों को अपने पक्ष में किया जा सके.
जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र का आधा से अधिक हिस्सा ग्रामीण और बाकी हिस्सा शहरी क्षेत्र में आता है. यहां मतदान केंद्रों की संख्या 381 है.
यहां 13 नवंबर को यहां मतदान होना है. फिलहाल इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है. 2019 के चुनाव में झामुमो प्रत्यााशी मंगल कालिंदी ने जीत दर्ज की थी.
1977 में बना था अलग विधानसभा सीट
जुगसलाई वर्ष 1977 में अलग विधानसभा सीट बना था. इस सीट के अंतर्गत पटमदा, बोड़ाम के अलावा जुगसलाई नगरपालिका और गोविंदपुर क्षेत्र आते हैं. इस सीट से जनता पार्टी के कार्तिक कुमार पहले विधायक चुने गये. 1980 में तुलसी रजक (सीपीआइ) और 1985 में त्रिलोचन कालिंदी (कांग्रेस) विधायक बने.
जीत की हैट्रिक लगाने वाले पहले विधायक रहे दुलाल भुइयां :
पहली बार 1990 में मंगल राम ने झामुमो के टिकट पर यहां जीत हासिल की. इसके बाद दुलाल भुइयां वर्ष 1995 में जीत दर्ज की. वे 2000 व 2005 में अपना कब्जा बरकरार रखा.
2009 में दुलाल भुइयां को हरा कर रामचंद्र सहिस ने चौंकाया था :
साल 2009 में आजसू प्रत्याशी रामचंद्र सहिस ने दुलाल भुइयां को हरा कर सबको चौंका दिया था. रामचंद्र सहिस को 42810 मत, भाजपा प्रत्याशी राखी राय को 39328 तथा झामुमो प्रत्याशी दुलाल भुइयां को 35,629 मत मिले. दुलाल भुइयां तीसरे स्थान पर चले गये थे. साल 2014 के चुनाव में भाजपा-आजसू गठबंधन का लाभ आजसू प्रत्याशी रामचंद्र सहिस को मिला और दूसरी बार उन्होंने जीत दर्ज की थी.
2019 में मंगल कालिंदी ने जीती सीट :
2019 में भाजपा और आजसू पार्टी के बीच गठबंधन टूट गया और इस बार जुगसलाई सीट पर झामुमो के मंगल कालिंदी ने भाजपा के मुचीराम बाउरी को भारी अंतर से हराया. इस चुनाव में रामचंद्र सहिस को भी हार का सामना करना पड़ा.
लोकसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को मिली थी बढ़त :
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और आजसू पार्टी मिलकर चुनाव लड़ी. जमशेदपुर संसदीय सीट के चुनाव में जुगसलाई विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो को बढ़त मिली. यहां विद्युत वरण महतो को जहां करीब 1 लाख 40 हजार वोट मिले, वहीं झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती को लगभग 83 हजार वोटों से संतोष करना पड़ा.
इस बार रोचक मुकाबले की उम्मीद :
इस बार जुगसलाई सीट पर एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबले की संभावना है. एनडीए से आजसू पार्टी के रामचंद्र सहिस, जबकि इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस, राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से मंगल कालिंदी उम्मीदवार है. इसके अलावा कई बागी व निर्दलीय प्रत्याशी हैं जिनसे कुछ वोटों के बिखराव होने की संभावना है.
जुगसलाई से अब तक निर्वाचित विधायक
वर्ष प्रत्याशी का नाम पार्टी
1977 कार्तिक कुमार जनता पार्टी
1980 तुलसी रजक सीपीआई
1985 त्रिलोचन कालिंदी कांग्रेस
1990 मंगल राम झामुमो
1995 दुलाल भुइयां झामुमो
2000 दुलाल भुइयां झामुमो
2005 दुलाल भुइयां झामुमो
2009 रामचंद्र सहिस आजसू
2014 रामचंद्र सहिस आजसू
2019 मंगल कालिंदी झामुमो
Oct 30 2024, 13:03